सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में उठाया सवाल — उत्तराखंड को जल जीवन मिशन का बजट अब तक जारी क्यों नहीं?
नई दिल्ली/उत्तराखंड 5 दिसम्बर 2025 (समय बोल रहा)
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और नैनीताल–उधम सिंह नगर से सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा में उत्तराखंड की ग्रामीण पेयजल योजनाओं को लेकर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से पूछा कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड को वर्ष 2024–25 का बजट अभी तक जारी क्यों नहीं किया गया है।
सांसद भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है जहां बारिश, हिमपात और प्राकृतिक आपदाओं के कारण निर्माण कार्य के लिए साल में केवल 4–5 महीने ही मिलते हैं। इसके बावजूद राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति संतोषजनक है। ऐसे में बजट रोकना उचित नहीं है। उन्होंने मांग की कि बाकी का बजट तत्काल जारी किया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि कुछ योजनाओं का बजट “अस्वीकार्य” क्यों घोषित किया गया।केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का जवाबउत्तर में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि—उत्तराखंड ने वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए बजट जारी करने हेतु दो प्रस्ताव भेजे हैं, प्रक्रिया जारी है।जल जीवन मिशन के तहत देश के 15 करोड़ घरों तक साफ पेयजल पहुंचाया जा चुका है।
कई राज्यों में जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों और अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए 119 टीमों से राष्ट्रव्यापी जांच करवाई है।अब तक 4000 से अधिक ठेकेदार, अफसर, कर्मचारी और कुछ मंत्री तक जांच के दायरे में आए हैं।सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोषियों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।उत्तराखंड का बजट और आंकड़ेकेंद्रीय मंत्री के अनुसार—उत्तराखंड को 90:10 अनुपात में बजट मिलता है।
वर्ष 2019–20 से 2023–24 तक भारत सरकार ने 208,652 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, जिनका बड़ा भाग उपयोग हो चुका है।अब तक केंद्र से राज्य को 5193.75 करोड़ दिए गए हैं, जबकि राज्य सरकार ने 1260.68 करोड़ का योगदान दिया है।परियोजना की कुल लागत 9735.55 करोड़ है।इसमें से 309.5 करोड़ रुपये को अस्वीकार्य माना गया है।अस्वीकार्य हिस्से को हटाकर केंद्र सरकार को अभी भी उत्तराखंड को 3289 करोड़ रुपये जारी करने हैं।

