रूद्रपुर, 05 जून, 2024(समय बोल रहा)-
सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से जल संरक्षण एवं पौधारोपण अभियान की बैठक लेते हुए जल संरक्षण अभियान के तहत जल स्रोत, जल धारा व नदियों के पुनरजीवीकरण हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूजल स्तर लगातार गिर रहा है इसलिए क्रिटिकल जल स्रोत, जल धारा जिनमें रिजार्ज 50 प्रतिशत से कम हो गया है उनको रिचार्ज करने एवं नदियों का पुनरजीवीकरण नितान्त आवश्यक है इसलिए कार्ययोजना बनाकर धरातल पर कार्य किये जाये। उन्होने कहा कि सिंचाई, वन, जल निगम, जल संस्थान, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज विभाग जल संरक्षण कार्यों का बेस लाइन सर्वे व बेस लाइन डाटा भी तैयार करें ।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षाकाल में हरेला से 15 अगस्त तक वृहद स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा, इसके भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिएं । उन्होने कहा जल स्रोतों, जल धाराओं, नदियों के कैचमेंट एरिया के साथ ही तालाब-पोखरों, जलाशयों के पास भी वृहद पौधारोपण किया जाये, इस हेतु जनसहभागिता अति आवश्यक है । उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर, न्याय पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर वृहद वृक्षारोपण अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, इसकी भी अभी से कार्ययोजना तैयार कर ली जाए वृक्षारोपण कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, ब्लॉक प्रमुख, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्वयं सहायता समूहोे, महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, स्कूली बच्चों व वृहद जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए। सभी को पौधारोपण के महत्व को भी बताया जाए।
जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत , क्षेत्र पंचायत व जिला स्तर पर जल स्रोत, नदियों के पुनरजीवितिकरण हेतु चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है , साथ ही जल संरक्षण हेतु रिचार्ज पिट, रिचार्ज साफ्ट ,पॉन्ड बनाए जाएंगे व वृहद वृक्षारोपण भी किया जाएगा। उन्होने कहा कि पानी संचय हेतु बौर जलाशय व गूलरभोज जलाशय की डिसिल्टिंग भी कराई जा रही है। उन्होने बताया कि भूमिगत जल दोहन को रोकने के ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित करने के लिए किसानों के साथ दो बैठकें कर ली गई हैं, किसानों को ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का , दलहनी फसलों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया गया है जिसमें किसान सहमत भी हैं। उन्होने बताया कि सरकारी सैनिक फार्म, व पंतनगर विश्वविद्यालय में ग्रीष्मकालीन धान बुआई जो फरवरी से अप्रैल तक की जाती है उसे बंद करने का आदेश भी जारी किया गया है ।
बैठक में वीसी प्राधिकरण अभिषेक रूहेला, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, उमेश तिवारी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. ए के सिंह, नगर उपायुक्त शिप्रा जोशी पांडे, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी, अधीक्षण अभियंता जल निगम मृदुला सिंह, अधिशासी अभियंता ज्योति पालनी, सिंचाई पीसी पांडे, अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह व जल संस्थान के साथ ही अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।