Headlines
गढ़ीनेगी 14 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) आज 14 अप्रैल 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर गढ़ीनेगी गांव स्थित अंबेडकर पार्क में युवा शक्ति परिवार द्वारा एक भव्य, ऐतिहासिक और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक था, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया और डॉ. अंबेडकर के विचारों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह अंबेडकर पार्क से एक विशाल शोभायात्रा के रूप में हुई, जो नवलपुर से प्रारंभ होकर पूरे क्षेत्र में भ्रमण करते हुए पुनः अंबेडकर पार्क में समाप्त हुई। इस शोभायात्रा में स्थानीय लोगों, युवाओं, बुजुर्गों, अंबेडकरवादी संगठनों और महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यात्रा के दौरान देशभक्ति गीतों और डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़ी झांकियों ने माहौल को जीवंत कर दिया। युवा शक्ति का आदर्श: सम्मान बुजुर्गों का, संघर्ष युवाओं का युवा शक्ति परिवार, जो "सम्मान बुजुर्गों का, संघर्ष युवाओं का" के नारे को आत्मसात करते हुए कार्य करता है, ने इस अवसर पर एक और सराहनीय पहल की। उन्होंने क्षेत्र के बुजुर्गों का सम्मान अंबेडकर की प्रतिमा भेंट करके किया और युवाओं को संविधान, शिक्षा और सामाजिक समरसता के महत्व से अवगत कराया। युवा शक्ति द्वारा यह कार्यक्रम केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक सामाजिक समरसता और विचार जागरण का आंदोलन था। पूरे आयोजन में युवाओं की भूमिका अग्रणी रही और उन्होंने हर पहलू को बखूबी संभाला — मंच संचालन, जलपान, आतिथ्य, सुरक्षा और व्यवस्था तक की पूरी जिम्मेदारी युवा शक्ति परिवार ने निभाई। डॉ. अंबेडकर की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन, संघर्ष, संविधान निर्माण में उनके योगदान और समाज के वंचित तबकों को अधिकार दिलाने के लिए उनके द्वारा किए गए अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक विचारधारा हैं, जो आज भी हर भारतवासी को समानता, शिक्षा और अधिकारों के लिए प्रेरित करती है। डॉ. अंबेडकर ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी का स्वागत कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे डॉ. भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट, के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी, जिन्हें युवा शक्ति परिवार ने विशेष सम्मान प्रदान किया। जोशी ने अपने संबोधन में कहा, "गढ़ीनेगी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का एकत्र होना और अंबेडकर के विचारों को प्रचारित करना एक ऐतिहासिक क्षण है। युवा शक्ति जैसा संगठन अगर देशभर में फैल जाए तो सामाजिक क्रांति निश्चित है।" भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मनोज पाल भी हुए शामिल कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज पाल भी मौजूद रहे। उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा, "डॉ. अंबेडकर ने हमें संविधान दिया, जो आज भी लोकतंत्र की नींव है। युवा शक्ति परिवार ने जिस अनुशासन और श्रद्धा के साथ यह आयोजन किया है, वह सराहनीय है। समाज में ऐसी ऊर्जा और नेतृत्व की आज सबसे अधिक जरूरत है।" भव्य भंडारा: 7000 से अधिक लोगों को कराया भोजन कार्यक्रम के अंत में युवा शक्ति परि

युवा शक्ति परिवार ने अंबेडकर जयंती पर किया ऐतिहासिक कार्यक्रम, गढ़ीनेगी में हजारों की उपस्थिति में निकली शोभायात्रा और भंडारे का आयोजन

गढ़ीनेगी 14 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) आज 14 अप्रैल 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के पावन अवसर पर गढ़ीनेगी गांव स्थित अंबेडकर पार्क में युवा शक्ति परिवार द्वारा एक भव्य, ऐतिहासिक और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक था,…

Read More
हल्द्वानी, 14 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)— उत्तराखंड की धामी सरकार ने अवैध मदरसे सील मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए हल्द्वानी में एक बड़ा अभियान चलाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद बनभूलपुरा क्षेत्र में प्रशासन और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीमों ने बिना अनुमति और मान्यता के संचालित हो रहे कई मदरसों पर छापा मारा और उन्हें तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बिना मान्यता चल रहे मदरसे सील अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने बताया कि जिन मदरसों को सील किया गया है, उनमें से अधिकांश के पास शिक्षा विभाग की अनुमति नहीं थी। न ही उन्होंने राज्य सरकार के किसी नियम का पालन किया था। ये मदरसे अवैध रूप से शिक्षण कार्य चला रहे थे, जिनकी न तो कोई निगरानी थी और न ही कोई पंजीकरण। यह कार्रवाई शिक्षा अधिनियम 2009 और उत्तराखंड राज्य के मानकों के उल्लंघन के तहत की गई है। शिक्षा विभाग की गहन जांच के बाद कार्रवाई शिक्षा विभाग ने पहले ही इन मदरसों की जांच शुरू कर दी थी। सर्वे के दौरान यह पाया गया कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा, इन्द्रानगर, लाइन नंबर इलाकों में दर्जनों ऐसे मदरसे संचालित हो रहे थे जिनका कोई वैध अस्तित्व नहीं था। बच्चों की संख्या, शिक्षकों की योग्यता और पाठ्यक्रम की गुणवत्ता जैसी बुनियादी चीजों की कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं थी। मुख्यमंत्री ने दिए थे स्पष्ट निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ शब्दों में कहा था कि प्रदेश में अवैध शिक्षण संस्थानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धर्म, संप्रदाय या राजनीतिक विचारधारा से परे, जो भी संस्था बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करेगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पूरे राज्य में चल रहे ऐसे सभी अवैध संस्थानों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। सुरक्षा के कड़े इंतजाम इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह कमर कस ली थी। भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी और खुफिया एजेंसियों को तैनात किया गया था। ड्रोन कैमरों की मदद से पूरे इलाके की निगरानी की गई। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम भी अलर्ट पर थी। स्थानीय लोगों से की गई अपील प्रशासन की ओर से स्थानीय लोगों से अपील की गई कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यह कार्रवाई केवल अवैध शिक्षण संस्थानों के खिलाफ की जा रही है, इसका किसी भी धार्मिक भावना से कोई संबंध नहीं है। बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ेगा असर जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को मान्यता प्राप्त अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। प्रशासन उन सभी बच्चों का विवरण एकत्र कर रहा है ताकि उन्हें यथाशीघ्र उचित विकल्प मिल सके। आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ शुरुआत है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले हफ्तों में एक व्यापक अभियान चलाकर सभी अवैध शिक्षण संस्थानों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। 12 अवैध मदरसों को सील अब तक की कार्रवाई में हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में कुल 12 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने इन मदरसों की जांच के बाद यह कदम उठाया। बताया गया है कि आगे भी ऐसे अन्य मदरसों की जांच जारी रहेगी और अवैध संचालन पर कड़ी कार्रवाई होगी।  

हल्द्वानी में धामी सरकार का बड़ा एक्शन, कई अवैध मदरसे सील, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

हल्द्वानी, 14 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)— उत्तराखंड की धामी सरकार ने अवैध मदरसे सील मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए हल्द्वानी में एक बड़ा अभियान चलाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद बनभूलपुरा क्षेत्र में प्रशासन और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीमों ने बिना अनुमति और मान्यता के संचालित हो…

Read More
उत्तराखंड, 12अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — हाईवे हादसा उत्तराखंड में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार सुबह एक भीषण सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसा भल्ले गांव के पास हुआ जब एक कार बेकाबू होकर लगभग 300 मीटर गहरी खाई में गिरकर अलकनंदा नदी में समा गई। मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। यह परिवार एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए फरीदाबाद और रुड़की से गौचर जा रहा था। हादसे का विवरण घटना शनिवार सुबह करीब 7 बजे की है जब एक सफेद रंग की कार (नंबर ज्ञात नहीं) भल्ले गांव के समीप अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे जा गिरी। कार सीधे अलकनंदा नदी में जा समाई। दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। राहत व बचाव कार्य सूचना मिलते ही तहसीलदार सूरजपाल सिंह रावत, थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत, स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तत्काल राहत सामग्री और उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं। पानी के बीच कार में फंसी गंभीर रूप से घायल महिला अनिता देवी (45 वर्ष) पत्नी मदन सिंह नेगी को किसी तरह निकालकर बेस अस्पताल श्रीकोट में भर्ती कराया गया। महिला की हालत चिंताजनक बनी हुई है। मृतकों की पहचान पुलिस व एसडीआरएफ टीम ने क्रेन की सहायता से क्षतिग्रस्त कार को नदी से बाहर निकाला। कार से पांच शव बरामद किए गए। मृतकों की पहचान इस प्रकार की गई है: सुनील गुंसाई (44 वर्ष), पुत्र होशियार सिंह, निवासी सैनिक कॉलोनी, फरीदाबाद मीना गुंसाई (40 वर्ष), पत्नी सुनील गुंसाई धैर्य गुंसाई (14 वर्ष), पुत्र सुनील गुंसाई सुजल गुंसाई (12 वर्ष), पुत्र सुनील गुंसाई आदित्य नेगी (16 वर्ष), पुत्र मदन सिंह नेगी, निवासी दुर्गा कॉलोनी, रुड़की थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि सुनील गुंसाई अपने परिवार के साथ फरीदाबाद से शुक्रवार रात चमोली जिले के गौचर में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने रुड़की से अपनी साली अनिता देवी और उसके बेटे आदित्य नेगी को भी साथ लिया था। हादसे के समय कार सुनील स्वयं चला रहे थे। हादसा भल्ले गांव के पास हुआ जब एक कार बेकाबू होकर लगभग 300 मीटर गहरी खाई में गिरकर अलकनंदा नदी में समा गई। शवों को किया गया पोस्टमार्टम के लिए रवाना हादसे में जान गंवाने वालों के शवों को नदी किनारे से निकालकर राफ्ट की मदद से मुल्यागांव तक लाया गया और फिर वहां से एंबुलेंस से श्रीकोट स्थित बेस अस्पताल भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा। हादसे की सूचना मिलते ही गौचर और श्रीनगर दोनों जगह शोक की लहर फैल गई है। प्रशासन की सतर्कता कीर्तिनगर व हिंडोलाखाल थानों से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और राहत कार्यों में मदद की। स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। साथ ही हादसे की जांच भी शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में सड़क पर फिसलन और तेज मोड़ को हादसे का संभावित कारण बताया जा रहा है। सार यह हाईवे हादसा  उत्तराखंड के खतरनाक पहाड़ी मार्गों की स्थिति पर एक बार फिर से सवाल खड़े करता है। लगातार दुर्घटनाएं यह संकेत देती हैं कि हाईवे पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय और संकेतक नहीं हैं। प्रशासन और सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। हादसे में जान गंवाने वालों के शवों को नदी किनारे से निकालकर राफ्ट की मदद से मुल्यागांव तक लाया गया और फिर वहां से एंबुलेंस से श्रीकोट स्थित बेस अस्पताल भेजा गया 🔗 यह भी पढ़ें: रामनगर: आमपानी क्षेत्र में बाघ ने किया हमला, व्यक्ति गंभीर रूप से घायल

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे हादसा: अलकनंदा नदी में गिरी कार, पांच की मौत, एक गंभीर घायल

उत्तराखंड, 12अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — हाईवे हादसा उत्तराखंड में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार सुबह एक भीषण सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसा भल्ले गांव के पास हुआ जब एक कार बेकाबू होकर लगभग 300 मीटर गहरी खाई में…

Read More
रामनगर, 12 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। रामनगर बाघ हमला रामनगर के आमपानी क्षेत्र में शनिवार सुबह एक भयावह घटना सामने आई, जब एक बाघ ने अचानक एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। यह घटना सुबह करीब 8:30 बजे की है, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। हमला इतना गंभीर था कि व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं और उसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। घायल व्यक्ति की पहचान यशपाल सिंह, उम्र 43 वर्ष, पिता श्री प्यारा सिंह, निवासी करेलपुरी, पोस्ट हलदुआ, जिला नैनीताल के रूप में हुई है। घटना उस समय घटी जब यशपाल सिंह आमपानी क्षेत्र के प्लॉट संख्या 13 में किसी निजी काम से गए हुए थे। उसी दौरान झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हमला और बचाव स्थानीय लोगों और आमपानी क्षेत्र के वन विभाग स्टाफ के अनुसार, जैसे ही बाघ ने यशपाल पर झपट्टा मारा, वह चीखने लगे। उनकी आवाज़ सुनकर आस-पास मौजूद कुछ ग्रामीण और विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बाघ इंसानी मौजूदगी देखकर कुछ ही क्षणों में वहां से जंगल की ओर भाग गया। घायल यशपाल सिंह को तत्काल रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर लाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। डॉक्टरों के मुताबिक यशपाल के चेहरे, बाजू और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल में परिजनों की भीड़ घटना की सूचना मिलते ही यशपाल सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। उनकी हालत देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। फिलहाल वह खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी में ICU में भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि अगले 48 घंटे उनके लिए बेहद अहम होंगे। आमपानी क्षेत्र में दहशत हमले के बाद आमपानी क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। यह इलाका कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के नजदीक है और पहले भी यहां बाघों की आवाजाही देखी गई है। लेकिन इस तरह का दिन-दहाड़े हमला लंबे समय बाद हुआ है। स्थानीय लोग अब जंगल किनारे खेतों और घरों में जाने से डरने लगे हैं। वन विभाग की प्रतिक्रिया वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि यह घटना बेहद गंभीर है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। डीएफओ तराई पश्चिम वन प्रभाग की ओर से एक विशेष निगरानी टीम गठित की गई है जो बाघ की गतिविधियों पर नजर रखेगी। साथ ही, घटना स्थल के आसपास पिंजरे लगाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभावित कारण और समाधान वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के हमले आमतौर पर तब होते हैं जब जानवरों का प्राकृतिक आवास कम होता है या उन्हें भोजन नहीं मिलता। रामनगर क्षेत्र में इंसानी आबादी और निर्माण कार्य तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे बाघों और अन्य जंगली जानवरों का आवास क्षेत्र सिमटता जा रहा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रशासन को वन्यजीव गलियारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। मांग उठी: प्रभावित परिवार को मुआवजा घटना के बाद ग्रामीणों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि पीड़ित के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और इस इलाज का खर्च उठाना उनके लिए भारी पड़ सकता है। लोगों ने घायल व्यक्ति के लिए तात्कालिक मुआवजा राशि और निशुल्क चिकित्सा सुविधा की मांग की है। बाघ द्वारा हमला रामनगर के आमपानी क्षेत्र में बाघ द्वारा हमला एक चेतावनी है कि मनुष्य और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय लोगों को मिलकर ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि इंसानी जानें सुरक्षित रहें और वन्यजीवों का भी संरक्षण हो सके। डॉक्टरों के मुताबिक यशपाल के चेहरे, बाजू और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं।

रामनगर बाघ हमला: आमपानी क्षेत्र में बाघ ने व्यक्ति पर किया जानलेवा हमला, हालत गंभीर

रामनगर, 12 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।रामनगर बाघ हमला रामनगर के आमपानी क्षेत्र में शनिवार सुबह एक भयावह घटना सामने आई, जब एक बाघ ने अचानक एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। यह घटना सुबह करीब 8:30 बजे की है, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। हमला इतना गंभीर था…

Read More
देहरादून, 11 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब सभी स्लैब में प्रति यूनिट दरें पहले की तुलना में अधिक हो जाएंगी। इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। नई बिजली दरें इस प्रकार हैं: 100 यूनिट तक: पहले 3.40 रुपए प्रति यूनिट थी, अब यह बढ़कर 3.65 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। 101 से 200 यूनिट तक: दर 4.90 रुपए से बढ़कर 5.25 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है। 201 से 400 यूनिट तक: अब 6.70 रुपए की बजाय 7.15 रुपए प्रति यूनिट देना होगा। 400 यूनिट से अधिक: दर 7.35 रुपए से बढ़कर 7.80 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। वृद्धि के पीछे का कारण राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि यह वृद्धि उत्पादन लागत, वितरण खर्च और ट्रांसमिशन लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए की गई है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में ऊर्जा की लागत लगातार बढ़ी है, जिससे यह निर्णय लेना अपरिहार्य हो गया था। उपभोक्ताओं में नाराजगी बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद आम नागरिकों में नाराजगी देखने को मिली है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले ही महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है, और अब बिजली की कीमतों में इजाफा उनकी परेशानियों को और बढ़ा देगा। देहरादून निवासी रेखा रावत ने कहा, “महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है, अब बिजली का बिल भी बढ़ेगा तो घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जाएगा।” वहीं, हल्द्वानी के कारोबारी संजीव जोशी ने इसे छोटे व्यापारियों के लिए अतिरिक्त आर्थिक दबाव बताया। राजनीतिक प्रतिक्रियाएं विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस निर्णय की आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “सरकार लगातार आम जनता पर बोझ डाल रही है। जब राज्य में राजस्व वसूली में वृद्धि हो रही है तो आम लोगों पर भार क्यों डाला जा रहा है?” वहीं, सत्ताधारी दल का कहना है कि यह निर्णय नियामक आयोग द्वारा तकनीकी और आर्थिक समीक्षा के बाद लिया गया है और इससे ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी। सरकारी पक्ष ऊर्जा विभाग के सचिव ने कहा कि यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। “बिजली आपूर्ति में निरंतरता और गुणवत्ता के लिए निवेश की आवश्यकता है, और यह वृद्धि उसी दिशा में एक जरूरी कदम है,” उन्होंने कहा। जल्द होगी लागू राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई नई दरें आगामी बिलिंग साइकिल से लागू की जाएंगी। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर पड़ेगा। निष्कर्ष बिजली दरों में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब देशभर में महंगाई की चर्चा है। उत्तराखंड में इस फैसले के दूरगामी प्रभाव देखे जा सकते हैं। उपभोक्ता जहां इससे परेशान हैं, वहीं सरकार और आयोग इसे ऊर्जा आपूर्ति की मजबूती के लिए जरूरी बता रहे हैं। देखना होगा कि आने वाले समय में सरकार इस बढ़ोतरी को लेकर किसी तरह की राहत देती है या नहीं।इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।यह वृद्धि राज्य के लगभग सभी घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी।

उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को झटका, सभी स्लैब में बढ़े दाम

देहरादून, 11 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब सभी स्लैब में प्रति यूनिट दरें पहले की तुलना में अधिक हो जाएंगी। इस निर्णय से आम जनता खासकर घरेलू उपभोक्ताओं पर…

Read More

काशीपुर में भगवान महावीर जयंती पर भव्य आयोजन, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा शहर

काशीपुर, 10 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा):काशीपुर के बाबा रिसोर्ट, मानपुर रोड पर भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष्य में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जैन धर्म के मूल सिद्धांतों और भगवान महावीर के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना रहा। इस मौके पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, धार्मिक प्रवचनों और शोभायात्रा के…

Read More
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता का माहौल बरकरार है। राज्य सरकार फिलहाल चुनाव कराने को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसी हुई है, क्योंकि एक तरफ पंचायतीराज एक्ट में अपेक्षित संशोधन अभी तक नहीं हो पाया है, तो दूसरी तरफ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण का निर्धारण भी सरकार द्वारा लंबित है। इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, राज्य सरकार की निगाहें इस समय राजभवन पर टिकी हुई हैं, जहां पंचायतीराज एक्ट में संशोधन से संबंधित अध्यादेश स्वीकृति के लिए विचाराधीन है। ऐसे में, उम्मीद जताई जा रही है कि यदि राजभवन से इस अध्यादेश को हरी झंडी मिल जाती है, तो राज्य निर्वाचन आयोग इसी माह के अंत तक पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी कर सकता है। वर्तमान में, उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतें प्रशासकों के भरोसे संचालित हो रही हैं। राज्य सरकार ने ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है क्योंकि त्रिस्तरीय पंचायतों का पांच वर्ष का संवैधानिक कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर और दिसंबर महीने में ही समाप्त हो चुका था। चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा न कर पाने के कारण, राज्य सरकार के लिए पंचायतों में प्रशासकों को नियुक्त करना एक मजबूरी बन गया था ताकि स्थानीय स्तर पर शासन और विकास कार्य सुचारू रूप से चलते रहें। उत्तराखंड के 13 जिलों में से हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी सभी 12 जिलों में पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाते हैं। हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों के साथ ही आयोजित किए जाते हैं। प्रदेश के शेष 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल 28 नवंबर, 30 नवंबर और 1 दिसंबर को समाप्त हो गया था। इसके बावजूद, राज्य सरकार विभिन्न आवश्यक औपचारिकताओं को समय पर पूरा नहीं कर पाई, जिसके कारण चुनाव प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। पंचायतीराज एक्ट के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, प्रशासकों का कार्यकाल अधिकतम छह महीने का ही हो सकता है। यह छह महीने की समय सीमा इसी महीने मई में समाप्त होने वाली है। स्पष्ट है कि राज्य सरकार को इस समय सीमा के भीतर पंचायत चुनावों को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना होगा। यदि सरकार वास्तव में पंचायत चुनाव कराना चाहती है, तो उसे सबसे पहले संशोधित पंचायती राज एक्ट को लागू करवाना होगा। इसके पश्चात ही ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का निर्धारण किया जा सकेगा। सरकार की यह पूरी तैयारी होने के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए विधिवत अधिसूचना जारी करने की स्थिति में आएगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में हो रही देरी के बावजूद, राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सुशील कुमार सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आयोग की ओर से मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है। अब केवल ओबीसी आरक्षण का निर्धारण ही शेष रह गया है। इस प्रकार, पंचायत चुनावों को लेकर जो मुख्य अड़चन है, वह तकनीकी रूप से पंचायती राज एक्ट के संशोधन पर अटकी हुई है। इस संशोधन के लागू होने के बाद ही ओबीसी आरक्षण के निर्धारण पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा। वर्तमान स्थिति यह है कि संशोधन से संबंधित अध्यादेश फिलहाल राज्यपाल के कार्यालय यानी राजभवन में विचाराधीन है, और सरकार को इसकी स्वीकृति का बेसब्री से इंतजार है। राज्य सरकार के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशासकों का छह महीने का कार्यकाल समाप्त होने से पहले यदि चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं होती है, तो पंचायतों के कामकाज पर और भी अधिक अनिश्चितता का माहौल बन सकता है। इसलिए, सरकार की पूरी कोशिश है कि राजभवन से जल्द ही अध्यादेश को मंजूरी मिल जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके और स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया जा सके। अब सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई हैं कि कब वहां से इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को हरी झंडी मिलती है और उत्तराखंड के 12 जिलों में पंचायत चुनावों का रास्ता साफ होता है।

अब पंचायत चुनावों की वोटर लिस्ट मिलेगी ऑनलाइन, घर बैठे जांचें अपना नाम – आयोग इस सप्ताह करेगा जारी

देहरादून, 10 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारी जोरों पर है। इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को और अधिक सुविधा देने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। आयोग पहली बार पंचायत चुनावों की मतदाता सूची को ऑनलाइन उपलब्ध कराने जा रहा है, ताकि ग्रामीण मतदाता भी डिजिटल…

Read More
देहरादून, 2 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। (आंगनबाड़ी भर्ती ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने करीब सात हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इस बहुप्रतीक्षित भर्ती प्रक्रिया के तहत हजारों महिलाओं को न केवल रोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विकास और पोषण के लिए कार्यरत व्यवस्था को भी सशक्त बनाया जाएगा। जनवरी में निकली थी आंगनबाड़ी भर्ती की विज्ञप्ति वर्ष 2025 की शुरुआत में ही राज्य सरकार द्वारा लगभग 7000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इन पदों पर आवेदन के लिए प्रदेशभर से हजारों महिलाओं और युवतियों ने ऑनलाइन आवेदन किया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के पद शामिल हैं, जो बाल विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 20 अप्रैल तक पूरी होगी आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया मंगलवार को विधानसभा भवन के सभागार में आयोजित बैठक के दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 20 अप्रैल 2025 तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके बाद मई महीने में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। मोबाइल और सिम भी मिलेगा आंगनबाड़ी केंद्र को मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि नई नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सिम विशेष रूप से संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र को अलॉट किया जाएगा ताकि कार्यकत्रियों के बीच विभागीय संचार बेहतर हो सके। साथ ही प्रत्येक कार्यकत्री को दो हजार रुपये का रिचार्ज भत्ता भी दिया जाएगा और विभाग की ओर से इंटरनेट डाटा खर्च का वहन भी किया जाएगा। कल्याण कोष से आर्थिक सुरक्षा का खाका तैयार बैठक में मंत्री ने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए आंगनबाड़ी कल्याण कोष से बेटियों की शिक्षा, विवाह, या हादसे की स्थिति में परिवार को आर्थिक मदद देने हेतु एक विस्तृत योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। यह योजना कार्यकत्रियों और उनके परिवारों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। नई महिला नीति भी जल्द आएगी सामने रेखा आर्या ने बताया कि राज्य की नई महिला नीति लगभग तैयार हो चुकी है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस नीति में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए व्यापक दिशा-निर्देश और योजनाएं शामिल होंगी। इसमें एकल महिलाओं, विधवाओं और वृद्धावस्था की महिलाओं के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ में भी होंगे संशोधन बैठक के दौरान मंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में कुछ आवश्यक संशोधन किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही कैबिनेट से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। इस योजना के तहत एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण, प्रशिक्षण और विपणन सहायता जैसे लाभ दिए जाएंगे। छह जिलों में बनेगा 50-बेड का महिला छात्रावास महिला शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्री ने बताया कि प्रदेश के छह जनपदों में 50-बेड के नए महिला आवासीय छात्रावासों की स्थापना के लिए सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। ये छात्रावास उन युवतियों के लिए लाभदायक होंगे, जो उच्च शिक्षा के लिए अपने गांवों से दूर जाकर पढ़ाई करती हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास की दिशा में एक सशक्त पहल है। जहां एक ओर 7000 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। रेखा आर्या ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिका भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जाए, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को ही मौका मिल सके।

20 अप्रैल तक पूरी होगी उत्तराखंड की आंगनबाड़ी भर्ती, जानिए कौन होगा चयनित

देहरादून, 2 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। (आंगनबाड़ी भर्ती ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने करीब सात हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इस बहुप्रतीक्षित भर्ती प्रक्रिया के तहत हजारों महिलाओं को न केवल रोजगार का…

Read More
बागेश्वर,8 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के शांत और पहाड़ी इलाके बागेश्वर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जिले के कपकोट थाना क्षेत्र में चार युवकों ने दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर एक कमरे में बंद कर दिया, और फिर उनके साथ मारपीट व छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान तनुज गड़िया, दीपक उर्फ दक्ष, योगेश गड़िया और लक्की कठायत के रूप में हुई है। चारों को पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में जेल भेजा गया है। घटना का विवरण: कैसे हुई दरिंदगी की शुरुआत घटना रविवार देर शाम की है। पीड़ित लड़कियां घर से किसी काम के लिए निकली थीं, तभी आरोपी युवकों ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया और एक सुनसान जगह स्थित कमरे में ले गए। वहां लड़कियों को जबरन बंधक बना लिया गया, उनके साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की गई। पीड़िताओं के अनुसार, आरोपियों ने उनके साथ अश्लील हरकतें कीं, मारपीट की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा। पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती पीड़ित नाबालिग लड़कियों ने घटना के बाद अपने परिजनों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। परिजन तत्काल कपकोट थाना पहुंचे और पूरी घटना दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने मीडिया को बताया कि चारों आरोपी पूर्व से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, और उनका काउंसलिंग भी किया जा रहा है। पुलिस की तत्परता और गिरफ्तारी मामले की गंभीरता को देखते हुए कपकोट थाना पुलिस ने तुरंत रेड कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से वह कमरा भी बरामद किया है, जहां नाबालिगों को बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच की जा रही है, और यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इसमें और कोई शामिल तो नहीं। सामाजिक संगठनों और बाल आयोग की प्रतिक्रिया घटना के सामने आने के बाद स्थानीय सामाजिक संगठनों और बाल कल्याण समिति ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के ताने-बाने को हिलाकर रख देती हैं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे। परिजनों की मांग – हो फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई पीड़िताओं के परिजनों ने सरकार और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए, ताकि पीड़िताओं को न्याय मिल सके और समाज में एक संदेश जाए कि अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस की अपील: सतर्क रहें, बच्चों को समझाएं पुलिस ने इस घटना के बाद सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को जागरूक करें, उन्हें किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करने या उनके साथ जाने से रोकें। समाज और परिवार का सहयोग ही ऐसे मामलों को रोक सकता है।

उत्तराखंड के बागेश्वर में 2 नाबालिगों के साथ दरिंदगी: चार युवकों ने बनाया बंधक, की मारपीट और छेड़छाड़

बागेश्वर,8 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के शांत और पहाड़ी इलाके बागेश्वर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जिले के कपकोट थाना क्षेत्र में चार युवकों ने दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर एक कमरे में बंद कर दिया, और फिर उनके साथ मारपीट व छेड़छाड़…

Read More
हरिद्वार ,7 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित गणपति केमिकल फैक्ट्री में रविवार रात एक भीषण आग लग गई। इस हादसे में फैक्ट्री के मालिक महेश अग्रवाल और एक कर्मचारी संजय कुमार की जलकर मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। यह हादसा रविवार रात करीब 9 बजे हुआ, जब फैक्ट्री परिसर में खड़े केमिकल से भरे टैंकरों से अचानक आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। कैसे लगी आग? प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 9 बजे फैक्ट्री परिसर से तेज आवाज के साथ धुआं और लपटें उठने लगीं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री में खड़े केमिकल से भरे टैंकरों में किसी तकनीकी खामी या लीक के कारण आग भड़की। चूंकि फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में ज्वलनशील रसायन स्टोर थे, इसलिए आग तेजी से फैलती चली गई। आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि उन्हें दूर से ही देखा जा सकता था। दमकल की 12 गाड़ियों ने पाया काबू फायर ब्रिगेड को सूचना मिलते ही हरिद्वार, रुड़की और बहादराबाद से दमकल की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग इतनी भीषण थी कि रात भर दमकल कर्मियों को आग बुझाने में मशक्कत करनी पड़ी। साथ ही एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस बल ने भी राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग किया। मृतकों की पहचान और परिवार में शोक इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान: महेश अग्रवाल – फैक्ट्री मालिक, निवासी हरिद्वार संजय कुमार – फैक्ट्री कर्मचारी मृतकों के शव बुरी तरह झुलस चुके थे, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। महेश अग्रवाल के परिवार और फैक्ट्री कर्मचारियों में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल गणपति केमिकल फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं। फैक्ट्री परिसर में ज्वलनशील पदार्थों की भारी मात्रा में मौजूदगी और अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के चलते हादसे की आशंका बनी रहती थी। इस भीषण अग्निकांड ने औद्योगिक सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। प्रशासन द्वारा अब मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को संवेदनाएं प्रेषित की हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता मुहैया कराई जाए। साथ ही हादसे की पूर्ण जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। पृष्ठभूमि: उत्तराखंड में औद्योगिक हादसे बढ़ते क्यों? यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड के औद्योगिक इलाकों में सुरक्षा के प्रति लापरवाही को उजागर करता है। पिछले कुछ वर्षों में हरिद्वार, रुड़की, सिडकुल जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं जिनमें लोगों की जान गई या गंभीर रूप से घायल हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक विकास की गति तो तेज है लेकिन इसके साथ-साथ सुरक्षा मानकों, प्रशिक्षण और उपकरणों की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। कई फैक्ट्रियों में फायर सेफ्टी उपकरण नाकाफी या निष्क्रिय पाए जाते हैं। इसके अलावा कम अनुभवी मजदूरों को जोखिम वाले कार्यों में लगाया जाना भी दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है। केमिकल फैक्ट्री गणपति केमिकल फैक्ट्री की यह घटना न केवल दो परिवारों को उजाड़ गई, बल्कि पूरे औद्योगिक क्षेत्र को सतर्क होने की चेतावनी भी दे गई। अब वक्त है कि प्रशासन, उद्योगपति और श्रमिक – तीनों मिलकर सुरक्षा को सर्वोपरि मानें। यह हादसा न हो तो अच्छा, लेकिन अगर हो भी जाए तो समुचित व्यवस्थाएं और त्वरित प्रतिक्रिया जान बचा सकती है। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है, और क्या भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनती है या नहीं।

हरिद्वार के बहादराबाद में केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, मालिक और कर्मचारी की दर्दनाक मौत

हरिद्वार ,7 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित गणपति केमिकल फैक्ट्री में रविवार रात एक भीषण आग लग गई। इस हादसे में फैक्ट्री के मालिक महेश अग्रवाल और एक कर्मचारी संजय कुमार की जलकर मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और एसडीआरएफ…

Read More