डीएम के आदेश पर काशीपुर में मेडिकल स्टोरों पर बड़ी छापेमारी, 7 लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति

काशीपुर, 24 सितंबर 2025 (समय बोल रहा)- उधमसिंहनगर जिले के जिलाधिकारी के सख्त आदेशों के बाद, आज काशीपुर में अवैध मेडिकल स्टोरों पर एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की गई। उपजिलाधिकारी काशीपुर के निर्देशों के तहत, औषधि नियंत्रण विभाग, काशीपुर कोतवाली पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मोहल्ला अली ख़ान और मोहल्ला साबिक थाना क्षेत्र में स्थित 14 मेडिकल स्टोरों पर औचक छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं, जिसके परिणामस्वरूप 7 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अवैध कारोबारियों पर नकेल कसना था। अभियान की पृष्ठभूमि और रणनीति पिछले कुछ समय से प्रशासन को काशीपुर के कुछ मोहल्लों में अवैध रूप से संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों के बारे में शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों में विशेष रूप से मनः प्रभावी (साइकोएक्टिव) औषधियों के अवैध कारोबार और अनियंत्रित बिक्री का उल्लेख था, जो युवाओं के बीच नशे की लत को बढ़ावा दे रहा था। जिलाधिकारी महोदय ने इन गंभीर शिकायतों का संज्ञान लिया और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। आज की छापेमारी इसी रणनीति का हिस्सा थी, जिसे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया ताकि किसी को भी पहले से इसकी भनक न लग सके। छापेमारी के लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार, ड्रग्स इंस्पेक्टर शुभम कोटनाला, निधि शर्मा, और अर्चना उप्पल शामिल थे। उनके साथ कोतवाली पुलिस बल और काशीपुर प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। यह एक सुनियोजित अभियान था, जिसमें सुबह से ही टीम ने अलग-अलग मेडिकल स्टोरों पर एक साथ धावा बोला। दवा कारोबार में मिलीं गंभीर अनियमितताएं जांच के दौरान टीम को अधिकांश मेडिकल स्टोरों में गंभीर अनियमितताएं मिलीं। एक-एक करके 14 प्रतिष्ठानों का गहन निरीक्षण किया गया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सबसे बड़ी अनियमितता यह थी कि कई मेडिकल स्टोरों में होलसेल लाइसेंस की आड़ में रिटेल का कारोबार किया जा रहा था। यह एक गंभीर उल्लंघन है, क्योंकि रिटेल मेडिकल स्टोर के लिए एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य होती है, जो दवा के वितरण और ग्राहक को सही जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन इन प्रतिष्ठानों में ऐसा कोई भी पंजीकृत फार्मासिस्ट मौके पर मौजूद नहीं था। इसके अलावा, टीम ने कई दुकानों में अस्वास्थ्यकर स्थिति पाई, जहाँ दवाइयां बेहद गंदगी और धूल के बीच रखी गई थीं। यह सीधे तौर पर स्वास्थ्य मानकों का उल्लंघन है और दवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। सबसे गंभीर मुद्दा मनः प्रभावी औषधियों से जुड़ा था। कई मेडिकल स्टोरों में ऐसी दवाएं पाई गईं, लेकिन उनके बिल या खरीद के दस्तावेज मौके पर सत्यापित नहीं हो पाए। इसका सीधा मतलब है कि इन दवाओं का अवैध रूप से भंडारण और बिक्री की जा रही थी। कड़ी कार्रवाई और प्रतिष्ठानों को सील करने का आदेश टीम ने सभी अनियमितताओं को देखते हुए मौके पर ही सख्त कार्रवाई की। कुल 14 मेडिकल स्टोरों में से 7 मेडिकल प्रतिष्ठानों के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा, एक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश की गई है। यह कदम ऐसे कारोबारियों के लिए एक कड़ा संदेश है जो नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। चार मेडिकल स्टोरों में मामूली अनियमितताएं पाई गईं, जिसके लिए उन्हें मौके पर ही नोटिस दिया गया और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगर वे समय पर सही दस्तावेज और स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई दो मेडिकल स्टोरों को सील करना था। मेसर्स न्यू राकेश मेडिकल स्टोर के संचालक टीम को देखकर मौके से फरार हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया। दूसरी दुकान, मेसर्स भगत जी मेडिकल स्टोर, में मनः प्रभावी औषधियों का बिल सत्यापित नहीं हो पाया। यह एक गंभीर अपराध माना गया और इस प्रतिष्ठान को भी प्रशासन ने सील कर दिया। भविष्य में भी जारी रहेगी यह कार्रवाई इस छापेमारी के बाद प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उपजिलाधिकारी काशीपुर ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में केवल कानूनी रूप से और स्वास्थ्य मानकों का पालन करते हुए ही दवाइयों का कारोबार हो। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह छापेमारी एक शुरुआत है और आगे भी इसी तरह के अभियान चलाकर अवैध कारोबारियों पर लगाम कसी जाएगी। यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन अब जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।

काशीपुर, 24 सितंबर 2025 (समय बोल रहा)– उधमसिंहनगर जिले के जिलाधिकारी के सख्त आदेशों के बाद, आज काशीपुर में अवैध मेडिकल स्टोरों पर एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की गई। उपजिलाधिकारी काशीपुर के निर्देशों के तहत, औषधि नियंत्रण विभाग, काशीपुर कोतवाली पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मोहल्ला अली ख़ान और मोहल्ला साबिक थाना क्षेत्र में स्थित 14 मेडिकल स्टोरों पर औचक छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं, जिसके परिणामस्वरूप 7 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अवैध कारोबारियों पर नकेल कसना था।

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अभियान की पृष्ठभूमि और रणनीति

पिछले कुछ समय से प्रशासन को काशीपुर के कुछ मोहल्लों में अवैध रूप से संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों के बारे में शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों में विशेष रूप से मनः प्रभावी (साइकोएक्टिव) औषधियों के अवैध कारोबार और अनियंत्रित बिक्री का उल्लेख था, जो युवाओं के बीच नशे की लत को बढ़ावा दे रहा था। जिलाधिकारी महोदय ने इन गंभीर शिकायतों का संज्ञान लिया और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। आज की छापेमारी इसी रणनीति का हिस्सा थी, जिसे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया ताकि किसी को भी पहले से इसकी भनक न लग सके।

छापेमारी के लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार, ड्रग्स इंस्पेक्टर शुभम कोटनाला, निधि शर्मा, और अर्चना उप्पल शामिल थे। उनके साथ कोतवाली पुलिस बल और काशीपुर प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। यह एक सुनियोजित अभियान था, जिसमें सुबह से ही टीम ने अलग-अलग मेडिकल स्टोरों पर एक साथ धावा बोला।

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दवा कारोबार में मिलीं गंभीर अनियमितताएं

जांच के दौरान टीम को अधिकांश मेडिकल स्टोरों में गंभीर अनियमितताएं मिलीं। एक-एक करके 14 प्रतिष्ठानों का गहन निरीक्षण किया गया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सबसे बड़ी अनियमितता यह थी कि कई मेडिकल स्टोरों में होलसेल लाइसेंस की आड़ में रिटेल का कारोबार किया जा रहा था। यह एक गंभीर उल्लंघन है, क्योंकि रिटेल मेडिकल स्टोर के लिए एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की उपस्थिति अनिवार्य होती है, जो दवा के वितरण और ग्राहक को सही जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन इन प्रतिष्ठानों में ऐसा कोई भी पंजीकृत फार्मासिस्ट मौके पर मौजूद नहीं था।

इसके अलावा, टीम ने कई दुकानों में अस्वास्थ्यकर स्थिति पाई, जहाँ दवाइयां बेहद गंदगी और धूल के बीच रखी गई थीं। यह सीधे तौर पर स्वास्थ्य मानकों का उल्लंघन है और दवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। सबसे गंभीर मुद्दा मनः प्रभावी औषधियों से जुड़ा था। कई मेडिकल स्टोरों में ऐसी दवाएं पाई गईं, लेकिन उनके बिल या खरीद के दस्तावेज मौके पर सत्यापित नहीं हो पाए। इसका सीधा मतलब है कि इन दवाओं का अवैध रूप से भंडारण और बिक्री की जा रही थी।

कड़ी कार्रवाई और प्रतिष्ठानों को सील करने का आदेश

टीम ने सभी अनियमितताओं को देखते हुए मौके पर ही सख्त कार्रवाई की। कुल 14 मेडिकल स्टोरों में से 7 मेडिकल प्रतिष्ठानों के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा, एक मेडिकल स्टोर के लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश की गई है। यह कदम ऐसे कारोबारियों के लिए एक कड़ा संदेश है जो नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

चार मेडिकल स्टोरों में मामूली अनियमितताएं पाई गईं, जिसके लिए उन्हें मौके पर ही नोटिस दिया गया और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगर वे समय पर सही दस्तावेज और स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई दो मेडिकल स्टोरों को सील करना था। मेसर्स न्यू राकेश मेडिकल स्टोर के संचालक टीम को देखकर मौके से फरार हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया। दूसरी दुकान, मेसर्स भगत जी मेडिकल स्टोर, में मनः प्रभावी औषधियों का बिल सत्यापित नहीं हो पाया। यह एक गंभीर अपराध माना गया और इस प्रतिष्ठान को भी प्रशासन ने सील कर दिया।

भविष्य में भी जारी रहेगी यह कार्रवाई

इस छापेमारी के बाद प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उपजिलाधिकारी काशीपुर ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में केवल कानूनी रूप से और स्वास्थ्य मानकों का पालन करते हुए ही दवाइयों का कारोबार हो। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह छापेमारी एक शुरुआत है और आगे भी इसी तरह के अभियान चलाकर अवैध कारोबारियों पर लगाम कसी जाएगी।

यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन अब जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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