जसपुर: 35 बैलजुड़ी में बिजली संकट, जिला पंचायत सदस्य चरणजीत सिंह ने दिया धरने का अल्टीमेटम

जसपुर, 16 सितंबर 2025 – (समय बोल रहा ) – जसपुर के 35 बैलजुड़ी क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं और गरीब जनता को हो रही समस्याओं को लेकर अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता के इस रोष को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य चरणजीत सिंह ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के अधिशासी अभियंता को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि आगामी शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 तक जनता की समस्याओं के निवारण हेतु कैंप कार्यालय लगाने का आदेश नहीं मिला, तो वे उसी दिन धरने पर बैठ जाएंगे। उनकी यह चेतावनी तब आई है जब बार-बार संपर्क करने के बावजूद भी विद्युत प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
लंबित मांग और बढ़ती नाराजगी
जिला पंचायत सदस्य चरणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए काफी समय पहले ही अधिशासी अभियंता, जसपुर को एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से 35 बैलजुड़ी क्षेत्र में कैंप कार्यालय के आयोजन की मांग की थी। इस कैंप का उद्देश्य क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं की बिल संबंधी, कनेक्शन संबंधी और अन्य तकनीकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान करना था, ताकि गरीब और दूर-दराज के उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें।
उन्होंने कहा कि यह एक बेहद संवेदनशील और जनहित से जुड़ा मुद्दा है, लेकिन विद्युत प्रशासन ने इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उन्हें यह बताया गया कि कैंप कब तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की कि कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अधिशासी अभियंता द्वारा फोन भी नहीं उठाया गया। इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना रवैया जनता के प्रति विद्युत विभाग की उदासीनता को दर्शाता है, जिससे जनता में भारी रोष है।
सीधी चेतावनी और धरना प्रदर्शन का ऐलान
जनता के दबाव और अधिकारियों के असहयोगपूर्ण रवैये से निराश होकर, चरणजीत सिंह ने अब सीधा और निर्णायक कदम उठाने का फैसला किया है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कहा, “मैंने अधिशासी अभियंता को अंतिम चेतावनी दी है। यदि 19 सितंबर 2025, दिन शुक्रवार तक कैंप कार्यालय लगाने का आदेश जारी नहीं हुआ, तो मैं स्वयं जनता के साथ मिलकर धरने पर बैठूंगा।” उन्होंने कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती और जनता को हो रही समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बैलजुड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए जसपुर स्थित मुख्य कार्यालय तक जाने में असमर्थ हैं। ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए यह कैंप कार्यालय एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। बिजली के बिलों में गड़बड़ी, मीटर रीडिंग की समस्या और नए कनेक्शन की प्रक्रिया में देरी जैसी शिकायतें आम हो गई हैं, जिनका समाधान तत्काल होना जरूरी है।
प्रशासन पर बढ़ता दबाव
चरणजीत सिंह की यह चेतावनी विद्युत प्रशासन पर दबाव बनाने का काम कर सकती है। एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के नाते, उनका यह कदम सीधे तौर पर जनता की आवाज को दर्शाता है। अगर यह धरना प्रदर्शन होता है तो यह प्रशासन की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करेगा। अब देखना यह है कि क्या अधिशासी अभियंता इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं और समय रहते कैंप कार्यालय का आयोजन सुनिश्चित करते हैं, या फिर उन्हें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल, सभी की निगाहें शुक्रवार, 19 सितंबर के दिन पर टिकी हैं, जो इस मुद्दे का भविष्य तय करेगा।