ऊधमसिंहनगर में मौसम का महा-अलर्ट! 7 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 6 से 10 अगस्त तक ‘रेड अलर्ट’ जारी; बच्चों की सुरक्षा के लिए डीएम का बड़ा फैसला

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी नवीनतम मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 6 अगस्त 2025 से 10 अगस्त 2025 तक प्रदेश के जनपदों में कहीं-कहीं औसत से अधिक वर्षा, गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने और वर्षा के तीव्र दौर होने की संभावना व्यक्त की गई है, जिसके लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है। इस गंभीर चेतावनी को देखते हुए, जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नितिन सिंह भदौरिया ने 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले के सभी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) और समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से छात्रों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। मौसम विभाग का 'रेड अलर्ट' और प्रशासन की तत्परता भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी दिनों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसे 'रेड अलर्ट' कहा गया है। यह अलर्ट 6 अगस्त से 10 अगस्त तक प्रभावी रहेगा, जिसमें उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश, आकाशीय बिजली और तेज हवाओं की आशंका जताई गई है। पर्वतीय जनपदों में लगातार हो रही वर्षा से नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में, बच्चों का स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। यह कदम दर्शाता है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसने जोखिम को कम करने के लिए सक्रियता से काम किया है। यह एक विवेकपूर्ण फैसला है क्योंकि एक दिन पहले ही छुट्टी घोषित करने से अभिभावकों और स्कूलों को आवश्यक तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। एक दिन की छुट्टी का आदेश: सभी शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद जारी किए गए आदेश के अनुसार, दिनांक 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को ऊधमसिंहनगर जिले के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक संचालित होने वाले सभी राजकीय (सरकारी), परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों, साथ ही समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। यह आदेश जिले के सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा, चाहे वे किसी भी बोर्ड या प्रबंधन के अधीन हों। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मौसम विभाग ने 6 से 10 अगस्त तक 'रेड अलर्ट' जारी किया है, लेकिन प्रशासन ने अभी केवल 7 अगस्त के लिए ही अवकाश घोषित किया है। आगे की छुट्टी का फैसला मौसम की स्थिति की लगातार समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा। यह एक लचीली और संवेदनशील रणनीति है ताकि अनावश्यक रूप से शैक्षिक गतिविधियों को बाधित न किया जाए, जबकि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे। आदेश का कड़ाई से अनुपालन और दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी जिलाधिकारी ने समस्त तहसील और संबंधित विभागों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि कोई भी विद्यालय या आंगनवाड़ी केंद्र इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है, तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा। व्यापक प्रचार-प्रसार और जन जागरूकता का प्रयास इस महत्वपूर्ण आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने और आम जनता तक सूचना पहुँचाने के लिए एक विस्तृत संचार योजना भी बनाई गई है। आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न उच्चाधिकारियों और विभागों को भेजी गई है, जिनमें सचिव, आपदा प्रबंधन एवं निबंधन, उत्तराखंड शासन; महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तराखंड शासन; आयुक्त, कुमाऊं मंडल; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ऊधमसिंहनगर; मुख्य विकास अधिकारी; मुख्य चिकित्साधिकारी; समस्त उपजिलाधिकारी; मुख्य शिक्षा अधिकारी; जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक/माध्यमिक); जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास; और समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। विशेष रूप से, जिला सूचना अधिकारी, ऊधमसिंहनगर को यह निर्देश दिया गया है कि वे जनहित के दृष्टिगत प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस आदेश का निःशुल्क प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर नागरिक, विशेषकर अभिभावक, इस महत्वपूर्ण सूचना से अवगत हो सकें और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह न सिर्फ कानूनी बाध्यता है, बल्कि जनता को सुरक्षित रखने की एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। निष्कर्ष: सुरक्षा सर्वोपरि, नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह जिलाधिकारी द्वारा लिया गया यह फैसला न सिर्फ छात्रों और बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति में, स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय एक विवेकपूर्ण कदम है। यह उन अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जिन्हें खराब मौसम में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी पर लगातार नजर रखें और बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। संबंधित विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। यह आदेश न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ढाल का काम करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशासनिक व्यवस्था किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी नवीनतम मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 6 अगस्त 2025 से 10 अगस्त 2025 तक प्रदेश के जनपदों में कहीं-कहीं औसत से अधिक वर्षा, गर्जना के साथ आकाशीय बिजली चमकने और वर्षा के तीव्र दौर होने की संभावना व्यक्त की गई है, जिसके लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। इस गंभीर चेतावनी को देखते हुए, जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नितिन सिंह भदौरिया ने 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले के सभी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) और समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से छात्रों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

मौसम विभाग का ‘रेड अलर्ट’ और प्रशासन की तत्परता

भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी दिनों के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसे ‘रेड अलर्ट’ कहा गया है। यह अलर्ट 6 अगस्त से 10 अगस्त तक प्रभावी रहेगा, जिसमें उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश, आकाशीय बिजली और तेज हवाओं की आशंका जताई गई है। पर्वतीय जनपदों में लगातार हो रही वर्षा से नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में, बच्चों का स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचना बेहद जोखिम भरा हो सकता है।

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। यह कदम दर्शाता है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसने जोखिम को कम करने के लिए सक्रियता से काम किया है। यह एक विवेकपूर्ण फैसला है क्योंकि एक दिन पहले ही छुट्टी घोषित करने से अभिभावकों और स्कूलों को आवश्यक तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।

एक दिन की छुट्टी का आदेश: सभी शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद

जारी किए गए आदेश के अनुसार, दिनांक 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को ऊधमसिंहनगर जिले के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक संचालित होने वाले सभी राजकीय (सरकारी), परिषदीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों, साथ ही समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। यह आदेश जिले के सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा, चाहे वे किसी भी बोर्ड या प्रबंधन के अधीन हों।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मौसम विभाग ने 6 से 10 अगस्त तक ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, लेकिन प्रशासन ने अभी केवल 7 अगस्त के लिए ही अवकाश घोषित किया है। आगे की छुट्टी का फैसला मौसम की स्थिति की लगातार समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा। यह एक लचीली और संवेदनशील रणनीति है ताकि अनावश्यक रूप से शैक्षिक गतिविधियों को बाधित न किया जाए, जबकि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे।

आदेश का कड़ाई से अनुपालन और दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी

जिलाधिकारी ने समस्त तहसील और संबंधित विभागों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि कोई भी विद्यालय या आंगनवाड़ी केंद्र इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है, तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।

व्यापक प्रचार-प्रसार और जन जागरूकता का प्रयास

इस महत्वपूर्ण आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने और आम जनता तक सूचना पहुँचाने के लिए एक विस्तृत संचार योजना भी बनाई गई है। आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न उच्चाधिकारियों और विभागों को भेजी गई है, जिनमें सचिव, आपदा प्रबंधन एवं निबंधन, उत्तराखंड शासन; महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तराखंड शासन; आयुक्त, कुमाऊं मंडल; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ऊधमसिंहनगर; मुख्य विकास अधिकारी; मुख्य चिकित्साधिकारी; समस्त उपजिलाधिकारी; मुख्य शिक्षा अधिकारी; जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक/माध्यमिक); जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास; और समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।

विशेष रूप से, जिला सूचना अधिकारी, ऊधमसिंहनगर को यह निर्देश दिया गया है कि वे जनहित के दृष्टिगत प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस आदेश का निःशुल्क प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर नागरिक, विशेषकर अभिभावक, इस महत्वपूर्ण सूचना से अवगत हो सकें और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह न सिर्फ कानूनी बाध्यता है, बल्कि जनता को सुरक्षित रखने की एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।

निष्कर्ष: सुरक्षा सर्वोपरि, नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह

जिलाधिकारी द्वारा लिया गया यह फैसला न सिर्फ छात्रों और बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति में, स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय एक विवेकपूर्ण कदम है। यह उन अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जिन्हें खराब मौसम में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है।

नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी पर लगातार नजर रखें और बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। संबंधित विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। यह आदेश न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ढाल का काम करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशासनिक व्यवस्था किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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