रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ): उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब केवल कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावी धरातल पर कार्य दिखना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी डीएम भदौरिया ने विशेष रूप से जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही अवैध गतिविधियों पर चिंता जताई और कहा कि इन इलाकों में अवैध खनन और वन संपदा की तस्करी पर निगरानी बढ़ाई जाए। इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नियमित पेट्रोलिंग होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। परगना स्तर पर समन्वयात्मक बैठकें अनिवार्य जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परगना स्तर पर नियमित बैठकें करें और आपसी समन्वय से रणनीति तैयार करें। इसका उद्देश्य यह है कि हर स्तर पर जानकारी और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो और विभागीय तालमेल से कोई भी अवैध गतिविधि न बच सके। सख्त कार्यवाही की चेतावनी बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जो अधिकारी इस अभियान में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक संयुक्त प्रयास है और इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विभागों को चाहिए कि वे अपने स्तर पर डेटा एकत्र करें, गश्त बढ़ाएं और स्थानीय नागरिकों को भी जागरूक करें कि वे अवैध खनन या लकड़ी कटाई जैसी घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। वन संपदा और पारिस्थितिकी की रक्षा प्राथमिकता डीएम भदौरिया ने कहा कि जिले की प्राकृतिक धरोहर, जैसे कि जंगल, नदियाँ और पहाड़ी क्षेत्र, हमारी सामूहिक धरोहर हैं और इनकी रक्षा करना प्रशासन के साथ-साथ आम जनता की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वे जंगलों की सैटेलाइट निगरानी शुरू करें और किसी भी अवैध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट प्रशासन को भेजें। बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद इस महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागरी, अपर पुलिस अधीक्षक अभय सिंह, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, मनीष बिष्ट और प्रभारी खनन अधिकारी मनीष कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे। जनता से सहयोग की अपील बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने जनपद की जनता से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक अवैध माफियाओं की कमर नहीं तोड़ी जा सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना जिला प्रशासन, स्थानीय थाना या वन विभाग को तुरंत दें ताकि त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।

DM का बड़ा एक्शन! उधमसिंहनगर में अवैध खनन और लकड़ी माफियाओं पर टूटेगा कहर, सख्त आदेश जारी

रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ):उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम…

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रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून 2025 से धान की रोपाई भी बिना किसी प्रतिबंध के कर सकते हैं। धान फसल के लिए समय पर तैयारी की सलाह मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया कि वे समय से अपनी नर्सरी तैयार करें और उन्नत कृषि विधियों का पालन करें ताकि उत्पादन में वृद्धि हो। अच्छी किस्म के बीज, समय पर रोपाई और संतुलित उर्वरक उपयोग से फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: कम प्रीमियम में बड़ा सुरक्षा कवच डॉ. सक्सेना ने बताया कि दैवीय या प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान ₹792.89 प्रति एकड़ प्रीमियम देकर ₹39644.53 प्रति एकड़ तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से लागू की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए किसान अर्पण कुमार, जिला समन्वयक (मोबाइल: 9536241931) से संपर्क कर सकते हैं। उन्नत किस्मों के बीज पंचायत स्तर पर उपलब्ध जनपद में कृषि विभाग द्वारा स्थापित सभी न्याय पंचायत स्तरीय कृषि निवेश केंद्रों पर धान की उन्नत प्रजातियाँ जैसे – एचकेआर-47, पंत धान-26, पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती-1637 उपलब्ध हैं। इसके अलावा उर्द की पीयू-08, 09, 10, 12, मूंग की पंत मूंग-09 और सोयाबीन की पीएस-1368, पीएस-26 जैसी उन्नत किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। कृषि रक्षा रसायन और सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध सभी कृषि निवेश केंद्रों पर कृषि रक्षा रसायन, कीटनाशक, जैविक उत्पाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे गुणवत्तापूर्ण व मान्यता प्राप्त उत्पादों का ही उपयोग करें। कृषि यंत्रों के लिए समाम योजना के तहत जल्द उपलब्ध होंगे लाभ डॉ. सक्सेना ने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुदान पाने के इच्छुक किसानों को "समाम योजना" के अंतर्गत जल्द ही लाभ मिल सकता है। भारत सरकार द्वारा मई माह के अंतिम सप्ताह तक कृषि यंत्रों के लक्ष्य प्राप्त होने की संभावना है। यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सक्रिय की जाएगी और चयनित किसानों को सब्सिडी के माध्यम से उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जैविक खेती और जल संरक्षण पर जोर मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों को पारंपरिक कृषि के साथ-साथ जैविक खेती को अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और भूमिगत जलस्तर में गिरावट को देखते हुए जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और शून्य लागत खेती जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को दी जा रही तकनीकी सहायता कृषि विभाग द्वारा तकनीकी सहायकों, कृषि पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों की टीमों को किसानों के गांवों में भेजा जा रहा है ताकि उन्हें बीज चयन, मिट्टी परीक्षण, उर्वरक उपयोग और कीट नियंत्रण के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सके। किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। कृषि विभाग कृषि विभाग का उद्देश्य है कि जनपद के हर किसान को समय पर सही जानकारी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बीमा सुरक्षा, यंत्र सुविधा और वैज्ञानिक सहयोग उपलब्ध कराया जाए, जिससे वर्ष 2025 का खरीफ सीजन उत्पादक और लाभकारी साबित हो।

खरीफ सीजन 2025: 1 मई से धान की नर्सरी और 1 जून से रोपाई की अनुमति, किसान लें योजनाओं का लाभ

रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून…

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रुद्रपुर, 30 अप्रैल 2025 – (समय बोल रहा ) अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, "बाल विवाह मुक्त भारत" अभियान की उधम सिंह नगर में सशक्त शुरुआत देशभर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए चल रहे सबसे बड़े सामाजिक नेटवर्क "जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन" के सहयोग से, उधम सिंह नगर जिले में "इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डेवलपमेंट (ISD)" द्वारा बाल विवाह के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल की गई। अक्षय तृतीया के अवसर पर विकास भवन स्थित शहीद उधम सिंह सभागार में "बाल विवाह मुक्त भारत अभियान" के तहत एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें धर्मगुरुओं, प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं सहित कई संस्थाओं ने भाग लिया। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं ने संपन्न किया। यह प्रतीकात्मक शुरुआत बाल विवाह जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दे पर एकजुटता का संदेश देती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – जिले को बाल विवाह मुक्त बनाना, बाल विवाह की सामाजिक व कानूनी जटिलताओं पर प्रकाश डालना और इसे रोकने के लिए समुदाय, प्रशासन और धार्मिक नेतृत्व को एक मंच पर लाना। अधिकारियों ने दिए ज़िम्मेदारी के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी मुकुल चौधरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र में बाल विवाह जैसी घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखें और यदि कहीं भी बाल विवाह की आशंका हो तो तुरंत विभाग को सूचित करें। उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली महिलाओं की भागीदारी इस सामाजिक कुप्रथा को समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और आपातकालीन सेवा 112 की जानकारी देते हुए बताया कि ये संसाधन बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए बेहद कारगर हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह में लिप्त पाए जाने वाले अभिभावकों और धर्मगुरुओं के विरुद्ध कानूनन कठोर कार्यवाही का प्रावधान है। बाल विवाह से प्रभावित महिलाओं का प्रेरक अनुभव कार्यशाला के दौरान पूर्व प्रधानाचार्य पार्वती देवी ने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि जब वे केवल 13 वर्ष की थीं, तब उनका विवाह कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि बचपन में विवाह के कारण महिलाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने अपने अनुभव से बताया कि कैसे उन्होंने पर्दा प्रथा के बावजूद ससुराल पक्ष के सहयोग से एमए, बीएड की शिक्षा प्राप्त की और उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षिका बनकर सेवा दी। बाद में वे एक इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद तक पहुंचीं और अब गरीब बच्चियों की शिक्षा के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। बाल विवाह का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि बाल विवाह केवल सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरनाक है। उन्होंने बताया कि कम उम्र में गर्भधारण करने वाली लड़कियां अधिकतर कुपोषित बच्चों को जन्म देती हैं और खुद भी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिमों से जूझती हैं। ऐसी माताओं की गर्भावस्था अक्सर "हाई रिस्क" मानी जाती है, जिससे मां और बच्चे दोनों के जीवन पर खतरा मंडराता है। धर्मगुरुओं की भूमिका और संकल्प आईएसडी के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने "एक्सेस टू जस्टिस" अभियान के अंतर्गत जिले में बाल विवाह व बाल श्रम के खिलाफ की गई पहलों की जानकारी दी और कहा कि धर्मगुरुओं की भागीदारी से इस लड़ाई को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर धर्मगुरु बाल विवाह में सहयोग करने से मना कर दें और ऐसे विवाहों का सामाजिक रूप से बहिष्कार करें, तो यह प्रथा स्वतः ही खत्म होने लगेगी। आईएसडी की परियोजना निदेशक विदु वासिनी ने कहा कि भारत तभी विकसित बन सकता है जब यहां के बच्चे बाल विवाह जैसी कुप्रथा से मुक्त हों। उन्होंने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देश में अब भी 23.3% बाल विवाह हो रहे हैं, जो चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि धर्मगुरु यदि ऐसे विवाह संपन्न न कराएं तो समाज में बदलाव आ सकता है। कार्यक्रम के अंत में धर्मगुरुओं ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे बाल विवाह का समर्थन नहीं करेंगे और जहां कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिलेगी, उसका विरोध करेंगे। सहभागिता कार्यशाला में चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल विकास परियोजना, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और आईएसडी के कार्यकर्ता प्रेम, रईस, रविंद्र, आरती, बबली सरकार, रुचिता, मलिक आदि उपस्थित थे। सभी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस सामाजिक बदलाव में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया।

अक्षय तृतीया पर रुद्रपुर में धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का सशक्त शुभारंभ

रुद्रपुर, 30 अप्रैल 2025 – (समय बोल रहा )अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं और प्रशासन की साझी पहल, “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान की उधम सिंह नगर में सशक्त शुरुआत देशभर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए चल रहे सबसे बड़े सामाजिक नेटवर्क “जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन” के सहयोग से, उधम सिंह नगर जिले में “इंस्टीट्यूट…

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https://samaybolraha.com/ रूद्रपुर, 29 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जनपद प्रशासन ने जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बड़ी कार्यवाही की है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार के निर्देशों पर पूर्ति विभाग ने सघन जांच अभियान चलाकर 37 अपात्र राशन कार्ड धारकों के कार्ड निरस्त कर दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने इस संबंध में सोमवार को सभी उपजिलाधिकारियों, पूर्ति अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनपद की सभी ग्राम पंचायतों और नगर निकाय क्षेत्रों में राशन कार्डों का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए और अपात्र लोगों के कार्ड तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाएं। सीडीओ ने स्थायी निवास प्रमाण-पत्र के आधार पर ही नए राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बाहरी व्यक्तियों, सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे अपात्रों, और मृतकों के नाम पर जारी राशन, आयुष्मान और अन्य कार्डों की गहन जांच की जाए और अविलंब निरस्त किया जाए। हर स्तर पर होगा सत्यापन, प्रतिदिन मांगी जाएगी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राशन की दुकानों और उनके पंजिकाओं की भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान जांच करें ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी न हो। सभी विभागों से कहा गया कि प्रत्येक दिन की सत्यापन रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में जिला कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। उन्होंने जनपद पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि नए राशन कार्ड केवल उन्हीं लोगों के बनाए जाएं जिनके पास उत्तराखंड का मूल या स्थायी निवास प्रमाण है। साथ ही जो भी व्यक्ति अन्य राज्य का निवासी हो, या जिनके परिवार के पास पहले से योजनाओं का लाभ मिल रहा हो, उनकी जांच उपरांत कार्ड निरस्त कर दिया जाए। जनजातीय परिवारों पर विशेष ध्यान, पीएम योजनाओं का लाभ देने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की जनजातीय और वनराजि समुदायों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत विशेष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि बुक्सा व वनराजि परिवारों के शत-प्रतिशत राशन कार्ड बनाए जाएं और उन्हें प्रधानमंत्री धरती आभा योजना व अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, इसके लिए जमीनी स्तर पर निगरानी और क्रियान्वयन सख्त होना चाहिए। वर्चुअल बैठक में कई अधिकारी जुड़े, दी गई जिम्मेदारियां बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार सहित जिले के सभी क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक, उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सत्यापन प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की सख्त हिदायत दी गई। मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी कहा कि अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ यदि आवश्यक हो तो विधिक कार्रवाई भी की जाए ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न कर सके।इस व्यापक अभियान के माध्यम से जिला प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिलेगा। अपात्र व्यक्तियों पर अब नकेल कसी जाएगी और फर्जी राशन कार्डधारकों की कोई जगह नहीं रहेगी।

रूद्रपुर में अपात्रों पर बड़ी कार्रवाई: 37 राशन कार्ड निरस्त, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

https://samaybolraha.com/ रूद्रपुर, 29 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) – ऊधमसिंहनगर जनपद प्रशासन ने जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बड़ी कार्यवाही की है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार के निर्देशों पर पूर्ति विभाग ने सघन जांच अभियान चलाकर 37 अपात्र राशन कार्ड धारकों के…

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रुद्रपुर, 28 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — आगामी 4 मई, रविवार को अपराह्न 2 बजे से 5 बजे तक NEET 2025 परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा को शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए रुद्रपुर जनपद में कुल 6 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 2386 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। आज कलक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी केंद्र व्यवस्थापकों और समन्वयकों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए। 6 परीक्षा केंद्र निर्धारित जनपद रुद्रपुर में जिन 6 परीक्षा केंद्रों पर NEET 2025 परीक्षा होगी, वे हैं: प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय नया भवन, पंतनगर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पुराना भवन, पंतनगर पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय, काशीपुर भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), काशीपुर पीएमश्री अटल उत्कृष्ट एएन झा राजकीय इंटर कॉलेज, रुद्रपुर पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय, रुद्रपुर प्रत्येक केंद्र पर सुरक्षा और निगरानी के विशेष प्रबंध किए गए हैं। समय पर प्रवेश और सख्त निगरानी के निर्देश अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों से कहा कि परीक्षा के दिन परीक्षार्थियों को निर्धारित समय से पूर्व केंद्र में प्रवेश कराना सुनिश्चित करें। प्रवेश द्वार पर तलाशी की व्यवस्था होगी। किसी भी परीक्षार्थी या कर्मचारी के पास मोबाइल फोन, स्मार्ट घड़ी, ब्लूटूथ डिवाइस, इयरफोन या अन्य किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लाने की अनुमति नहीं होगी। प्रश्नपत्रों को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही खोला जाएगा। केंद्रों पर हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था होगी चाक-चौबंद परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि प्रत्येक केंद्र पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी और होमगार्ड तैनात रहेंगे। परीक्षा के दौरान केंद्रों के आसपास धारा 144 लागू रहेगी ताकि भीड़भाड़ से बचा जा सके और शांति बनी रहे। डॉ. उत्तम सिंह नेगी ने यह भी कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाएगी। अधिकारियों ने दी सख्त हिदायतें बैठक में उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पांडेय, सीओ आरडी मठपाल, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य त्रिभुवन आर्य, जवाहर नवोदय विद्यालय की प्राचार्य कंचन जोशी, एएन झा इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य दयाशंकर पांडेय, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के डीन और आईआईएम काशीपुर के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि परीक्षा कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्या-क्या निषेध रहेगा परीक्षा केंद्रों पर? परीक्षा केंद्रों पर निम्नलिखित चीजें प्रतिबंधित रहेंगी: मोबाइल फोन स्मार्ट वॉच ब्लूटूथ डिवाइस किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नोट्स, पर्ची, किताबें या किसी भी प्रकार का संदिग्ध सामान परीक्षार्थियों को केवल नीट के दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुमति प्राप्त सामग्री जैसे पेन, एडमिट कार्ड और एक पहचान पत्र साथ लाने की अनुमति होगी। प्रशासन ने अभ्यर्थियों और अभिभावकों से की अपील अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी ने सभी परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की कि वे परीक्षा केंद्र के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचें और परीक्षा से जुड़े नियमों का पूरी ईमानदारी से पालन करें। उन्होंने कहा कि परीक्षा का माहौल शांति पूर्ण और अनुशासित होना चाहिए ताकि सभी परीक्षार्थी बिना किसी मानसिक दबाव के परीक्षा दे सकें। NEET 2025 रुद्रपुर में NEET 2025 परीक्षा के आयोजन हेतु जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कुल 6 परीक्षा केंद्रों पर 2386 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। सुरक्षा, पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि परीक्षा कार्य को पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी से संपन्न कराएं।

रुद्रपुर में NEET 2025 परीक्षा 4 मई को, 6 परीक्षा केंद्रों पर 2386 विद्यार्थी देंगे परीक्षा

रुद्रपुर, 28 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — आगामी 4 मई, रविवार को अपराह्न 2 बजे से 5 बजे तक NEET 2025 परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा को शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए रुद्रपुर जनपद में कुल 6 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 2386 अभ्यर्थी परीक्षा…

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जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) टीम ने शहर के सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक छापेमार कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अनियमितताएं पाई गईं, वहीं कुछ केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक रहीं। जिन केंद्रों में कागजी खामियां मिलीं, उन्हें जल्द सुधार करने की चेतावनी दी गई है। इस कार्रवाई का नेतृत्व पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने किया। उनके साथ टीम में जिला समन्वयक प्रदीप महर, राजस्व उपनिरीक्षक नीरज जोशी, प्रदीप चंद्र चौबे सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अमृत चिकित्सालय में फॉर्म F में खामियां कार्रवाई की शुरुआत अमृत चिकित्सालय से हुई। यहां टीम को अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर अवकाश पर मिले। केंद्र में कुल चार अल्ट्रासाउंड मशीनें पंजीकृत हैं, जिनमें से एक पोर्टेबल मशीन खराब होने के कारण पहले ही सील की जा चुकी है। निरीक्षण के दौरान Form F में कई प्रकार की कमियां देखी गईं। टीम ने अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि फॉर्म भरने में लापरवाही न बरती जाए और रिकॉर्ड को सही तरीके से व्यवस्थित रखा जाए। HB हॉस्पिटल में भी पोर्टेबल मशीन की स्थिति खराब इसके बाद टीम HB हॉस्पिटल पहुंची, जहां एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन खराब हालत में पाई गई। अस्पताल प्रशासन ने अनुरोध किया कि मशीन को अस्थायी रूप से सील कर दिया जाए, जिस पर टीम ने सहमति जताई और मशीन को सील कर दिया गया। चरवी चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं, मशीन पहले से सील चरवी चिकित्सालय में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण पूर्व में अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी गई थी। निरीक्षण टीम ने इस केंद्र का भी दौरा किया और सील की गई मशीन का निरीक्षण किया। टीम ने केंद्र संचालक को निर्देश दिया कि जब तक योग्य अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं होती, तब तक मशीन का उपयोग नहीं किया जाए। साथ ही, डॉक्टर की नियुक्ति के बाद नए सिरे से आवेदन देने को कहा गया। अन्य केंद्रों की व्यवस्था रही दुरुस्त पंत अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, SBR अल्ट्रासाउंड केंद्र और श्रीराम नर्सिंग होम जैसे अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। कागजी कार्रवाई, मशीनों की स्थिति और फॉर्म F का रखरखाव इन संस्थानों में अपेक्षाकृत बेहतर मिला। टीम ने दी चेतावनी डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सख्त मानकों का पालन करना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन केंद्रों में खामियां पाई गई हैं, उन्हें जल्द से जल्द सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि अगली जांच में भी अनियमितताएं पाई गईं तो संबंधित केंद्रों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से मचा हड़कंप इस छापेमारी के बाद शहर के अल्ट्रासाउंड केंद्रों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को भ्रूण लिंग जांच की रोकथाम के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। टीम का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नियमित अंतराल पर निरीक्षण किया जाएगा। पीसीपीएनडीटी अधिनियम की भूमिका गौरतलब है कि पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत सरकार द्वारा 1994 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य भ्रूण में लिंग जांच को रोकना है। इसके तहत कोई भी अल्ट्रासाउंड केंद्र गर्भस्थ शिशु के लिंग की जानकारी नहीं दे सकता और इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। इस अधिनियम का सख्ती से पालन कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई इस छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग भ्रूण लिंग जांच जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पूरी तरह गंभीर है और कागजी कार्रवाई में कोताही बरतने वाले केंद्रों को अब सतर्क रहना होगा।

शहर में पीसीपीएनडीटी टीम की छापेमारी: 7 अल्ट्रासाउंड केंद्रों में मिली अनियमितताएं, कागजी खामियों पर दी गई सख्त हिदायतें

रुद्रपुर  24 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) टीम ने शहर के सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक छापेमार कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अनियमितताएं पाई गईं, वहीं कुछ केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक रहीं। जिन केंद्रों में कागजी…

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रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहरी विकास और यातायात सुधार के तहत लिया गया था, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ीकरण योजना को पूरी तरह से लागू किया जा सके। मजार का महत्व और उसकी स्थिति: मजार रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर वर्षों से स्थित थी, और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए यह स्थल एक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित था। श्रद्धालु यहाँ चादर चढ़ाने, मन्नत मांगने और दुआ करने के लिए आते थे। इस मजार को लेकर स्थानीय लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे, और इसे कई दशकों पुराना मानते थे। मजार के विभिन्न नाम भी प्रचलित थे, जैसे "सेय्यद मासूम शाह मियां," "सज्जादा मियां," और "सत्य महू मियां," लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये सभी नाम एक ही मजार के संदर्भ में इस्तेमाल होते थे। प्रशासन का पक्ष और कार्रवाई: इंदिरा चौक पर सड़क के चौड़ीकरण की योजना का हिस्सा बनने के कारण मजार को हटाना आवश्यक हो गया था। प्रशासन ने बताया कि यह मजार सड़क के एक हिस्से पर बनी थी, जिससे यातायात की गति में रुकावट आ रही थी। इंदिरा चौक पर प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते हैं, और यहाँ ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग-74 का चौड़ीकरण कार्य यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था, लेकिन इस मजार के कारण कार्य में बाधा आ रही थी। जिला प्रशासन ने मजार को हटाने से पहले कई बार नोटिस जारी किए थे और संबंधित पक्षों को कानूनी प्रक्रिया के तहत अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई, जिसके बाद प्रशासन को यह कठोर कदम उठाना पड़ा। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल शहरी विकास और यातायात प्रबंधन के लिए की गई थी, और इसमें कोई धार्मिक या राजनीतिक कारण नहीं थे। बुलडोजर कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम: मंगलवार सुबह जब प्रशासनिक टीम मजार को हटाने के लिए पहुँची, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए थे, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया और इस कदम को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आलोचना की, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्वक कार्रवाई करते हुए मजार को गिरा दिया। धार्मिक आस्था और शहरी विकास के बीच टकराव: स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह मजार एक धार्मिक स्थल था और इसे लेकर उनका गहरा आस्था था। उनके लिए यह सिर्फ एक मजार नहीं, बल्कि उनके धार्मिक विश्वासों का प्रतीक था। यह स्थल वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ था। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह सार्वजनिक भूमि थी, और मजार को बिना अनुमति के उस पर बनाया गया था। प्रशासन का तर्क है कि अगर शहर को आगे बढ़ाना है और शहरी विकास को लागू करना है, तो ऐसी बाधाओं को हटाना जरूरी है। राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ: इस कार्रवाई के बाद, स्थानीय समुदाय में असंतोष और विरोध का माहौल बना। हालांकि, अब तक किसी भी राजनीतिक दल या प्रतिनिधि की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। प्रशासन ने इस मामले को पूरी तरह से शहरी विकास और यातायात प्रबंधन से जोड़ते हुए कहा कि इसका कोई धार्मिक या राजनीतिक पहलू नहीं था। इसके बावजूद, यह स्पष्ट है कि इस कार्रवाई ने एक गहरे सामाजिक और धार्मिक मुद्दे को जन्म दिया है, जिसमें एक ओर धार्मिक आस्था है, जबकि दूसरी ओर शहरी विकास की जरूरतें। यह स्थिति रुद्रपुर जैसे बढ़ते शहरों के लिए एक चुनौती है, जहां विकास और धार्मिक विश्वासों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। आगे की योजना: इंदिरा चौक पर मजार को हटाने के बाद, प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की संयुक्त टीम अब इस क्षेत्र को सड़क विकास योजना के अनुरूप नया रूप देने के लिए कार्य करेगी। इसका उद्देश्य न केवल यातायात को बेहतर बनाना है, बल्कि यह क्षेत्र रुद्रपुर के शहरी विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। अतिक्रमण को हटाना यह घटना यह दर्शाती है कि रुद्रपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में विकास और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखना एक कठिन कार्य हो सकता है। इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब प्रशासन शहरी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए स्पष्ट और निर्णायक कदम उठा रहा है। हालांकि, यह भी देखा गया कि धार्मिक स्थानों को हटाने से समुदाय के बीच भावनात्मक रूप से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, और भविष्य में ऐसी स्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने की आवश्यकता है। इस प्रकार की घटनाओं से यह साफ होता है कि सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को हटाना, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य निर्माण, शहरी विकास के लिए जरूरी हो सकता है। प्रशासन का यह कदम एक महत्वपूर्ण संकेत है कि अब विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रुद्रपुर: इंदिरा चौक पर प्रशासन ने तोड़ी वर्षों पुरानी मजार, सड़क चौड़ीकरण का हवाला

रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना…

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रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ): जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा सम्पन्न बनाया जाए ताकि आम जनता को चिकित्सा सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिल सकें। हर अस्पताल बने मॉडल चिकित्सालय: एक सप्ताह में दें कार्य योजना बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारी एक स्पष्ट विजन के साथ कार्य करें और अपने-अपने चिकित्सालयों को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करें। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना बनाकर मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा NHM के तहत भरपूर बजट उपलब्ध कराया गया है। मोटापे को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता: जागरूकता और काउंसलिंग के निर्देश बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में बढ़ते मोटापे पर जताई गई चिंता का भी जिक्र किया गया। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे मोटापा कम करने के लिए लोगों को जागरूक करें और व्यक्तिगत काउंसलिंग की व्यवस्था भी करें, ताकि इस बढ़ते खतरे को रोका जा सके। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता: हाई रिस्क प्रेग्नेंसी पर निगरानी जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, समय पर दवा वितरण, जांच और टीकाकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की ट्रैकिंग की जाए और सभी प्रसव संस्थान स्तर पर कराए जाएं। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रसव कक्षों में सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। आशा कार्यकर्ताओं पर नजर: संस्थागत प्रसव के लिए जवाबदेही तय आशा कार्यकर्ताओं को संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि जिन क्षेत्रों में प्रसव अन्यत्र हो रहे हैं, वहां की आशा कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): जीपीएस ट्रैकिंग और वेतन रोकने के निर्देश राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि कुछ क्षेत्रों में कार्य ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर उन्होंने निर्देश दिए कि सभी टीमें रोस्टर के अनुसार स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करें। सभी बच्चों की जांच कर फोटो सहित एप में अपलोडिंग सुनिश्चित की जाए। गदरपुर, काशीपुर और रुद्रपुर की टीमें स्वास्थ्य परीक्षण में असफल रहीं, इसलिए जिलाधिकारी ने उनके वेतन रोकने के आदेश दिए। सभी RBSK वाहनों में जीपीएस लगाने के निर्देश भी जारी किए गए। टीकाकरण और डेंगू-मलेरिया पर एडवांस प्लानिंग के निर्देश सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही जिलाधिकारी ने डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने और पूर्व कार्ययोजना बनाने के लिए भी CMO को निर्देशित किया। मुख्य विकास अधिकारी ने दिए आयुष्मान और एनीमिया पर निर्देश मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार ने “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत 6 से 59 माह तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से दवा पिलाने तथा एल्मेंडाजॉल की कृमिनाशक गोली खिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चिकित्सा उपकेंद्रों को “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में परिवर्तित करने और सभी अस्पतालों में सोलर प्लांट लगाने के भी निर्देश दिए। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. सिन्हा, एसीएमओ डॉ. एस.पी. सिंह, डॉ. हरेन्द्र मलिक, डॉ. राजेश आर्या, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. आर.एस. श्रीवास्तव, डीपीओ हेमा कांडपाल, जिला शिक्षा अधिकारी हरेन्द्र मिश्रा, तथा सभी एमओआईसी और चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। जनस्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रशासन का ठोस कदम जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में हुई यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड सरकार जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सुविधा सम्पन्न अस्पताल, बाल स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आयुष्मान योजना और डेंगू-मलेरिया नियंत्रण की दिशा में लिए गए ये निर्णय आने वाले समय में जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

जनस्वास्थ्य पर जिला प्रशासन सख्त, सभी अस्पतालों को मॉडल चिकित्सालय बनाने के निर्देश

रुद्रपुर, 17 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ):जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चिकित्सालय में औषधियों, जांच, उपकरणों और सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की समीक्षा बैठक में चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों को सुविधा…

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बाजपुर, 4 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)। भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगामी स्थापना दिवस (6 अप्रैल से 12 अप्रैल) और 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर बाजपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में संपन्न हुई, जिसमें काशीपुर जिले के भाजपा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज पाल ने की, जबकि कार्यक्रम में मुख्य मार्गदर्शन भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी श्री दुष्यंत कुमार गौतम का प्राप्त हुआ। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि "स्थापना दिवस और अंबेडकर जयंती भाजपा के वैचारिक मूल्यों और सामाजिक समरसता को सशक्त करने के महत्वपूर्ण अवसर हैं। सभी कार्यकर्ता इन आयोजनों को जनजागरण का माध्यम बनाएं।" प्रमुख जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति बैठक में काशीपुर और गदरपुर क्षेत्र के अनेक वरिष्ठ भाजपा नेता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनमें जिला प्रभारी पुष्कर काला, गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय, काशीपुर महापौर दीपक बाली, राज्य मंत्री बलराज पासी, पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल, प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक, राजेश कुमार, सुखदेव सिंह नामधारी, गुरताज भुल्लर, अर्जुन कश्यप, राजीव सैनी, जसवीर सिंह सैनी, रवि साहनी, कार्यक्रम के जिला संयोजक सुदेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। कार्यक्रमों की रूपरेखा बैठक में तय किया गया कि भाजपा स्थापना दिवस सप्ताह के दौरान विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक एवं सेवा कार्य आयोजित किए जाएंगे, जिनमें— रक्तदान शिविर स्वच्छता अभियान जनसम्पर्क एवं जनसंवाद कार्यक्रम मंडल स्तर पर विचार गोष्ठियाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों पर संगोष्ठियाँ को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वंचित समाज के बीच जन-जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य होगा। सामाजिक समरसता और सेवा पर विशेष बल प्रदेश प्रभारी श्री दुष्यंत कुमार गौतम ने अपने संबोधन में सामाजिक समरसता को भाजपा की मूल आत्मा बताया और कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन हमें संविधान, समानता और समाज सेवा की प्रेरणा देता है। भाजपा कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और उनके बताए मार्ग पर चलें। समापन और संकल्प बैठक के अंत में कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि भाजपा के स्थापना दिवस और अंबेडकर जयंती पर आयोजित सभी कार्यक्रम अनुशासित, प्रेरक और समाज को जोड़ने वाले होंगे। सभी आयो

बाजपुर में भाजपा स्थापना दिवस और अंबेडकर जयंती के कार्यक्रमों को लेकर हुई बैठक

दुष्यंत कुमार गौतम ने बैठक में किया मार्गदर्शन, कार्यक्रमों की रूपरेखा पर हुई चर्चा बाजपुर, 4 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)।डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगामी स्थापना दिवस (6 अप्रैल से 12 अप्रैल) और 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर…

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उधमसिंह नगर

उधमसिंह नगर बना प्रदेश में नंबर 1: बीस सूत्रीय कार्यक्रम में लगातार शीर्ष स्थान पर बरकरार

रुद्रपुर, 3 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के जनपद उधमसिंह नगर ने बीस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत एक बार फिर प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के जनवरी माह में भी जनपद ने प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया। बीस सूत्रीय कार्यक्रम…

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