नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने के कारणों और कैश मिलने की कड़ी को जोड़ा जा रहा है। जस्टिस वर्मा, उनके घरेलू कर्मचारी, परिवार के सदस्य और दिल्ली फायर सर्विस की टीम इस जांच के दायरे में आ गई है। कैसे हुआ कैश कांड का खुलासा? दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज यशवंत वर्मा के आवास पर 14 मार्च 2025 को अचानक आग लगने की खबर सामने आई थी। इस आगजनी के बाद कैश बरामदगी का मामला उजागर हुआ, जिसने प्रशासन और न्याय व्यवस्था में हलचल मचा दी। जस्टिस वर्मा का कहना है कि आग लगने के वक्त वह घर पर मौजूद नहीं थे और किसी व्यक्तिगत कारण से दिल्ली से बाहर थे। उनके मुताबिक, घर में सिर्फ उनके परिवार के सदस्य और सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। जिस कमरे में आग लगी, वह एक स्टोर रूम था, जहां कथित रूप से बड़ी मात्रा में कैश रखा गया था। इस आग के बाद वहां से जले हुए नोटों के बंडल मिलने की खबर सामने आई, जिसने इस मामले को और पेचीदा बना दिया। फायर ब्रिगेड के बदलते बयान, बढ़ता संदेह दिल्ली फायर ब्रिगेड प्रमुख के बदलते बयानों ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया है। आमतौर पर आग लगने के बाद फायर सर्विस द्वारा कारणों की जांच की जाती है, लेकिन इस मामले में फायर टीम पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। आमतौर पर आगजनी की घटनाओं में शॉर्ट सर्किट, बीड़ी-सिगरेट, किसी ज्वलनशील पदार्थ के कारणों का खुलासा होता है, लेकिन जस्टिस वर्मा के घर में हुई आग के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार, जिस कमरे में आग लगी, वहां कोई एयर कंडीशनर, स्विच बोर्ड या हाई वोल्टेज उपकरण नहीं था, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की संभावना कम लगती है। क्या यह महज संयोग था या साजिश? इस मामले में अब कई सवाल खड़े हो गए हैं – आखिर आग अपने आप लगी या किसी ने जानबूझकर लगाई? क्या यह कैश किसी अपराध से जुड़ा हुआ था? दिल्ली फायर सर्विस इस बारे में खुलकर कुछ क्यों नहीं कह रही? सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय कमेटी इस केस की हर एंगल से जांच कर रही है। यह भी पता चला है कि कुछ सुरक्षा कैमरा फुटेज गायब हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि कहीं यह सुनियोजित साजिश तो नहीं थी। पुलिस जांच और हाई-प्रोफाइल कनेक्शन इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने भी अपनी जांच तेज कर दी है। जांच के दायरे में कुछ हाई-प्रोफाइल लोग भी शामिल हो सकते हैं। यह भी पता चला है कि पुलिस अधिकारियों के कुछ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिससे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ बैंकिंग ट्रांजैक्शन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, कई अधिकारियों और कर्मचारियों से गुप्त रूप से पूछताछ की जा रही है। क्या कहती है सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी? सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम इस बात की जांच कर रही है कि आगजनी और कैश बरामदगी का आपस में कोई संबंध है या नहीं। इसके लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट और फायर डिपार्टमेंट की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अगर यह साबित होता है कि आग लगाई गई थी, तो इसमें कई बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है। इस पूरे प्रकरण पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला ले सकते हैं। नेताओं और कानून विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं इस पूरे मामले पर नेताओं और कानून विशेषज्ञों की भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग इसे न्यायिक भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस मामले की तेजी से जांच करने की मांग की है, वहीं विपक्षी दलों ने इस घटना को गंभीर न्यायिक संकट करार दिया है। कैश कांड जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी रहस्यमयी आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कैश कांड की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन दिल्ली फायर सर्विस की खामोशी और पुलिस की गहन जांच इस केस को और भी पेचीदा बना रही है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगी या लगाई गई? फायर सर्विस की खामोशी ने बढ़ाया संदेह

नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने…

Read More
दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है नया नियम? भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, अब किसी भी बैंक के ग्राहक मुफ्त लेन-देन की निर्धारित सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त शुल्क चुकाएंगे। नए नियम के तहत: मासिक मुफ्त लेन-देन की सीमा – किसी भी बैंक के ग्राहकों को मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 बार तक मुफ्त निकासी की सुविधा मिलेगी। अतिरिक्त निकासी पर शुल्क – निर्धारित सीमा के बाद प्रति ट्रांजेक्शन ₹23 तक का शुल्क लिया जाएगा। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन – बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं के लिए भी एक निश्चित संख्या तक मुफ्त सुविधा होगी, इसके बाद चार्ज लिया जाएगा। ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर? इस नए नियम के लागू होने से उन ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, जो बार-बार एटीएम से नकद पैसे निकालते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और लोग कैशलेस लेन-देन की ओर प्रेरित होंगे। क्यों लिया गया यह फैसला? आरबीआई ने कहा है कि एटीएम के रखरखाव की बढ़ती लागत और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस फैसले से बैंकों को एटीएम के संचालन में मदद मिलेगी और डिजिटल ट्रांजेक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा। महत्वपूर्ण बातें – जानिए नए नियम की मुख्य बातें मेट्रो शहरों में: 3 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। गैर-मेट्रो शहरों में: 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन: फ्री लिमिट पार होने पर अतिरिक्त शुल्क। राशि निकालने की सीमा: एक बार में अधिकतम ₹25,000 तक की निकासी संभव। ग्राहकों के लिए सुझाव डिजिटल पेमेंट का अधिक इस्तेमाल करें। मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा को समझकर ही एटीएम से पैसे निकालें। नेट बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाओं का लाभ उठाएं। आरबीआई के नए नियम 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। अतः ग्राहक अपने बैंक की नीतियों को समझकर ही नकद निकासी करें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। समय बोल रहा से विशेष रिपोर्ट।

एटीएम से पैसे निकालने पर अब लगेगा अतिरिक्त शुल्क – जानिए नए नियम

दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है…

Read More
नई दिल्ली  26 मार्च 2025 (समय बोल रहा) नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल के तहत, आने वाले वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्रुटि-मुक्त बनाने में योगदान दे सकें। प्रशिक्षण का उद्देश्य इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को उनकी जिम्मेदारियों और निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराना है। बीएलओ मतदाता पंजीकरण और निर्वाचन सूची को अपडेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 समेत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत बीएलओ को आईटी अनुप्रयोगों के उपयोग, मतदाता सत्यापन प्रक्रिया और फॉर्म भरने की तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि-मुक्त कर सकें। प्रशिक्षण की प्रमुख बातें: देशभर में 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के बीएलओ को शामिल किया गया है। प्रशिक्षित बीएलओ को विधानसभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) के रूप में तैयार किया जाएगा। निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया जाएगा। इस समय, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ सहित 24 ईआरओ और 13 डीईओ इस दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया और मतदाताओं के बीच पहला और सबसे महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने के लिए बीएलओ को जमीनी स्तर पर जाकर सत्यापन करना चाहिए और मतदाताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकारें एसडीएम स्तर या समकक्ष अधिकारियों को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) के रूप में नामित करें और बीएलओ की नियुक्ति में स्थानीयता और वरिष्ठता का ध्यान रखें। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार, भारत के वे नागरिक ही मतदाता बन सकते हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) सर्वदलीय बैठकें आयोजित करें, निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करें और अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों का निपटारा करें। निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बीएलओ नेटवर्क को मजबूत करने और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत बीएलओ को न केवल अपने दायित्वों के बारे में जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर विधान सभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) भी बनाया जाएगा, जो अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करने में सहायक होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि ईआरओ और बीएलओ के खिलाफ किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ की भूमिका और प्रशिक्षण की जरूरत बीएलओ वे राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) की स्वीकृति के बाद निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनका मुख्य कार्य निर्वाचन सूची को अपडेट करना और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को निष्पक्ष और प्रभावी बनाना होता है। कई बार बीएलओ को अपने कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में, जहां लोगों के पते बार-बार बदलते रहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बीएलओ को तकनीकी और कानूनी ज्ञान के साथ-साथ डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की कुशलता भी सिखाई जाएगी। अगले कुछ वर्षों में विस्तारित होगा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत हर 10 मतदान केंद्रों पर औसतन एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे देशभर में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय और सटीक बनाना है। यह प्रशिक्षण न केवल बीएलओ को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा, बल्कि देशभर में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 1 लाख से अधिक बीएलओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल के तहत, आने वाले वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्रुटि-मुक्त बनाने में योगदान दे सकें। प्रशिक्षण का उद्देश्य इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को उनकी जिम्मेदारियों और निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराना है। बीएलओ मतदाता पंजीकरण और निर्वाचन सूची को अपडेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 समेत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत बीएलओ को आईटी अनुप्रयोगों के उपयोग, मतदाता सत्यापन प्रक्रिया और फॉर्म भरने की तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि-मुक्त कर सकें। प्रशिक्षण की प्रमुख बातें: देशभर में 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के बीएलओ को शामिल किया गया है। प्रशिक्षित बीएलओ को विधानसभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) के रूप में तैयार किया जाएगा। निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया जाएगा। इस समय, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ सहित 24 ईआरओ और 13 डीईओ इस दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया और मतदाताओं के बीच पहला और सबसे महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने के लिए बीएलओ को जमीनी स्तर पर जाकर सत्यापन करना चाहिए और मतदाताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकारें एसडीएम स्तर या समकक्ष अधिकारियों को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) के रूप में नामित करें और बीएलओ की नियुक्ति में स्थानीयता और वरिष्ठता का ध्यान रखें। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार, भारत के वे नागरिक ही मतदाता बन सकते हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) सर्वदलीय बैठकें आयोजित करें, निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करें और अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों का निपटारा करें। निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बीएलओ नेटवर्क को मजबूत करने और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत बीएलओ को न केवल अपने दायित्वों के बारे में जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर विधान सभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) भी बनाया जाएगा, जो अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करने में सहायक होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि ईआरओ और बीएलओ के खिलाफ किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ की भूमिका और प्रशिक्षण की जरूरत बीएलओ वे राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) की स्वीकृति के बाद निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनका मुख्य कार्य निर्वाचन सूची को अपडेट करना और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को निष्पक्ष और प्रभावी बनाना होता है। कई बार बीएलओ को अपने कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में, जहां लोगों के पते बार-बार बदलते रहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बीएलओ को तकनीकी और कानूनी ज्ञान के साथ-साथ डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की कुशलता भी सिखाई जाएगी। अगले कुछ वर्षों में विस्तारित होगा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत हर 10 मतदान केंद्रों पर औसतन एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे देशभर में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय और सटीक बनाना है। यह प्रशिक्षण न केवल बीएलओ को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा, बल्कि

निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 1 लाख से अधिक बीएलओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

नई दिल्ली  26 मार्च 2025 (समय बोल रहा) नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल…

Read More
नई दिल्ली, 18 मार्च 2025 (समय बोल रहा) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की मशहूर भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore), निक हेग (Nick Hague) और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव (Alexander Gorbunov) स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान (SpaceX Dragon Spacecraft) से धरती की ओर लौट रहे हैं। कब और कहां होगी लैंडिंग? ✔ वापसी की तारीख: 19 मार्च 2025 ✔ समय: भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे ✔ लैंडिंग स्थान: फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक यात्रा जून 2024 में, सुनीता विलियम्स बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंची थीं। उन्होंने 9 महीने अंतरिक्ष में बिताए और इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए। उनकी वापसी में देरी हुई थी, लेकिन अब स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट उन्हें सुरक्षित धरती पर ला रहा है। यह मिशन NASA और SpaceX के लिए एक बड़ी सफलता है। स्पेस में 9 महीने रहने के बाद क्या होंगे बदलाव? लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें शामिल हैं: ✔ हड्डियों की कमजोरी ✔ मांसपेशियों की कमजोरी ✔ ग्रैविटी की वजह से बैलेंस की समस्या ✔ ब्लड सर्कुलेशन पर असर ✔ मनोवैज्ञानिक बदलाव डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम उनकी स्वास्थ्य जांच करेगी और उन्हें पृथ्वी के वातावरण के अनुकूल बनाने के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सुनीता विलियम्स: भारतीयों के लिए गर्व का पल सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में लंबा समय बिताया है। उनकी इस वापसी पर भारत सहित पूरी दुनिया उत्साहित है। उनका यह मिशन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है और भारत के युवाओं को अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। …….. आप इस मिशन के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी रा

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी: स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से सफल मिशन समापन

नई दिल्ली, 18 मार्च 2025 (समय बोल रहा ) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की मशहूर भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore), निक हेग (Nick Hague) और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव (Alexander Gorbunov) स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान (SpaceX Dragon Spacecraft) से धरती की ओर लौट रहे हैं। अंतरिक्ष एजेंसी…

Read More
दिल्ली 17 मार्च 2025 (समय बोल रहा) माता वैष्णो देवी तीर्थ स्थल पर दर्शन के लिए पहुंचे बॉलीवुड सेलिब्रिटी ओरहान अवत्रामणि (ओरी) और उनके साथियों के खिलाफ कटरा पुलिस ने FIR दर्ज की है। आरोप है कि ओरी और उनके साथियों ने होटल परिसर में शराब पी, जबकि कटरा में शराब और मांसाहारी भोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। FIR में कौन-कौन शामिल? पुलिस के अनुसार, FIR संख्या 72/25 के तहत ओरी समेत कुल 8 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों के नाम हैं: ओरहान अवत्रामणि (ओरी) दर्शन सिंह पार्थ रैना रितिक सिंह राशि दत्ता रक्षिता भोगल शगुन कोहली अनास्तासिला अर्ज़ामस्कीना इन सभी पर आरोप है कि होटल के कॉटेज सुइट में शराब पी गई, जबकि उन्हें पहले ही नियमों की जानकारी दी गई थी कि वैष्णो देवी तीर्थ स्थल के आसपास शराब और मांसाहारी भोजन पूरी तरह से वर्जित है। क्या बोले SSP रियासी? पुलिस अधीक्षक (SSP) रियासी परमवीर सिंह ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा, "जो लोग देश के कानून का पालन नहीं करते हैं और धार्मिक स्थलों पर अशांति फैलाने की कोशिश करते हैं, उनके लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटा जाएगा।" इस मामले में SDPO कटरा और SHO कटरा की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। सोशल मीडिया पर मचा बवाल इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर #BoycottOrry और #VaishnoDeviRespect जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोग ओरी और उनके साथियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। धार्मिक संगठनों ने इस घटना पर गंभीर आपत्ति जताई है और कहा कि माता वैष्णो देवी की पवित्रता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। पुलिस की अगली कार्रवाई पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज कर दी है। होटल प्रबंधन से भी पूछताछ की जा रही है कि नियमों का उल्लंघन कैसे हुआ। उत्तराखंड में 31 अपंजीकृत मदरसों पर प्रशासन की कार्रवाई, रमज़ान के दौरान सीलिंग से नाराजगी धार्मिक स्थलों पर सख्ती बढ़ाई जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में ब

कटरा में बॉलीवुड स्टार पर FIR- माता वैष्णो देवी में किया ऐसा कांड, पुलिस ने की करवाई

दिल्ली 17 मार्च 2025 (समय बोल रहा) माता वैष्णो देवी तीर्थ स्थल पर दर्शन के लिए पहुंचे बॉलीवुड सेलिब्रिटी ओरहान अवत्रामणि (ओरी) और उनके साथियों के खिलाफ कटरा पुलिस ने FIR दर्ज की है। आरोप है कि ओरी और उनके साथियों ने होटल परिसर में शराब पी, जबकि कटरा में शराब और मांसाहारी भोजन पूरी…

Read More
नई दिल्ली, 19 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) – 27 वर्षों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना गया, जबकि प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित किया जाएगा। भाजपा की सत्ता में वापसी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) को पराजित किया। पार्टी ने बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई गई, जो शालीमार बाग से विधायक चुनी गई हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि और संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। रेखा गुप्ता: एक परिचय रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर छात्र राजनीति से शुरू हुआ। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ी रही हैं और भाजपा महिला मोर्चा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और जमीनी कार्यों को देखते हुए पार्टी ने उन्हें दिल्ली की कमान सौंपी है। उनके परिवार में उनके पति और दो बच्चे हैं। नई सरकार की प्राथमिकताएँ रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कई अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी: ✅ महिलाओं की सुरक्षा: दिल्ली में महिला सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुलिस व्यवस्था और सीसीटीवी निगरानी को बढ़ाया जाएगा। ✅ स्वास्थ्य और शिक्षा: सरकारी स्कूलों और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। ✅ यातायात और प्रदूषण: सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा और वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। ✅ बिजली और पानी: दिल्लीवासियों को निर्बाध बिजली और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। ✅ झुग्गी पुनर्वास: गरीब तबके के लिए किफायती आवास योजनाओं को लागू किया जाएगा। राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ रेखा गुप्ता की नियुक्ति पर दिल्ली की राजनीति में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। भाजपा नेताओं ने इसे "नई दिल्ली के विकास का युग" बताया, वहीं विपक्ष ने कहा कि नई सरकार को अपने वादों पर खरा उतरना होगा। आने वाले दिनों में नई सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ तय करेंगी कि दिल्ली की जनता का विश्वास कितना मजबूत होता है। सभी की निगाहें अब रेखा गुप्ता और उनकी टीम पर टिकी हैं।

दिल्ली को मिली नई मुख्यमंत्री: रेखा गुप्ता ने संभाली कमान, प्रवेश वर्मा बने उपमुख्यमंत्री

नई दिल्ली, 19 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) –27 वर्षों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुना गया, जबकि प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को…

Read More
दिल्ली, 8 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। भाजपा को स्पष्ट बहुमत, आप को नुकसान इस बार के चुनाव में भाजपा ने 70 में से 43 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि आप केवल 26 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस के लिए यह चुनाव और भी निराशाजनक साबित हुआ, क्योंकि वह सिर्फ 1 सीट ही जीत सकी। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के विजेता उम्मीदवार आइए जानते हैं प्रमुख सीटों पर किसने जीत हासिल की: नई दिल्ली सीट: विजेता: भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह हराने वाले उम्मीदवार: आप के अरविंद केजरीवाल मार्जिन: भारी अंतर से हार रोहिणी सीट: विजेता: भाजपा के विजेंदर गुप्ता हराने वाले उम्मीदवार: आप के प्रदीप मित्तल ग्रेटर कैलाश सीट: विजेता: भाजपा के शिखा राय हराने वाले उम्मीदवार: आप के सौरभ भारद्वाज दिल्ली कैंट सीट: विजेता: भाजपा उम्मीदवार हराने वाले उम्मीदवार: आप उम्मीदवार दिल्ली में क्यों बदला सत्ता का समीकरण? पिछले चुनावों में लगातार दो बार जीतने वाली आम आदमी पार्टी (आप) इस बार कमजोर साबित हुई। भाजपा ने मतदाताओं को नए मुद्दों, मजबूत संगठन और रणनीतिक प्रचार अभियान से प्रभावित किया। भाजपा की जीत के प्रमुख कारण: मोदी लहर: राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का फायदा भाजपा को मिला। स्थानीय विकास के वादे: भाजपा ने दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी, बिजली और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े वादे किए। आप सरकार के खिलाफ असंतोष: अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों से नाराजगी बढ़ रही थी, जिससे वोट शेयर कम हुआ। हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण: इस बार हिंदू मतदाता भाजपा के पक्ष में मजबूती से खड़े रहे। आप की हार के कारण: फ्री योजनाओं की लोकप्रियता में गिरावट: फ्री बिजली-पानी और मोहल्ला क्लिनिक जैसी योजनाओं का प्रभाव पहले जैसा नहीं रहा। भ्रष्टाचार के आरोप: आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों का असर पड़ा। केंद्र के साथ टकराव: भाजपा और केंद्र सरकार के साथ लगातार टकराव करने की रणनीति मतदाताओं को रास नहीं आई। कांग्रेस का लगातार गिरता जनाधार

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका

दिल्ली, 8 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। भाजपा को स्पष्ट बहुमत,…

Read More
दिल्ली 6 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिनमें भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। 70 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत होती है। इस बार विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियों के पूर्वानुमान दिलचस्प राजनीतिक परिदृश्य की ओर इशारा कर रहे हैं। भाजपा के पक्ष में मजबूत रुझान कई एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में बड़े संकेत दे रहे हैं। पीपल्स प्लस: 51 से 60 सीटों का अनुमान, जो भाजपा के लिए प्रचंड बहुमत का संकेत है। पोल डायरी: 42 से 50 सीटों तक की संभावना। पी मार्क और जेवीसी पोल्स: भाजपा को क्रमशः 39 से 49 और 39 से 45 सीटें मिलने की संभावना। आप को सत्ता में चुनौती आप के लिए एग्जिट पोल्स में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। वीप्साइट: आप को सबसे अधिक 46 से 52 सीटें मिलने का अनुमान। माइंड ब्रिक्स: 44 से 49 सीटों की संभावना। वहीं कुछ सर्वे, जैसे पोल डायरी और पीपल्स प्लस, आप के प्रदर्शन को बेहद कमजोर बताते हुए 18 से 25 सीटों तक सीमित कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए निराशाजनक स्थिति लगभग सभी एग्जिट पोल कांग्रेस के लिए निराशाजनक परिणाम दिखा रहे हैं। अधिकांश सर्वे में पार्टी को 0 से 2 सीटों के बीच समेटा गया है। विश्लेषण और संभावनाएं आठ एग्जिट पोल्स भाजपा की संभावित सत्ता वापसी की ओर संकेत कर रहे हैं। दो सर्वे आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की संभावना जता रहे हैं। यदि भाजपा सत्ता में आती है तो यह लगभग 27 वर्षों बाद दिल्ली में उसकी वापसी होगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा को बढ़त, आम आदमी पार्टी पीछे

दिल्ली, 08 फरवरी 2025 ,(समय बोल रहा ) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के ताजा रुझानों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुमत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। अब तक 52 सीटों के रुझान सामने आए हैं, जिनमें भाजपा 36 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) 16 सीटों पर…

Read More
दिल्ली 6 फरवरी 2025 (समय बोल रहा) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिनमें भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। 70 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत होती है। इस बार विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियों के पूर्वानुमान दिलचस्प राजनीतिक परिदृश्य की ओर इशारा कर रहे हैं। भाजपा के पक्ष में मजबूत रुझान कई एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में बड़े संकेत दे रहे हैं। पीपल्स प्लस: 51 से 60 सीटों का अनुमान, जो भाजपा के लिए प्रचंड बहुमत का संकेत है। पोल डायरी: 42 से 50 सीटों तक की संभावना। पी मार्क और जेवीसी पोल्स: भाजपा को क्रमशः 39 से 49 और 39 से 45 सीटें मिलने की संभावना। आप को सत्ता में चुनौती आप के लिए एग्जिट पोल्स में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। वीप्साइट: आप को सबसे अधिक 46 से 52 सीटें मिलने का अनुमान। माइंड ब्रिक्स: 44 से 49 सीटों की संभावना। वहीं कुछ सर्वे, जैसे पोल डायरी और पीपल्स प्लस, आप के प्रदर्शन को बेहद कमजोर बताते हुए 18 से 25 सीटों तक सीमित कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए निराशाजनक स्थिति लगभग सभी एग्जिट पोल कांग्रेस के लिए निराशाजनक परिणाम दिखा रहे हैं। अधिकांश सर्वे में पार्टी को 0 से 2 सीटों के बीच समेटा गया है। विश्लेषण और संभावनाएं आठ एग्जिट पोल्स भाजपा की संभावित सत्ता वापसी की ओर संकेत कर रहे हैं। दो सर्वे आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की संभावना जता रहे हैं। यदि भाजपा सत्ता में आती है तो यह लगभग 27 वर्षों बाद दिल्ली में उसकी वापसी होगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल 2025: भाजपा की वापसी या आप की सरकार, जानिए पूरा विश्लेषण

दिल्ली 6 फरवरी 2025 (समय बोल रहा)दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिनमें भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। 70 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत होती है। इस बार विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियों के…

Read More