जसपुर के ग्राम करनपुर में अवैध धर्मांतरण गतिविधियों पर नव-निर्वाचित प्रधान हरिओम सुधा की सख्त कार्रवाई

जसपुर, 10 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा)
ग्राम करनपुर में लंबे समय से चल रही अवैध धर्मांतरण और धार्मिक प्रचार-प्रसार की गतिविधियों पर आखिरकार कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई तब हुई जब ग्रामवासियों ने नव-निर्वाचित प्रधान हरिओम सुधा को इस मामले की गंभीर शिकायत दी।

ग्रामवासियों की शिकायत से खुला मामला
ग्राम करनपुर और उसके आस-पास के मोहल्लों के लोगों ने बताया कि पिछले कई महीनों से एक विशेष धर्म (ईसाई धर्म) के कुछ लोग गांव में प्रचार-प्रसार और धर्मांतरण का कार्य कर रहे थे। हर रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित होता था, जिसमें दूर-दराज से लोग, यहां तक कि भरतपुर और मालधन तक से, शामिल होने आते थे।
ग्रामवासियों के अनुसार, यह गतिविधियां बबलू पुत्र राजपाल के घर पर हो रही थीं, जहां ईसाई धर्म के उपदेश, प्रार्थना सभाएं और लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा था।

धर्मांतरण को लेकर ग्रामीणों में रोष
स्थानीय निवासियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि बाहरी धर्म-विशेष के लोग गांव में आकर धार्मिक माहौल को प्रभावित कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना था कि इन सभाओं के दौरान शोर-शराबा भी होता है और बाहरी लोगों की आवाजाही से गांव का माहौल बदल रहा है।
एक ग्रामीण ने बताया, “हम लोग अपने धर्म और परंपरा के साथ जीना चाहते हैं, लेकिन यहां पर हर हफ्ते प्रचार-प्रसार करके लोगों को अपने धर्म में शामिल करने की कोशिश की जाती है।”

प्रधान हरिओम सुधा ने मौके पर पहुंचकर लिया जायज़ा
जैसे ही यह शिकायत प्रधान हरिओम सुधा तक पहुंची, उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद कार्यक्रम और धार्मिक पोस्टरों को देखकर उन्होंने पाया कि यहां हर रविवार को धार्मिक सभा के नाम पर धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधान ने ग्रामीणों की शिकायत को गंभीर मानते हुए तत्काल चेतावनी दी कि ऐसी गतिविधियां गांव के व्यक्तियों के साथ नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान यदि कोई करना चाहता है तो वह अपने घर के अंदर, निजी तौर पर कर सकता है, लेकिन बाहरी लोगों को बुलाकर प्रचार-प्रसार और धर्म परिवर्तन की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अवैध गतिविधियों पर रोक का निर्देश
प्रधान हरिओम सुधा ने मौके पर ही स्पष्ट आदेश दिया कि यह अवैध धर्मांतरण और प्रचार-प्रसार का कार्य तुरंत बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि आगे से इस तरह की गतिविधियां पाई गईं तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि वे ऐसे मामलों की तुरंत सूचना उन्हें दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके और गांव का आपसी सौहार्द बना रहे।

धर्मांतरण पर कानूनी नजरिया
भारत के कई राज्यों में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून लागू हैं, जिनमें बिना प्रशासनिक अनुमति के किसी को दूसरे धर्म में परिवर्तित करना अपराध माना जाता है। उत्तर प्रदेश में भी ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021’ लागू है, जिसके तहत बिना अनुमति के जबरन, लालच देकर या बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
ग्राम करनपुर के इस मामले में भी ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों को आर्थिक लाभ, चिकित्सा सहायता और अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
ग्रामीणों में राहत की भावना
प्रधान की तत्परता से कार्रवाई होने के बाद ग्रामीणों में राहत की भावना है। एक महिला ने कहा, “हमें खुशी है कि हमारे प्रधान ने तुरंत कार्रवाई की और हमारी बात सुनी। इससे गांव में शांति और आपसी भाईचारा बना रहेगा।”
एक अन्य युवा ने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रशासन भी इस पर नज़र रखे और बाहरी लोगों को गांव में इस तरह की गतिविधियां करने से रोके।”