खरीफ सीजन 2025: 1 मई से धान की नर्सरी और 1 जून से रोपाई की अनुमति, किसान लें योजनाओं का लाभ

रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून 2025 से धान की रोपाई भी बिना किसी प्रतिबंध के कर सकते हैं।
धान फसल के लिए समय पर तैयारी की सलाह
मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया कि वे समय से अपनी नर्सरी तैयार करें और उन्नत कृषि विधियों का पालन करें ताकि उत्पादन में वृद्धि हो। अच्छी किस्म के बीज, समय पर रोपाई और संतुलित उर्वरक उपयोग से फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: कम प्रीमियम में बड़ा सुरक्षा कवच
डॉ. सक्सेना ने बताया कि दैवीय या प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान ₹792.89 प्रति एकड़ प्रीमियम देकर ₹39644.53 प्रति एकड़ तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से लागू की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए किसान अर्पण कुमार, जिला समन्वयक (मोबाइल: 9536241931) से संपर्क कर सकते हैं।
उन्नत किस्मों के बीज पंचायत स्तर पर उपलब्ध
जनपद में कृषि विभाग द्वारा स्थापित सभी न्याय पंचायत स्तरीय कृषि निवेश केंद्रों पर धान की उन्नत प्रजातियाँ जैसे – एचकेआर-47, पंत धान-26, पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती-1637 उपलब्ध हैं। इसके अलावा उर्द की पीयू-08, 09, 10, 12, मूंग की पंत मूंग-09 और सोयाबीन की पीएस-1368, पीएस-26 जैसी उन्नत किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।
कृषि रक्षा रसायन और सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध
सभी कृषि निवेश केंद्रों पर कृषि रक्षा रसायन, कीटनाशक, जैविक उत्पाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे गुणवत्तापूर्ण व मान्यता प्राप्त उत्पादों का ही उपयोग करें।
कृषि यंत्रों के लिए समाम योजना के तहत जल्द उपलब्ध होंगे लाभ
डॉ. सक्सेना ने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुदान पाने के इच्छुक किसानों को “समाम योजना” के अंतर्गत जल्द ही लाभ मिल सकता है। भारत सरकार द्वारा मई माह के अंतिम सप्ताह तक कृषि यंत्रों के लक्ष्य प्राप्त होने की संभावना है। यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सक्रिय की जाएगी और चयनित किसानों को सब्सिडी के माध्यम से उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
जैविक खेती और जल संरक्षण पर जोर
मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों को पारंपरिक कृषि के साथ-साथ जैविक खेती को अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और भूमिगत जलस्तर में गिरावट को देखते हुए जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और शून्य लागत खेती जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।
कृषि विभाग की ओर से किसानों को दी जा रही तकनीकी सहायता
कृषि विभाग द्वारा तकनीकी सहायकों, कृषि पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों की टीमों को किसानों के गांवों में भेजा जा रहा है ताकि उन्हें बीज चयन, मिट्टी परीक्षण, उर्वरक उपयोग और कीट नियंत्रण के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सके। किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।
कृषि विभाग
कृषि विभाग का उद्देश्य है कि जनपद के हर किसान को समय पर सही जानकारी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बीमा सुरक्षा, यंत्र सुविधा और वैज्ञानिक सहयोग उपलब्ध कराया जाए, जिससे वर्ष 2025 का खरीफ सीजन उत्पादक और लाभकारी साबित हो।