देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है, जो इस दुखद मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण और विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित बताया, और जोर देकर कहा कि जिन लोगों ने लगातार जांच एजेंसियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए थे, उन्हें अब अदालत के इस स्पष्ट और निर्णायक फैसले का सम्मान करना चाहिए। श्री चौहान ने इस बात पर विशेष बल दिया कि अदालत ने अपने निर्णय में तथ्यों और पुख्ता सबूतों को आधार बनाया है। उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी भूमिका शुरू से ही दुष्प्रचार फैलाने और ओछी राजनीति करने की रही है, जो अब सबके सामने उजागर हो चुकी है। कांग्रेस लगातार अंकिता मामले में "लचर पैरवी" का आरोप लगाती रही, लेकिन अदालत का यह फैसला उनकी उन सभी मनगढ़ंत आशंकाओं और दुष्प्रचार को निरर्थक साबित कर गया है। श्री चौहान ने कहा, "आखिरकार, न्याय मिला है, और यही सबसे महत्वपूर्ण है।" उन्होंने अंकिता के नाम पर निकाली गईं तमाम "राजनीतिक यात्राओं" पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं का मूल उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टि और लाभ प्राप्त करना था, और इस फैसले के बाद उनकी यह कुत्सित मंशा पूरी नहीं हो पाई है। जांच एजेंसियों की भूमिका और कांग्रेस का दोहरा मापदंड श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा कि अंकिता केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश की बेटी थी। उनके परिजनों के दुख में समस्त देवभूमिवासी शामिल थे। उन्होंने जांच एजेंसियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब जांच एजेंसियां पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ साक्ष्य जुटाने और मामले की गहन विवेचना कर रही थीं, तब कांग्रेस सहित कुछ अन्य दल जानबूझकर "नई थ्योरी" सामने लाने की साजिश रच रहे थे और दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस के दोहरे रवैये पर श्री चौहान ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह विडंबना है कि कांग्रेस एक तरफ अंकिता के हत्यारों को मिली सज़ा को 'संतोषजनक' बता रही है, और दूसरी तरफ उसी फैसले पर सवाल भी उठा रही है।" उन्होंने याद दिलाया कि जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की गहन और विस्तृत जांच के दौरान कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो कांग्रेस के दुष्प्रचार को बल देती हो। उनका सारा खेल केवल "दुष्प्रचार" तक ही सीमित रहा और सच्चाई से कोसों दूर था। मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय सहयोग और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने इस मुद्दे पर शुरुआत से ही बारीकी से नज़र रखी और जांच एजेंसियों को पूरी तरह से स्वतंत्रता (फ्री हैंड) दी, ताकि जांच में कोई भी बाधा न आए और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व में न्यायालय भी जांच एजेंसियों के कार्य की सराहना कर चुका है, जो उनकी विश्वसनीयता और निष्पक्षता का अकाट्य प्रमाण है। श्री चौहान ने बताया कि पैरवी के दौरान, अंकिता के परिजनों की राय और उनकी मांगों का पूरा सम्मान रखा गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि न्याय की प्रक्रिया में उनकी भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन इस फैसले को संतोषजनक बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को अपने राजनीतिक स्वार्थवश यह न्याय "हज़म" नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस की अवसरवादिता और जनता का जवाब भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवादिता का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की इस अवसरवादिता का जनता सही समय पर जवाब देगी।" उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस का वास्तविक ध्येय अंकिता को न्याय दिलाना कभी नहीं रहा, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य इस दुखद घटना पर राजनीति करना था। यह फैसला, भाजपा के अनुसार, न केवल अंकिता को न्याय दिलाता है, बल्कि उन सभी राजनीतिक साजिशों और पैंतरेबाज़ियों को भी बेनकाब करता है, जो इस दुखद समय का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि यह फैसला सच्चाई और न्याय की जीत का प्रतीक है, और यह हमारी न्याय प्रणाली की अखंडता और ईमानदारी को दर्शाता है, भले ही कुछ लोग इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश करें।

अंकिता हत्याकांड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, न्याय की जीत

देहरादून, 30 मई, 2025 ( समय बोल रहा )- अंकिता भंडारी हत्याकांड में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे न्याय की बड़ी जीत बताया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी, मनवीर सिंह चौहान ने दोषियों को मिली सज़ा को सुखद और संतोषजनक करार देते हुए कहा कि यह फैसला…

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नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका का एक स्पष्ट प्रमाण है। यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर न केवल देश के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भविष्य में एक अग्रणी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की इसकी प्रबल क्षमता को भी रेखांकित करता है। यह उपलब्धि भारत के आर्थिक सुधारों और दूरदर्शी नीतियों का सीधा परिणाम है, जिसने देश को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद लगातार प्रगति करने में सक्षम बनाया है। अभूतपूर्व आर्थिक विस्तार: एक दशक की ऐतिहासिक छलांग पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वास्तव में अभूतपूर्व गति से विकास किया है, जिसने विश्व को आश्चर्यचकित किया है। एक दशक से भी पहले, भारत अभी भी शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन आज यह कई स्थापित और विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर आ गया है। इस तीव्र और टिकाऊ विकास दर ने वैश्विक आर्थिक विश्लेषकों, प्रमुख वित्तीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान समान रूप से भारत की ओर आकर्षित किया है। वे अब भारत को निवेश, व्यापार और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए एक अत्यंत आकर्षक और विश्वसनीय गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। यह विकास दर न केवल संख्यात्मक है, बल्कि यह एक अरब से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी ला रही है। भारत की आर्थिक सफलता के आधार स्तंभ: प्रमुख कारक भारत की इस असाधारण आर्थिक सफलता के पीछे कई परस्पर जुड़े हुए और महत्वपूर्ण कारकों का योगदान रहा है, जिन्होंने मिलकर एक मजबूत नींव तैयार की है: व्यापक आर्थिक सुधार: केंद्र सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए साहसिक और दूरगामी संरचनात्मक सुधारों ने अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है। वस्तु एवं सेवा कर (GST) का सफल कार्यान्वयन, जिसने पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली बनाई, व्यापार की जटिलताओं को कम किया है। दिवालियापन संहिता (IBC) ने बैंकों के फंसे हुए कर्जों की वसूली में मदद की है और व्यापारिक दिवालियापन के मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है। इसके अतिरिक्त, रक्षा, रेलवे, कोयला खनन और बीमा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का लगातार सरलीकरण किया गया है, जिससे विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ा है और निवेश के लिए एक अत्यधिक अनुकूल माहौल बना है। डिजिटल क्रांति और समावेशन: 'डिजिटल इंडिया' जैसी महत्वाकांक्षी पहल ने देश में एक अभूतपूर्व डिजिटल क्रांति ला दी है। यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने वित्तीय लेनदेन को अत्यधिक सुगम और पारदर्शी बनाया है, जिससे वित्तीय समावेशन बढ़ा है। ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार हुआ है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और सरकारी सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच बढ़ी है। यह डिजिटलीकरण अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में दक्षता और पारदर्शिता ला रहा है। बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास: सरकार ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर लगातार और भारी निवेश किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, रेलवे नेटवर्क, आधुनिक बंदरगाहों और नए हवाई अड्डों का तेजी से निर्माण हुआ है। इस बुनियादी ढांचे के विकास ने न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं के परिवहन की लागत को भी कम किया है, जिससे भारतीय उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं। मजबूत घरेलू मांग का आधार: भारत की विशाल और बढ़ती आबादी, साथ ही मध्यम वर्ग की बढ़ती क्रय शक्ति, ने एक मजबूत और स्थिर घरेलू मांग को बनाए रखा है। यह घरेलू मांग वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाहरी झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को लगातार गति प्रदान कर रही है, जिससे यह वैश्विक मंदी के प्रभावों से अपेक्षाकृत सुरक्षित रही है। विनिर्माण और निर्यात प्रोत्साहन: 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी प्रमुख पहलों ने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया है। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं ने विभिन्न उद्योगों में निवेश आकर्षित किया है और उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है। इन प्रयासों से न केवल भारत की आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि इसके निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की हिस्सेदारी और महत्व बढ़ा है। वैश्विक मंच पर बढ़ती साख और प्रभाव दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उदय वैश्विक मंच पर इसकी साख और प्रभाव को कई गुना बढ़ा रहा है। यह उपलब्धि भारत को विभिन्न महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों और बहुपक्षीय संगठनों, जैसे G20, ब्रिक्स (BRICS), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत और अधिक मुखर आवाज़ प्रदान करेगी। भारत अब वैश्विक आर्थिक नीतियों, व्यापार नियमों और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को आकार देने में अधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। यह बढ़ी हुई साख निश्चित रूप से विदेशी निवेशकों के लिए भारत को और भी आकर्षक बनाती है, जिससे देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निवेश बढ़ेगा और रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित होंगे। चुनौतियाँ और आगे का रास्ता: सतत विकास की राह हालांकि, इस शानदार आर्थिक उपलब्धि के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं, जिन पर भारत को निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इनमें प्रति व्यक्ति आय को और अधिक बढ़ाना, आय और संपत्ति की असमानता को कम करना, गुणवत्तापूर्ण रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं, भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार संरक्षणवाद और आपूर्ति श्रृंखला में संभावित व्यवधान जैसी बाहरी चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, अधिकांश आर्थिक विशेषज्ञ भारत के दीर्घकालिक आर्थिक भविष्य को लेकर अत्यधिक आशावादी हैं। सरकार की दूरदर्शी नीतियां, भारत की युवा और कार्यशील आबादी का जनसांख्यिकीय लाभ, और तकनीकी नवाचार तथा अनुसंधान एवं विकास के प्रति बढ़ता रुझान भारत को आने वाले दशकों में एक निर्विवाद वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखते हैं। 'अमृत काल' के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण के साथ, भारत एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना इस लंबी और महत्वपूर्ण यात्रा में एक मील का पत्थर है, जो देश को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित करेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा।

भारत ने रचा इतिहास: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर!

नई दिल्ली, 26 मई 2025 ( समय बोल रहा ): भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नवीनतम आंकड़ों और आर्थिक विश्लेषणों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो इसकी बढ़ती आर्थिक ताकत, लचीलेपन और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत होती भूमिका…

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नई दिल्ली, 11 मई 2025  (समय बोल रहा) पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए कायराना सीजफायर उल्लंघन पर भारत ने कठोर प्रत्युत्तर दिया है। उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद, भारत सरकार ने सीमा पर जवाबी सैन्य कार्रवाई तेज करने और पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं|'ऑपरेशन सिंदूर' जारी रहेगा, जिसके तहत पाकिस्तानी सेना को उसकी हरकतों का प्रभावी जवाब दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, भारत ने अपने हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी एयरलाइन के किसी भी विमान के आवागमन के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर': सीमा पर पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार हमलों के बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आपातकालीन उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने भाग लिया। गहन विचार-विमर्श के बाद, भारत ने पाकिस्तान को उसकी उकसावे वाली कार्रवाई का करारा जवाब देने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की। बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को तत्काल प्रभाव से जारी रखने का निर्णय लिया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमा पर पाकिस्तान की किसी भी दुस्साहसपूर्ण कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को निगरानी बढ़ाने, गश्त तेज करने और किसी भी शत्रुता का प्रभावी प्रत्युत्तर देने का पूर्ण अधिकार दिया गया है। आवश्यकतानुसार सीमा पर अतिरिक्त सैन्य बलों और उन्नत हथियारों की तैनाती भी हो सकती है। आसमान भी सील: पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद पाकिस्तान के खिलाफ एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, भारत सरकार ने अपने संपूर्ण हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी एयरलाइन के किसी भी विमान के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। इस कठोर निर्णय का उद्देश्य पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान की किसी भी उड़ान को भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरने या उतरने की अनुमति नहीं होगी। इस फैसले से पाकिस्तानी एयरलाइनों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लंबे और महंगे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करना होगा, जिससे परिचालन लागत बढ़ेगी और यात्रियों को असुविधा होगी। भारत का यह कदम ICAO नियमों के अनुरूप है। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान को उसकी गैर-जिम्मेदाराना हरकतों का स्पष्ट संदेश देगा। देशव्यापी समर्थन: पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट भारत भारत सरकार के इन कड़े कदमों को पूरे देश में व्यापक समर्थन मिल रहा है। राजनीतिक दलों और आम नागरिकों ने पाकिस्तान की इस हरकत की निंदा की है और सरकार के प्रत्युत्तर का समर्थन किया है। लोगों का मानना है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों का सबक सिखाना जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया पर नजर भारत सरकार ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उठाने का फैसला किया है। विभिन्न देशों के राजनयिकों को घटनाक्रम से अवगत कराया जा रहा है और पाकिस्तान पर शांति बनाए रखने के लिए दबाव बनाने की अपील की जा रही है। पाकिस्तान को मिलेगा गद्दारी का जवाब पाकिस्तान के बार-बार

पाकिस्तान की नापाक हरकत का करारा जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी, भारतीय हवाई क्षेत्र पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद

नई दिल्ली, 11 मई 2025  (समय बोल रहा) पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए कायराना सीजफायर उल्लंघन पर भारत ने कठोर प्रत्युत्तर दिया है। उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद, भारत सरकार ने सीमा पर जवाबी सैन्य कार्रवाई तेज करने और पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं|‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी रहेगा,…

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भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

एक और बार पाकिस्तान ने तोड़ी कसम: सीजफायर के चंद घंटों बाद जम्मू-कश्मीर में फिर की गोलीबारी

भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर…

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नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के इन मंसूबों को पूरी तरह विफल कर दिया। भारत के एस-400 सुदर्शन चक्र का पहला उपयोग भारतीय वायुसेना ने इस हमले को रोकने के लिए पहली बार रूस में निर्मित एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिसे भारत में "सुदर्शन चक्र" नाम दिया गया है। यह नाम भगवान विष्णु के अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जो तेज़, सटीक और दुश्मनों का विनाश करने वाला माना जाता है। एस-400 सिस्टम एक समय में 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 36 लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने की क्षमता रखता है। यह 600 किमी दूर तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 400 किमी तक की मारक क्षमता रखता है। भारतीय वायुसेना ने इस सिस्टम की बदौलत पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को सीमा पार करते ही मार गिराया। पाकिस्तान का नापाक प्लान फेल पाकिस्तानी सेना ने 7 मई की रात करीब 11:45 बजे भारत के 15 शहरों—जैसे कि जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर, जयपुर, लुधियाना, अमृतसर, दिल्ली के बाहरी इलाके और लखनऊ—को निशाना बनाने की कोशिश की। इन हमलों में मिसाइलों और स्वदेशी ड्रोन का उपयोग किया गया। लेकिन भारत की हवाई सुरक्षा इतनी सशक्त साबित हुई कि एक भी मिसाइल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के समर्थन में किया गया था, जिनके ठिकाने हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ध्वस्त किए थे। भारत का जवाब: रावलपिंडी स्टेडियम तक पहुंचे ड्रोन पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए भारत ने 8 मई की सुबह सटीक ड्रोन हमले किए, जिनमें कराची, लाहौर, बहावलपुर, अटक और रावलपिंडी जैसे शहर शामिल थे। रावलपिंडी में एक बड़ा ड्रोन हमला हुआ, जिससे वहां स्थित स्टेडियम को भारी नुकसान पहुंचा। इस स्टेडियम में पाकिस्तान प्रीमियर लीग का मैच होना था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम फेल भारत के जवाबी ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ है। कूटनीतिक हलचल और वैश्विक प्रतिक्रिया भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के खात्मे के लिए की गई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारत की हवाई सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन भारत ने पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता साबित कर दी है। एस-400 सुदर्शन चक्र के सफल इस्तेमाल और पाकिस्तान के चीनी सिस्टम को मात देने से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि दुश्मन के मंसूबों को जन्म से ही कुचलने की नीति पर चल पड़ा है। ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह

बड़ी खबर: पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला किया, वायुसेना ने हमले को विफल किया, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने…

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नई दिल्ली, 8 मई 2025 (समय बोल रहा ) रावलपिंडी स्टेडियम तबाह पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत करारा और निर्णायक जवाब दिया है। बीते 24 घंटे में जो कुछ हुआ, उसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया है। जहां पाकिस्तान ने सोमवार शाम भारत के कई सीमावर्ती और आंतरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर भीषण गोलीबारी और मिसाइल हमले किए, वहीं भारत ने मंगलवार सुबह सटीक और शक्तिशाली ड्रोन हमलों से पाकिस्तान के कई प्रमुख शहरों में तबाही मचा दी। पाकिस्तान की बर्बर हरकत: 15 निर्दोषों की मौत, मिसाइल हमले नाकाम सोमवार शाम पाकिस्तान की ओर से की गई अकारण और बर्बर गोलीबारी में भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में 15 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। यह हमला जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी और कठुआ जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ कुछ रिहायशी इलाकों तक सीमित नहीं रहा। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के नौ शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले करने की भी कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली ने सभी मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जो रूस से आयातित सबसे उन्नत प्रणाली है, ने पाकिस्तान के मिसाइल हमले को पूरी तरह निष्फल कर दिया। भारत की सैन्य एजेंसियों ने इसे एक बड़ी कामयाबी माना है और इसे "हमारे रक्षा तंत्र की मजबूती का प्रमाण" बताया है। भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर कहर पाकिस्तान की इस दुस्साहसिक कार्रवाई के बाद भारत ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन भारत की तीनों सेनाओं – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – के संयुक्त समन्वय से संचालित किया गया। मंगलवार सुबह भारत ने कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट, बहावलपुर, अटक, छोर और म्यानू जैसे शहरों पर ड्रोन से सर्जिकल स्ट्राइक की। इन हमलों में पाकिस्तान की कई सामरिक और संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में पाकिस्तान की कई रडार और कम्युनिकेशन बेस, हथियार डिपो और सैनिक अड्डे नष्ट हुए हैं। रावलपिंडी स्टेडियम पर बड़ा हमला: PSL मैच रद्द सबसे सनसनीखेज हमला रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर हुआ, जहां मंगलवार शाम को पाकिस्तान प्रीमियर लीग (PSL) का एक बड़ा मैच आयोजित होना था। भारत के सटीक ड्रोन हमले से स्टेडियम पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। PSL मैच को रद्द करना पड़ा और खिलाड़ी तथा दर्शकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। रावलपिंडी स्टेडियम पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास का महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। भारत के इस सर्जिकल ड्रोन अटैक से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी बड़ा असर पड़ा है। पाकिस्तान में मचा हड़कंप, सेना हाई अलर्ट पर भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। रिपोर्टों के अनुसार, पूरे पाकिस्तान में सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लाहौर, कराची, और इस्लामाबाद के एयरबेस पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आम नागरिकों से कहा गया है कि वे घरों में रहें और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें। भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक का जवाब आतंक से नहीं, ताकत से भारत सरकार ने इस ऑपरेशन के बाद स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंक के अड्डों और उनकी शह देने वाले तत्वों के खिलाफ है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन यदि कोई देश हमारी जनता को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा, तो हम मूकदर्शक नहीं रहेंगे। भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भारत के इस ऑपरेशन को लेकर विश्व समुदाय की भी नजरें टिकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि रूस और फ्रांस ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की यह कार्रवाई केवल सामरिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी एक मजबूत संदेश है। भारत की सैन्य क्षमताओं “ऑपरेशन सिंदूर” भारत की सैन्य क्षमताओं और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है। पाकिस्तान की ओर से की गई आतंक प्रेरित कार्रवाइयों का जवाब भारत ने न केवल सटीकता से दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब नई दिल्ली पुरानी नीति नहीं अपनाएगी। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि पाकिस्तान इस करारी चोट के बाद क्या रुख अपनाता है।

“ऑपरेशन सिंदूर: भारत के ड्रोन अटैक से रावलपिंडी स्टेडियम तबाह, PSL मैच रद्द”

नई दिल्ली, 8 मई 2025 (समय बोल रहा ) रावलपिंडी स्टेडियम तबाह पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत करारा और निर्णायक जवाब दिया है। बीते 24 घंटे में जो कुछ हुआ, उसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया…

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07 मई 2025, (समय बोल रहा डेस्क) — भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक वार भारतीय सेना ने आधी रात करीब 1:30 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन ठिकानों से भारत पर हमलों की साजिशें रची जा रही थीं। सेना ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान इस हमले का लक्ष्य न बने, जिससे तनाव बढ़ने की संभावना कम रहे। हमले के प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, भारतीय हमलों में अहमदपुर ईस्ट (बहावलपुर), कोटली और मुजफ्फराबाद में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में 80 से 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना का संदेश: "न्याय हुआ, जय हिंद!" ऑपरेशन के बाद, भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर 'ऑपरेशन सिंदूर' का पोस्टर साझा करते हुए लिखा: "Justice is served. Jai Hind." यह संदेश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और सीमा पर तनाव भारतीय हमलों के बाद, पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी इलाके में भीमबेर गली में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए आर्टिलरी फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के हमलों में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जबकि भारत ने स्पष्ट किया कि सभी लक्षित ठिकाने आतंकवादियों के थे। प्रधानमंत्री की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास से 'ऑपरेशन सिंदूर' की पल-पल की जानकारी ली। उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहकर ऑपरेशन की निगरानी की और आवश्यक निर्देश दिए। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, "दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव की स्थिति नहीं झेल सकती।" अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया है। ऑपरेशन सिंदूर की झलकियाँ भारतीय सेना द्वारा साझा किए गए पोस्टर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई कार्रवाई की झलकियाँ दिखाई गई हैं, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रहार और आतंकियों के ठिकानों के ध्वस्त होने के दृश्य शामिल हैं। इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन और सराहना प्राप्त की है। ऑपरेश

Exclusive: भारतीय सेना का पाकिस्तान पर सर्जिकल अटैक, 9 आतंकी ठिकाने तबाह — ऑपरेशन सिंदूर में 90 से ज्यादा आतंकी ढेर

07 मई 2025, (समय बोल रहा डेस्क) — भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26…

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भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

देशभर में 7 मई को बजेंगे हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन, केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉक ड्रिल के दिए निर्देश

नई दिल्ली, 05 मई 2025 (समय बोल रहा ):  हवाई हमले  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी 7 मई 2025 को एक…

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धानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – "आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा" नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया: "देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अब हर मंच पर जवाब मिलेगा।" 1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि, जिसे भारत ने दशकों तक निभाया, अब स्थगित कर दी गई है। CCS के फैसले के अनुसार यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसेमंद तरीके से समाप्त नहीं करता। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है। 2. अटारी चेकपोस्ट को बंद किया गया भारत-पाकिस्तान के बीच आवाजाही और व्यापार का प्रमुख केंद्र अटारी एकीकृत चेकपोस्ट अब बंद कर दिया गया है। CCS के अनुसार, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से लौटने की अनुमति होगी। इसके बाद चेकपोस्ट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 3. पाकिस्तानियों के लिए वीजा छूट योजना रद्द SAARC वीजा छूट योजना के तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतीत में जारी सभी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, जो पाकिस्तानी नागरिक इस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। 4. पाकिस्तानी उच्चायोग से रक्षा सलाहकार निष्कासित नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना, वायुसेना और सैन्य सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" (Persona non grata) घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यह कदम भारत की तीव्र असहमति और आक्रोश का प्रतीक माना जा रहा है। 5. भारत ने इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को बुलाया वापस CCS ने यह भी निर्णय लिया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया जाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को अब स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य-राजनयिक रिश्तों में एक नई दूरी का संकेत है। मोदी सरकार का स्पष्ट संदेश: "अब सहन नहीं करेंगे" प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बाद अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, "भारत अब आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा—राजनयिक, आर्थिक और सामरिक। देशवासियों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा।" विशेषज्ञों की राय: कूटनीतिक दबाव और वैश्विक मंच पर आक्रामकता बढ़ेगी विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ेगा। सिंधु जल संधि की स्थगन से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर असर पड़ेगा, वहीं वीज़ा नीति में बदलाव और सैन्य सलाहकारों की वापसी से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख और स्पष्ट होगा। प्रभावी जवाब प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में लिए गए इन फैसलों ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब हर प्रकार के आतंकी हमले का निर्णायक और प्रभावी जवाब देगा। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि कार्रवाई की शुरुआत है।

पाकिस्तान को करारा जवाब: CCS की आपात बैठक में ऐतिहासिक फैसले, सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, मोदी सरकार का बड़ा एक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – “आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28…

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अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की शांति को गहरी चोट पहुंचाई है। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। हमला कैसे हुआ? घटना दोपहर के समय उस वक्त हुई जब पर्यटक बाईसरण में घुड़सवारी, पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चार से छह की संख्या में आतंकी सेना की वर्दी पहनकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों ने जान बचाने के लिए पास के जंगलों में शरण ली। मृतक और घायल प्रशासन के मुताबिक, हमले में मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, 2 स्थानीय निवासी और 2 विदेशी नागरिक शामिल हैं। घायलों को श्रीनगर और अनंतनाग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घायलों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र के नागरिक शामिल हैं। आतंकी संगठन का बयान द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने एक ऑनलाइन बयान में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे ‘बाहरी बसावट’ के खिलाफ प्रतिरोध की कार्रवाई बताया। TRF ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भूमि और संसाधनों पर बाहरी लोगों का अधिकार बढ़ा है और यह हमला उसी का प्रतिरोध था। प्रधानमंत्री ने की आपात बैठक घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में रोक दी और दिल्ली लौटकर आपातकालीन सुरक्षा बैठक की। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है, इसका करारा जवाब दिया जाएगा।" गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत श्रीनगर पहुंचे और उच्चस्तरीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने एनआईए, रॉ और आईबी को मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। सुरक्षा बलों का जवाब हमले के बाद पहलगाम और आसपास के इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक 100 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि हमलावरों को स्थानीय मदद भी मिली थी। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला मानवता के खिलाफ अपराध है। पर्यटन उद्योग को झटका पहलगाम घाटी का यह हमला वहां के पर्यटन व्यवसाय के लिए एक बड़ा झटका है। कई टूरिस्ट एजेंसियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं और कई पर्यटक समय से पहले ही लौट रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हमले कश्मीर की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और बेरोजगारी को बढ़ाते हैं। जनमानस में गुस्सा हमले के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की जा रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब बहुत हो गया, हम शांति चाहते हैं, न कि खून खराबा।” पहलगाम हमला पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अब भी कश्मीर की शांति और भारत की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा है। ऐसे में समय आ गया है कि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़े, ताकि फिर किसी निर्दोष की जान यूं न जाए।

पहलगाम आतंकी हमला: 28 पर्यटकों की हत्या से दहशत, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली जिम्मेदारी

अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर…

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