उत्तराखंड कैबिनेट बैठक का ऐतिहासिक फैसला: राज्य की पहली जियोथर्मल पॉलिसी को मिली हरी झंडी, अब बेटे के 18 साल पूरे होने पर भी नहीं रुकेगी विधवा/वृद्धा पेंशन! आम आदमी को बड़ी राहत

देहरादून, 9 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। सचिवालय में सुबह 12 बजे शुरू हुई और लगभग 2 घंटे तक चली इस बैठक में राज्य सरकार ने जनता के हित में कई बड़े निर्णय लिए हैं। इनमें राज्य की पहली जियोथर्मल एनर्जी पॉलिसी को मंजूरी मिलना और विधवा व वृद्धावस्था पेंशन को लेकर लिया गया एक बड़ा सामाजिक निर्णय सबसे अहम हैं, जो सीधे तौर पर आम लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
पंचायत चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के कारण, इस कैबिनेट बैठक की आधिकारिक ब्रीफिंग नहीं हो पाई। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन फैसलों को राज्य के विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
उत्तराखंड की ऊर्जा क्रांति: पहली जियोथर्मल पॉलिसी को मंजूरी
कैबिनेट बैठक का सबसे महत्वपूर्ण फैसला उत्तराखंड की पहली जियोथर्मल एनर्जी पॉलिसी को मंजूरी देना है। यह एक गेमचेंजर पॉलिसी साबित हो सकती है, खासकर उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए जहां नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अपार संभावनाएं हैं। जियोथर्मल ऊर्जा, धरती की आंतरिक गर्मी का उपयोग कर बिजली उत्पादन करने की तकनीक है, जो स्वच्छ, निरंतर और पर्यावरण के अनुकूल होती है।
उत्तराखंड में भूगर्भीय ताप (जियोथर्मल) की क्षमता व्यापक है, विशेषकर हिमालयी क्षेत्रों में। इस नीति को मंजूरी मिलने से राज्य में जियोथर्मल ऊर्जा के अन्वेषण, विकास और दोहन का रास्ता खुल गया है। यह न केवल राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी सहायक होगा। इससे राज्य में नए निवेश आकर्षित होंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। यह फैसला उत्तराखंड को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लाखों परिवारों को राहत: अब बेटे के 18 साल पर भी नहीं रुकेगी विधवा/वृद्धा पेंशन
समाज कल्याण विभाग से जुड़ा एक और ऐतिहासिक और मानवीय फैसला कैबिनेट ने लिया है, जो सीधे तौर पर समाज के कमजोर और जरूरतमंद तबके को राहत पहुंचाएगा। अब तक के नियमों के तहत, विधवा या वृद्धावस्था पेंशन अक्सर तब रोक दी जाती थी जब पेंशन धारक का पुत्र 18 वर्ष का हो जाता था, यह मानते हुए कि अब वह अपनी माँ या बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल कर सकता है।
लेकिन, कैबिनेट ने इस नियम में बड़ा बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया है कि पुत्र के 18 साल पूरे होने पर भी वृद्धावस्था और विधवा पेंशन मिलती रहेगी। यह उन लाखों माताओं और बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत है जो अक्सर अपने बच्चों के बालिग होने के बाद भी आर्थिक रूप से कमजोर रहते हैं और पेंशन पर ही निर्भर होते हैं। यह फैसला समाज के एक बड़े वर्ग को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा और उन्हें अनिश्चितता के दौर में आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। यह धामी सरकार की सामाजिक संवेदनशीलता और कल्याणकारी नीतियों का प्रतीक माना जा रहा है।
बुनियादी ढांचे और सुशासन पर भी अहम मुहर
कैबिनेट बैठक में केवल ऊर्जा और सामाजिक कल्याण ही नहीं, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे और सुशासन से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है। सूत्रों के मुताबिक, इन प्रस्तावों में शामिल हैं:
- पुलों की वहन क्षमता का उन्नयन: पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के तहत प्रदेश में ‘बी’ ग्रेड के पुलों को ‘ए’ ग्रेड में अपग्रेड किए जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है, जो इन पुलों की वहन क्षमता बढ़ाने के लिए अध्ययन और योजना तैयार करेगी। यह निर्णय पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहां मजबूत पुल सड़कें और आवागमन की जीवनरेखा होते हैं। इससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और दुर्घटनाओं का जोखिम भी कम होगा।
- डिजिटल फॉरेंसिक लेबोरेटरी: राज्य कर विभाग में डिजिटल फॉरेंसिक लेबोरेटरी की स्थापना को मंजूरी दी गई है। यह लैब डिजिटल अपराधों, साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय घोटालों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे राज्य की जांच एजेंसियों की क्षमताएं बढ़ेंगी और वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
- वित्त सेवा संवर्ग का पुनर्गठन: उत्तराखंड के वित्त सेवा संवर्ग के पुनर्गठन को भी मंजूरी मिल गई है। यह कदम राज्य के वित्तीय प्रबंधन को और अधिक कुशल और आधुनिक बनाने की दिशा में उठाया गया है।
- सतर्कता विभाग का सशक्तिकरण: सतर्कता विभाग के संशोधित ढांचे को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत इसमें पदों की संख्या बढ़ाकर 152 कर दी गई है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और राज्य में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को मजबूत करेगा।
- खनिज अन्वेषण और फाउंडेशन न्यास: उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास, 2025 और उत्तराखंड जिला खनिज फाउंडेशन न्यास, 2025 को प्रख्यापित किए जाने को भी मंजूरी मिली है। यह राज्य के खनिज संसाधनों के अन्वेषण, प्रबंधन और खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों के कल्याण के लिए एक व्यवस्थित ढांचा प्रदान करेगा।
धामी सरकार का ‘समग्र विकास’ विजन
ये सभी फैसले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘समग्र विकास’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन को दर्शाते हैं। एक ओर जहां जियोथर्मल पॉलिसी और पुलों का उन्नयन राज्य के आर्थिक और भौतिक विकास को गति देगा, वहीं विधवा/वृद्धा पेंशन में बदलाव और सतर्कता विभाग का सशक्तिकरण सामाजिक न्याय और सुशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हालांकि, पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते इन फैसलों का विस्तृत विवरण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इन महत्वपूर्ण निर्णयों को जनता के सामने रखेगी और इनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी। यह कैबिनेट बैठक निश्चित रूप से उत्तराखंड के भविष्य के लिए कई नई राहें खोलेगी।