काशीपुर, 17 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – आगामी पंचायत चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में, सरवरखेड़ा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी ब्रजेश पाल के चुनाव कार्यालय का आज बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर नैनीताल लोकसभा के लोकप्रिय सांसद अजय भट्ट सहित भाजपा के कई शीर्ष पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर प्रत्याशी ब्रजेश पाल को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया और उनकी जीत के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया। दिग्गज नेताओं का जमावड़ा, दिया जीत का मंत्र उद्घाटन समारोह में भाजपा के केंद्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व से लेकर स्थानीय इकाई तक के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। कार्यक्रम में नैनीताल लोकसभा के लोकप्रिय सांसद अजय भट्ट की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमा प्रदान की। उनके साथ भाजपा प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी और जिला अध्यक्ष भाजपा मनोज पाल भी मौजूद थे, जिन्होंने संगठन की एकजुटता का संदेश दिया। इसके अतिरिक्त, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, काशीपुर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, काशीपुर के मेयर दीपक बाली और राज्यमंत्री मनजीत सिंह राजू जी जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने भी समारोह में शिरकत की। पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल, पीसीयू चेयरमैन राम मल्होत्रा, शीतल जोशी, बलराम तोमर, विजेन्दर गहलौत, रवि साहनी, मंडल अध्यक्ष राजकुमार गुंबर, ओम प्रकाश कुशवाहा, सत्यपाल सिंह रविपाल, हरप्रीत हैप्पी, सुरेश लोहिया ,गुरताज भुल्लर सहित अन्य गणमान्य नागरिकों और बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। यह विशाल उपस्थिति प्रत्याशी ब्रजेश पाल के प्रति पार्टी के मजबूत समर्थन और क्षेत्र में उनकी पैठ को दर्शाती है। विकास के एजेंडे पर जोर, भारी मतों से जीत का आह्वान कार्यक्रम के दौरान मंच से वक्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी ब्रजेश पाल के पक्ष में जोरदार अपील की। सभी नेताओं ने एक स्वर में ब्रजेश पाल को भारी मतों से विजयी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीतियां हमेशा से जनहित और विकास पर केंद्रित रही हैं। नेताओं ने जोर देकर कहा कि ब्रजेश पाल की जीत से क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी मिलेगी और भाजपा सरकार की नीतियों से प्रेरित होकर सरवरखेड़ा और आसपास के क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास होगा। सांसद अजय भट्ट और विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने विशेष रूप से स्थानीय समस्याओं के समाधान और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में ब्रजेश पाल की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर पार्टी की नीतियों और ब्रजेश पाल के विजन को जनता तक पहुंचाने का आग्रह किया। जनसमूह ने लिया जीत का संकल्प उद्घाटन समारोह में उपस्थित भारी जनसमूह ने भाजपा के पक्ष में अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। उपस्थित कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जोश और उत्साह के साथ ब्रजेश पाल को चुनाव में जीत दिलाने का संकल्प लिया। नारों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच यह स्पष्ट था कि स्थानीय जनता और कार्यकर्ता दोनों ही ब्रजेश पाल की उम्मीदवारी को लेकर उत्साहित हैं और उन्हें विजयी बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह जनसमूह भाजपा के लिए सरवरखेड़ा में मजबूत आधार का संकेत देता है। चुनाव कार्यालय का उद्घाटन न केवल प्रत्याशी के लिए एक औपचारिक शुरुआत है, बल्कि यह पार्टी के लिए अपनी ताकत का प्रदर्शन करने और चुनाव अभियान को गति देने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी होता है। ब्रजेश पाल के कार्यालय उद्घाटन ने यह संदेश साफ कर दिया है कि भाजपा इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। अब देखना यह है कि चुनाव परिणाम में यह उत्साह कितना वोटों में तब्दील हो पाता है।

काशीपुर ,34 सरवरखेड़ा: भाजपा समर्थित प्रत्याशी ब्रजेश पाल के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन, सांसद अजय भट्ट सहित कई दिग्गज नेता हुए शामिल

काशीपुर, 17 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – आगामी पंचायत चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में, सरवरखेड़ा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी ब्रजेश पाल के चुनाव कार्यालय का आज बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ भव्य उद्घाटन किया गया।…

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कुंडेश्वरी, 17 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। कुंडेश्वरी चौकी क्षेत्र के गढ़वाल कॉलोनी, जैतपुर मोड़ के पास पुलिस ने बुधवार रात मुखबिर की सूचना पर पंचायत चुनाव के लिए लाई जा रही 10 पेटी अवैध शराब के साथ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए की जा रही अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर को दर्शाती है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बिछाया जाल कुंडेश्वरी चौकी पुलिस को बुधवार की रात एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि गढ़वाल कॉलोनी, जैतपुर मोड़ के पास तीन युवक एक कार में अवैध रूप से विदेशी शराब ले जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आगामी पंचायत चुनावों में किया जाना है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, कुंडेश्वरी चौकी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई का निर्णय लिया। सूचना पर चौकी प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम तुरंत जैतपुर मोड़ के पास सक्रिय हो गई और वाहनों की सघन चेकिंग शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद, संदिग्ध बताई गई कार मौके पर पहुंची, जिसे पुलिस टीम ने रोक लिया। कार में तीन युवक सवार थे, जिनसे पुलिस ने पूछताछ की। 10 पेटी अवैध शराब जब्त, कोई कागजात नहीं दिखा पाए आरोपी पुलिस टीम ने जब कार की तलाशी ली, तो तो उसमें से 10 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। यह शराब बिना किसी वैध परमिट या कागजात के लाई जा रही थी। पुलिस ने जब कार सवार तीनों युवकों से शराब से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो वे कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर, पुलिस टीम ने मौके से ही तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही, अवैध शराब के परिवहन में इस्तेमाल की जा रही कार को भी आबकारी अधिनियम के तहत जब्त कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आदर्श गुरंग पुत्र रवि गुरंग (निवासी वैशाली कॉलोनी), अंकित ठाकुर पुत्र ओमप्रकाश ठाकुर (निवासी आवास विकास), और रविंद्र पाल पुत्र बाबूराम (निवासी सरवरखेड़ा, थाना कुंडा) के रूप में हुई है। पंचायत चुनाव में बांटने की थी योजना: पुलिस पूछताछ में कबूला कुंडेश्वरी चौकी के एसएसआई अनिल जोशी ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे यह अवैध शराब पंचायत चुनाव में बांटने के लिए लाए थे। यह खुलासा बेहद गंभीर है, क्योंकि यह सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के प्रयास की ओर इशारा करता है। एसएसआई जोशी ने यह भी बताया कि पुलिस अब इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि यह शराब किसके लिए लाई जा रही थी और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या कोई बड़ा नेटवर्क या कोई प्रभावशाली व्यक्ति इस अवैध शराब की तस्करी और वितरण में संलिप्त है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम पंचायत चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे निचली इकाई होते हैं, और इनमें अवैध शराब या पैसे का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने का एक आम हथकंडा रहा है। कुंडेश्वरी पुलिस की यह कार्रवाई आगामी पंचायत चुनावों को निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अपराधियों और ऐसे तत्वों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि पुलिस चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। फिलहाल, पुलिस आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की आगे की जांच कर रही है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर इस रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि चुनावों में शराब के अवैध इस्तेमाल पर पूरी तरह से नकेल कसी जा सके।

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई: कुंडेश्वरी में पकड़ी गई अवैध शराब की 10 पेटी, 3 तस्कर गिरफ्तार

कुंडेश्वरी, 17 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। कुंडेश्वरी चौकी क्षेत्र के गढ़वाल कॉलोनी, जैतपुर मोड़ के पास पुलिस ने बुधवार रात मुखबिर की सूचना पर पंचायत चुनाव के लिए लाई जा रही 10…

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काशीपुर, 16 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने काशीपुर की आईटीआई थाना पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने आर्य नगर मोहल्ले से एक पॉलीटेक्निक छात्र को गिरफ्तार किया है, जो एक बड़ा हथियार तस्कर निकला। इस छात्र के पास से एक ऑटोमैटिक पिस्टल, दो मैगजीन और कुछ कारतूस मिले हैं। पुलिस ने बताया है कि इस हथियार बेचने वाले गिरोह का मुख्य सरगना न्यूज़ीलैंड में बैठकर ये सारा काम चला रहा था। यह गिरफ्तारी उत्तराखंड में अवैध हथियार बेचने वाले गिरोहों के लिए एक बड़ा झटका है। एसटीएफ के बड़े अफसर नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि उनकी टीम को काफी समय से उत्तराखंड में अवैध हथियारों की जानकारी मिल रही थी। इस पर काम करते हुए, इंस्पेक्टर एमपी सिंह की टीम ने आईटीआई थाना पुलिस के साथ मिलकर योजना बनाई। आर्य नगर में छापा, हर्ष शर्मा गिरफ्तार एसएसपी भुल्लर ने बताया कि पक्की जानकारी मिलने के बाद सोमवार रात को मोहल्ला आर्य नगर की डॉ. सिंह वाली गली में छापा मारा गया। वहां से हर्ष शर्मा नाम के एक शख्स को पकड़ा गया। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से एक नई ऑटोमैटिक पिस्टल, दो मैगजीन और .32 बोर के कारतूस मिले। पुलिस के मुताबिक, हर्ष शर्मा पर पहले से ही इनाम घोषित था, जिससे पता चलता है कि वह कितना खतरनाक अपराधी था। हथियार बेचने वाला छात्र निकला पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी हर्ष शर्मा एक पॉलीटेक्निक कॉलेज में सिविल ट्रेड का छात्र है। यह बात हैरान करने वाली है कि एक पढ़ा-लिखा छात्र हथियारों के ऐसे अवैध धंधे में शामिल था। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि वह इस गिरोह से कैसे जुड़ा और कब से ये काम कर रहा है। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि हर्ष शर्मा सिर्फ हथियारों को आगे पहुंचाने का काम कर रहा था। इस पूरे धंधे का असली मुखिया न्यूज़ीलैंड में बैठा है। यह एक मुश्किल चुनौती है क्योंकि विदेश में बैठे अपराधी तक पहुंचना आसान नहीं होता। एसटीएफ अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी मदद लेने के बारे में सोच रही है। आगे की जांच और अपील पुलिस ने बताया कि यह गिरोह सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों में भी अवैध हथियार बेचता था। पकड़ी गई पिस्टल की जांच की जाएगी ताकि पता चले कि इसका इस्तेमाल किसी अपराध में तो नहीं हुआ है। पुलिस हर्ष शर्मा से पूछताछ कर रही है ताकि इस गिरोह के बाकी साथियों, हथियारों के स्रोत और खरीदारों के बारे में जानकारी मिल सके। उम्मीद है कि उसकी मदद से और भी लोग पकड़े जाएंगे। एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि एसटीएफ उत्तराखंड को अपराध-मुक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने जनता से भी अपील की कि अगर उन्हें किसी भी अवैध काम या संदिग्ध व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस या एसटीएफ को बताएं। जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। यह गिरफ्तारी उत्तराखंड में अवैध हथियारों के फैलने को रोकने में एक बड़ा कदम है। ऐसे गिरोह युवाओं को गुमराह कर गलत रास्ते पर ले जाते हैं, जिससे समाज में डर का माहौल बनता है। एसटीएफ और पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उम्मीद है कि इस मामले में आगे और भी बड़े खुलासे होंगे।

काशीपुर में STF का बड़ा खुलासा: पॉलीटेक्निक छात्र निकला हथियार तस्कर, गैंग का सरगना न्यूज़ीलैंड में!

काशीपुर, 16 जुलाई, 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने काशीपुर की आईटीआई थाना पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने आर्य नगर मोहल्ले से एक पॉलीटेक्निक छात्र को गिरफ्तार किया है, जो एक बड़ा हथियार तस्कर निकला। इस छात्र के पास से एक ऑटोमैटिक पिस्टल, दो…

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काशीपुर, 13 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – पत्रकारिता के मूल्यों को स्थापित करने, पत्रकारों के हितों की रक्षा करने और उन्हें एक मंच पर लाने के उद्देश्य से आज काशीपुर में 'पत्रकार प्रेस परिषद भारत' की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में परिषद की काशीपुर इकाई का विधिवत गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई। बैठक की अध्यक्षता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुलाटी ने की, जिनकी उपस्थिति में संगठन के विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। अध्यक्ष पद पर अजय सक्सेना का मनोनयन, जिला स्तर पर भी काशीपुर का दबदबा बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अशोक गुलाटी ने काशीपुर इकाई के अध्यक्ष पद के लिए अजय कुमार सक्सेना के नाम का मनोनयन किया। अजय सक्सेना के नाम की घोषणा होते ही सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, जिससे पता चलता है कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था। प्रदेश अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि काशीपुर पत्रकारिता का एक मह

काशीपुर में पत्रकार प्रेस परिषद भारत की नई इकाई का गठन: अजय सक्सेना बने अध्यक्ष, प्रकाश जोशी को मिली जिला सचिव की जिम्मेदारी

काशीपुर, 13 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – पत्रकारिता के मूल्यों को स्थापित करने, पत्रकारों के हितों की रक्षा करने और उन्हें एक मंच पर लाने के उद्देश्य से आज काशीपुर में ‘पत्रकार प्रेस परिषद भारत’ की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में परिषद…

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काशीपुर, 11 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में अपराध पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे अभियानों के तहत, काशीपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुखबिर की सटीक सूचना पर कार्रवाई करते हुए, टांडा चौकी पुलिस ने एक युवक को अवैध चाकू के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब उसे न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है। यह घटना गुरुवार की देर रात की है। टांडा चौकी प्रभारी सुनील सूतेडी अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त पर थे ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। इसी दौरान, उन्हें एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि राईपुर रोड स्थित फ्लाईओवर के ठीक नीचे एक युवक अवैध हथियार लेकर खड़ा है। सूचना की गंभीरता को समझते हुए, चौकी प्रभारी ने बिना समय गंवाए अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचने का फैसला किया। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फ्लाईओवर के नीचे घेराबंदी की और वहां खड़े एक संदिग्ध युवक को धर दबोचा। पुलिस की अचानक मौजूदगी से युवक घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस टीम ने उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया। पूछताछ करने पर आरोपी ने अपनी पहचान भोला उर्फ शिवम पुत्र त्रिलोकी, निवासी टांडा उज्जैन के रूप में बताई। पुलिस को उस पर संदेह हुआ और जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके कब्जे से एक अवैध चाकू बरामद हुआ। आरोपी इस हथियार को लेकर किस मकसद से वहां खड़ा था, इस बारे में पुलिस आगे की पूछताछ कर रही है। अवैध हथियार मिलने के बाद पुलिस टीम ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, कोतवाली पुलिस ने टीम के प्रभारी सुनील सूतेडी की तहरीर के आधार पर आरोपी भोला उर्फ शिवम के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी को जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस गिरफ्तारी ने न केवल एक आपराधिक वारदात को रोका है, बल्कि पुलिस की सतर्कता और प्रभावी खुफिया तंत्र (मुखबिरों का जाल) को भी दर्शाया है। इस तरह की कार्रवाई से शहर में अवैध हथियारों की तस्करी और उनके इस्तेमाल पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है, जिससे आम जनता में सुरक्षा का भाव मजबूत होता है।

काशीपुर: टांडा पुलिस की बड़ी सफलता, मुखबिर की सूचना पर अवैध चाकू के साथ युवक गिरफ्तार, आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

काशीपुर, 11 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में अपराध पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे अभियानों के तहत, काशीपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुखबिर की सटीक सूचना पर कार्रवाई करते हुए, टांडा चौकी पुलिस ने एक युवक को अवैध चाकू के साथ गिरफ्तार किया है।…

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काशीपुर, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के काशीपुर में आज एक हृदय विदारक औद्योगिक हादसा सामने आया, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, काशीपुर स्थित सूर्य फैक्ट्री में अचानक एक हाइड्रोजन गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट में एक श्रमिक की मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई, जबकि 10 अन्य श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नगर के आयुष्मान चिकित्सालय लाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया और मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। सुबह का शांत माहौल, जोरदार धमाके से दहल उठा काशीपुर गुरुवार की सुबह जब काशीपुर अपने सामान्य कामकाज में व्यस्त था, तभी लगभग 10:30 बजे सूर्य फैक्ट्री से एक भयानक धमाके की आवाज गूंजी, जिसने आसपास के पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री परिसर में अफरा-तफरी मच गई और धुएं का गुबार आसमान में छा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हाइड्रोजन गैस सिलेंडर फटने के कारण यह हादसा हुआ, जिसकी तीव्रता ने वहां मौजूद श्रमिकों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। विस्फोट की चपेट में आए श्रमिकों में से एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 10 अन्य बुरी तरह घायल हो गए। घायलों में कई को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें जलने और अंदरूनी चोटें शामिल हैं। फैक्ट्री के भीतर और बाहर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों और अन्य श्रमिकों की मदद से तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया और घायलों को समय रहते नगर के आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचाया गया। चिकित्सालय पहुंचते ही डॉक्टरों की टीम ने तुरंत घायलों का उपचार शुरू कर दिया, जो अभी भी जारी है। अस्पताल में घायलों के परिजनों की भीड़ जमा हो गई है, जहां वे अपनों की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा: CM ने भी जताया दुःख, दिए निर्देश हादसे की सूचना मिलते ही राज्य और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घायलों के कुशलक्षेम जानने के लिए तत्काल मंडलायुक्त/मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. के.के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आयुष्मान चिकित्सालय पहुंचे। अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायल श्रमिकों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने घायलों के परिजनों से भी बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने चिकित्साधिकारियों से गहन चर्चा की और उन्हें घायलों का हरसंभव बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रावत ने बताया कि उन्होंने घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी घायल श्रमिक को बेहतर उपचार के लिए उच्च चिकित्सालयों में भेजने की आवश्यकता पड़े, तो बिना किसी देरी के भेजा जाए। यह मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और घायलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जांच के आदेश और राहत-बचाव कार्य तेज मंडलायुक्त दीपक रावत ने इस गंभीर घटना की जांच कराने हेतु जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया को तत्काल निर्देश दिए हैं। इस जांच में विस्फोट के कारणों, फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों के पालन, लापरवाही के संभावित बिंदुओं और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों की पड़ताल की जाएगी। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने भी घायलों को हर संभव बेहतरीन इलाज उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.के. अग्रवाल को चिकित्सालय में ही बने रहने और घायलों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने सूर्य फैक्ट्री में घटना के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों के लिए तत्काल एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को भी रवाना किया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर किसी भी संभावित खतरे को कम करने और आगे के बचाव कार्यों में मदद करेगी। इस दौरान महापौर दीपक बाली, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह सहित कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने पूरी स्थिति पर नजर रखी और राहत कार्यों में सहयोग किया। औद्योगिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल: क्यों बार-बार हो रहे ऐसे हादसे? काशीपुर की सूर्य फैक्ट्री में हुए इस हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाइड्रोजन एक ज्वलनशील गैस है, जिसके भंडारण और उपयोग में अत्यधिक सावधानी और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। यह हादसा दर्शाता है कि इन प्रोटोकॉल का या तो उल्लंघन किया गया या उनमें कहीं न कहीं कमी रह गई। ऐसे औद्योगिक हादसे न केवल जनहानि और संपत्ति का नुकसान करते हैं, बल्कि श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए दीर्घकालिक आघात भी छोड़ जाते हैं। यह घटना एक कड़ा संदेश है कि सरकार और उद्योग जगत को मिलकर औद्योगिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। नियमित निरीक्षण, सुरक्षा उपकरणों का उचित रखरखाव, श्रमिकों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इस हादसे के पीछे वास्तविक कारण क्या थे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

काशीपुर में दहला ‘सूर्य फैक्ट्री’: हाइड्रोजन सिलेंडर ब्लास्ट में 1 श्रमिक की दर्दनाक मौत, 10 घायल! CM धामी ने दिया उच्च उपचार का भरोसा, जांच के आदेश

काशीपुर, 10 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के काशीपुर में आज एक हृदय विदारक औद्योगिक हादसा सामने आया, जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, काशीपुर स्थित सूर्य फैक्ट्री में अचानक एक हाइड्रोजन गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट में एक…

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काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं गणमान्य लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचे। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने उनका पारंपरिक ढंग से फूलमालाओं और अंगवस्त्रों से अभिनंदन किया। कोश्यारी जी ने सभी कार्यकर्ताओं का स्नेहपूर्वक आभार व्यक्त किया और संगठन के प्रति उनके समर्पण और निष्ठा की सराहना की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जताया सम्मान कोश्यारी जी के स्वागत समारोह में भाग लेने वालों में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता, पूर्व सांसद प्रतिनिधि और स्थानीय नेता शामिल थे। मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में शामिल थे: पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी , भाजपा नेता दीपकोश्यारी ,शीतल जोशी,अंकुरकुमार ,हिमांशु शर्मा,राज्य मंत्री अंबिका चौधरी,सुरेश लोहिया ,अनूप सिंह,अभिषेक गोयल, जे.एस. नरूला ,प्रगट सिंह ,आनंद वैश्य ,ईश्वर चंद्र गुप्ता ,बच्चू अरोरा ,अजय शंकर कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित कर उनके योगदान को याद किया और कहा कि कोश्यारी जी का जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कोश्यारी का संदेश: "निष्ठा ही संगठन की ताकत है" संक्षिप्त बातचीत में श्री कोश्यारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं की निष्ठा और प्रतिबद्धता ही किसी संगठन की असली ताकत होती है। उन्होंने कहा: " आप सभी का समर्पण ही संगठन को मजबूत बनाता है। यह देख कर हर्ष होता है कि कार्यकर्ता अब भी उसी भावना से कार्य कर रहे हैं जैसे पहले किया करते थे।" उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठन के साथ ईमानदारी और अनुशासन से जुड़े रहने का आग्रह किया। सामाजिक सरोकार और सादगी की मिसाल भगत सिंह कोश्यारी का जीवन हमेशा सादगी, पारदर्शिता और राष्ट्रभक्ति से जुड़ा रहा है। चाहे मुख्यमंत्री के रूप में रहा उनका कार्यकाल हो या महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में निभाई गई जिम्मेदारियाँ, उन्होंने हमेशा लोकहित को प्राथमिकता दी। कोश्यारी जी के इस अनौपचारिक पड़ाव ने यह एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि वे न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि जनता के प्रिय जननायक भी हैं। उनका व्यवहार, बोलने का अंदाज और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद लोगों को सहज महसूस कराता है। जनता से जुड़ाव बना रहा अटूट कोश्यारी जी अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, लेकिन उनका जुड़ाव जनता से आज भी उतना ही प्रबल है। यह बात उनके काशीपुर आगमन पर कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भारी उपस्थिति ने सिद्ध कर दी। लोग अपने नेता को देखने और सम्मान देने के लिए स्वयं आगे बढ़कर आए। वर्तमान में भी प्रासंगिक व्यक्तित्व जहां राजनीति में बदलाव और नई पीढ़ी का प्रवेश हो रहा है, वहीं कोश्यारी जैसे वरिष्ठ नेताओं की भूमिका एक मार्गदर्शक के रूप में सामने आती है। उनके अनुभव, विचार और नेतृत्व क्षमता आज भी युवाओं के लिए सीखने योग्य हैं।

जन-जन के नायक, हिमालय पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का काशीपुर में भव्य स्वागत

काशीपुर, 07 जुलाई 2025 (समय बोल रहा) — उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज देहरादून जाते समय काशीपुर के कुंडा क्षेत्र में अल्प विश्राम के दौरान भव्य स्वागत किया गया। वे कुछ देर के लिए रॉयल हवेली में रुके थे, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता एवं…

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काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना में 40 वर्षीय अर्जुन नामक व्यक्ति की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी राजवती गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के बाद डंपर चालक अपनी गाड़ी छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया, जिसने लोगों में गहरा आक्रोश भर दिया है। तड़के 5:30 बजे मौत बनकर आया डंपर, खुशियां मातम में बदलीं यह दुखद घटना शनिवार की तड़के लगभग 5:30 बजे घटी। महाराणा प्रताप चौक पर स्थित रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे, जहां अक्सर रात में गरीब और खानाबदोश परिवार आसरा लेते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर निवासी अर्जुन पुत्र द्वारिका अपनी पत्नी राजवती के साथ सो रहे थे। उनके लिए यह जगह ही उनका 'घर' थी, जहां वे दिनभर की थकान के बाद रात में कुछ पल की शांति तलाशते थे। लेकिन, उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि सुबह की पहली किरण से पहले ही उन पर मौत टूट पड़ेगी। एक बेहद तेज रफ्तार डंपर ने लापरवाह तरीके से चलाते हुए सीधे उसी जगह पर चढ़ गया, जहां अर्जुन और राजवती सो रहे थे। डंपर के नीचे आते ही अर्जुन को संभलने का मौका भी नहीं मिला और वह बुरी तरह कुचल गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी राजवती को भी गंभीर चोटें आईं और वह दर्द से कराह उठीं। इस क्षणभंगुर हादसे ने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया। स्थानीय लोगों ने दौड़ाई मदद, अस्पताल में मृत घोषित हादसे की जोरदार आवाज सुनकर और सुबह की गतिविधियों के लिए जग रहे कुछ लोगों की नजर जब इस भयावह मंजर पर पड़ी, तो वे तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। उन्होंने देखा कि डंपर एक व्यक्ति को कुचल चुका है और उसकी पत्नी घायल अवस्था में पड़ी है। लोगों ने बिना देर किए, घायल राजवती और खून से लथपथ अर्जुन को एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने अर्जुन को मृत घोषित कर दिया, जिससे वहां मौजूद लोगों और राजवती के लिए यह खबर किसी वज्रपात से कम नहीं थी। राजवती को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन पति को खोने का सदमा उन्हें बुरी तरह से तोड़ चुका है। इस घटना ने एक बार फिर महानगरों और कस्बों में फुटपाथ पर या खुले में सो रहे लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद चालक फरार, डंपर जब्त: पुलिस जांच में जुटी इस जघन्य हादसे के बाद, डंपर चालक ने मानवता को शर्मसार करते हुए घटनास्थल पर रुकने या घायलों की मदद करने के बजाय, अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौके से फरार हो गया। यह उसका असंवेदनशील रवैया ही था, जिसने लोगों में भारी गुस्सा और आक्रोश भर दिया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा, जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने मृतक अर्जुन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त डंपर को जब्त कर लिया है और उसे थाने ले जाया गया है। पुलिस ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, साथ ही डंपर के मालिक और उसके चालक के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार चालक को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खानाबदोश परिवारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि उन हजारों बेघर और खानाबदोश परिवारों की दुखद सच्चाई को भी उजागर करती है, जिन्हें रात में सड़कों के किनारे, पुलों के नीचे या खुले में सोने पर मजबूर होना पड़ता है। उनके पास कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होता, जिससे वे हर पल दुर्घटनाओं और अन्य खतरों के साये में जीते हैं। सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या तूफान, ये लोग हर मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर होते हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा संचालित रैन बसेरे या शेल्टर होम अक्सर इनकी संख्या के मुकाबले अपर्याप्त होते हैं, या इन तक इनकी पहुंच नहीं हो पाती। इस हादसे ने एक बार फिर इन वंचित तबकों की सुरक्षा और आश्रय की आवश्यकता पर विचार करने के लिए मजबूर किया है। क्या प्रशासन को ऐसे संवेदनशील स्थानों पर रात में गश्त बढ़ानी चाहिए या इन लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थलों में पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने चाहिए? सड़क सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रश्न यह दुर्घटना काशीपुर में भारी वाहनों, विशेषकर डंपरों और ट्रकों द्वारा तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी दर्शाता है। तड़के के समय सड़कें अक्सर खाली होती हैं, और चालक अक्सर गति सीमा का उल्लंघन करते हैं, जिससे ऐसे गंभीर हादसे हो जाते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग को भारी वाहनों की गति और चालकों के व्यवहार पर अधिक सख्त निगरानी रखने की आवश्यकता है। इस दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा शोक व्यक्त किया है। लोगों ने अर्जुन की असामयिक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है और राजवती के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि सड़क पर सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दूसरों के जीवन के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी भी शामिल है, खासकर उन लोगों के प्रति जो सबसे कमजोर और असुरक्षित हैं। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसे निर्मम हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

काशीपुर में भीषण हादसा: आरओबी के नीचे सो रहे खानाबदोश को तेज रफ्तार डंपर ने कुचला, मौके पर मौत; पत्नी घायल, चालक फरार

काशीपुर, 5 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर शहर में शनिवार की तड़के एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने मानवता को झकझोर कर रख दिया। महाराणा प्रताप चौक स्थित आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के ठीक नीचे सो रहे एक खानाबदोश परिवार पर काल बनकर एक तेज रफ्तार डंपर गुजरा। इस भीषण दुर्घटना…

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काशीपुर, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – वित्तीय धोखाधड़ी और चेक अनादरण (बाउंस) के एक महत्वपूर्ण मामले में, काशीपुर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चेक बाउंस के दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन माह के कारावास के साथ-साथ 2 लाख 5 हजार रुपये (₹2.05 लाख) के भारी जुर्माने से दंडित किया है। यह फैसला वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। क्या था मामला? विश्वास के बदले मिला धोखा यह मामला मोहल्ला पक्काकोट निवासी सिमरन पत्नी शंकर द्वारा अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल के माध्यम से न्यायालय में दायर किए गए एक परिवाद (शिकायत) से जुड़ा है। सिमरन ने अपनी शिकायत में बताया कि उसी मोहल्ले के निवासी अशरफी लाल ने उनसे 11 दिसंबर, 2020 को 1 लाख 80 हजार रुपये (₹1.80 लाख) की बड़ी रकम बतौर उधार ली थी। यह लेन-देन आपसी विश्वास और परिचित होने के नाते किया गया था। उधार ली गई इस राशि के भुगतान के एवज में, अशरफी लाल ने सिमरन को दो चेक जारी किए थे। ये चेक उधार की राशि लौटाने के लिए थे और यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो भुगतान का आश्वासन देता है। सिमरन ने जब इन चेकों को उनके भुगतान के लिए बैंक में प्रस्तुत किया, तो दुर्भाग्यवश, दोनों चेक बाउंस हो गए। इसका अर्थ था कि अशरफी लाल के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं थी, या किसी अन्य तकनीकी कारण से बैंक ने भुगतान करने से इनकार कर दिया था। चेक बाउंस होना नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत एक गंभीर अपराध है, क्योंकि यह वित्तीय लेनदेन में भरोसे को तोड़ता है। कानूनी प्रक्रिया और न्यायालय का अवलोकन चेक बाउंस होने के बाद, सिमरन ने कई बार अशरफी लाल से संपर्क करने का प्रयास किया ताकि वे अपनी उधार ली गई रकम वापस पा सकें, लेकिन जब सभी प्रयास विफल हो गए, तो उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया। उन्होंने अपने अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया और अशरफी लाल के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत मुकदमा चलाने की अपील की। मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत में चली। इस दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। परिवादी सिमरन के अधिवक्ता ने चेकों के बाउंस होने, उधार के प्रमाण और अशरफी लाल की भुगतान करने में विफलता से संबंधित सभी साक्ष्यों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। इसमें बैंक की मेमो, लेन-देन के रिकॉर्ड और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल थे। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अशरफी लाल का पक्ष रखा, हालांकि उनके तर्क और प्रस्तुत साक्ष्य न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर पाए। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, अधिवक्ताओं की बहस को ध्यानपूर्वक सुना। इसके साथ ही, पत्रावली में उपलब्ध सभी साक्ष्यों और दस्तावेजों का बारीकी से अवलोकन किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखा जाए। न्यायालय का फैसला: सजा और आर्थिक दंड अधिवक्ताओं की बहस और सभी साक्ष्यों की गहन समीक्षा के बाद, न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अशरफी लाल ने चेक बाउंस कर कानून का उल्लंघन किया है। न्यायालय ने अशरफी लाल को चेक बाउंस के मामले में दोषसिद्ध घोषित किया। दोषसिद्ध होने के बाद, न्यायालय ने अशरफी लाल को तीन माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई। यह सजा यह सुनिश्चित करती है कि दोषी को उसके कृत्य के लिए व्यक्तिगत रूप से भी जवाबदेह ठहराया जाए। कारावास की सजा के अतिरिक्त, न्यायालय ने अशरफी लाल पर 2 लाख 5 हजार रुपये (₹2.05 लाख) का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माना उधार ली गई मूल राशि (₹1.80 लाख) से अधिक है, जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत एक सामान्य प्रावधान है। इस एक्ट के तहत अक्सर जुर्माने की राशि चेक की राशि के दोगुने तक हो सकती है, ताकि दोषी पर वित्तीय दबाव पड़े और वह भविष्य में ऐसे अपराधों से बचे। यह अतिरिक्त राशि परिवादी सिमरन को हुए नुकसान की भरपाई और आरोपी के लिए दंड के तौर पर भी कार्य करती है। अधिवक्ता की भूमिका और न्यायिक प्रक्रिया का महत्व इस पूरे मामले में परिवादी सिमरन के अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पाल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने प्रभावी ढंग से सिमरन का पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा, सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए और कानूनी दांव-पेच के बीच अपने मुवक्किल को न्याय दिलाने में सफल रहे। यह फैसला दर्शाता है कि कानूनी प्रक्रिया और एक कुशल अधिवक्ता के माध्यम से न्याय प्राप्त किया जा सकता है, भले ही वित्तीय धोखाधड़ी के मामले जटिल हों। यह निर्णय न केवल सिमरन को न्याय दिलाता है, बल्कि समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि वित्तीय लेनदेन में ईमानदारी और चेकों का सम्मान करना आवश्यक है। चेक बाउंस जैसे मामलों में सख्त सजा वित्तीय प्रणाली में विश्वास बनाए रखने और धोखाधड़ी को हतोत्साहित करने में सहायक होती है। काशीपुर की न्यायिक व्यवस्था द्वारा सुनाया गया यह फैसला निश्चित रूप से भविष्य में ऐसे मामलों में एक मिसाल के तौर पर देखा जाएगा और लोगों को वित्तीय व्यवहार में अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगा।

चेक बाउंस मामले में कड़ा फैसला: काशीपुर में दोषी को 3 माह का कारावास और ₹2.05 लाख का जुर्माना

काशीपुर, 2 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – वित्तीय धोखाधड़ी और चेक अनादरण (बाउंस) के एक महत्वपूर्ण मामले में, काशीपुर की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज (सीडि) पायल सिंह की अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने चेक बाउंस के दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन माह के कारावास के साथ-साथ…

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काशीपुर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, रामनगर की ओर से काशीपुर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में कार में सवार चार लोगों में से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना एक बार फिर टांडा चौराहे पर बने उस डिवाइडर पर सवाल खड़े कर रही है, जिसे स्थानीय लोग 'मौत का डिवाइडर' कहते हैं क्योंकि यह बनने के बाद से कई लोगों की जान ले चुका है। दोपहर में हुआ हादसा: तेज रफ्तार बनी काल यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना दिन के उजाले में तब घटी जब रामनगर-काशीपुर मार्ग पर वाहनों की सामान्य आवाजाही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर लगभग 2 बजे, रामनगर की दिशा से काशीपुर की ओर एक तेज गति से आ रही कार काशीपुर के टांडा चौराहे पर पहुंचते ही अनियंत्रित हो गई। चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और कार सीधे सड़क के बीच बने डिवाइडर से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, और उसमें सवार लोगों को गंभीर चोटें आईं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी और उसमें सवार चार लोगों में से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अन्य घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी विस्तृत स्थिति के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन उन्हें भी गंभीर चोटें आने की आशंका है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान: मुरादाबाद का आदित्य (24) इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवाने वाले युवक की पहचान आदित्य (उम्र 24 वर्ष) के रूप में हुई है। वह मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी श्री सत्येंद्र सिंह के पुत्र थे। आदित्य की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक युवा और होनहार जीवन का सड़क हादसे में यूं समाप्त हो जाना बेहद दुखद है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है, और वे काशीपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के महत्व और वाहन चालकों द्वारा गति सीमा का पालन करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। दिन के समय भी अत्यधिक गति दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बन सकती है। टांडा चौराहे का 'मौत का डिवाइडर': चिंता का सबब इस दुर्घटना ने एक बार फिर काशीपुर के टांडा चौराहे पर बने डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिवाइडर बनने के बाद से ही हादसों का सबब बना हुआ है। कई बार इसे 'मौत का डिवाइडर' या 'ब्लैक स्पॉट' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पहले भी कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह चौराहा काशीपुर और रामनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और यहां की भौगोलिक स्थिति तथा वाहनों की तेज गति इसे और खतरनाक बना देती है। जानकारों के अनुसार, इस डिवाइडर की बनावट में कुछ खामियां हो सकती हैं। जैसे: अस्पष्ट साइनेज: डिवाइडर से पहले पर्याप्त चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टिव मार्कर न होने से चालक को अचानक इसका सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे तेज़ गति में हों। डिजाइन संबंधी मुद्दे: कुछ डिवाइडर ऐसे बनाए जाते हैं जिनकी शुरुआती ऊंचाई या ढलान ठीक नहीं होती, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के टकराने की आशंका बढ़ जाती है। चालकों की लापरवाही: ओवरस्पीडिंग, लापरवाही से ड्राइविंग, या ध्यान भंग होना भी ऐसे हादसों को जन्म देता है। स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को इस डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा उपायों की तत्काल समीक्षा करने की आवश्यकता है। यहां स्पष्ट चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर और गति नियंत्रित करने वाले उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रिप्स लगाने अनिवार्य हो गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यह चौराहा लोगों के लिए सुरक्षित बन सके। पुलिस जांच जारी: सड़क सुरक्षा पर गंभीर मंथन की जरूरत हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त कार को हटाकर मार्ग को सामान्य किया और घटना के संबंध में आवश्यक साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने आवश्यक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। दुर्घटना कैसे हुई, कहीं चालक नशे में तो नहीं था, या वाहन की गति क्या थी, इन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। यह दुखद घटना उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की ओर भी ध्यान खींचती है। सड़कों की स्थिति और चालकों की लापरवाही, दोनों ही दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। सरकार और संबंधित विभागों को ब्लैक स्पॉट की पहचान करने, सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, और सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों को तेज करने की आवश्यकता है। वाहन चालकों को भी वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, गति सीमा का पालन करना चाहिए, और थकान या नशे की हालत में वाहन चलाने से बचना चाहिए। आदित्य की मृत्यु एक दुखद रिमाइंडर है कि सड़क पर एक छोटी सी चूक या बुनियादी ढांचे की खामी कितनी भारी पड़ सकती है। इस घटना से सबक लेकर टांडा चौराहे पर सुरक्षा उपायों को तत्काल मजबूत करने की उम्मीद की जा रही है, ताकि यह 'मौत का डिवाइडर' फिर किसी की जान न ले सके।

रामनगर मे टांडा चौराहे पर ‘मौत के डिवाइडर’ से टकराई कार, काशीपुर की ओर से आ रहे 24 वर्षीय युवक की मौत

रामनगर 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, काशीपुर की ओर से रामनगर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर…

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