जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कहा कि “जल है तो कल है“
(समय बोल रहा ) रुद्रपुर-
गिरते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने कहा कि “जल है तो कल है“ इसलिए हमें कार्ययोजना बनाते हुए जलस्रोतों, जलधाराओं, नदियों व जलाशयों का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना होगा।
जिलाधिकारी श्री सिंह ने जल शक्ति अभियान की एपीजे सभागार में बैठक लेते हुए कहा कि भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पानी की एक-एक बूॅद को संरक्षित करना आवश्यक होगा। इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाते हुए जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए कार्य करना सुनिश्चित करें और जनता को भी जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर, क्षेत्र पंचायत व जनपद स्तर पर जल संरक्षण कार्य अधिक से अधिक किए जाएं तथा जल संरक्षण कार्यों की जियो-टैगिंग की जाए। उन्होने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अधिक से अधिक योजनाओं को जल शक्ति अभियान के तहत ’’कैच द रेन’’ की कार्ययोजना में शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा स्तर पर जल स्रोत, जलधारा, नौलों, गाड़-गधेरों को सदानीर बनाये रखने हेतु उनके संरक्षण कार्य किए जाएं तथा उनके कैचमेंट एरिया में चौड़े पत्तीदार पौधारोपण किया जाए, इसीतरह क्षेत्र पंचायत स्तर पर अमृत सरोवर, कंटूर ट्रेचेंज, रिचार्ज पिट्स, रिचार्ज साफ्ट बनाये जाएं। इसके साथ ही वन क्षेत्रों में चाल-खाल खंत्तियां, जलाशय बनाएं जाएं व उनके कैचमेंट एरिया में पौधारोपण किया जाए। इसी तरह जनपद स्तर पर नदियों का पुनर्जीवीकरण व जलाशयों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं डिसिल्टिंग का कार्य किया जाए व नदियों व जलाशयों के किनारों पर खाली स्थानों में पौधारोपण किया जाए, इस हेतु ग्राम विकास, वन, सिंचाई, पेयजल, कृषि उद्यान, मत्स्य आदि संबंधित विभाग समन्वय करते हुए कार्ययोजना के तहत कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण, नगर निगम, जो भवन नक्शा प्लान पास करें उनमें वर्षा जल संग्रहण अनिवार्य रखा जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) के तहत किए जा रहे कार्यों की जियो-टैगिंग करते हुए डाटा नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने सीएम घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सीएम घोषणाओं के कार्यों को गंभीरता से लेते हुए समय से कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें तथा जो घोषणाएं जनपद स्तर पर लंबित हैं उनकी भूमि चयन व डीपीआर बनाकर तुरंत शासन को भेजें। उन्होंने सीएम हेल्पलाईन में प्राप्त समस्याओं का भी प्राथमिकता से निराकरण करें व शिकायतकर्ता से स्वयं वार्ता भी करंें ।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, अधि. अभियंता सिंचाई पीसी पांडे, जल निगम ज्योति पालनी, जल संस्थान तरूण शर्मा, ग्रामीण निर्माण निगम पंकज कुमार, कृषि भूमि संरक्षण अधिकारी शशिकमल, सहायक अभियंता लघु सिंचाई टिंकू सिंह, विशाल प्रसाद सहित सभी नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारी आदि उपस्थित थे।