ऊधमसिंहनगर 12 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में एक नगर पालिका अध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाते हुए आगामी 14 अगस्त को होने वाले ब्लॉक प्रमुख चुनाव को कैमरे की निगरानी में कराने की अपील की है। उन्होंने अपनी मांग के पीछे चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई कथित धांधली का हवाला दिया, जिसमें भाजपा पर वोटों की चोरी का आरोप लगा था। चंडीगढ़ चुनाव का दिया हवाला गुरजीत सिंह गित्ते ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने हाल ही में हुए चंडीगढ़ निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भाजपा ने सरेआम वोटों की चोरी करते हुए अपना मेयर बना लिया था। उन्होंने आशंका जताई कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी इस तरह की घटनाएँ हो सकती हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना और कैमरे की निगरानी में चुनाव कराना अनिवार्य है। समर्थकों ने भी उठाई आवाज प्रेस वार्ता के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष के साथ कई सभासद और अन्य समर्थक भी मौजूद थे, जिन्होंने उनकी मांग का समर्थन किया। इनमें सभासद जगतजीत सिंह, सुनील कुमार, आदित्य चानना, सिंह स्वरूप भारती, राजदीप तिवारी, मो. हनीफ, नत्था सिंह धवन, साबिर हुसैन, वाजिद अली, विवेक पाण्डेय आदि शामिल थे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की धांधली की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, और इसके लिए सीसीटीवी कैमरे सबसे बेहतर समाधान हैं। निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है निगरानी गिते ने कहा कि कैमरे की निगरानी से न केवल वोटों की चोरी जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा, बल्कि यह प्रत्याशियों और मतदाताओं के बीच भी विश्वास पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने से लोकतंत्र कमजोर होता है, इसलिए प्रशासन को इस मांग को गंभीरता से लेना चाहिए। यह मांग ऐसे समय में आई है जब पूरा जिला ब्लॉक प्रमुख चुनावों की तैयारियों में जुटा हुआ है और प्रशासन पहले ही मतदान और मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कह चुका है। अब देखना यह है कि गुरजीत सिंह गित्ते की इस मांग पर जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है। यह मुद्दा अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।

ब्लॉक प्रमुख चुनाव में पारदर्शिता की मांग: नगर पालिका अध्यक्ष ने चंडीगढ़ की घटना का हवाला देते हुए कैमरे की निगरानी में मतदान की मांग की

ऊधमसिंहनगर 12 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में एक नगर पालिका अध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाते हुए आगामी 14 अगस्त को होने वाले ब्लॉक प्रमुख चुनाव को कैमरे की निगरानी में कराने…

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गदरपुर, 09 अगस्त 2025 (समय बोल रहा) – गदरपुर ब्लॉक प्रमुख चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है जिसने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। शुक्रवार को गदरपुर ब्लॉक प्रमुख पद की दावेदार जसविंदर कौर और उनके प्रतिनिधि, युवा किसान नेता गगनदीप सिंह के दुर्गापुर स्थित आवास पर पुलिस ने दस्तक दी। हालांकि पुलिस इसे एक सामान्य पूछताछ बता रही है, लेकिन गगनदीप सिंह और उनके समर्थकों ने इसे राजनीतिक दबाव और चुनाव में रोकने की साजिश करार दिया है। इस घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में समर्थक एकत्र हो गए, जिन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। चुनाव से पहले आमने-सामने भाजपा और किसान नेता गदरपुर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव नजदीक है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, वहीं किसान नेता गगनदीप सिंह की चाची जसविंदर कौर भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। दोनों खेमों में चुनावी माहौल गर्म है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इसी माहौल में पुलिस का गगनदीप सिंह के घर पहुंचना एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है। जिस समय पुलिस टीम उनके आवास पर पहुंची, गगनदीप सिंह घर पर मौजूद नहीं थे। पुलिस टीम को अचानक देख उनके समर्थक तुरंत मौके पर जमा हो गए और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। गगनदीप सिंह का आरोप: भाजपा सरकार चुनाव रोकना चाहती है पुलिस की वापसी के बाद मीडिया से बात करते हुए गगनदीप सिंह ने इस पूरी घटना को भाजपा नेताओं की साजिश बताया। उन्होंने कहा, "मैं एक किसान का बेटा हूं और मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं, लेकिन भाजपा सरकार के कुछ लोग मुझे इस चुनाव में रोकना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि यह सीट भाजपा की झोली में चली जाए।" उन्होंने भाजपा नेताओं पर दबाव बनाने का सीधा आरोप लगाया। गगनदीप सिंह ने कहा कि यह पुलिस की दबिश थी, सामान्य पूछताछ नहीं। उनका कहना है कि उनकी चाची जसविंदर कौर एक मजबूत प्रत्याशी हैं और उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर सत्ता पक्ष इस तरह के हथकंडे अपना रहा है। गगनदीप सिंह ने यह भी कहा कि वह इस तरह के दबाव से डरने वाले नहीं हैं और चुनाव में पूरी ताकत से उतरेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और सच्चाई की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। पुलिस का स्पष्टीकरण: 'यह दबिश नहीं, जानकारी जुटाने की कार्रवाई थी' इस पूरे घटनाक्रम पर थाना अध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी तरह की दबिश देने नहीं गई थी। थाना अध्यक्ष के अनुसार, थाने में एक प्रार्थना पत्र आया था जिसमें बीडीसी चुनाव के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के फर्जी होने का आरोप लगाया गया था। पुलिस उसी मामले में आवश्यक जानकारी जुटाने के लिए गई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था और इसे किसी भी राजनीतिक दबाव या साजिश से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। पुलिस का यह स्पष्टीकरण एक तरफ जहां कानूनी प्रक्रिया को दर्शाता है, वहीं दूसरी तरफ यह भी दिखाता है कि चुनाव से पहले छोटे-छोटे मुद्दों को भी राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। समर्थकों में नाराजगी: इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं पुलिस की इस कार्रवाई से गगनदीप सिंह के समर्थकों में खासी नाराजगी देखी गई। मौके पर जमा हुए समर्थकों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। उनका कहना था कि एक निर्भीक और मजबूत प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। समर्थकों ने आरोप लगाया कि जब किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, तो उसके घर इस तरह से पुलिस भेजना पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कार्रवाई उनके उम्मीदवार को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए की गई है, ताकि वह चुनाव से पीछे हट जाएं। समर्थकों ने एक स्वर में कहा कि वे पूरी मजबूती से अपने नेता के साथ खड़े हैं और इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। ऊधमसिंहनगर की राजनीति में उबाल यह घटना ऊधमसिंहनगर की राजनीति में बढ़ते तनाव को दर्शाती है। जहां एक ओर जिला प्रशासन चुनाव को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं दूसरी ओर चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशी और उनके समर्थक इसे सत्ता के दुरुपयोग का एक हथियार मान रहे हैं। गदरपुर ब्लॉक प्रमुख चुनाव अब सिर्फ एक स्थानीय चुनाव न रहकर राजनीतिक प्रतिष्ठा की लड़ाई बनता जा रहा है। पुलिस द्वारा दी गई सफाई और विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच, यह घटना यह साबित करती है कि आने वाले दिनों में चुनाव का माहौल और भी अधिक गरमा सकता है। फिलहाल, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस घटना के बाद चुनाव की दिशा क्या होगी और क्या जसविंदर कौर और गगनदीप सिंह अपने आरोपों पर टिके रहते हुए चुनाव लड़ते हैं या नहीं।

ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के घर में पुलिस की दबिश से गरमाई गदरपुर की सियासत

गदरपुर, 09 अगस्त 2025 (समय बोल रहा) – गदरपुर ब्लॉक प्रमुख चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है जिसने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। शुक्रवार को गदरपुर ब्लॉक प्रमुख पद की दावेदार जसविंदर कौर और उनके प्रतिनिधि, युवा किसान नेता गगनदीप सिंह के…

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ऊधमसिंहनगर 12 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में एक नगर पालिका अध्यक्ष गुरजीत सिंह गित्ते ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाते हुए आगामी 14 अगस्त को होने वाले ब्लॉक प्रमुख चुनाव को कैमरे की निगरानी में कराने की अपील की है। उन्होंने अपनी मांग के पीछे चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई कथित धांधली का हवाला दिया, जिसमें भाजपा पर वोटों की चोरी का आरोप लगा था। चंडीगढ़ चुनाव का दिया हवाला गुरजीत सिंह गित्ते ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने हाल ही में हुए चंडीगढ़ निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भाजपा ने सरेआम वोटों की चोरी करते हुए अपना मेयर बना लिया था। उन्होंने आशंका जताई कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी इस तरह की घटनाएँ हो सकती हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना और कैमरे की निगरानी में चुनाव कराना अनिवार्य है। समर्थकों ने भी उठाई आवाज प्रेस वार्ता के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष के साथ कई सभासद और अन्य समर्थक भी मौजूद थे, जिन्होंने उनकी मांग का समर्थन किया। इनमें सभासद जगतजीत सिंह, सुनील कुमार, आदित्य चानना, सिंह स्वरूप भारती, राजदीप तिवारी, मो. हनीफ, नत्था सिंह धवन, साबिर हुसैन, वाजिद अली, विवेक पाण्डेय आदि शामिल थे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की धांधली की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, और इसके लिए सीसीटीवी कैमरे सबसे बेहतर समाधान हैं। निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है निगरानी गिते ने कहा कि कैमरे की निगरानी से न केवल वोटों की चोरी जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा, बल्कि यह प्रत्याशियों और मतदाताओं के बीच भी विश्वास पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने से लोकतंत्र कमजोर होता है, इसलिए प्रशासन को इस मांग को गंभीरता से लेना चाहिए। यह मांग ऐसे समय में आई है जब पूरा जिला ब्लॉक प्रमुख चुनावों की तैयारियों में जुटा हुआ है और प्रशासन पहले ही मतदान और मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कह चुका है। अब देखना यह है कि गुरजीत सिंह गित्ते की इस मांग पर जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है। यह मुद्दा अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।

ऊधमसिंहनगर में जिला पंचायत-ब्लॉक प्रमुख चुनाव की तैयारी तेज: 11 अगस्त को नामांकन, 14 को मतदान; डीएम ने आरओ-एआरओ को दिया सख्त प्रशिक्षण

रूद्रपुर, 08 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – ऊधमसिंहनगर में आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उप प्रमुख के चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी कड़ी में आज जिला सभागार में आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) और…

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ऊधमसिंहनगर, 13 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा) – भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून द्वारा जारी भारी बारिश की 'रेड अलर्ट' चेतावनी के बाद ऊधमसिंहनगर जिले में प्रशासन ने एक बड़ा और त्वरित फैसला लिया है। छात्र-छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने 14 अगस्त 2025 (गुरुवार) को जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के साथ-साथ समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह फैसला आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत लिया गया है, जिसमें चेतावनी का उल्लंघन करने वाले शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। मौसम विभाग की 'रेड अलर्ट' और संभावित खतरे भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी दिनों के लिए एक गंभीर मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। इस पूर्वानुमान के अनुसार, 13 अगस्त से 17 अगस्त 2025 तक उत्तराखंड के कई जिलों में औसत से अधिक वर्षा, तेज गर्जना और आकाशीय बिजली चमकने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए 'रेड अलर्ट' जारी किया है, जो एक गंभीर चेतावनी है। रेड अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम की स्थिति बेहद खराब हो सकती है और जान-माल को बड़ा खतरा हो सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा से मैदानी इलाकों की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। इसी खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने यह सुरक्षात्मक कदम उठाया है। छात्रहित में लिया गया फैसला जिलाधिकारी और जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि यह फैसला "छात्रहित एवं बाल्यहित" को ध्यान में रखकर लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि लगातार हो रही बारिश से नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बच्चों की आवाजाही में खतरा पैदा हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र या बच्चा इस खराब मौसम में खतरे का सामना न करे, जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम जिला प्रशासन की सतर्कता और आपदा की स्थिति से निपटने की तैयारी को भी दर्शाता है। किस पर लागू होगा यह आदेश? जिलाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश जनपद ऊधमसिंहनगर के भीतर संचालित होने वाले सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों पर लागू होता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: समस्त राजकीय विद्यालय (Government Schools) परिषदीय विद्यालय (Council Schools) सहायता प्राप्त विद्यालय (Aided Schools) मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय (Recognized Private Schools) समस्त आंगनबाड़ी केंद्र यह आदेश दिनांक 14 अगस्त 2025 (बृहस्पतिवार) के लिए प्रभावी रहेगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई भी विद्यालय इस आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस आदेश को लेकर कितना गंभीर है और नियमों का पालन न करने वालों को किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। प्रशासनिक सतर्कता और तैयारियां जिलाधिकारी ने इस आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भेजी है, जिससे यह पता चलता है कि पूरा प्रशासनिक अमला इस स्थिति को लेकर सतर्क है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला सूचना अधिकारी को भी जनहित में इस आदेश का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सूचना सभी तक समय पर पहुंच सके। यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति इस आदेश से अनभिज्ञ न रहे और सभी अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकें। निष्कर्ष: आपदा से निपटने की तैयारी यह आदेश उत्तराखंड में मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों का एक स्पष्ट उदाहरण है। लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग के रेड अलर्ट के मद्देनजर, जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों को बंद करने का यह फैसला न केवल एक एहतियाती कदम है, बल्कि यह बच्चों और आम जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है। इस फैसले से लाखों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राहत मिली है, जो खराब मौसम में बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर चिंतित थे। अब सबकी नजरें मौसम के अगले पूर्वानुमान पर टिकी हैं कि क्या बारिश का दौर जारी रहता है या मौसम में सुधार आता है।

ऊधमसिंहनगर में मौसम का महा-अलर्ट! 7 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 6 से 10 अगस्त तक ‘रेड अलर्ट’ जारी; बच्चों की सुरक्षा के लिए डीएम का बड़ा फैसला

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी नवीनतम मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 6 अगस्त 2025 से…

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ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। आज सुबह 8:30 बजे जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, लेकिन भारी वर्षा के कारण जिले में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। प्रशासन ने पहले ही 6 अगस्त को स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया था, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। जिले में भारी बारिश का दौर, किच्छा और काशीपुर में सर्वाधिक वर्षा ऊधमसिंहनगर जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान (सुबह 8:00 बजे तक) मूसलाधार बारिश हुई है। जिले भर में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिसमें कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों की वर्षा (मिमी में): किच्छा: 185.00 मिमी (सर्वाधिक) काशीपुर: 177.00 मिमी जसपुर: 150.00 मिमी सितारगंज: 130.00 मिमी रुद्रपुर: 99.00 मिमी गदरपुर: 80.00 मिमी खटीमा: 86.00 मिमी बाजपुर: 75.00 मिमी (न्यूनतम) इस भारी बारिश के बावजूद, जिले का अधिकतम तापमान 29°C और न्यूनतम तापमान 25°C दर्ज किया गया है। नदियों और जलाशयों का जलस्तर सामान्य, लेकिन निगरानी जारी जिले से होकर बहने वाली प्रमुख नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, जो एक राहत की बात है। हालांकि, लगातार बारिश को देखते हुए प्रशासन इन पर कड़ी निगरानी रख रहा है। प्रमुख नदियों का जलस्तर (क्यूसेक में): सुखी/बेगुल नदी: वर्तमान जलस्तर 13340 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 30,000 क्यूसेक) कैलाश नदी: वर्तमान जलस्तर 19980 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 45,000 क्यूसेक) जगबुधा नदी: वर्तमान जलस्तर 8400 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 19,000 क्यूसेक) परवीन नदी: वर्तमान जलस्तर 1360 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 2,000 क्यूसेक) देवहा नदी: वर्तमान जलस्तर 7310 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 20,000 क्यूसेक) कामन नदी: वर्तमान जलस्तर 2560 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 15,000 क्यूसेक) ढेला नदी: वर्तमान जलस्तर 3777 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 38,000 क्यूसेक) फीका नदी: वर्तमान जलस्तर शून्य (चेतावनी स्तर 18,500 क्यूसेक) गौला नदी: वर्तमान जलस्तर 12409 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 39,927 क्यूसेक) कल्याणी नदी: वर्तमान जलस्तर 300 क्यूसेक (चेतावनी स्तर 2000 क्यूसेक) सभी नदियों का जलस्तर चेतावनी और खतरे के स्तर से काफी नीचे है, जिससे फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। मुख्य शारदा नहर: वर्तमान जलस्तर 10689 क्यूसेक (खतरे का स्तर 11,500 क्यूसेक) नहर की स्थिति भी सामान्य बनी हुई है। जलाशयों का विवरण (फीट में): बेगुल जलाशय: वर्तमान जलस्तर 679.13 फीट (चेतावनी स्तर 683.50 फीट), डिस्चार्ज 65 क्यूसेक। नानकसागर जलाशय: वर्तमान जलस्तर 695.80 फीट (चेतावनी स्तर 706.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। शारदा सागर बांध: वर्तमान जलस्तर 606.60 फीट (चेतावनी स्तर 625.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। बौर जलाशय: वर्तमान जलस्तर 782.40 फीट (चेतावनी स्तर 792.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। हरिपुरा जलाशय: वर्तमान जलस्तर 783.50 फीट (चेतावनी स्तर 792.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। तुमरिया जलाशय: वर्तमान जलस्तर 836.50 फीट (चेतावनी स्तर 857.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। धौरा जलाशय: वर्तमान जलस्तर 700.70 फीट (चेतावनी स्तर 710.00 फीट), डिस्चार्ज शून्य। सभी जलाशयों का जलस्तर भी चेतावनी या खतरे के निशान से नीचे है, और डाउनपास डिस्चार्ज भी नियंत्रित है। जनजीवन पर असर: बिजली आपूर्ति बाधित, अन्य सेवाएं सामान्य मॉनसून की सक्रियता के कारण जिले में कुछ सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली गुल होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था और जलापूर्ति जैसी अन्य आवश्यक सेवाएं अभी भी सुचारु रूप से चल रही हैं। जिला प्रशासन ने पहले ही मौसम विभाग के 'ऑरेंज अलर्ट' को देखते हुए 6 अगस्त को सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया था, जिससे बच्चों को सुरक्षित रखा जा सका। प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। संबंधित विभाग किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

ऊधमसिंहनगर में मानसून का कहर: किच्छा-काशीपुर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, बिजली गुल! जानें आपके शहर का हाल और नदियों का जलस्तर

ऊधमसिंहनगर, 06 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। आज सुबह 8:30 बजे जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में भारी बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, नदियों और जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य स्थिति में है, लेकिन भारी वर्षा के कारण जिले में…

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ऊधमसिंहनगर, 05 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता लगातार जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और एहतियाती फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 5 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक प्रदेश के कई जनपदों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना व्यक्त की गई है। इस 'ऑरेंज अलर्ट' को देखते हुए, जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नितिन सिंह भदौरिया ने 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को जिले के सभी विद्यालयों (कक्षा 1 से 12 तक) और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। मौसम की चेतावनी और एहतियाती कदम भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून ने आगामी चार दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जिससे नदियों, नालों और बरसाती गदेरों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में, स्कूली बच्चों की आवाजाही जोखिम भरी हो सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी का जमाव हो जाता है या रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-30 (2) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। यह कदम दिखाता है कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसने जोखिम को कम करने के लिए सक्रियता से काम किया है। यह एक विवेकपूर्ण फैसला है क्योंकि एक दिन पहले ही छुट्टी घोषित करने से अभिभावकों और स्कूलों को आवश्यक तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। आदेश का विवरण: केवल एक दिन की छुट्टी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिनांक 6 अगस्त 2025 (बुधवार) को ऊधमसिंहनगर जिले के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक संचालित होने वाले सभी राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों और समस्त आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि मौसम विभाग ने 5 से 9 अगस्त तक अलर्ट जारी किया है, लेकिन प्रशासन ने अभी केवल 6 अगस्त के लिए ही अवकाश घोषित किया है। आगे की छुट्टी का फैसला मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यह एक लचीली और संवेदनशील रणनीति है ताकि अनावश्यक रूप से शैक्षिक गतिविधियों को बाधित न किया जाए। जिलाधिकारी ने समस्त तहसील और संबंधित विभागों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई भी शिक्षण संस्थान इस आदेश की अवहेलना करता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी बताती है कि प्रशासन इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। आदेश की व्यापकता और जन जागरूकता का प्रयास इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने और आम जनता तक सूचना पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन ने एक विस्तृत योजना बनाई है। आदेश की प्रतिलिपि विभिन्न उच्चाधिकारियों और विभागों को भेजी गई है, जिनमें सचिव, आपदा प्रबंधन; महानिदेशक, स्कूल शिक्षा; आयुक्त, कुमाऊं मंडल; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक; मुख्य विकास अधिकारी; मुख्य चिकित्साधिकारी; समस्त उपजिलाधिकारी और समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। विशेष रूप से, जिला सूचना अधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश का जनहित में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से निःशुल्क प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि जिले का हर नागरिक, विशेषकर अभिभावक, इस महत्वपूर्ण सूचना से अवगत हो सकें और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह न सिर्फ कानूनी बाध्यता है, बल्कि जनता को सुरक्षित रखने की एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। निष्कर्ष और आगे की चुनौतियाँ डीएम द्वारा लिया गया यह फैसला न सिर्फ छात्रों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। लगातार बारिश और खराब मौसम की स्थिति में, स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय एक विवेकपूर्ण कदम है। यह उन अभिभावकों के लिए भी राहत की बात है, जिन्हें खराब मौसम में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। यह आदेश सिर्फ एक दिन के लिए है, लेकिन यह इस बात की ओर भी संकेत करता है कि आने वाले दिनों में मौसम और भी खराब हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। नागरिकों को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। यह आदेश न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ढाल का काम करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशासनिक व्यवस्था किसी भी आपदा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

ऊधमसिंहनगर में 6 अगस्त को सभी स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, 5 से 9 अगस्त तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी; डीएम का बच्चों की सुरक्षा पर जोर

ऊधमसिंहनगर, 05 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता लगातार जारी है और इसके मद्देनजर, ऊधमसिंहनगर जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण और एहतियाती फैसला लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 5 अगस्त से 9 अगस्त 2025 तक प्रदेश के कई जनपदों…

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सितारगंज, 23 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2025 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में, आज सितारगंज ब्लॉक की कुल 287 मतदान पार्टियाँ पूरी मुस्तैदी के साथ सितारगंज मंडी परिसर से अपने-अपने मतदान स्थलों के लिए रवाना हुईं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री नितिन सिंह भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्री मणिकांत मिश्रा स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने मतदान पार्टियों की रवानगी से लेकर स्ट्रांग रूम तक की समस्त व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जा सके। मंडी परिसर में दिखी चुनावी सरगर्मी, अधिकारियों ने परखा हर इंतजाम सुबह से ही सितारगंज मंडी परिसर में चुनावी माहौल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। मतदान अधिकारी अपने निर्धारित काउंटरों से मतपत्रों, ईवीएम (यदि प्रयोग हो), मुहरों, स्याही और अन्य आवश्यक मतदान सामग्री का मिलान कर रहे थे। सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात थे और पूरी व्यवस्था को नियंत्रित कर रहे थे। जिलाधिकारी श्री नितिन सिंह भदौरिया और एसएसपी श्री मणिकांत मिश्रा ने इस दौरान पूरे परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने मतदान सामग्री वितरण काउंटरों का जायजा लिया, सुरक्षा व्यवस्था को परखा और स्ट्रांग रूम की सीलिंग प्रक्रिया का भी अवलोकन किया। उनकी उपस्थिति ने चुनाव कर्मियों का मनोबल बढ़ाया और यह सुनिश्चित किया कि कहीं भी कोई चूक न हो। इस दौरान उपजिलाधिकारी श्री रविन्द्र जुवाटा, ईई पेयजल निगम श्री सुनील जोशी, एआरओ (सहायक रिटर्निंग ऑफिसर) तथा अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने में सहयोग किया। डीएम भदौरिया के स्पष्ट निर्देश: सतर्कता और निष्पक्षता सर्वोपरि जिला निर्वाचन अधिकारी श्री नितिन सिंह भदौरिया ने मतदान पार्टियों को रवाना करने से पहले उपस्थित सभी मतदान अधिकारियों और कर्मियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि "मतदान प्रक्रिया चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है, और यह पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है। अतः, सभी मतदान अधिकारी अत्यधिक सतर्कता, पूर्ण निष्पक्षता और आपसी समन्वय के साथ मतदान संपन्न कराना सुनिश्चित करें।" उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर होने वाली छोटी से छोटी लापरवाही भी चुनाव की शुचिता को प्रभावित कर सकती है, इसलिए हर कदम पर सावधानी बरतना अनिवार्य है। डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि "प्रत्येक मतदान दल समय से अपने-अपने निर्धारित गंतव्य पर पहुंचे और मतदान केंद्र की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे प्रकाश, बैठने की व्यवस्था, सुरक्षा और मतदान बूथ की गोपनीयता सुनिश्चित करें।" उन्होंने यह भी कहा कि "निर्धारित समय पर ही मतदान प्रारंभ किया जाए और किसी भी प्रकार की देरी से बचा जाए।" विशेष रूप से, उन्होंने मतदान अधिकारियों को निर्देशित किया कि "वे मतपत्रों और अन्य मतदान सामग्री का सूची से भलीभांति मिलान कर के ही रवाना हों, ताकि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान या सामग्री की कमी का सामना न करना पड़े।" यह निर्देश त्रुटि रहित चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। अतिथ्य निषेध और जोनल-सेक्टर मजिस्ट्रेटों की भूमिका जिला निर्वाचन अधिकारी श्री भदौरिया ने यह भी स्पष्ट किया कि "कोई भी मतदान अधिकारी या कर्मचारी किसी भी प्रकार का आतिथ्य (खानपान या अन्य सुविधाएं) किसी भी बाहरी व्यक्ति से स्वीकार नहीं करेगा।" उन्होंने जोर दिया कि "सभी मतदान कर्मी अपने आवंटित मतदान स्थल पर ही निवास करेंगे और बाहर से किसी भी प्रकार के प्रभाव से दूर रहेंगे।" यह निर्देश चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए बेहद अहम है, ताकि कोई भी बाहरी दबाव या प्रलोभन मतदान को प्रभावित न कर सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेटों को भी कड़े निर्देश दिए। उन्हें कहा गया कि "वे अपनी संबंधित मतदान पार्टियों के बूथों पर सुरक्षित पहुंचने की सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष एवं रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) को अवश्य उपलब्ध कराएं।" साथ ही, "मतदान दिवस पर क्षेत्र में निरंतर भ्रमण करते हुए अपने-अपने बूथों पर कड़ी निगरानी बनाए रखें।" यह सुनिश्चित करेगा कि कहीं भी कोई अनियमितता न हो और किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। 48 बसों से रवाना हुईं पार्टियाँ, 29 रिज़र्व में निर्वाचन अधिकारी श्री संजय छिमवाल ने इस अवसर पर रवानगी संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि सितारगंज ब्लॉक की कुल 287 मतदान पार्टियाँ 48 विशेष बसों के माध्यम से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना की गई हैं। यह विशाल काफिला सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मतदान सामग्री और कर्मियों को उनके बूथों तक पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है। श्री छिमवाल ने यह भी जानकारी दी कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 29 पार्टियों को रिज़र्व में रखा गया है। इन रिज़र्व पार्टियों को आवश्यकता अनुसार, जैसे किसी कर्मी के बीमार होने या किसी अन्य अप्रत्याशित परिस्थिति में, तुरंत भेजा जा सकेगा, ताकि मतदान प्रक्रिया में कोई व्यवधान न आए। यह व्यवस्था चुनाव आयोग की दूरदर्शिता और आकस्मिक योजना का हिस्सा है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में सहायक होती है। समग्र रूप से, सितारगंज ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां चाक-चौबंद नजर आ रही हैं। प्रशासन ने अपनी पूरी शक्ति और संसाधनों को झोंक दिया है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का यह महत्वपूर्ण पर्व सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। अब सभी की निगाहें मतदान दिवस पर टिकी हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2025: सितारगंज ब्लॉक से 287 मतदान पार्टियाँ रवाना, डीएम-एसएसपी ने परखी व्यवस्थाएँ; निष्पक्ष चुनाव पर जोर

सितारगंज, 23 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2025 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में, आज सितारगंज ब्लॉक की कुल 287 मतदान पार्टियाँ पूरी मुस्तैदी के साथ सितारगंज मंडी परिसर से अपने-अपने मतदान स्थलों के लिए रवाना हुईं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी…

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रूद्रपुर, 19 जून, 2025( समय बोल रहा) - (आंगनबाड़ी कर्मियों ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या ने एपीजे अब्दुल कलाम कलेक्ट्रेट सभागार, रूद्रपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में वर्चुअली जुड़कर नव नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर कुल 45 आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और 218 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को उनके नियुक्ति पत्र सौंपे गए, जिनके केंद्रों पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं पाई गई थी। इन नियुक्तियों से जिले में बाल विकास सेवाओं को नई गति मिलेगी और हजारों बच्चों व महिलाओं को सीधे लाभ पहुंचेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों की अहमियत: समाज के नींव का पत्थर आंगनबाड़ी केंद्र भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और दूरगामी कल्याणकारी योजनाओं की रीढ़ हैं। ये केंद्र सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय, खासकर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के लिए एक आधारशिला का काम करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती और सहायिकाएं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पोषण संबंधी परामर्श, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य करती हैं। बच्चों के लिए ये केंद्र उनके प्रारंभिक बचपन के विकास का पहला पायदान होते हैं, जहां उन्हें पोषण युक्त आहार, खेल-खेल में शिक्षा और सामाजिक विकास का अवसर मिलता है। महिलाओं के लिए ये पोषण संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और विभिन्न सरकारी लाभों का माध्यम बनते हैं। ऐसे में, इन केंद्रों पर रिक्त पदों का भरा जाना अत्यंत आवश्यक था ताकि सेवाओं की निरंतरता और गुणवत्ता बनी रहे। आज की नियुक्तियां रूद्रपुर जिले में इन आवश्यक सेवाओं को और सुदृढ़ करेंगी, जिससे समुदाय के सबसे कमजोर वर्गों को सीधा फायदा मिलेगा। वर्चुअल माध्यम से जुड़कर मंत्री ने दिया उत्साहवर्धन का संदेश नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए आयोजित किया गया, जिससे माननीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्या देहरादून से ही वर्चुअल माध्यम से रूद्रपुर के कार्यक्रम से जुड़ सकीं। उन्होंने नव चयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को बधाई दी और उन्हें उनके भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मंत्री जी ने अपने संबोधन में आंगनबाड़ी कर्मियों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला और उनसे ईमानदारी, समर्पण और सेवा भाव के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया। उनका यह वर्चुअल संवाद नई नियुक्त हुई कर्मियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और उनमें अपने कार्य के प्रति उत्साह भरा। रूद्रपुर में, मंत्री के निर्देशों के अनुरूप, स्थानीय विधायक प्रतिनिधि धीरेश गुप्ता ने सभागार में उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों और सहायिकाओं को व्यक्तिगत रूप से नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस दौरान सभागार में खुशी और उत्साह का माहौल था, क्योंकि इन महिलाओं को अब समाज सेवा के एक महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिला है। चयन प्रक्रिया और सेवाओं में अपेक्षित सुधार ये 263 नियुक्तियां एक पारदर्शी और सख्त चयन प्रक्रिया के बाद की गई हैं। जिला प्रशासन ने उन केंद्रों को प्राथमिकता दी, जिन पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति या विवाद नहीं था, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में कोई देरी न हो। इन नई नियुक्तियों से जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में कर्मियों की कमी दूर होगी, जिससे सेवाओं की दक्षता और पहुंच बढ़ेगी। इन नई कर्मियों की तैनाती से निम्नलिखित क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है: पोषण स्तर में सुधार: बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं के बीच कुपोषण से निपटने के लिए पोषण अभियान के तहत बेहतर निगरानी और पूरक पोषण आहार का वितरण। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना। प्रारंभिक बचपन की शिक्षा: बच्चों के बौद्धिक और सामाजिक विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना। जागरूकता कार्यक्रम: स्वच्छता, परिवार नियोजन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी: गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और सुरक्षित प्रसव के लिए मार्गदर्शन। यह नियुक्तियां केवल संख्यात्मक वृद्धि नहीं हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करती हैं कि रूद्रपुर जिले के हर कोने में, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में, सरकारी सेवाएं प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अधिकारीगण और भविष्य की कार्ययोजना इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में जिला प्रोबेशन अधिकारी और प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी व्योमा जैन की सक्रिय भूमिका रही। उनके साथ बाल विकास परियोजना अधिकारी सुश्री रेणु यादव, बिमल बाराकोटी, बीना भंडारी, इंद्रा बर्गली, शोभा जनोटी और समस्त जिला कार्यक्रम कार्मिक भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने नव नियुक्त कर्मियों को बधाई दी और उन्हें उनके आने वाले कर्तव्यों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। यह समारोह रूद्रपुर जिले में महिला और बाल विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद है कि ये नई नियुक्तियां आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक मजबूत करेंगी, जिससे 'स्वस्थ बच्चे, स्वस्थ माताएं और सशक्त महिलाएं' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। जिला प्रशासन ने भी संकेत दिया है कि भविष्य में भी ऐसी आवश्यकतानुसार नियुक्तियां की जाती रहेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई

रूद्रपुर में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय: 263 आंगनबाड़ी कर्मियों को मिले नियुक्ति पत्र, मंत्री रेखा आर्या ने वर्चुअली दी बधाई

रूद्रपुर, 19 जून, 2025( समय बोल रहा) – (आंगनबाड़ी कर्मियों ) उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती रेखा आर्या ने एपीजे अब्दुल कलाम कलेक्ट्रेट सभागार, रूद्रपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में…

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रुद्रपुर, 13 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - उत्तराखंड को 'नशा मुक्त' बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, सितारगंज में 'नशा मुक्त भारत अभियान' और 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' के तहत एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के कड़े निर्देशों के क्रम में, चौमेला स्थित सितारगंज में आयोजित इस अभियान में बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस सामाजिक बुराई से लड़ने के लिए सशक्त बनाना था। यह अभियान उत्तराखंड सरकार के 2025 तक राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अभियान का लक्ष्य: 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' उत्तराखंड सरकार ने 'ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025' की शुरुआत की है, जिसका स्पष्ट लक्ष्य आगामी वर्ष 2025 तक पूरे राज्य को नशा मुक्त बनाना है। यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण, लेकिन आवश्यक लक्ष्य है, क्योंकि नशा समाज के हर वर्ग, विशेषकर युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस मिशन में राज्य पुलिस की अहम भूमिका है, जो नशा तस्करों पर नकेल कसने, नशे की लत से ग्रसित लोगों को मुख्यधारा में लाने और इस गंभीर सामाजिक समस्या से निपटने के लिए विभिन्न प्रयासों को क्रियान्वित कर रही है। पुलिस विभाग लगातार छापेमारी, जागरूकता कार्यक्रमों और पुनर्वास प्रयासों के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने में जुटा है। जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन ने बताया कि चौमेला, सितारगंज में आयोजित जागरूकता अभियान में चाइल्ड हेल्पलाइन से केंद्र समन्वयक चांदनी रावत और गोविंद सिंह पांगती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उपस्थित महिलाओं, बच्चों और अन्य सभी लोगों को नशा मुक्ति और ड्रग्स से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि नशा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन को किस तरह पूरी तरह से तबाह कर देता है। नशे की लत न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि परिवारों को तोड़ती है और समाज में अपराधों को भी बढ़ावा देती है। बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा: हेल्पलाइन और कानूनी प्रावधानों की जानकारी जागरूकता अभियान के दौरान नशा मुक्ति के साथ-साथ बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की गईं। चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रतिनिधियों ने विस्तार से बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 बच्चों की मदद के लिए कैसे काम करता है। किसी भी बच्चे को संकट में देखने पर या उसके साथ हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना देने के लिए इस नंबर का उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में पोक्सो एक्ट (POCSO Act), बाल श्रम, बाल विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया। लोगों को इन कानूनों के प्रावधानों और उनसे संबंधित अपराधों के बारे में जागरूक किया गया, ताकि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें। पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की भी जानकारी दी गई, जिसे आपात स्थिति में किसी भी तरह की पुलिस सहायता के लिए डायल किया जा सकता है। इन जानकारियों का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं को शोषण और हिंसा से बचाना और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना था। सामुदायिक भागीदारी: सोशल वर्कर और आंगनवाड़ी कर्मियों का योगदान इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने में स्थानीय समुदाय की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण रही। चौमेला गांव की सोशल वर्कर पुष्पा पानू और आंगनवाड़ी सहायिका बबली ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी उपस्थित थे, जिन्होंने अभियान को अपना समर्थन दिया। स्थानीय सोशल वर्कर और आंगनवाड़ी कर्मियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बनाया, क्योंकि वे सीधे समुदाय से जुड़े हुए हैं और लोगों के बीच विश्वास पैदा करने में सक्षम हैं। उनकी भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और वे नशे के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका समझ सकें। ऐसे अभियानों की सफलता के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी बेहद आवश्यक होती है। यह दिखाता है कि जब समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आते हैं, तो किसी भी सामाजिक बुराई से निपटना संभव हो जाता है। लगातार निरीक्षण और भविष्य की रणनीति जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के निर्देशानुसार, यह केवल एक शुरुआती कदम है। जनपद में नशा मुक्त भारत अभियान और ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन के अंतर्गत ऐसे जागरूकता कार्यक्रम और नशे के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। पुलिस और प्रशासन का लक्ष्य है कि नशा तस्करों के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए और युवाओं को नशे की गिरफ्त में आने से बचाया जाए। इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान एक स्वस्थ, सुरक्षित और नशा मुक्त उत्तराखंड के नि

रुद्रपुर में ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ अभियान: चौमेला में चला जागरूकता कार्यक्रम, नशे के खिलाफ पुलिस और प्रशासन सख्त!

रुद्रपुर, 13 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड को ‘नशा मुक्त’ बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, सितारगंज में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ और ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025′ के तहत एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के कड़े निर्देशों के क्रम में, चौमेला स्थित सितारगंज में आयोजित इस…

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रुद्रपुर, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - (आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद) उत्तराखंड में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी के मद्देनजर, उधम सिंह नगर जिले के बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड शासन के निर्देशों और जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद, जिले भर के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 13 जून 2025 से 17 जून 2025 तक कुल 5 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है। यह फैसला बच्चों को चिलचिलाती धूप और लू से बचाने के लिए लिया गया है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिल सके। भीषण गर्मी का प्रभाव और बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता उत्तराखंड के मैदानी और तराई क्षेत्रों में जून के महीने में तापमान लगातार बढ़ रहा है। सूरज की तपिश और लू के थपेड़े लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों, खासकर आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका सीधा और गंभीर असर पड़ सकता है। छोटे बच्चे गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और उनमें डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसी चिंता को देखते हुए, उधम सिंह नगर जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। प्रशासन का मानना है कि बच्चों को इतनी भीषण गर्मी में घर से आंगनबाड़ी केंद्र तक लाना और फिर दिन भर वहां रखना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है। यह निर्णय स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। आदेश का विवरण: कौन प्रभावित होगा और कौन नहीं? जिला कार्यक्रम अधिकारी व्योमा जैन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह अवकाश 13 जून 2025 (शुक्रवार) से शुरू होकर 17 जून 2025 (मंगलवार) तक चलेगा। इस दौरान जिले के सभी सरकारी और गैर-सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद रहेंगे। यह आदेश सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायक कर्मियों पर लागू होगा, जिसका अर्थ है कि वे भी इन पांच दिनों के लिए अवकाश पर रहेंगे। हालांकि, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवकाश के दौरान विभागीय कार्य पहले की तरह चलते रहेंगे। इसका मतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायक कर्मी बच्चों से संबंधित सीधे सेवाओं (जैसे शिक्षण या पोषण कार्यक्रम का प्रत्यक्ष संचालन) से दूर रहेंगे, लेकिन उन्हें अपने प्रशासनिक या अन्य गैर-प्रत्यक्ष विभागीय कार्यों को जारी रखना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि अवकाश के कारण महत्वपूर्ण प्रशासनिक गतिविधियां बाधित न हों। यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है, जबकि यह भी ध्यान रखा गया है कि आंगनबाड़ी विभाग का दैनिक संचालन प्रभावित न हो। जिलाधिकारी का अनुमोदन और शासन के निर्देश यह महत्वपूर्ण निर्णय उत्तराखंड शासन द्वारा जारी निर्देशों और जिला अधिकारी (उधम सिंह नगर) के अनुमोदन के बाद ही लिया गया है। यह दर्शाता है कि यह एक सुनियोजित और उच्च स्तरीय निर्णय है, जो केवल एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्यव्यापी निर्देशों का पालन है। जिलाधिकारी के अनुमोदन के बिना ऐसे महत्वपूर्ण अवकाश की घोषणा संभव नहीं होती। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूरे देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और विभिन्न राज्यों में स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां घोषित की जा रही हैं। उधम सिंह नगर जिले में भी लगातार बढ़ रहा तापमान बच्चों के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा था, जिसे देखते हुए यह अवकाश बेहद आवश्यक माना जा रहा था। इस घोषणा से न केवल बच्चों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके माता-पिता और अभिभावक भी निश्चिंत हो सकेंगे कि उनके बच्चे सुरक्षित रहेंगे। यह जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और जनहितैषी नीतियों का एक उदाहरण है।

उत्तराखंड में गर्मी का कहर! उधम सिंह नगर के सभी आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद, बच्चों को मिली राहत

रुद्रपुर, 12 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – (आंगनबाड़ी केंद्र 5 दिन के लिए बंद) उत्तराखंड में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी के मद्देनजर, उधम सिंह नगर जिले के बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड शासन…

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