(रिपोर्टर – समय बोल रहा)- काशीपुर – 06 जून, 2024-
काशीपुर। गढ़ीनेगी स्थित श्री हरि कृपा धाम आश्रम में स्वामी श्री हरि चैतन्यपुरी जी महाराज ने एक विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सच्चे और दृढ़ निश्चयी भक्त की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं। उन्होंने बताया कि जो भक्त प्रभु के प्रति समर्पित होता है और अपने कर्तव्यों का पालन करता है, उसकी रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।
उन्होंने प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा कि प्रहलाद ने अत्याचार सहते हुए भी भगवान का नाम नहीं छोड़ा और अंततः भगवान ने उसकी रक्षा की। हिरण्यकश्यप के अहंकार का नाश करते हुए भगवान ने यह सिद्ध किया कि सच्चे भक्त की हमेशा रक्षा होती है।
स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि असली वीरता बाहरी शत्रुओं को हराने में नहीं, बल्कि अपने मन और इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने में है। उन्होंने कहा, “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत है। सुख और दुख केवल मन की अवस्थाएं हैं। मन की अनुकूलता में सुख और प्रतिकूलता में दुख का अनुभव होता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए ताकि हम सच्चे सुख का अनुभव कर सकें। उनके प्रवचनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और वातावरण “श्री गुरु महाराज”, “कामां के कन्हैया” और “लाठी वाले भैय्या की जय जयकार” से गूंज उठा।
इसके अतिरिक्त, स्वामी जी ने भक्तों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने जीवन में सकारात्मकता और सदाचार का पालन करें। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा, और प्रेम के मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे भक्त बन सकते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कृत्य, जैसे दूसरों की मदद करना, ईमानदारी से काम करना और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना, हमें भगवान के करीब लाते हैं।
इस अवसर पर आश्रम में कई सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी भक्तों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और स्वामी जी के संदेश को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।