गोलज्यू मंदिर निर्माण पर समिति के निर्णायक फैसले, संस्था ही करेगी पूरा निर्माण

हल्द्वानी 10 दिसंबर 2025 (समय बोल रहा) गोलज्यू मंदिर निर्माण, विवाद समाधान और वित्तीय प्रबंधन को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक पर्वतीय संस्कृति उत्थान मंच की है, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।इस बैठक में वरिष्ठ नागरिक कल्याण विभाग के राज्य मंत्री नवीन चन्द्र वर्मा भी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति से बैठक को अतिरिक्त गंभीरता और दिशा मिली। ₹55,000 के व्यय को सर्वसम्मति से मंजूरी मंदिर से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए पचपन हजार रुपये (₹55,000) की राशि व्यय करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी सदस्यों ने सहमति दी। विवादित मंदिर ढांचे का पुनर्निर्माण केवल संस्था द्वारा अध्यक्ष खड़क सिंह बगड़वाल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार: मंदिर परिसर में हर निर्माण कार्य केवल संस्था द्वारा ही किया जाएगा।किसी भी बाहरी व्यक्ति को अनुमति के बिना मंदिर परिसर में निर्माण करने की इजाज़त नहीं होगी।विवादित ढांचे का पुनर्निर्माण भी संस्था की निगरानी में होगा। कोई व्यक्ति अपनी धार्मिक भावना से कुछ योगदान देना चाहता है तो धनराशि सीधे संस्था को ही देनी होगी, स्वयं निर्माण नहीं करा सकता।बिना अनुमति कार्य करवाने को अवैध माना जाएगा और संस्था ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। संस्था ने यह भी स्पष्ट किया कि विवादित संरचना से जुड़े मामलों को आपसी सहमति से निपटाया जाएगा। न्यायालय में चल रहे मामले का खर्च संस्था उठाएगी | हेमा जान बनाम बलवंत सिंह चुफाल प्रकरण से संबंधित न्यायालयीय कार्यवाही का खर्च भी संस्था स्वयं वहन करेगी। संस्था का रुख—पारदर्शिता, अनुशासन और संरक्षा सर्वोपरि बैठक में स्पष्ट किया गया कि मंदिर परिसर में कोई भी कार्य संस्था की अनुमति के बिना नहीं होगा। सभी गतिविधियों का संचालन पारदर्शी व नियमों के अनुसार होगा।अंत में, सभी प्रस्तावों को देवेन्द्र सिंह (सचिव) द्वारा दर्ज किया गया।

हल्द्वानी 10 दिसंबर 2025 (समय बोल रहा)

गोलज्यू मंदिर निर्माण, विवाद समाधान और वित्तीय प्रबंधन को लेकर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक पर्वतीय संस्कृति उत्थान मंच की है, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।इस बैठक में वरिष्ठ नागरिक कल्याण विभाग के राज्य मंत्री नवीन चन्द्र वर्मा भी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति से बैठक को अतिरिक्त गंभीरता और दिशा मिली।

₹55,000 के व्यय को सर्वसम्मति से मंजूरी

मंदिर से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए पचपन हजार रुपये (₹55,000) की राशि व्यय करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी सदस्यों ने सहमति दी।

विवादित मंदिर ढांचे का पुनर्निर्माण केवल संस्था द्वारा अध्यक्ष खड़क सिंह बगड़वाल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार: मंदिर परिसर में हर निर्माण कार्य केवल संस्था द्वारा ही किया जाएगा।किसी भी बाहरी व्यक्ति को अनुमति के बिना मंदिर परिसर में निर्माण करने की इजाज़त नहीं होगी।विवादित ढांचे का पुनर्निर्माण भी संस्था की निगरानी में होगा। कोई व्यक्ति अपनी धार्मिक भावना से कुछ योगदान देना चाहता है तो धनराशि सीधे संस्था को ही देनी होगी, स्वयं निर्माण नहीं करा सकता।बिना अनुमति कार्य करवाने को अवैध माना जाएगा और संस्था ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। संस्था ने यह भी स्पष्ट किया कि विवादित संरचना से जुड़े मामलों को आपसी सहमति से निपटाया जाएगा। न्यायालय में चल रहे मामले का खर्च संस्था उठाएगी | हेमा जान बनाम बलवंत सिंह चुफाल प्रकरण से संबंधित न्यायालयीय कार्यवाही का खर्च भी संस्था स्वयं वहन करेगी।

संस्था का रुख—पारदर्शिता, अनुशासन और संरक्षा सर्वोपरि

बैठक में स्पष्ट किया गया कि मंदिर परिसर में कोई भी कार्य संस्था की अनुमति के बिना नहीं होगा।
सभी गतिविधियों का संचालन पारदर्शी व नियमों के अनुसार होगा।अंत में, सभी प्रस्तावों को देवेन्द्र सिंह (सचिव) द्वारा दर्ज किया गया।

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