नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका का एक स्पष्ट प्रमाण है। यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर न केवल देश के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भविष्य में एक अग्रणी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की इसकी प्रबल क्षमता को भी रेखांकित करता है। यह उपलब्धि भारत के आर्थिक सुधारों और दूरदर्शी नीतियों का सीधा परिणाम है, जिसने देश को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद लगातार प्रगति करने में सक्षम बनाया है। अभूतपूर्व आर्थिक विस्तार: एक दशक की ऐतिहासिक छलांग पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वास्तव में अभूतपूर्व गति से विकास किया है, जिसने विश्व को आश्चर्यचकित किया है। एक दशक से भी पहले, भारत अभी भी शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन आज यह कई स्थापित और विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर आ गया है। इस तीव्र और टिकाऊ विकास दर ने वैश्विक आर्थिक विश्लेषकों, प्रमुख वित्तीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान समान रूप से भारत की ओर आकर्षित किया है। वे अब भारत को निवेश, व्यापार और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए एक अत्यंत आकर्षक और विश्वसनीय गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। यह विकास दर न केवल संख्यात्मक है, बल्कि यह एक अरब से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी ला रही है। भारत की आर्थिक सफलता के आधार स्तंभ: प्रमुख कारक भारत की इस असाधारण आर्थिक सफलता के पीछे कई परस्पर जुड़े हुए और महत्वपूर्ण कारकों का योगदान रहा है, जिन्होंने मिलकर एक मजबूत नींव तैयार की है: व्यापक आर्थिक सुधार: केंद्र सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए साहसिक और दूरगामी संरचनात्मक सुधारों ने अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है। वस्तु एवं सेवा कर (GST) का सफल कार्यान्वयन, जिसने पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली बनाई, व्यापार की जटिलताओं को कम किया है। दिवालियापन संहिता (IBC) ने बैंकों के फंसे हुए कर्जों की वसूली में मदद की है और व्यापारिक दिवालियापन के मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है। इसके अतिरिक्त, रक्षा, रेलवे, कोयला खनन और बीमा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का लगातार सरलीकरण किया गया है, जिससे विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ा है और निवेश के लिए एक अत्यधिक अनुकूल माहौल बना है। डिजिटल क्रांति और समावेशन: 'डिजिटल इंडिया' जैसी महत्वाकांक्षी पहल ने देश में एक अभूतपूर्व डिजिटल क्रांति ला दी है। यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने वित्तीय लेनदेन को अत्यधिक सुगम और पारदर्शी बनाया है, जिससे वित्तीय समावेशन बढ़ा है। ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार हुआ है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और सरकारी सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच बढ़ी है। यह डिजिटलीकरण अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में दक्षता और पारदर्शिता ला रहा है। बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास: सरकार ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर लगातार और भारी निवेश किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, रेलवे नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाहों और नए हवाई अड्डों का तेजी से निर्माण हुआ है। इस बुनियादी ढांचे के विकास ने न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन की लागत को भी कम किया है, जिससे भारतीय उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं। मजबूत घरेलू मांग का आधार: भारत की विशाल और बढ़ती आबादी, साथ ही मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति, ने एक मजबूत और स्थिर घरेलू मांग को बनाए रखा है। यह घरेलू मांग वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाहरी झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को लगातार गति प्रदान कर रही है, जिससे यह वैश्विक मंदी के प्रभावों से अपेक्षाकृत सुरक्षित रही है। विनिर्माण और निर्यात प्रोत्साहन: 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी प्रमुख पहलों ने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं ने विभिन्न उद्योगों में निवेश आकर्षित किया है और उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है। इन प्रयासों से न केवल भारत की आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि इसके निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की हिस्सेदारी और महत्व बढ़ा है। वैश्विक मंच पर बढ़ती साख और प्रभाव दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उदय वैश्विक मंच पर इसकी साख और प्रभाव को कई गुना बढ़ा रहा है। यह उपलब्धि भारत को विभिन्न महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों और बहुपक्षीय संगठनों, जैसे G20, ब्रिक्स (BRICS), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत और अधिक मुखर आवाज़ प्रदान करेगी। भारत अब वैश्विक आर्थिक नीतियों, व्यापार नियमों और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को आकार देने में अधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। यह बढ़ी हुई साख निश्चित रूप से विदेशी निवेशकों के लिए भारत को और भी आकर्षक बनाती है, जिससे देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निवेश बढ़ेगा और रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित होंगे। चुनौतियाँ और आगे का रास्ता: सतत विकास की राह हालांकि, इस शानदार आर्थिक उपलब्धि के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं, जिन पर भारत को निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इनमें प्रति व्यक्ति आय को और अधिक बढ़ाना, आय और संपत्ति की असमानता को कम करना, गुणवत्तापूर्ण रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं, भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार संरक्षणवाद और आपूर्ति श्रृंखला में संभावित व्यवधान जैसी बाहरी चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, अधिकांश आर्थिक विशेषज्ञ भारत के दीर्घकालिक आर्थिक भविष्य को लेकर अत्यधिक आशावादी हैं। सरकार की दूरदर्शी नीतियां, भारत की युवा और कार्यशील आबादी का जनसांख्यिकीय लाभ, और तकनीकी नवाचार तथा अनुसंधान एवं विकास के प्रति बढ़ता रुझान भारत को आने वाले दशकों में एक निर्विवाद वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। 'अमृत काल' के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण के साथ, भारत एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना इस लंबी और महत्वपूर्ण यात्रा में एक मील का पत्थर है, जो देश को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित करेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा।

भारत ने रचा इतिहास: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर!

नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका…

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भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

एक और बार पाकिस्तान ने तोड़ी कसम: सीजफायर के चंद घंटों बाद जम्मू-कश्मीर में फिर की गोलीबारी

भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर…

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07 मई 2025, (समय बोल रहा डेस्क) — भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक वार भारतीय सेना ने आधी रात करीब 1:30 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन ठिकानों से भारत पर हमलों की साजिशें रची जा रही थीं। सेना ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान इस हमले का लक्ष्य न बने, जिससे तनाव बढ़ने की संभावना कम रहे। हमले के प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, भारतीय हमलों में अहमदपुर ईस्ट (बहावलपुर), कोटली और मुजफ्फराबाद में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में 80 से 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना का संदेश: "न्याय हुआ, जय हिंद!" ऑपरेशन के बाद, भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर 'ऑपरेशन सिंदूर' का पोस्टर साझा करते हुए लिखा: "Justice is served. Jai Hind." यह संदेश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और सीमा पर तनाव भारतीय हमलों के बाद, पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी इलाके में भीमबेर गली में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए आर्टिलरी फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के हमलों में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जबकि भारत ने स्पष्ट किया कि सभी लक्षित ठिकाने आतंकवादियों के थे। प्रधानमंत्री की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास से 'ऑपरेशन सिंदूर' की पल-पल की जानकारी ली। उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहकर ऑपरेशन की निगरानी की और आवश्यक निर्देश दिए। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, "दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव की स्थिति नहीं झेल सकती।" अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया है। ऑपरेशन सिंदूर की झलकियाँ भारतीय सेना द्वारा साझा किए गए पोस्टर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई कार्रवाई की झलकियाँ दिखाई गई हैं, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रहार और आतंकियों के ठिकानों के ध्वस्त होने के दृश्य शामिल हैं। इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन और सराहना प्राप्त की है। ऑपरेश

Exclusive: भारतीय सेना का पाकिस्तान पर सर्जिकल अटैक, 9 आतंकी ठिकाने तबाह — ऑपरेशन सिंदूर में 90 से ज्यादा आतंकी ढेर

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रियासी, 10 जून: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकी हमले के उपरांत, मां वैष्णो देवी भवन में सुरक्षा की चारों तरफ बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पुलिस ने अलर्ट मोड पर रहकर वाहनों की तलाशी और सुरक्षा की गई है। रविवार शाम को जिला रियासी के पोनी भारख क्षेत्र में हुए हमले के…

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नई दिल्ली में उत्तराखण्ड निवास का निरीक्षण: निर्माण कार्य में तेजी के निर्देश, श्रमिकों को प्रोत्साहित किया

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(रिपोर्टर – समय बोल रहा)- नई दिल्ली- 08 जून, 2024- नई दिल्ली स्थित “उत्तराखण्ड निवास” के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य में तेजी लाने और तय सीमा पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर श्रमिकों से भी भेंट कर उन्हे प्रोत्साहित किया। निर्माण कार्य पूरा…

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सत्ता की चाबी नीतीश नायडू के पास |

(समय बोल रहा)दिल्ली: लोकसभा चुनावों के परिणाम करीब आ चुके हैं. बीजेपी बहुमत के आंकड़े 272 से 33 सीटें पीछे है तो क्या ये माना जाना चाहिए कि अब नई सरकार की चाबी चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर है. कांग्रेस ने भी उनसे बातचीत शुरू करने का संकेत दिये हैं.लोकसभा चुनावों के जो परिणाम…

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