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काशीपुर, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के काशीपुर में आज एक हृदय विदारक औद्योगिक हादसा सामने आया, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, काशीपुर स्थित सूर्य फैक्ट्री में अचानक एक हाइड्रोजन गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट में एक श्रमिक की मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई, जबकि 10 अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नगर के आयुष्मान चिकित्सालय लाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। सुबह का शांत माहौल, जोरदार धमाके से दहल उठा काशीपुर गुरुवार की सुबह जब काशीपुर अपने सामान्य कामकाज में व्यस्त था, तभी लगभग 10:30 बजे सूर्य फैक्ट्री से एक भयानक धमाके की आवाज गूंजी, जिसने आसपास के पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री परिसर में अफरा-तफरी मच गई और धुएं का गुबार आसमान में छा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाइड्रोजन गैस सिलेंडर फटने के कारण यह हादसा हुआ, जिसकी तीव्रता ने वहां मौजूद श्रमिकों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। विस्फोट की चपेट में आए श्रमिकों में से एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 10 अन्य बुरी तरह घायल हो गए। घायलों में कई को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें जलने और अंदरूनी चोटें शामिल हैं। फैक्ट्री के भीतर और बाहर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों और अन्य श्रमिकों की मदद से तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया और घायलों को समय रहते नगर के आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचाया गया। चिकित्सालय पहुंचते ही डॉक्टरों की टीम ने तुरंत घायलों का उपचार शुरू कर दिया, जो अभी भी जारी है। अस्पताल में घायलों के परिजनों की भीड़ जमा हो गई है, जहां वे अपनों की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा: CM ने भी जताया दुःख, दिए निर्देश हादसे की सूचना मिलते ही राज्य और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घायलों के कुशलक्षेम जानने के लिए तत्काल मंडलायुक्त/मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. के.के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचे। अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायल श्रमिकों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने घायलों के परिजनों से भी बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने चिकित्साधिकारियों से गहन चर्चा की और उन्हें घायलों का हरसंभव बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रावत ने बताया कि उन्होंने घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी घायल श्रमिक को बेहतर उपचार के लिए उच्च चिकित्सालयों में भेजने की आवश्यकता पड़े, तो बिना किसी देरी के भेजा जाए। यह मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और घायलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जांच के आदेश और राहत-बचाव कार्य तेज मंडलायुक्त दीपक रावत ने इस गंभीर घटना की जांच कराने हेतु जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया को तत्काल निर्देश दिए हैं। इस जांच में विस्फोट के कारणों, फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों के पालन, लापरवाही के संभावित बिंदुओं और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों की पड़ताल की जाएगी। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने भी घायलों को हर संभव बेहतरीन इलाज उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल को चिकित्सालय में ही बने रहने और घायलों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने सूर्य फैक्ट्री में घटना के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों के लिए तत्काल एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को भी रवाना किया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर किसी भी संभावित खतरे को कम करने और आगे के बचाव कार्यों में मदद करेगी। इस दौरान महापौर दीपक बाली, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह सहित कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने पूरी स्थिति पर नजर रखी और राहत कार्यों में सहयोग किया। औद्योगिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल: क्यों बार-बार हो रहे ऐसे हादसे? काशीपुर की सूर्य फैक्ट्री में हुए इस हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाइड्रोजन एक ज्वलनशील गैस है, जिसके भंडारण और उपयोग में अत्यधिक सावधानी और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। यह हादसा दर्शाता है कि इन प्रोटोकॉल का या तो उल्लंघन किया गया या उनमें कहीं न कहीं कमी रह गई। ऐसे औद्योगिक हादसे न केवल जनहानि और संपत्ति का नुकसान करते हैं, बल्कि श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए दीर्घकालिक आघात भी छोड़ जाते हैं। यह घटना एक कड़ा संदेश है कि सरकार और उद्योग जगत को मिलकर औद्योगिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। नियमित निरीक्षण, सुरक्षा उपकरणों का उचित रखरखाव, श्रमिकों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इस हादसे के पीछे वास्तविक कारण क्या थे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

काशीपुर में दहला ‘सूर्य फैक्ट्री’: हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट में 1 श्रमिक की दर्दनाक मौत, 10 घायल! CM धामी ने दिया उच्च उपचार का भरोसा, जांच के आदेश

काशीपुर, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के काशीपुर में आज एक हृदय विदारक औद्योगिक हादसा सामने आया, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, काशीपुर स्थित सूर्य फैक्ट्री में अचानक एक हाइड्रोजन गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट में एक…

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देहरादून, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की रणभेरी बजते ही, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने और पंचायती राज व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रभुत्व स्थापित करने के उद्देश्य से, भाजपा ने अब ब्लॉक प्रमुख चुनावों के लिए व्यापक स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। यह कदम भाजपा की दूरगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका लक्ष्य जमीनी स्तर तक अपनी पैठ बनाना है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर चौहान ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट के निर्देश पर, राज्य के सभी जिलों में ब्लॉक प्रमुख चुनावों के लिए योग्य और अनुभवी पदाधिकारियों को प्रभारी घोषित कर दिया गया है। यह नियुक्तियां पार्टी की संगठनात्मक शक्ति और आगामी चुनावों के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाती हैं। ब्लॉक प्रमुख चुनाव: ग्रामीण सत्ता की दूसरी सबसे बड़ी सीढ़ी ग्राम प्रधान के बाद, ब्लॉक प्रमुख का पद ग्रामीण सत्ता संरचना की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी माना जाता है। ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत समिति (ब्लॉक पंचायत) का मुखिया होता है, जो कई ग्राम पंचायतों को जोड़कर बनता है। यह पद ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, फंड्स के वितरण और ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक समन्वय में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं होता, बल्कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो पहले ग्राम पंचायत चुनावों में चुनकर आते हैं। ऐसे में, ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए प्रभारियों की नियुक्ति भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि वे क्षेत्र पंचायत सदस्यों के बीच अपना प्रभाव स्थापित कर सकें और पार्टी समर्थित उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कर सकें। भाजपा की रणनीति: जमीनी स्तर पर पकड़ और संगठनात्मक मजबूती भाजपा ने इन प्रभारियों की नियुक्ति करके यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पंचायत चुनावों को कितनी गंभीरता से ले रही है। इन प्रभारियों का मुख्य कार्य संबंधित ब्लॉकों में चुनावी रणनीति तैयार करना, योग्य उम्मीदवारों की पहचान करना और उन्हें समर्थन देना, स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करना और यह सुनिश्चित करना है कि पार्टी समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतें। यह कदम भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे भविष्य में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को फायदा मिल सकता है। इन नियुक्तियों के माध्यम से भाजपा ग्रामीण मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाने और उन्हें पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। जिलावार प्रभारियों की लंबी सूची: अनुभवी नेताओं पर भरोसा भाजपा ने ब्लॉक प्रमुख चुनावों के लिए जिन प्रभारियों की घोषणा की है, उनमें पार्टी के कई अनुभवी और जमीनी स्तर पर सक्रिय नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह सूची प्रदेश के सभी जिलों और उनके अंतर्गत आने वाले विभिन्न ब्लॉकों को कवर करती है, जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा ने इस चुनाव के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की है: उत्तरकाशी जनपद: नौगांव ब्लॉक: डॉ. विजय बडोनी पुरोला ब्लॉक: श्री सत्ये सिंह राणा मोरी ब्लॉक: श्री नारायण सिंह चौहान चिनयौलीसैन: श्री जगत सिंह चौहान भटवाड़ी: श्री राम सुंदर नौटियाल डूंडा: श्री धन सिंह नेगी चमोली जनपद: दसौली: श्री राजकुमार पुरोहित पोखरी: श्री हरक सिंह नेगी ज्योतिर्मठ: श्री रामचंद्र गौड़ नंदा नगर: श्री समीर मिश्रा नारायणबगड़: श्री रघुवीर सिंह बिष्ट थराली: श्री गजेंद्र सिंह रावत देवल: श्री विनोद नेगी गैरसैण: श्री कृष्ण मणि थपलियाल कर्णप्रयाग: श्री विक्रम भंडारी रुद्रप्रयाग जनपद: अगस्तमुनि: श्री रमेश गाड़िया ऊखीमठ: श्री वाचस्पति सेमवाल जखोली: श्री रमेश मैखुरी टिहरी जनपद: भिलंगना: श्री अतर सिंह तोमर कीर्ति नगर: श्री विनोद रतूड़ी देवप्रयाग: श्री जोत सिंह बिष्ट नरेंद्र नगर: श्री रविंद्र राणा प्रताप नगर: श्री महावीर सिंह रंगड़ जाखड़ीधार: श्री सुभाष रमोला चंबा: श्री दिनेश घने थौलधार: श्री विनोद सुयाल जौनपुर: श्री खेम सिंह चौहान देहरादून जनपद: कालसी: श्री दिगंबर नेगी चकराता: श्री भुवन विक्रम डबराल विकासनगर: श्री यशपाल नेगी सहसपुर: श्री संजय गुप्ता रायपुर: श्री ओमवीर राघव डोईवाला: श्री नलिन भट्ट पौड़ी जनपद: पौड़ी: श्री ऋषि कंडवाल कोट: श्री वीरेंद्र रावत क्लजीखाल: श्री सुधीर जोशी खिर्सू: श्री मीरा रतूड़ी थलीसैंण: श्रीमती सुषमा रावत पाबो: श्री यशपाल बेनाम पोखडा: श्री जगमोहन रावत एकेश्वर: श्री विकास कुकरेती बीरोंखाल: श्री गिरीश पैन्यूली कोटद्वार: 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दीपक मेहरा ओखल कांडा: श्री चंदन सिंह बिष्ट रामगढ़: श्री मोहन पाल भीमताल: श्री प्रदीप जनौटी बेतालघाट: श्री देवेंद्र ढेला हल्द्वानी: श्री गोपाल रावत कोटा बाग: श्री तरुण बंसल रामनगर: श्री गुंजन सुखीजा उधमसिंह नगर जनपद: जसपुर: सरदार मंजीत सिंह बाजपुर: श्री राम मेहरोत्रा काशीपुर: श्री विवेक सक्सेना गदरपुर: श्री प्रदीप बिष्ट रुद्रपुर: श्री दिनेश आर्य सितारगंज: श्री दान सिंह रावत खटीमा: श्री उत्तम दत्ता आगामी चुनावी बिसात और सियासी हलचल इन नियुक्तियों से स्पष्ट है कि भाजपा ने पंचायत चुनाव की बिसात पर अपनी चालें चलना शुरू कर दिया है। यह कदम राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करेगा और अन्य राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर करेगा। ब्लॉक प्रमुख चुनाव सीधे तौर पर भले ही पार्टी सिंबल पर न लड़े जाते हों, लेकिन इन पर सत्ताधारी दल का दबदबा काफी महत्वपूर्ण होता है। भाजपा का लक्ष्य ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक हर स्तर पर अपने समर्थित प्रतिनिधियों की अधिकतम संख्या सुनिश्चित करना है, ताकि राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की यह 'मास्टरस्ट्रोक' रणनीति ब्लॉक प्रमुख चुनावों में कितनी सफल होती है और उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता का समीकरण कैसे बदलता है।

जमीनी जंग की तैयारी! भाजपा ने उतारे ब्लॉक प्रमुख चुनावों के ‘प्रभारी’, हर ब्लॉक के लिए कमान सौंपी, जानें किसे मिली जिम्मेदारी

देहरादून, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की रणभेरी बजते ही, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने और पंचायती राज व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रभुत्व स्थापित करने के उद्देश्य…

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रूद्रपुर, 03 नवम्बर, 2025 – ( समय बोल रहा) – उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी कल, 4 नवम्बर मंगलवार को एक दिवसीय जनपद भ्रमण पर आ रहे हैं। यह दौरा उत्तराखण्ड राज्य गठन के रजत जयंती वर्ष समारोह की श्रृंखला में आयोजित महत्वपूर्ण शहरी विकास सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने विस्तृत मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम जारी कर दिया है और सुरक्षा व्यवस्था को अत्यंत कड़ा कर दिया गया है। मुख्यमंत्री धामी का पूरा कार्यक्रम (मिनट-टू-मिनट) मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यक्रम अत्यंत संक्षिप्त और केंद्रित रहेगा। उनका पूरा कार्यक्रम इस प्रकार है: समयगतिविधिस्थानप्रातः 09:30 बजेहैलीकॉप्टर द्वारा देहरादून से काशीपुर आगमनस्टेडियम हैलीपैड, काशीपुरप्रातः 09:30 बजेस्टेडियम काशीपुर से कार द्वारा प्रस्थानस्टेडियम हैलीपैडप्रातः 09:45 बजेशहरी विकास सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागहोटल अनन्या, काशीपुरप्रातः 10:35 बजेशहरी विकास सम्मेलन से कार द्वारा प्रस्थानहोटल अनन्याप्रातः 10:45 बजेस्टेडियम हैलीपैड पर आगमनस्टेडियम हैलीपैडप्रातः 10:50 बजेहैलीकॉप्टर द्वारा देहरादून के लिए प्रस्थानस्टेडियम हैलीपैड शहरी विकास सम्मेलन में संबोधन मुख्यमंत्री का मुख्य कार्यक्रम होटल अनन्या, काशीपुर में आयोजित होने वाला शहरी विकास सम्मेलन है। इस सम्मेलन का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य गठन के रजत जयंती वर्ष समारोह के तहत किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस मंच से मुख्यमंत्री राज्य के शहरी क्षेत्रों के लिए नई योजनाओं और विकास कार्यों की घोषणा कर सकते हैं, साथ ही राज्य के तेजी से बढ़ते नगरीकरण के विभिन्न पहलुओं पर भी अपना दृष्टिकोण रखेंगे। सुरक्षा और व्यवस्था माननीय मुख्यमंत्री के इस त्वरित दौरे के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। काशीपुर स्टेडियम हैलीपैड से लेकर होटल अनन्या तक पूरे मार्ग पर पुलिस बल और यातायात कर्मी तैनात रहेंगे। स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा घेरा मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन और प्रस्थान के दौरान यातायात को सुचारु रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी, ताकि आम जनता को कम से कम असुविधा हो।

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक का ऐतिहासिक फैसला: राज्य की पहली जियोथर्मल पॉलिसी को मिली हरी झंडी, अब बेटे के 18 साल पूरे होने पर भी नहीं रुकेगी विधवा/वृद्धा पेंशन! आम आदमी को बड़ी राहत

देहरादून, 9 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। सचिवालय में सुबह 12 बजे शुरू हुई और लगभग 2 घंटे तक चली इस बैठक में राज्य सरकार ने जनता के…

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देहरादून, 08 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जिसने कई छोटे राजनीतिक दलों के अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) और चुनाव आयोग ने राज्य में पंजीकृत 6 अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को नोटिस जारी किया है। इन दलों पर आरोप है कि वे पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। आयोग के इस कदम ने इन दलों के लिए 21 जुलाई की शाम 5 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद उनके अंतिम डीलिस्टिंग (पंजीकरण रद्द करने) का निर्णय लिया जाएगा। यह कार्रवाई उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। क्यों चला आयोग का 'डंडा'? शर्तों पर खरे नहीं उतर रहे कई दल भारत निर्वाचन आयोग, देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों के पंजीकरण और उनके कामकाज पर कड़ी नजर रखता है। आयोग के निर्देशानुसार, उत्तराखंड में कुल 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) हैं। ये वो दल होते हैं, जिन्हें राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए पर्याप्त वोट प्रतिशत या सीटें नहीं मिली होतीं, लेकिन वे चुनाव आयोग के पास पंजीकृत होते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग की जांच में सामने आया है कि इन 42 दलों में से कई ऐसे हैं जो 'पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल' बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इन शर्तों में मुख्य रूप से शामिल हैं: नियमित आंतरिक चुनाव: दलों को अपने भीतर नियमित रूप से संगठनात्मक चुनाव कराने होते हैं, ताकि आंतरिक लोकतंत्र बना रहे। वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा करना: वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दलों को हर साल अपनी आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपनी होती है। योगदान रिपोर्ट दाखिल करना: दलों को अपने प्राप्त चंदे (कंट्रीब्यूशन) की जानकारी आयोग को देनी होती है। चुनावी गतिविधियों में भागीदारी: दलों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे लगातार चुनाव (विधानसभा या लोकसभा) में भाग लें, भले ही वे सीटें न जीतें। सक्रिय कार्यालय का पता: आयोग ने विशेष रूप से यह भी पाया है कि इन दलों के कार्यालय का कोई सही या सक्रिय पता नहीं है। यानी ये दल केवल कागजों पर मौजूद हैं, जमीनी स्तर पर इनकी कोई सक्रियता नहीं दिख रही है। आयोग ने इन्हीं मानदंडों के आधार पर उत्तराखंड के 6 ऐसे विशिष्ट दलों की पहचान की है, जिन्हें अब नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। अस्तित्व पर खतरा: 21 जुलाई शाम 5 बजे की डेडलाइन नोटिस प्राप्त करने वाले इन 6 दलों को 21 जुलाई, शाम 5 बजे तक अपना जवाब चुनाव आयोग को भेजना होगा। इस जवाब में उन्हें यह साबित करना होगा कि वे आयोग द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का पालन कर रहे हैं या क्यों उन्हें डीलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए। यदि ये दल निर्धारित समय-सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं या अपने दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं दे पाते हैं, तो भारत निर्वाचन आयोग इनकी अंतिम डीलिस्टिंग का निर्णय लेगा। डीलिस्टिंग का अर्थ है कि इन दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा, और वे अब चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं रह जाएंगे। क्यों महत्वपूर्ण है यह कार्रवाई? पारदर्शिता और जवाबदेही की पहल चुनाव आयोग द्वारा यह कार्रवाई केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि देश भर में ऐसे निष्क्रिय और गैर-अनुपालनकारी राजनीतिक दलों के खिलाफ अभियान का हिस्सा है। आयोग का मुख्य उद्देश्य है कि: राजनीतिक प्रणाली को साफ-सुथरा बनाना: ऐसे दल जो केवल कागजों पर मौजूद हैं और जिनका कोई वास्तविक राजनीतिक उद्देश्य नहीं है, उन्हें प्रणाली से हटाना। फंडिंग में पारदर्शिता: कई बार ऐसे निष्क्रिय दलों का उपयोग धन के लेन-देन या कर चोरी के लिए भी किया जाता है। आयोग ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाना चाहता है। संसाधनों का कुशल उपयोग: चुनाव आयोग के सीमित संसाधनों का उपयोग केवल सक्रिय और वास्तविक राजनीतिक दलों के लिए हो। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना: केवल वास्तविक और सक्रिय दल ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लें, जिससे राजनीतिक प्रणाली की विश्वसनीयता बढ़े। यह कदम उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य में भी एक नई बहस छेड़ सकता है, खासकर उन छोटे दलों के बीच जो अपनी पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रभाव और चुनौतियाँ: क्या खोएंगे ये दल? यदि इन 6 दलों का पंजीकरण रद्द होता है, तो उन्हें कई लाभों से वंचित होना पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं: निर्वाचक नामावली (Electoral Rolls) की निःशुल्क प्रतियां प्राप्त करने का अधिकार। सार्वजनिक प्रसारकों (जैसे दूरदर्शन और आकाशवाणी) पर मुफ्त हवाई समय। चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवारों के लिए साझा चुनाव चिह्न की सुविधा (यदि आयोग द्वारा आवंटित की जाती है)। डीलिस्ट होने के बाद, यदि ये दल भविष्य में चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें नए सिरे से पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा, जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है। यह चुनौती इन दलों के लिए उनके अस्तित्व को बचाने की आखिरी लड़ाई साबित हो सकती है। चुनाव आयोग का यह कदम स्पष्ट संदेश है कि राजनीतिक दलों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा और केवल कागजों पर पंजीकृत होकर ही राजनीतिक दल बने नहीं रहा जा सकता। उत्तराखंड में जिन दलों को नोटिस मिला है, उन्हें अब 21 जुलाई तक अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मजबूत दलीलें और प्रमाण पेश करने होंगे। इस फैसले से राज्य की छोटी राजनीतिक पार्टियों के कामकाज में निश्चित रूप से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही देखने को मिलेगी।

उत्तराखंड की सियासत में भूचाल! चुनाव आयोग का ‘डंडा’ चला, 6 राजनीतिक दलों पर लटकी ‘अस्तित्व’ की तलवार, 21 जुलाई तक ‘आखिरी मौका’

देहरादून, 08 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जिसने कई छोटे राजनीतिक दलों के अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) और चुनाव आयोग ने राज्य में पंजीकृत 6 अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को नोटिस जारी किया…

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नैनीताल, 7 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के नैनीताल में सैलानियों की स्टंटबाजी का एक और खतरनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। ज्योलिकोट क्षेत्र में एक तेज़ रफ्तार चलती हरियाणा नंबर की कार से, उसमें सवार कुछ पर्यटक सनरूफ और खिड़कियों से बाहर झांककर जानलेवा तरीके से फोटो खिंचवाते हुए नजर आए। इस खतरनाक स्टंट को देखकर सोशल मीडिया पर भारी नाराजगी फैल गई और आम लोगों ने नैनीताल पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए न केवल चालान काटा, बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न करने की सख्त चेतावनी भी दी है। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि सोशल मीडिया पर लाइक्स बटोरने का जुनून किस हद तक लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है। तेज रफ्तार कार, खतरनाक पोज़: वायरल वीडियो की पूरी कहानी वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक हरियाणा नंबर की तेज रफ्तार कार ज्योलिकोट क्षेत्र से गुजर रही है। कार में सवार कुछ युवक और युवतियां, सनरूफ से बाहर निकलकर और खिड़कियों से आधा शरीर बाहर निकालकर खतरनाक तरीके से पोज दे रहे हैं। वे चलती गाड़ी में अपनी जान जोखिम में डालकर फोटो और वीडियो बना रहे थे, संभवतः सोशल मीडिया पर 'रील्स' या पोस्ट डालने के उद्देश्य से। इस तरह की हरकतें न केवल उनमें सवार व्यक्तियों के लिए बल्कि सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा करती हैं। वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हजारों लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। गुस्साए यूजर्स ने इसे 'लापरवाही की हद' और 'पर्यटन स्थलों पर अराजकता' करार दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने नैनीताल पुलिस और उत्तराखंड पुलिस को टैग करते हुए ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। एसएसपी का त्वरित संज्ञान: तुरंत हुई चालानी कार्रवाई और काउंसलिंग नैनीताल जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा ने वायरल वीडियो का तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित वाहन और उसके चालक को तत्काल चिन्हित करने के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों पर हरकत में आई पुलिस टीम ने फुटेज के आधार पर वाहन नंबर का पता लगाया और हरियाणा नंबर की उस गाड़ी को ट्रेस कर लिया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वाहन चालक के खिलाफ चालानी कार्रवाई की। वाहन चालक पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत निर्धारित धाराओं में जुर्माना लगाया गया। सिर्फ चालान तक ही बात नहीं रुकी, पुलिस ने कार में सवार परिवार के अन्य सदस्यों की भी काउंसलिंग की। इस काउंसलिंग का उद्देश्य उन्हें उनके गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खतरों से अवगत कराना और भविष्य में ऐसी गलतियों को दोहराने से रोकना था। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान वाहन चालक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए पुलिस से माफी मांगी। उसने भविष्य में कभी भी ऐसी लापरवाही न करने का वादा भी किया। यह पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का परिणाम था कि अपराधियों को भागने का मौका नहीं मिला और उन्हें अपनी गलती का एहसास भी हुआ। सड़क हादसों पर लगाम: एसएसपी के सख्त निर्देश और पुलिस की अपील नैनीताल जनपद में सड़क हादसों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने सभी थाना प्रभारियों और यातायात पुलिस को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, अब जिले में ड्रंक एंड ड्राइव (शराब पीकर गाड़ी चलाना), ओवरस्पीडिंग (तेज रफ्तार), रैश ड्राइविंग (लापरवाह ड्राइविंग) और स्टंटबाजी के खिलाफ एक विशेष और सघन अभियान चलाया जाएगा। पुलिस ऐसी किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रखेगी जो सड़क सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। नैनीताल पुलिस ने आम जनता, विशेषकर पर्यटकों से एक सख्त अपील जारी की है: "चलती गाड़ी में किसी भी तरह की स्टंटबाजी न करें।" "सनरूफ का मतलब खतरनाक पोज़ देना नहीं है। यह सुविधा यात्रियों के आराम और आनंद के लिए है, न कि जान जोखिम में डालकर स्टंट करने के लिए।" "सोशल मीडिया पर फोटो सेशन के चक्कर में अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डालकर हादसे को न बुलाओ।" 'लाइक्स की भूख' और सड़क सुरक्षा: एक गंभीर चेतावनी यह घटना एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई की ओर इशारा करती है कि सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलोवर्स बटोरने की भूख, लोगों की अपनी और दूसरों की जान के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है। पर्यटक स्थलों पर लोग अक्सर अपनी यात्रा को यादगार बनाने और सोशल मीडिया पर 'अलग' दिखने के लिए ऐसी खतरनाक हरकतें कर बैठते हैं, जो अंततः गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल, जहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं, यदि पर्यटक खुद ही नियमों को तोड़ने लगेंगे और खतरनाक स्टंट करेंगे, तो फिर दुर्घटनाओं से कैसे बचा जा सकेगा? यह एक गंभीर सवाल है जो पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटकों की नैतिकता पर विचार करने को मजबूर करता है। नैनीताल पुलिस की यह सख्त चेतावनी है कि अब अगर उत्तराखंड की सड़कों पर किसी भी तरह की स्टंटबाजी की गई, तो सिर्फ वीडियो वायरल नहीं होगा, बल्कि तुरंत चालान कटेगा और कानूनी केस भी साथ में चलेगा। पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है: "सैर पर आइए, देवभूमि उत्तराखंड के संस्कार लेकर जाइए, स्टंट नहीं।" यह संदेश न केवल पर्यटकों के लिए है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो सड़क सुरक्षा नियमों को हल्के में लेते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसी लापरवाहियां रुकेंगी।

नैनीताल में ‘रील्स’ का जुनून पड़ा महंगा! चलती कार से स्टंट कर रहे हरियाणा के पर्यटक पर गिरी गाज, पुलिस ने काटा चालान और दी सख्त चेतावनी: ‘अब वीडियो नहीं, सीधा केस चलेगा

नैनीताल, 7 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के नैनीताल में सैलानियों की स्टंटबाजी का एक और खतरनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। ज्योलिकोट क्षेत्र में एक तेज़ रफ्तार चलती हरियाणा नंबर की कार से, उसमें सवार कुछ पर्यटक सनरूफ और खिड़कियों…

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काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं गणमान्य लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचे। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने उनका पारंपरिक ढंग से फूलमालाओं और अंगवस्त्रों से अभिनंदन किया। कोश्यारी जी ने सभी कार्यकर्ताओं का स्नेहपूर्वक आभार व्यक्त किया और संगठन के प्रति उनके समर्पण और निष्ठा की सराहना की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताया सम्मान कोश्यारी जी के स्वागत समारोह में भाग लेने वालों में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता, पूर्व सांसद प्रतिनिधि और स्थानीय नेता शामिल थे। मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में शामिल थे: पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी , भाजपा नेता दीपकोश्यारी ,शीतल जोशी,अंकुरकुमार ,हिमांशु शर्मा,राज्य मंत्री अंबिका चौधरी,सुरेश लोहिया ,अनूप सिंह,अभिषेक गोयल, जे.एस. नरूला ,प्रगट सिंह ,आनंद वैश्य ,ईश्वर चंद्र गुप्ता ,बच्चू अरोरा ,अजय शंकर कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित कर उनके योगदान को याद किया और कहा कि कोश्यारी जी का जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कोश्यारी का संदेश: "निष्ठा ही संगठन की ताकत है" संक्षिप्त बातचीत में श्री कोश्यारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की निष्ठा और प्रतिबद्धता ही किसी संगठन की असली ताकत होती है। उन्होंने कहा: " आप सभी का समर्पण ही संगठन को मजबूत बनाता है। यह देख कर हर्ष होता है कि कार्यकर्ता अब भी उसी भावना से कार्य कर रहे हैं जैसे पहले किया करते थे।" उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठन के साथ ईमानदारी और अनुशासन से जुड़े रहने का आग्रह किया। सामाजिक सरोकार और सादगी की मिसाल भगत सिंह कोश्यारी का जीवन हमेशा सादगी, पारदर्शिता और राष्ट्रभक्ति से जुड़ा रहा है। चाहे मुख्यमंत्री के रूप में रहा उनका कार्यकाल हो या महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में निभाई गई जिम्मेदारियाँ, उन्होंने हमेशा लोकहित को प्राथमिकता दी। कोश्यारी जी के इस अनौपचारिक पड़ाव ने यह एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि वे न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि जनता के प्रिय जननायक भी हैं। उनका व्यवहार, बोलने का अंदाज और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद लोगों को सहज महसूस कराता है। जनता से जुड़ाव बना रहा अटूट कोश्यारी जी अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनका जुड़ाव जनता से आज भी उतना ही प्रबल है। यह बात उनके काशीपुर आगमन पर कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भारी उपस्थिति ने सिद्ध कर दी। लोग अपने नेता को देखने और सम्मान देने के लिए स्वयं आगे बढ़कर आए। वर्तमान में भी प्रासंगिक व्यक्तित्व जहां राजनीति में बदलाव और नई पीढ़ी का प्रवेश हो रहा है, वहीं कोश्यारी जैसे वरिष्ठ नेताओं की भूमिका एक मार्गदर्शक के रूप में सामने आती है। उनके अनुभव, विचार और नेतृत्व क्षमता आज भी युवाओं के लिए सीखने योग्य हैं।

जन-जन के नायक, हिमालय पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का काशीपुर में भव्य स्वागत

काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं…

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जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना अब अपने निर्णायक चरणों की ओर बढ़ रही है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक में चौथे राउंड की मतगणना के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जिसने चुनावी दौड़ में शामिल कई ग्राम पंचायतों की तस्वीर साफ कर दी है। इस राउंड के नतीजों में विशेष रूप से महिला और युवा उम्मीदवारों का दबदबा देखने को मिला है, जो ग्रामीण राजनीति में एक नए परिवर्तन का संकेत है। मतगणना केंद्र पर कड़ी सुरक्षा के बीच घोषित इन परिणामों से विजयी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। चौथे राउंड में विजयी हुए ग्राम प्रधानों की सूची जसपुर ब्लॉक के चौथे राउंड की मतगणना में कई ग्राम पंचायतों को उनका नया नेतृत्व मिल गया है। इन परिणामों में विभिन्न आरक्षित और अनारक्षित सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। ग्राम धर्मपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति महिला): इस सीट पर नीशू ने जीत दर्ज करते हुए 491 मत प्राप्त किए और सविरोध निर्वाचित हुईं। उनकी जीत धर्मपुर में अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती है। ग्राम पूरनपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति महिला): पूरनपुर से मृदुला सागर 507 मतों के साथ विजयी रही हैं। उनकी जीत भी आरक्षित वर्ग में महिला नेतृत्व को मजबूत करती है। ग्राम नादेही (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): नादेही की सीट पर महेश सिंह ने 329 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। यह जीत उनके क्षेत्र में मजबूत जनाधार का प्रमाण है। ग्राम आसपुर (आरक्षण: अनारक्षित): आसपुर में नरेन्द्र सिंह ने 418 मत प्राप्त कर प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम राजपुर (आरक्षण: महिला): राजपुर से इल्मा परवीन ने 1347 मतों के साथ शानदार जीत दर्ज की है, जो उनके प्रति जनता के भारी विश्वास को दर्शाता है। ग्राम गढ़ीहुसैन (आरक्षण: अनारक्षित): गढ़ीहुसैन में रविन्द्र सिंह ने 541 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ग्राम कलियावाला (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): कलियावाला से बलजीत कौर 324 मतों के साथ विजयी रहीं, जो ग्रामीण राजनीति में महिला भागीदारी को बढ़ावा देती है। ग्राम कासमपुर (आरक्षण: महिला): कासमपुर में मनोज कुमारी ने 695 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ग्राम देवीपुरा (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): देवीपुरा की सीट पर सुलेखा सैनी ने 586 मतों के साथ एक निर्णायक जीत दर्ज की। ग्राम मुरलीवाला (आरक्षण: अनारक्षित): मुरलीवाला से अनुज कुमार ने 381 मत प्राप्त कर प्रधान पद का चुनाव जीता है। ग्राम खेड़ालक्ष्मीपुर (आरक्षण: महिला): खेड़ालक्ष्मीपुर में नाहिद अख्तर 985 मतों के साथ विजयी रहीं, जो महिला नेतृत्व की बढ़ती स्वीकार्यता का प्रमाण है। ग्राम सन्यासियोंवाला (आरक्षण: अनारक्षित): सन्यासियोंवाला से आशीष चौहान ने 685 मतों के साथ जीत हासिल की है। ग्राम तालबपुर (आरक्षण: अनारक्षित): तालबपुर में कविता देवी ने 546 मत प्राप्त कर प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम नारायणपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति): नारायणपुर से करतार सिंह 493 मतों के साथ विजयी रहे हैं। ग्राम सूरजपुर (आरक्षण: अनारक्षित): सूरजपुर में गुरमेज सिंह ने 339 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ये नतीजे यह दर्शाते हैं कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनता ने अपने प्रतिनिधि का चुनाव उनकी योग्यता, स्थानीय समस्याओं के प्रति उनकी समझ और उनके वादों के आधार पर किया है। बदलता ग्रामीण परिदृश्य: युवा और महिला नेतृत्व को प्राथमिकता जसपुर ब्लॉक के इन नतीजों में एक खास बात यह भी देखने को मिल रही है कि मतदाताओं ने युवा और महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। आरक्षित और अनारक्षित दोनों सीटों पर महिलाओं की जीत यह साबित करती है कि अब ग्रामीण मतदाता पुराने ढर्रे से बाहर निकलकर नए और सक्षम नेतृत्व को चुन रहे हैं। इल्मा परवीन, नाहिद अख्तर और सुलेखा सैनी जैसी महिला उम्मीदवारों की जीत यह संदेश देती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला सशक्तिकरण की लहर तेजी से फैल रही है। इन नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के सामने अब अपने-अपने गाँवों में विकास कार्यों को गति देने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होगी। मतगणना केंद्र पर उत्साह और सुरक्षा का माहौल चौथे राउंड के परिणाम घोषित होने के बाद मतगणना केंद्र पर माहौल काफी गर्मजोशी भरा रहा। विजयी उम्मीदवारों के समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच पुलिसकर्मियों ने भीड़ को नियंत्रित किया और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को होने से रोका। मतगणना हॉल में हर एक वोट की गिनती पर प्रत्याशियों के एजेंट पैनी नजर बनाए हुए थे, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही थी। आगे की तस्वीर: अंतिम परिणामों का इंतजार जसपुर ब्लॉक में मतगणना अभी भी जारी है। चौथे राउंड के बाद अब बाकी राउंड के परिणाम भी जल्द ही आने की उम्मीद है। ये परिणाम जहां ग्राम प्रधानों की तस्वीर साफ कर चुके हैं, वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के अंतिम परिणाम आने का भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं। अब सभी की निगाहें अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण उत्तराखण्ड का नेतृत्व किसके हाथों में होगा।

55 हजार ग्राम पंचायत सदस्य पद ‘लावारिस’? उत्तराखंड पंचायत चुनाव में चौंकाने वाली तस्वीर, क्या खाली रह जाएंगी हजारों गांवों की सीटें?

देहरादून, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शनिवार, 5 जुलाई को समाप्त हो गई, और जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले और चिंताजनक हैं। प्रदेशभर में ग्राम प्रधान के पदों के लिए तो नामांकन का ‘महाकुंभ’…

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काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना में 40 वर्षीय अर्जुन नामक व्यक्ति की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी राजवती गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के बाद डंपर चालक अपनी गाड़ी छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया, जिसने लोगों में गहरा आक्रोश भर दिया है। तड़के 5:30 बजे मौत बनकर आया डंपर, खुशियां मातम में बदलीं यह दुखद घटना शनिवार की तड़के लगभग 5:30 बजे घटी। महाराणा प्रताप चौक पर स्थित रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे, जहां अक्सर रात में गरीब और खानाबदोश परिवार आसरा लेते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर निवासी अर्जुन पुत्र द्वारिका अपनी पत्नी राजवती के साथ सो रहे थे। उनके लिए यह जगह ही उनका 'घर' थी, जहां वे दिनभर की थकान के बाद रात में कुछ पल की शांति तलाशते थे। लेकिन, उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि सुबह की पहली किरण से पहले ही उन पर मौत टूट पड़ेगी। एक बेहद तेज रफ्तार डंपर ने लापरवाह तरीके से चलाते हुए सीधे उसी जगह पर चढ़ गया, जहां अर्जुन और राजवती सो रहे थे। डंपर के नीचे आते ही अर्जुन को संभलने का मौका भी नहीं मिला और वह बुरी तरह कुचल गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी राजवती को भी गंभीर चोटें आईं और वह दर्द से कराह उठीं। इस क्षणभंगुर हादसे ने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया। स्थानीय लोगों ने दौड़ाई मदद, अस्पताल में मृत घोषित हादसे की जोरदार आवाज सुनकर और सुबह की गतिविधियों के लिए जग रहे कुछ लोगों की नजर जब इस भयावह मंजर पर पड़ी, तो वे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्होंने देखा कि डंपर एक व्यक्ति को कुचल चुका है और उसकी पत्नी घायल अवस्था में पड़ी है। लोगों ने बिना देर किए, घायल राजवती और खून से लथपथ अर्जुन को एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने अर्जुन को मृत घोषित कर दिया, जिससे वहां मौजूद लोगों और राजवती के लिए यह खबर किसी वज्रपात से कम नहीं थी। राजवती को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन पति को खोने का सदमा उन्हें बुरी तरह से तोड़ चुका है। इस घटना ने एक बार फिर महानगरों और कस्बों में फुटपाथ पर या खुले में सो रहे लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद चालक फरार, डंपर जब्त: पुलिस जांच में जुटी इस जघन्य हादसे के बाद, डंपर चालक ने मानवता को शर्मसार करते हुए घटनास्थल पर रुकने या घायलों की मदद करने के बजाय, अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया। यह उसका असंवेदनशील रवैया ही था, जिसने लोगों में भारी गुस्सा और आक्रोश भर दिया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा, जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने मृतक अर्जुन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त डंपर को जब्त कर लिया है और उसे थाने ले जाया गया है। पुलिस ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, साथ ही डंपर के मालिक और उसके चालक के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार चालक को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खानाबदोश परिवारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि उन हजारों बेघर और खानाबदोश परिवारों की दुखद सच्चाई को भी उजागर करती है, जिन्हें रात में सड़कों के किनारे, पुलों के नीचे या खुले में सोने पर मजबूर होना पड़ता है। उनके पास कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होता, जिससे वे हर पल दुर्घटनाओं और अन्य खतरों के साये में जीते हैं। सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या तूफान, ये लोग हर मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर होते हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा संचालित रैन बसेरे या शेल्टर होम अक्सर इनकी संख्या के मुकाबले अपर्याप्त होते हैं, या इन तक इनकी पहुंच नहीं हो पाती। इस हादसे ने एक बार फिर इन वंचित तबकों की सुरक्षा और आश्रय की आवश्यकता पर विचार करने के लिए मजबूर किया है। क्या प्रशासन को ऐसे संवेदनशील स्थानों पर रात में गश्त बढ़ानी चाहिए या इन लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थलों में पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने चाहिए? सड़क सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रश्न यह दुर्घटना काशीपुर में भारी वाहनों, विशेषकर डंपरों और ट्रकों द्वारा तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी दर्शाता है। तड़के के समय सड़कें अक्सर खाली होती हैं, और चालक अक्सर गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, जिससे ऐसे गंभीर हादसे हो जाते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग को भारी वाहनों की गति और चालकों के व्यवहार पर अधिक सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता है। इस दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा शोक व्यक्त किया है। लोगों ने अर्जुन की असामयिक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है और राजवती के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि सड़क पर सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दूसरों के जीवन के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी भी शामिल है, खासकर उन लोगों के प्रति जो सबसे कमजोर और असुरक्षित हैं। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसे निर्मम हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

काशीपुर में भीषण हादसा: आरओबी के नीचे सो रहे खानाबदोश को तेज रफ्तार डंपर ने कुचला, मौके पर मौत; पत्नी घायल, चालक फरार

काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना…

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टनकपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के टनकपुर से आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा का आगाज़ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर पर्यटक आवास गृह से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र मार्ग है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह अब भौगोलिक सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का एक सशक्त माध्यम बन गई है, जहां पहले सप्ताह भर का समय लगता था, वह अब कुछ ही घंटों में संभव हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वयं उपस्थित होकर यात्रियों का न केवल पारंपरिक रूप से स्वागत किया, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न और मालाएं भेंट कर उन्हें भावभीनी विदाई भी दी। विविधता में एकता: 11 राज्यों से आए 45 श्रद्धालुओं का पहला दल इस ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 45 श्रद्धालु शामिल हैं। यह दल भारत की आध्यात्मिक विविधता में एकता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है। इन यात्रियों में 32 पुरुष और 13 महिलाएं हैं, जो छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे 11 विभिन्न राज्यों से अपनी आस्था और भक्ति के साथ इस पवित्र यात्रा के लिए टनकपुर पहुंचे थे। यह तथ्य स्वयं में दर्शाता है कि कैलाश मानसरोवर की आध्यात्मिक ऊर्जा देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक यात्री से संवाद किया। उन्होंने यात्रियों का देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया और उनसे उनकी यात्रा संबंधी तैयारियों और अपेक्षाओं के बारे में जानकारी ली। सीएम ने बताया कि उनकी सरकार यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सीएम धामी का संबोधन: केवल यात्रा नहीं, आत्मिक जागरण का मार्ग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं और जनता को संबोधित करते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है।" सीएम ने जोर देकर कहा कि जो श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बन रहे हैं, वे केवल एक भौगोलिक यात्रा नहीं कर रहे, बल्कि वे समर्पण और आत्म-साक्षात्कार की एक गहरी अनुभूति लेकर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि के धार्मिक महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि "उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह देवभूमि अनादि काल से ही आध्यात्मिकता का केंद्र रही है और कैलाश मानसरोवर की यात्रा इसी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।" पीएम मोदी का दूरदर्शी नेतृत्व: सीमाओं को लांघती 'शिव से साक्षात्कार' की यात्रा अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले जिस कैलाश मानसरोवर यात्रा में दुर्गम रास्तों और कठिन परिस्थितियों के कारण सात दिन या उससे भी अधिक का समय लगता था, अब वह प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है जिसने श्रद्धालुओं के लिए इस पवित्र धाम तक पहुंच को बहुत आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह यात्रा अब केवल एक भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का एक सशक्त माध्यम बन गई है।" इसका सीधा अर्थ यह है कि आधारभूत संरचना के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण श्रद्धालु अब कम समय और अधिक सुविधा के साथ इस पवित्र स्थान तक पहुंच पा रहे हैं, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा और भी सुगम बन गई है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता: सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मुख्यमंत्री धामी ने यह भी दोहराया कि उत्तराखंड सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा को प्रत्येक यात्री के लिए सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग के प्रत्येक पड़ाव पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इनमें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, आरामदायक आवास व्यवस्था, पौष्टिक भोजन, पुख्ता सुरक्षा और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रद्धालुओं को अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। यह प्रतिबद्धता श्रद्धालुओं को बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने अंत में भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगी, बल्कि उत्तराखंड की देवभूमि छवि को भी और मजबूत करेगी। आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा कैलाश मानसरोवर यात्रा को सुगम बनाने और उसके पहले दल को मुख्यमंत्री द्वारा रवाना किया जाना उत्तराखंड में आध्यात्मिक पर्यटन को एक नई गति देगा। यह न केवल राज्य की आय में वृद्धि करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। कैलाश मानसरोवर जैसे पवित्र स्थलों तक आसान पहुंच से देश-विदेश के अधिक से अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड की ओर आकर्षित होंगे, जिससे राज्य की पहचान एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में और भी प्रगाढ़ होगी। यह यात्रा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक स्तर पर भी प्रदर्शित करेगी।

इतिहास रचते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल निकला! CM धामी ने टनकपुर से दी हरी झंडी, पीएम मोदी के ‘विजन’ से अब घंटों में शिव के दर्शन

टनकपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के टनकपुर से आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा का आगाज़ हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर पर्यटक आवास गृह से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक…

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देहरादून, 4 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे एसटीएफ के 'ऑपरेशन प्रहार' को बड़ी सफलता मिली है। साइबर थाना कुमाऊं की टीम ने एक ऐसे शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने मात्र एक महीने के भीतर 4.35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। इस ठग का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि यह कोई सामान्य अपराधी नहीं, बल्कि सिविल इंजीनियरिंग की डिग्रीधारी है, जिसने अपनी तकनीकी समझ का दुरुपयोग कर फर्जी मैट्रीमोनियल साइट्स, व्हाट्सएप कॉलिंग और नकली क्रिप्टो एप्लीकेशन्स के ज़रिए भोले-भाले लोगों को करोड़ों का चूना लगाया। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के लगातार बढ़ते जाल को उजागर करती है और बताती है कि कैसे पढ़े-लिखे लोग भी गलत रास्ते पर चलकर वित्तीय अपराधों के मास्टरमाइंड बन रहे हैं। शादी के नाम पर दोस्ती, फिर क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट का 'जाल' इस बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा नैनीताल निवासी एक पीड़ित की शिकायत के बाद हुआ। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसकी sangam.com नामक एक लोकप्रिय मैट्रीमोनियल वेबसाइट पर 'आरुषि रॉय' (Aroshi Roy) नाम की एक महिला से पहचान हुई थी। ऑनलाइन हुई यह पहचान कुछ समय बाद व्हाट्सएप चैट और कॉलिंग तक पहुंच गई, जहां महिला ने पीड़ित से विश्वास कायम किया। धोखेबाज महिला ने खुद को कंबोडिया में एक बड़े कपड़े के व्यापारी के रूप में पेश किया और पीड़ित को बताया कि वह क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर भारी मुनाफा कमा रही है। विश्वास जीतने के लिए, उसने पीड़ित को 'Ban' नामक एक एप्लीकेशन के ज़रिए क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए राजी किया। शुरुआती लेनदेन में, जालसाजों ने छोटी रकम वापस लौटाकर पीड़ित का भरोसा जीता, जिससे पीड़ित को लगा कि यह एक वैध और मुनाफे वाला निवेश है। इस तरह से भरोसा जीतने के बाद, धोखेबाजों ने पीड़ित से लगभग ₹62.50 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवा लिए। जब पीड़ित को अपने पैसों की वापसी में दिक्कत आने लगी और संपर्क टूट गया, तब उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है। फर्जी 'Banocoin' ऐप से दिखाते थे मुनाफा, लालच में फँसते थे लोग इस साइबर गैंग की स्क्रिप्ट बेहद चालाकी और सोच-समझकर तैयार की गई थी। पीड़ितों को जाल में फंसाने के लिए, जालसाज 'Banocoin' नामक एक फर्जी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे। इस ऐप पर, उन्हें निवेशित राशि पर फर्जी मुनाफा दिखाया जाता था। यह दिखावटी मुनाफा निवेशकों को और अधिक पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित करता था। इस लालच में आकर, कई लोग लाखों रुपये तक गंवा बैठे। पुलिस जांच में जो सामने आया वह और भी चौंकाने वाला था। आरोपी फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर मैट्रीमोनियल साइट्स पर महिलाओं का प्रोफाइल बनाकर चैटिंग करता था। शुरुआती पहचान के बाद, वह व्हाट्सएप कॉल के जरिए पीड़ितों से संपर्क साधता था और अपनी मीठी बातों और भरोसेमंद आवाज के जरिए उन्हें अपने जाल में फंसाता था। यह एक बेहद ही परिष्कृत तरीका था जिससे पीड़ितों को पता ही नहीं चल पाता था कि वे एक शातिर ठग के चंगुल में फंस रहे हैं। तमिलनाडु से दबोचा गया इंजीनियर ठग: पहले भी दर्जनभर मुकदमे उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर थाना कुमाऊं टीम ने तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर इस ठगी के मास्टरमाइंड तक पहुंच बनाई। आरोपी वेल्मुरुगन (VELMURUGAN S/O KUPPUSAMY) को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ एसटीएफ की लगातार सक्रियता का प्रमाण है। प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वेल्मुरुगन एक सिविल इंजीनियरिंग डिग्रीधारी है, जो यह साबित करता है कि साइबर अपराधी अब केवल अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोग नहीं हैं, बल्कि तकनीकी रूप से कुशल पेशेवर भी इस दलदल में फंस रहे हैं। पूछताछ में यह भी सामने आया कि सिर्फ एक महीने में आरोपी के बैंक खातों से 4.35 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है! यह आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि यह सिर्फ एक अकेला मामला नहीं है, बल्कि वेल्मुरुगन देशभर में फैले एक बड़े और संगठित साइबर गैंग की एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकता है। वेल्मुरुगन का आपराधिक इतिहास भी लंबा है। उसके खिलाफ पहले से ही तमिलनाडु के विभिन्न साइबर थानों में चार मामले दर्ज हैं: FIR No. 102/2023, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कोयंबटूर, तमिलनाडु FIR No. 188/2023, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कोयंबटूर, तमिलनाडु FIR No. 47/2024, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, मदुरई, तमिलनाडु FIR No. 28/2023, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कांचीपुरम, तमिलनाडु यह दर्शाता है कि यह अपराधी लंबे समय से साइबर धोखाधड़ी के धंधे में लिप्त था। STF का दृढ़ संकल्प: "अब नहीं बख्शे जाएंगे साइबर शातिर" वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF नवनीत सिंह के निर्देशन में, साइबर थाना कुमाऊं की टीम ने इस पूरे घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंस्पेक्टर अरुण कुमार की अगुवाई वाली टीम ने तकनीकी विश्लेषण, विभिन्न बैंक खातों की जांच, व्हाट्सएप डेटा और सर्विस प्रोवाइडर्स से प्राप्त डाटा का गहन अध्ययन किया, जिसके आधार पर आरोपी तक पहुंचा जा सका। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को हल्द्वानी जेल भेज दिया गया है, और आगे की पूछताछ और जांच जारी है ताकि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। एसटीएफ ने स्पष्ट संदेश दिया है कि साइबर अपराधियों को अब बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार' लगातार जारी रहेगा। जनता को STF की चेतावनी: “लालच में आए तो लुट गए समझो" साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एसटीएफ ने आम जनता के लिए एक सख्त चेतावनी जारी की है, जिसका शीर्षक है: “लालच में आए तो लुट गए समझो।" आयोग ने लोगों को इन बिंदुओं पर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है: फर्जी मैट्रीमोनियल साइट्स से अत्यधिक सतर्क रहें। ऑनलाइन पहचान पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। व्हाट्सएप कॉलिंग या किसी भी सोशल मीडिया पर अजनबियों से दोस्ती करने से पहले उनकी विश्वसनीयता की पूरी जांच करें। कोई भी फर्जी एप्लिकेशन, जैसे Banocoin या इसी तरह के अन्य प्लेटफॉर्म, पर इन्वेस्टमेंट करने से बचें। ये अक्सर बड़े मुनाफे का लालच देकर आपको फंसाते हैं। YouTube लाइक, सब्सक्राइब और टेलीग्राम चैनल पर दिख रहे आकर्षक इन्वेस्टमेंट ऑफर अक्सर एक बड़ा जाल होते हैं। इनकी हकीकत जाने बिना निवेश न करें। सोशल मीडिया पर किसी से भी दोस्ती करने से पहले अत्यधिक सतर्कता बरतें और अपनी निजी जानकारी साझा न करें। किसी भी फर्जी कॉल या वेबसाइट पर अपनी बैंक डिटेल्स, ओटीपी, पिन या अन्य गोपनीय जानकारी कभी भी शेयर न करें। यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो बिना देर किए तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या अपने नजदीकी साइबर थाना से संपर्क करें। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस की दृढ़ता को दर्शाती है, लेकिन जनता की जागरूकता और सावधानी ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।

बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में STF का ‘ऑपरेशन प्रहार’ सफल! 62 लाख की ठगी का मास्टरमाइंड इंजीनियर गिरफ्तार, 4.35 करोड़ के लेनदेन का सनसनीखेज खुलासा

देहरादून, 4 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे एसटीएफ के ‘ऑपरेशन प्रहार’ को बड़ी सफलता मिली है। साइबर थाना कुमाऊं की टीम ने एक ऐसे शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने मात्र एक महीने के भीतर 4.35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम…

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