उत्तराखंड पंचायत चुनावों से हटा ग्रहण, हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी; आयोग ने जारी किया ‘नया’ और ‘अंतिम’ कार्यक्रम, देखें आपकी वोटिंग-गिनती की तारीखें!

देहरादून, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर छाया अनिश्चितता का बादल आखिरकार छंट गया है! मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखंड, नैनीताल ने रिट याचिका में अपना स्थगनादेश समाप्त कर दिया है, जिसके तुरंत बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सक्रियता दिखाते हुए पंचायत चुनावों का संशोधित और अंतिम कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह खबर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की लहर ले आई है, जहां चुनावी तैयारियों में जुटे प्रत्याशी और मतदाता पिछले कुछ दिनों से असमंजस की स्थिति में थे। अब राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार को छोड़कर) में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: स्थगन समाप्त, लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त
आपको बता दें कि मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखंड, नैनीताल में योजित रिट याचिका संख्या 400 (एम०बी०) वर्ष 2025 (बिरेन्द्र सिंह बुटोला बनाम उत्तराखण्ड राज्य एवं अन्य) तथा इससे संबंधित अन्य रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मा० न्यायालय ने 23 जून, 2025 को त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन कार्यक्रम पर स्थगनादेश जारी किया था। इस स्थगन आदेश के फलस्वरूप आयोग द्वारा अधिसूचना संख्या-1242 दिनांक 24.06.2025 के माध्यम से निर्वाचन कार्यक्रम को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया गया था। इसके कारण नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी और नामांकन पत्रों की बिक्री भी रुक गई थी, जिससे पूरे राज्य में राजनीतिक हलचल थम सी गई थी।
लेकिन, मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखंड, नैनीताल ने अब अपनी नवीनतम सुनवाई के बाद दिनांक 27 जून, 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। इस आदेश द्वारा पूर्व में दिया गया स्थगनादेश समाप्त कर दिया गया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि निर्वाचन प्रक्रिया को जिस स्थिति में रोका गया था, उसी स्थिति से पुनः प्रारम्भ किया जाए। इसके साथ ही, राज्य निर्वाचन आयोग को “भारत का संविधान” की धारा 243-ट के क्रम में परीक्षण कर उक्त संवैधानिक व्यवस्था का अनुपालन करते हुए कार्यक्रम जारी करने के निर्देश दिए गए थे। यह निर्णय लोकतंत्र की प्रक्रिया की निरंतरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
राज्य निर्वाचन आयोग की तत्परता: सुशील कुमार ने जारी किया नया कार्यक्रम
मा० उच्च न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद, राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड ने बिना देर किए कार्यवाही शुरू कर दी। श्री सुशील कुमार, राज्य निर्वाचन आयुक्त, उत्तराखंड, ने “भारत का संविधान” के अनुच्छेद 243-ट में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, और सचिव, पंचायतीराज, उत्तराखंड शासन, देहरादून की अधिसूचना संख्या-918/XII(1)/2025/86(16)/2019 दिनांक 28 जून, 2025 के क्रम में, तत्काल प्रभाव से एक संशोधित निर्वाचन कार्यक्रम जारी कर दिया है।
इस नई अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के 12 जनपदों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) की समस्त ग्राम पंचायतों के सदस्यों, ग्राम पंचायतों के प्रधानों, क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों एवं जिला पंचायतों के सदस्यों के निर्वाचन निम्नांकित विर्निदिष्ट समय सारिणी के अनुसार सम्पन्न कराये जाएंगे। यह दिखाता है कि आयोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पंचायत चुनाव का संशोधित एवं अंतिम कार्यक्रम: सभी महत्वपूर्ण तारीखें एक नज़र में
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नया और विस्तृत निर्वाचन कार्यक्रम दो चक्रों में संपन्न होगा। सभी प्रत्याशी और मतदाता इन महत्वपूर्ण तिथियों को ध्यान से नोट कर लें:
प्रथम चक्र:
- नामांकन की तिथियां: 02 जुलाई, 2025 से 05 जुलाई, 2025 तक (सुबह 08:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक)
- नामांकन पत्रों की जांच की तिथियां: 07 जुलाई, 2025 से 09 जुलाई, 2025 तक (सुबह 08:00 बजे से कार्य की समाप्ति तक)
- नाम वापसी हेतु तिथि: 10 जुलाई, 2025 व 11 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक)
- निर्वाचन प्रतीक आवंटन की तिथि: 14 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से कार्य की समाप्ति तक)
- मतदान की तिथि: 24 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक)
- मतगणना एवं परिणामों की घोषणा: 31 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से कार्य की समाप्ति तक)
द्वितीय चक्र:
- नामांकन की तिथियां: 02 जुलाई, 2025 से 05 जुलाई, 2025 तक (प्रथम चक्र के समान)
- नामांकन पत्रों की जांच की तिथियां: 07 जुलाई, 2025 से 09 जुलाई, 2025 तक (प्रथम चक्र के समान)
- नाम वापसी हेतु तिथि: 10 जुलाई, 2025 व 11 जुलाई, 2025 (प्रथम चक्र के समान)
- निर्वाचन प्रतीक आवंटन की तिथि: 18 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से कार्य की समाप्ति तक)
- मतदान की तिथि: 28 जुलाई, 2025 (सुबह 08:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक)
- मतगणना एवं परिणामों की घोषणा: 31 जुलाई, 2025 (प्रथम चक्र के समान, सुबह 08:00 बजे से कार्य की समाप्ति तक)
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्वाचन कार्यक्रम दो चक्रों में होंगे और चक्रवार विकास खण्डों का निर्धारण परिशिष्ट-क में संलग्न है, जिसकी जानकारी संबंधित जिला निर्वाचन कार्यालयों से प्राप्त की जा सकती है।
खुशी का माहौल और आगे की उम्मीदें
इस घोषणा से ग्रामीण उत्तराखंड में उत्साह का माहौल है। जिन प्रत्याशियों ने पहले से तैयारियां कर ली थीं, वे अब नए कार्यक्रम के अनुसार अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे। यह फैसला न केवल उम्मीदवारों बल्कि स्थानीय जनता के लिए भी राहत लेकर आया है, क्योंकि पंचायतें ग्रामीण विकास की रीढ़ होती हैं और उनके निर्वाचित न होने से कई योजनाएं और कार्य बाधित हो रहे थे।
राज्य निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका की तत्परता ने यह सुनिश्चित किया है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक व्यवधान न आए। अब सभी की निगाहें आगामी नामांकन और मतदान की तिथियों पर टिकी हैं, ताकि ग्रामीण स्तर पर नई सरकारें बन सकें और विकास की प्रक्रिया पुनः गति पकड़ सके।