जसपुर में जघन्य अपराध: 12 घंटे में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का खुलासा, बच्ची के रोने की आवाज बनी पुलिस का अहम सुराग

जसपुर, 17 सितंबर 2025 - (रिपोर्ट: समय बोल रहा ) - उत्तराखंड पुलिस की कार्यप्रणाली और दक्षता का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। एसएसपी मणिकान्त मिश्रा के कुशल नेतृत्व में कोतवाली जसपुर पुलिस ने एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और नृशंस हत्या के जघन्य मामले का खुलासा महज 12 घंटे के भीतर कर दिया। पुलिस की यह त्वरित और सटीक कार्रवाई न केवल आरोपी को सलाखों के पीछे ले आई, बल्कि समाज में फैल रही असुरक्षा की भावना को भी शांत करने का काम किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर खून से सना ब्लेड और कपड़े भी बरामद किए हैं। दर्दनाक घटना और पुलिस का त्वरित एक्शन घटना जसपुर क्षेत्र की है, जहां एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा ने तुरंत एक्शन लेते हुए 10 अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया। इन टीमों को तत्काल प्रभाव से आरोपी की तलाश में लगा दिया गया। पुलिस का लक्ष्य था कि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए और कानून का राज स्थापित किया जाए। पुलिस ने अपनी जांच की शुरुआत घटनास्थल और उसके आसपास के इलाके से की। स्थानीय लोगों और संभावित चश्मदीदों से पूछताछ की गई। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती कम समय में आरोपी की पहचान करना था, क्योंकि अपराध को बड़ी ही चालाकी से अंजाम दिया गया था। बच्ची के रोने की आवाज बनी अहम सुराग जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने एक बेहद अहम जानकारी जुटाई। पड़ोसियों ने बताया कि घटना की रात उन्होंने एक बच्ची के रोने की आवाज सुनी थी, जो बाद में अचानक बंद हो गई। पुलिस ने इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए, उन सभी घरों और रास्तों की गहन तलाशी शुरू की जहां से यह आवाज आई हो सकती थी। पुलिस की पारखी नजर ने एक ऐसे संदिग्ध पर फोकस किया, जिसकी गतिविधियां सामान्य नहीं लग रही थीं और जिसका बर्ताव पुलिस को देखकर बदल रहा था। जब पुलिस ने उस व्यक्ति से पूछताछ की, तो वह घबरा गया और पुलिस के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाया। पुलिस का शक पुख्ता हो गया और सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी ने न केवल नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि अपनी पहचान छिपाने के लिए उसकी नृशंस हत्या भी कर दी थी। आरोपी की पहचान और पिछली अपराधिक पृष्ठभूमि आरोपी की पहचान होने के बाद, पुलिस उसे लेकर घटनास्थल पर पहुंची। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वह ब्लेड और कपड़े बरामद किए, जिनसे इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था। ये बरामदगी इस केस के लिए अहम सबूत साबित हुई। पुलिस ने बताया कि आरोपी पर पूर्व में भी कोतवाली जसपुर में एक गंभीर मुकदमा पंजीकृत है, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है। पुलिस की इस तेज तर्रार कार्रवाई और सूझबूझ से पूरे मामले का खुलासा हो गया और 12 घंटे के भीतर ही आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गया। पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। इस घटना से जहां एक ओर समाज में भय का माहौल बना था, वहीं पुलिस की इस कार्रवाई ने जनता में विश्वास बहाल किया है। एसएसपी मणिकान्त मिश्रा ने अपनी टीमों के हर सदस्य की पीठ थपथपाई और उन्हें इस मुश्किल केस को सुलझाने के लिए बधाई दी।

जसपुर, 17 सितंबर 2025(रिपोर्ट: समय बोल रहा ) – उत्तराखंड पुलिस की कार्यप्रणाली और दक्षता का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। एसएसपी मणिकान्त मिश्रा के कुशल नेतृत्व में कोतवाली जसपुर पुलिस ने एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और नृशंस हत्या के जघन्य मामले का खुलासा महज 12 घंटे के भीतर कर दिया। पुलिस की यह त्वरित और सटीक कार्रवाई न केवल आरोपी राजीव पुत्र मोहन सिंह को सलाखों के पीछे ले आई, बल्कि समाज में फैल रही असुरक्षा की भावना को भी शांत करने का काम किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर खून से सना ब्लेड और कपड़े भी बरामद किए हैं।


दर्दनाक घटना और पुलिस का त्वरित एक्शन

घटना जसपुर क्षेत्र की है, जहां एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा ने तुरंत एक्शन लेते हुए 10 अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया। इन टीमों को तत्काल प्रभाव से आरोपी की तलाश में लगा दिया गया। पुलिस का लक्ष्य था कि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए और कानून का राज स्थापित किया जाए।

पुलिस ने अपनी जांच की शुरुआत घटनास्थल और उसके आसपास के इलाके से की। स्थानीय लोगों और संभावित चश्मदीदों से पूछताछ की गई। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती कम समय में आरोपी की पहचान करना था, क्योंकि अपराध को बड़ी ही चालाकी से अंजाम दिया गया था।


बच्ची के रोने की आवाज बनी अहम सुराग

जांच के दौरान पुलिस की एक टीम ने एक बेहद अहम जानकारी जुटाई। पड़ोसियों ने बताया कि घटना की रात उन्होंने एक बच्ची के रोने की आवाज सुनी थी, जो बाद में अचानक बंद हो गई। पुलिस ने इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए, उन सभी घरों और रास्तों की गहन तलाशी शुरू की जहां से यह आवाज आई हो सकती थी। पुलिस की पारखी नजर ने एक ऐसे संदिग्ध पर फोकस किया, जिसकी गतिविधियां सामान्य नहीं लग रही थीं और जिसका बर्ताव पुलिस को देखकर बदल रहा था।

जब पुलिस ने उस व्यक्ति से पूछताछ की, तो वह घबरा गया और पुलिस के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाया। पुलिस का शक पुख्ता हो गया और सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपी ने न केवल नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि अपनी पहचान छिपाने के लिए उसकी नृशंस हत्या भी कर दी थी।


आरोपी की पहचान और पिछली अपराधिक पृष्ठभूमि

आरोपी की पहचान होने के बाद, पुलिस उसे लेकर घटनास्थल पर पहुंची। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वह ब्लेड और कपड़े बरामद किए, जिनसे इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था। ये बरामदगी इस केस के लिए अहम सबूत साबित हुई। पुलिस ने बताया कि आरोपी पर पूर्व में भी कोतवाली जसपुर में एक गंभीर मुकदमा पंजीकृत है, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

पुलिस की इस तेज तर्रार कार्रवाई और सूझबूझ से पूरे मामले का खुलासा हो गया और 12 घंटे के भीतर ही आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गया। पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। इस घटना से जहां एक ओर समाज में भय का माहौल बना था, वहीं पुलिस की इस कार्रवाई ने जनता में विश्वास बहाल किया है। एसएसपी मणिकान्त मिश्रा ने अपनी टीमों के हर सदस्य की पीठ थपथपाई और उन्हें इस मुश्किल केस को सुलझाने के लिए बधाई दी।

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