जसपुर, 30 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड युवा मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि शीतल जोशी ने जसपुर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को एक छह बिंदुओं का विस्तृत मांग पत्र सौंपा है। जोशी ने इस पत्र के माध्यम से क्षेत्र के विकास और जनहित से जुड़े अहम मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने पर जोर शीतल जोशी ने अपने मांग पत्र में जसपुर क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्णकालिक रेडियोलॉजिस्ट एवं पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति न होने से आमजन को इलाज में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इन महत्वपूर्ण पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने की मांग की है ताकि क्षेत्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें। तीर्थाटन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने की वकालत जसपुर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए, शीतल जोशी ने क्षेत्र में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने मांग की है कि जसपुर के प्राचीन तीर्थ स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए। इसके लिए उन्होंने सौंदर्यीकरण परियोजनाओं और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता बताई, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास हो सके। भूमिहीनों को मालिकाना हक दिलाने की पैरवी मांग पत्र में जसपुर क्षेत्र के उन गरीब और भूमिहीन परिवारों का मुद्दा भी उठाया गया है, जिन्हें वर्ष 2020 में उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत मालिकाना अधिकार मिलने थे, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। शीतल जोशी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इन परिवारों को शीघ्र अति शीघ्र भूमि का मालिकाना हक दिलाया जाए, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा और सम्मान मिल सके। सड़क सुरक्षा पर चिंता एवं समाधान की मांग आए दिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शीतल जोशी ने मुख्यमंत्री से सड़क सुरक्षा के उपाय करने की मांग की। उन्होंने विशेष रूप से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) की पहचान कर वहाँ चेतावनी बोर्ड और प्रभावी अवरोधक लगाने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। जल आपूर्ति योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग जसपुर नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल संकट को एक गंभीर समस्या बताते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वीकृत पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की। शीतल जोशी ने कहा कि नगर के विभिन्न वार्डों में जल संकट एक बड़ी समस्या बना हुआ है, जिसका त्वरित समाधान किया जाना आवश्यक है। ग्रामीणों को जल जीवन मिशन का लाभ मिले जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजना का लाभ जसपुर के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की बात भी मांग पत्र में कही गई है। शीतल जोशी ने अपील की है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जसपुर ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शीघ्र सुनिश्चित की जाए, जिससे ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके। अंत में, शीतल जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया कि इन सभी 6 सूत्रीय मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए शीघ्र कार्रवाई की जाए ताकि जसपुर की जनता को विभिन्न समस्याओं से राहत मिल सके। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेंगे और विकास कार्यों को गति देंगे।

जसपुर की समस्याओं पर शीतल जोशी ने CM धामी को सौंपा 6 सूत्रीय मांग पत्र, स्वास्थ्य-पर्यटन-भूमि अधिकार जैसे मुद्दे उठाए

जसपुर, 30 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – (CM धामी )भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड युवा मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि शीतल जोशी ने जसपुर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को एक छह बिंदुओं का विस्तृत मांग पत्र सौंपा है। जोशी…

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देहरादून, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, जहाँ शांति और धार्मिकता की उम्मीद की जाती है, वहाँ 'आशियाना गेस्ट हाउस' की आड़ में चल रहे एक बड़े जिस्मफरोशी के रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। राजा रोड स्थित इस गेस्ट हाउस पर पुलिस टीम ने छापा मारा तो गेस्ट हाउस की दीवारों के पीछे चल रहे जिस्म के धंधे का पर्दाफाश हो गया, जिसने देवभूमि की पवित्र छवि पर एक बार फिर कालिख पोत दी है। पुलिस ने मौके से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सभी बाहरी राज्यों के बताए जा रहे हैं। 'आशियाना गेस्ट हाउस' बना था देह व्यापार का अड्डा मिली जानकारी के अनुसार, देहरादून के राजा रोड स्थित 'आशियाना गेस्ट हाउस' लंबे समय से पुलिस की नजर में था। पुलिस को सूचना मिल रही थी कि इस गेस्ट हाउस में देह व्यापार का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है। इस गेस्ट हाउस को जिस्मफरोशी का एक अड्डा बना दिया गया था, जहाँ ग्राहकों को फोन पर बुलाया जाता था और उन्हें अवैध तरीके से देह व्यापार की सुविधा मुहैया कराई जाती थी। यह एक सुनियोजित रैकेट था, जो गेस्ट हाउस की आड़ में बेखौफ चल रहा था। पुलिस के आला अधिकारियों को इस संबंध में गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद एक गोपनीय ऑपरेशन की योजना बनाई गई। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए विशेष रूप से एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और नगर पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया, ताकि छापेमारी को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके और आरोपियों को मौके पर ही पकड़ा जा सके। छापेमारी का मंजर: आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए युवक-युवतियां शुक्रवार देर रात AHTU और नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने अचानक 'आशियाना गेस्ट हाउस' पर छापा मार दिया। पुलिस की टीम जब गेस्ट हाउस के अंदर दाखिल हुई, तो वहाँ का नजारा चौंकाने वाला था। पुलिस ने देखा कि गेस्ट हाउस के अलग-अलग कमरों में युवक और युवतियां आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए। यह स्थिति गेस्ट हाउस में चल रहे अवैध धंधे का स्पष्ट प्रमाण थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामान और नगदी भी बरामद की। इन बरामदगियों ने पुष्टि कर दी कि गेस्ट हाउस का उपयोग सिर्फ ठहरने के लिए नहीं, बल्कि अनैतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। पुलिस ने तुरंत सभी संबंधित व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया और आगे की कार्रवाई शुरू की। गैंग का सरगना और बाहरी राज्यों से कनेक्शन पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि इस पूरे देह व्यापार के रैकेट को नरेंद्र सिंह रावत नाम के एक शख्स ने गेस्ट हाउस को लीज पर लेकर चला रहा था। लीज पर गेस्ट हाउस लेने का मकसद ही इसकी आड़ में इस अवैध धंधे को संचालित करना था। पुलिस अब नरेंद्र सिंह रावत की तलाश में जुट गई है और उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इस रेड में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है: तापस शाहू कमलेश निक्का देवी संजीत कुमार गुल्ली देवी मनु गुरंग सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस के अनुसार, ये सभी गिरफ्तार आरोपी बिहार और बंगाल जैसे बाहरी राज्यों के रहने वाले हैं। यह दर्शाता है कि यह रैकेट सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतर-राज्यीय स्तर पर भी फैला हुआ हो सकता है, जहाँ बाहर से युवतियों को लाकर इस धंधे में धकेला जा रहा था। पुलिस अब इस गैंग के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है, जिसमें इसके सरगना और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी शामिल है। देवभूमि की छवि पर दाग और पुलिस की चुनौतियाँ देहरादून, जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, ऐसी घटनाओं से उसकी 'देवभूमि' की छवि पर गहरा दाग लगता है। इस तरह के अनैतिक और अवैध धंधे न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश करते हैं, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों के क्षरण का भी कारण बनते हैं। पुलिस लगातार ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान चला रही है, जो नशे और देह व्यापार जैसे अवैध धंधों में लिप्त हैं। यह रेड पुलिस की सतर्कता और 'देवभूमि' को अपराध मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे किसी भी अवैध कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन जनता से भी अपील कर रहा है कि वे ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें, ताकि समय रहते इन पर अंकुश लगाया

देहरादून में ‘आशियाना गेस्ट हाउस’ पर पुलिस का छापा: दीवारों के पीछे चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, 6 गिरफ्तार, देवभूमि की छवि पर दाग!

देहरादून, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, जहाँ शांति और धार्मिकता की उम्मीद की जाती है, वहाँ ‘आशियाना गेस्ट हाउस’ की आड़ में चल रहे एक बड़े जिस्मफरोशी के रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। राजा रोड स्थित इस गेस्ट हाउस पर पुलिस टीम ने…

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उत्तराखंड पंचायत चुनावों से हटा ग्रहण, हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी; आयोग ने जारी किया ‘नया’ और ‘अंतिम’ कार्यक्रम, देखें आपकी वोटिंग-गिनती की तारीखें!

देहरादून, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर छाया अनिश्चितता का बादल आखिरकार छंट गया है! मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखंड, नैनीताल ने रिट याचिका में अपना स्थगनादेश समाप्त कर दिया है, जिसके तुरंत बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सक्रियता दिखाते हुए पंचायत चुनावों का संशोधित और अंतिम…

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उत्तराखंड में हड़कंप! नामांकन से पहले पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट ने लगाई ‘ब्रेक’, जानें क्यों अटकी पूरी प्रक्रिया?

देहरादून, 23 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। राज्य के बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब राज्य निर्वाचन आयोग…

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बड़ी खबर! उत्तराखंड चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा , त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, कार्यक्रम: देखें आपके गांव में कब होगी वोटिंग और गिनती की तारीखें!

देहरादून, 22 जून, 2025(समय बोल रहा) – उत्तराखंड के ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, औपचारिक रूप से शुरू हो चुका है! राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक धमाकेदार प्रेसवार्ता आयोजित कर पूरे चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही, प्रदेश के 12 जिलों में…

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत देहरादून, 09 जून, 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव आया है। पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने और जुलाई में प्रस्तावित चुनावों में देरी के कारण, राज्य सरकार ने पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। अब जिला पंचायतों की कमान जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट संभालेंगे, क्षेत्र पंचायतों का जिम्मा उपजिलाधिकारी देखेंगे, और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) प्रशासक होंगे। यह निर्णय तब लिया गया है जब वर्ष 2019 में गठित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और नए चुनाव अभी संभव नहीं हो सके हैं। इस बदलाव का सीधा असर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता पर पड़ेगा। कार्यकाल समाप्ति और चुनाव में देरी: क्यों पड़ी प्रशासकों की जरूरत? उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 की धारा-130 (6) के तहत, वर्ष 2019 में गठित प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, शासन ने पूर्व में अधिसूचना संख्या-256316/XII(1)/2024-86(15)/2013/ई-68985 दिनांक 26.11.2024 और अन्य संबंधित अधिसूचनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित जिलाधिकारियों को दिया था। ये प्रशासक कार्यकाल समाप्ति की तिथि से छह महीने तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किए गए थे। हालांकि, इन नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में 27 मई 2025 को, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई 2025 को, और जिला पंचायतों में 01 जून 2025 को कार्यकाल समाप्त हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि "अति अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण" त्रिस्तरीय पंचायतों का सामान्य निर्वाचन, प्रशासकों के कार्यकाल समाप्ति की तिथि से पूर्व कराया जाना साध्य नहीं हो सका है। इसी अप्रत्याशित देरी के कारण, अब नई अंतरिम व्यवस्था लागू की गई है। नई प्रशासकीय व्यवस्था: कौन संभालेगा किसकी कमान? वर्तमान की "अपरिहार्य परिस्थिति" को देखते हुए, प्रदेश में जुलाई 2025 में प्रस्तावित आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार को छोड़कर) प्रक्रिया संपन्न होने तक या नवीन पंचायतों के गठन तक, अथवा 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक, कार्यहित, जनहित और पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए नए अधिकारियों को प्रशासक के रूप में अधिकृत किया गया है। यह निर्णय प्रमोद कुमार बिजलवान, समीक्षा अधिकारी, पंचायती राज विभाग द्वारा 09/06/2025 को जारी अधिसूचना (संख्या: 305002 जैनराज बिंदु-1 /XII(1)/2025/86(15)/2013/ई-68985) में विस्तृत रूप से बताया गया है। नई व्यवस्था के तहत, निम्नवत् अधिकारियों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है: जिला पंचायतों में: संबंधित जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट को जिला पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह दिखाता है कि जिला स्तर पर शासन ने सबसे उच्च अधिकारी पर भरोसा जताया है ताकि विकास कार्य और प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। क्षेत्र पंचायतों में: संबंधित उपजिलाधिकारी (अपनी क्षेत्राधिकारिता में) क्षेत्र पंचायतों का कार्यभार संभालेंगे। उपजिलाधिकारी की नियुक्ति से ब्लॉक स्तर पर प्रभावी निगरानी और निर्णय लेने की क्षमता बनी रहेगी। ग्राम पंचायतों में: संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्राम पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह पद ग्रामीण स्तर पर सीधे जनता से जुड़ा होता है और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और नई निर्वाचित पंचायतों के गठन तक ग्रामीण विकास कार्य और जन सेवाएं बाधित न हों। पुरानी शर्तों का यथावत् रहना और आगे की राह अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक नियुक्त किए जाने संबंधी प्रस्तर-1 में उल्लिखित पूर्व निर्गत अधिसूचनाओं में निहित शेष शर्ते यथावत रहेंगी। इसका अर्थ है कि प्रशासकों के अधिकार और जिम्मेदारियां पूर्व में निर्धारित नियमों के अनुरूप ही होंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के सुचारू संचालन की आवश्यकता है। हरिद्वार जिले को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है, संभवतः वहां की चुनावी या प्रशासनिक स्थिति अलग होने के कारण। अब सभी की निगाहें जुलाई 2025 में होने वाले प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जो नई निर्वाचित पंचायतों को सत्ता में लाएंगे और ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से स्थापित करेंगे। इस बीच, नए प्रशासक जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और विकास कार्यों को गति देने की चुनौती का सामना करेंगे।

उत्तराखंड में ‘प्रशासक राज’ का नया दौर: पंचायतों में बड़े बदलाव, अब ये अधिकारी संभालेंगे कमान! जानिए पूरी खबर

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देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में हूटर बजाने की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। इन बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए, उत्तराखंड पुलिस ने अब कड़ा रुख अपनाया है। रेंज कार्यालय से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत ऐसे अनुशासनहीन पर्यटकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का यह कदम राज्य की शांति व्यवस्था और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पर्यटन सीजन में अनुशासनहीनता: बढ़ती शिकायतें और वायरल वीडियो उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के कारण देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। वर्तमान में, पर्यटन सीजन चरम पर है, और गढ़वाल मंडल के चारों धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) से लेकर प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे देहरादून, मसूरी, धनोल्टी, चकराता, टिहरी, हर्षिल और अन्य स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए तो सुखद है, लेकिन इसी के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आ रही हैं। हाल के दिनों में, गढ़वाल के अलग-अलग जिलों से पर्यटकों के उत्पात मचाने, सार्वजनिक स्थानों पर मारपीट करने, और वाहनों से खतरनाक स्टंटबाजी करने की कई शिकायतें मिली हैं। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए हैं, जिससे राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ये वीडियो न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं, बल्कि अन्य पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए भी असहजता और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करने को मजबूर हुआ है। पुलिस का 'जीरो टॉलरेंस' अभियान: हुड़दंगियों पर होगी कड़ी कार्रवाई इन बढ़ती शिकायतों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखते हुए, रेंज कार्यालय ने अब 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाने का फैसला किया है। इसके तहत, एक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसका सीधा उद्देश्य उन पर्यटकों पर शिकंजा कसना है जो उत्तराखंड आकर कानून का उल्लंघन करते हैं और सार्वजनिक शांति भंग करते हैं। पुलिस अब सड़कों पर खुलेआम शराब पीने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने, तेज संगीत बजाकर शोरगुल करने, और विशेष रूप से अनधिकृत रूप से कारों में हूटर या सायरन बजाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। पुलिस स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि पर्यटन का अर्थ अनुशासनहीनता या अराजकता नहीं है। राज्य में सभी का स्वागत है, लेकिन कानून का सम्मान करना अनिवार्य है। इस अभियान में उन व्यक्तियों को भी लक्ष्य किया जाएगा जो खतरनाक ड्राइविंग या स्टंटबाजी करके अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालते हैं। अभियान के तहत गिरफ्तारी और कानूनी प्रावधान इस विशेष अभियान के दौरान, पुलिस टीम सादे कपड़ों में और यूनिफॉर्म में विभिन्न पर्यटक स्थलों और प्रमुख मार्गों पर तैनात रहेंगी। सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय लोगों से मिली सूचनाओं के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी। जो भी पर्यटक इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) और मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करेगी। शराब पीकर हंगामा करने पर आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आबकारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। अनधिकृत रूप से हूटर या सायरन बजाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना और अन्य दंड का प्रावधान है। स्टंटबाजी या रैश ड्राइविंग के मामलों में न केवल भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और गंभीर मामलों में कारावास की सजा भी हो सकती है। पुलिस का लक्ष्य इन सख्त कार्रवाइयों के माध्यम से एक मिसाल कायम करना है ताकि अन्य लोग ऐसी गलतियां करने से पहले सौ बार सोचें। स्थानीय निवासियों और अन्य पर्यटकों को मिलेगी राहत पुलिस के इस विशेष अभियान से स्थानीय निवासियों और अन्य शांतिप्रिय पर्यटकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हुड़दंग और उत्पात मचाने वाले तत्वों के कारण अक्सर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और शांत वातावरण भंग होता है। इसके अलावा, जो पर्यटक शांति और प्रकृति का आनंद लेने आते हैं, उन्हें भी ऐसे अप्रिय व्यवहार के कारण असुविधा होती है। पुलिस के इस कदम से पर्यटन का वास्तविक अनुभव बेहतर होगा, और राज्य की छवि एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में मजबूत होगी। यह अभियान न केवल कानून का राज स्थापित करेगा, बल्कि पर्यटन के लिए एक अधिक सम्मानजनक और सुखद वातावरण भी बनाएगा, जिससे उत्तराखंड अपनी देवभूमि की पहचान को बरकरार रख सके। पुलिस ने सभी पर्यटकों से अपील की है कि वे राज्य के कानूनों का पालन करें और अपनी यात्रा को शांतिपूर्ण और सुखद बनाएं।

उत्तराखंड में हुड़दंगियों की खैर नहीं! सड़कों पर शराब पीकर उत्पात मचाने और हूटर बजाने वालों पर पुलिस सख्त, विशेष अभियान शुरू

देहरादून, 06 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन सीजन चरम पर है, और राज्य के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इसी दौरान, कुछ पर्यटकों द्वारा सड़कों पर हुड़दंग करने, वाहनों में शराब पीकर उत्पात मचाने और अनधिकृत रूप से कारों में…

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देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है, जो इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण और विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित बताया, और जोर देकर कहा कि जिन लोगों ने लगातार जांच एजेंसियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे, उन्हें अब अदालत के इस स्पष्ट और निर्णायक फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अदालत ने अपने निर्णय में तथ्यों और पुख्ता सबूतों को आधार बनाया है। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी भूमिका शुरू से ही दुष्प्रचार फैलाने और ओछी राजनीति करने की रही है, जो अब सबके सामने उजागर हो चुकी है। कांग्रेस लगातार अंकिता मामले में "लचर पैरवी" का आरोप लगाती रही, लेकिन अदालत का यह फैसला उनकी उन सभी मनगढ़ंत आशंकाओं और दुष्प्रचार को निरर्थक साबित कर गया है। श्री चौहान ने कहा, "आखिरकार, न्याय मिला है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" उन्होंने अंकिता के नाम पर निकाली गईं तमाम "राजनीतिक यात्राओं" पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं का मूल उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टि और लाभ प्राप्त करना था, और इस फैसले के बाद उनकी यह कुत्सित मंशा पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसियों की भूमिका और कांग्रेस का दोहरा मापदंड श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि अंकिता केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश की बेटी थी। उनके परिजनों के दुख में समस्त देवभूमिवासी शामिल थे। उन्होंने जांच एजेंसियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब जांच एजेंसियां पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने और मामले की गहन विवेचना कर रही थीं, तब कांग्रेस सहित कुछ अन्य दल जानबूझकर "नई थ्योरी" सामने लाने की साजिश रच रहे थे और दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस के दोहरे रवैये पर श्री चौहान ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि कांग्रेस एक तरफ अंकिता के हत्यारों को मिली सज़ा को 'संतोषजनक' बता रही है, और दूसरी तरफ उसी फैसले पर सवाल भी उठा रही है।" उन्होंने याद दिलाया कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की गहन और विस्तृत जांच के दौरान कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो कांग्रेस के दुष्प्रचार को बल देती हो। उनका सारा खेल केवल "दुष्प्रचार" तक ही सीमित रहा और सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय सहयोग और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर शुरुआत से ही बारीकी से नज़र रखी और जांच एजेंसियों को पूरी तरह से स्वतंत्रता (फ्री हैंड) दी, ताकि जांच में कोई भी बाधा न आए और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व में न्यायालय भी जांच एजेंसियों के कार्य की सराहना कर चुका है, जो उनकी विश्वसनीयता और निष्पक्षता का अकाट्य प्रमाण है। श्री चौहान ने बताया कि पैरवी के दौरान, अंकिता के परिजनों की राय और उनकी मांगों का पूरा सम्मान रखा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि न्याय की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन इस फैसले को संतोषजनक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को अपने राजनीतिक स्वार्थवश यह न्याय "हज़म" नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस की अवसरवादिता और जनता का जवाब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवादिता का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की इस अवसरवादिता का जनता सही समय पर जवाब देगी।" उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस का वास्तविक ध्येय अंकिता को न्याय दिलाना कभी नहीं रहा, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य इस दुखद घटना पर राजनीति करना था। यह फैसला, भाजपा के अनुसार, न केवल अंकिता को न्याय दिलाता है, बल्कि उन सभी राजनीतिक साजिशों और पैंतरेबाज़ियों को भी बेनकाब करता है, जो इस दुखद समय का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि यह फैसला सच्चाई और न्याय की जीत का प्रतीक है, और यह हमारी न्याय प्रणाली की अखंडता और ईमानदारी को दर्शाता है, भले ही कुछ लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश करें।

अंकिता हत्याकांड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, न्याय की जीत

देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला…

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देहरादून, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): (कर्नल) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अब जमीन पर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे जनता का सरकार पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है। इसी क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए, हल्द्वानी स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने जनपद बागेश्वर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला (सेवानिवृत्त कर्नल) को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। शिकायत और ट्रैप ऑपरेशन: ऐसे दबोचे गए रिश्वतखोर अधिकारी विजिलेंस विभाग को 1064 टोल फ्री नंब

उत्तराखंड में रिश्वत का ‘खेल’ खत्म! विजिलेंस का बड़ा धमाका, कर्नल भी नहीं बचे!

देहरादून, 24 मई 2025 (समय बोल रहा): (कर्नल) उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब जमीन पर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे…

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देहरादून 17 मई 2025 (समय बोल रहा) : उत्तराखंड सरकार ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने और उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया है। इस नई पहल के तहत, राज्य की महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए परियोजना लागत का 75 प्रतिशत तक या अधिकतम डेढ़ लाख रुपये की आर्थिक सहायता (सब्सिडी) प्रदान की जाएगी। इस महत्वपूर्ण योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट आवंटित किया है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के पहले वर्ष में ही कम से कम दो हजार महिलाओं को इस लाभकारी पहल का सीधा लाभ पहुंचाया जा सके। राज्य सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम उत्तराखंड की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें समाज में एक सम्मानित और मजबूत स्थान दिलाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं में अद्वितीय प्रतिभा और असीम क्षमता मौजूद है, और इस योजना के माध्यम से उन्हें अपने सपनों को साकार करने तथा स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। सरकार का दृढ़ विश्वास है कि जब राज्य की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो न केवल उनके परिवारों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान सुनिश्चित होगा, बल्कि इससे राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था को भी एक नई गति और मजबूती मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत, उत्तराखंड की इच्छुक महिलाएं विभिन्न प्रकार के व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। इन व्यवसायों में मुख्य रूप से हस्तशिल्प कला से जुड़े उद्यम, आकर्षक बुटीक, खाद्य प्रसंस्करण की छोटी इकाइयाँ, सिलाई और कढ़ाई केंद्र, छोटे स्तर पर वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ, कृषि क्षेत्र पर आधारित व्यवसाय और अन्य विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने वाले उद्यम शामिल हो सकते हैं। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक महिला आवेदक को अपने प्रस्तावित व्यवसाय की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट में व्यवसाय की पूरी योजना, उसमें आने वाली अनुमानित लागत और उससे प्राप्त होने वाले संभावित लाभों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एक सरल, सुगम और पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। इच्छुक महिलाओं को योजना के लिए आवेदन करने और इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए जल्द ही एक आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल और एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिला स्तर पर भी संबंधित सरकारी विभाग महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया को समझने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में हर संभव सहायता प्रदान करेंगे, ताकि कोई भी पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। सरकार ने इस योजना के पहले वर्ष में ही राज्य की कम से कम दो हजार महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार का मानना है कि यह प्रारंभिक चरण राज्य की महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। योजना की सफलता और महिलाओं से मिलने वाली सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर, भविष्य में इस योजना का दायरा और अधिक विस्तृत किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। राज्य सरकार ने इस दूरदर्शी योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट आवंटित किया है। यह वित्तीय प्रावधान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के मुद्दे को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है। आवंटित की गई यह धनराशि मुख्य रूप से पात्र महिलाओं को सब्सिडी के वितरण, उन्हें व्यवसाय से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर खर्च की जाएगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस योजना के माध्यम से न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता मिले, बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक कौशल और उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त हो सके। उत्तराखंड के विभिन्न महिला संगठनों और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार की इस पहल का दिल खोलकर स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह योजना उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए एक सुनहरा और ऐतिहासिक अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस योजना के प्रभावी और निष्पक्ष कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का पुरजोर आग्रह किया है, ताकि इसका वास्तविक लाभ सही मायने में जरूरतमंद और उद्यमी बनने की प्रबल इच्छा रखने वाली महिलाओं तक पहुंच सके। यह योजना उत्तराखंड सरकार की राज्य की महिलाओं के समग्र कल्याण और उनके सतत विकास के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस महत्वपूर्ण पहल से राज्य में महिला उद्यमिता को एक नई ऊर्जा और प्रोत्साहन मिलेगा, और महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र होंगी, बल्कि वे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। राज्य सरकार का यह सराहनी

उत्तराखंड की महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर: व्यवसाय शुरू करने पर 75% सब्सिडी

देहरादून 17 मई 2025 (समय बोल रहा) : उत्तराखंड सरकार ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने और उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया है। इस नई पहल के तहत, राज्य की महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के…

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