काशीपुर में दहला ‘सूर्य फैक्ट्री’: हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट में 1 श्रमिक की दर्दनाक मौत, 10 घायल! CM धामी ने दिया उच्च उपचार का भरोसा, जांच के आदेश


काशीपुर, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के काशीपुर में आज एक हृदय विदारक औद्योगिक हादसा सामने आया, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, काशीपुर स्थित सूर्य फैक्ट्री में अचानक एक हाइड्रोजन गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट में एक श्रमिक की मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई, जबकि 10 अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नगर के आयुष्मान चिकित्सालय लाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे।
सुबह का शांत माहौल, जोरदार धमाके से दहल उठा काशीपुर
गुरुवार की सुबह जब काशीपुर अपने सामान्य कामकाज में व्यस्त था, तभी लगभग 10:30 बजे सूर्य फैक्ट्री से एक भयानक धमाके की आवाज गूंजी, जिसने आसपास के पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री परिसर में अफरा-तफरी मच गई और धुएं का गुबार आसमान में छा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाइड्रोजन गैस सिलेंडर फटने के कारण यह हादसा हुआ, जिसकी तीव्रता ने वहां मौजूद श्रमिकों को संभलने का मौका तक नहीं दिया।
विस्फोट की चपेट में आए श्रमिकों में से एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 10 अन्य बुरी तरह घायल हो गए। घायलों में कई को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें जलने और अंदरूनी चोटें शामिल हैं। फैक्ट्री के भीतर और बाहर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों और अन्य श्रमिकों की मदद से तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया और घायलों को समय रहते नगर के आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचाया गया। चिकित्सालय पहुंचते ही डॉक्टरों की टीम ने तुरंत घायलों का उपचार शुरू कर दिया, जो अभी भी जारी है। अस्पताल में घायलों के परिजनों की भीड़ जमा हो गई है, जहां वे अपनों की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं।

शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा: CM ने भी जताया दुःख, दिए निर्देश
हादसे की सूचना मिलते ही राज्य और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घायलों के कुशलक्षेम जानने के लिए तत्काल मंडलायुक्त/मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. के.के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचे।
अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायल श्रमिकों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने घायलों के परिजनों से भी बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने चिकित्साधिकारियों से गहन चर्चा की और उन्हें घायलों का हरसंभव बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रावत ने बताया कि उन्होंने घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी घायल श्रमिक को बेहतर उपचार के लिए उच्च चिकित्सालयों में भेजने की आवश्यकता पड़े, तो बिना किसी देरी के भेजा जाए। यह मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और घायलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जांच के आदेश और राहत-बचाव कार्य तेज
मंडलायुक्त दीपक रावत ने इस गंभीर घटना की जांच कराने हेतु जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया को तत्काल निर्देश दिए हैं। इस जांच में विस्फोट के कारणों, फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों के पालन, लापरवाही के संभावित बिंदुओं और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों की पड़ताल की जाएगी।
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने भी घायलों को हर संभव बेहतरीन इलाज उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल को चिकित्सालय में ही बने रहने और घायलों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने सूर्य फैक्ट्री में घटना के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों के लिए तत्काल एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को भी रवाना किया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर किसी भी संभावित खतरे को कम करने और आगे के बचाव कार्यों में मदद करेगी।
इस दौरान महापौर दीपक बाली, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह सहित कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने पूरी स्थिति पर नजर रखी और राहत कार्यों में सहयोग किया।
औद्योगिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल: क्यों बार-बार हो रहे ऐसे हादसे?
काशीपुर की सूर्य फैक्ट्री में हुए इस हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाइड्रोजन एक ज्वलनशील गैस है, जिसके भंडारण और उपयोग में अत्यधिक सावधानी और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। यह हादसा दर्शाता है कि इन प्रोटोकॉल का या तो उल्लंघन किया गया या उनमें कहीं न कहीं कमी रह गई।
ऐसे औद्योगिक हादसे न केवल जनहानि और संपत्ति का नुकसान करते हैं, बल्कि श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए दीर्घकालिक आघात भी छोड़ जाते हैं। यह घटना एक कड़ा संदेश है कि सरकार और उद्योग जगत को मिलकर औद्योगिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। नियमित निरीक्षण, सुरक्षा उपकरणों का उचित रखरखाव, श्रमिकों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इस हादसे के पीछे वास्तविक कारण क्या थे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।