काशीपुर, 3 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत काशीपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। गश्त के दौरान कोतवाली पुलिस ने एक युवक को 4 ग्राम स्मैक जैसी घातक नशीली सामग्री के साथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शहर में नशे के बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने की पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि नशे के सौदागरों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। सुबह की गश्त में पकड़ा गया संदिग्ध: नौगजा मजार के पास मिली स्मैक मंगलवार की सुबह, जब कोतवाली पुलिस टीम अपनी नियमित गश्त पर थी, तो उनकी नज़र नौगजा मजार के पास एक संदिग्ध युवक पर पड़ी। पुलिस टीम ने युवक की गतिविधियों को संदिग्ध पाया और उसे रुकने का इशारा किया। पुलिस के रुकने पर युवक ने कुछ घबराहट दिखाई, जिससे पुलिस का शक और गहरा हो गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए, पुलिस टीम ने युवक को हिरासत में लेकर उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान, पुलिस को युवक की जेब से 4 ग्राम स्मैक बरामद हुई। यह मात्रा भले ही कम लग सकती है, लेकिन स्मैक जैसे अत्यधिक नशे वाले पदार्थ की इतनी मात्रा भी युवाओं के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। नशे के सौदागर अक्सर छोटी-छोटी मात्रा में ड्रग्स बेचकर बड़े नेटवर्क का हिस्सा बनते हैं, इसलिए इस तरह की हर गिरफ्तारी महत्वपूर्ण होती है। पुलिस ने तुरंत स्मैक को जब्त कर लिया और युवक को हिरासत में ले लिया। आरोपी की पहचान: मुरादाबाद से जुड़ा मामला पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने अपनी पहचान उजागर की। उसने अपना नाम मनोज कुमार पुत्र मदन सिंह बताया, जो ग्राम रतूपुरा, ठाकुरद्वारा, जिला मुरादाबाद का निवासी है। मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का एक जिला है जो उत्तराखंड की सीमा से सटा हुआ है। यह तथ्य इस बात की ओर इशारा करता है कि नशे का यह कारोबार अंतरराज्यीय स्तर पर भी फैला हुआ हो सकता है, जहां अपराधी एक राज्य से दूसरे राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी करते हैं। आरोपी के मुरादाबाद का निवासी होने से पुलिस के लिए इस मामले की जड़ तक पहुंचना और इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों का पता लगाना एक चुनौती हो सकती है। हालांकि, पुलिस इस दिशा में भी जांच करेगी कि मनोज कुमार स्मैक कहां से लाया था और वह इसे काशीपुर में किसे बेचने वाला था। इस गिरफ्तारी से नशे के इस अवैध कारोबार से जुड़े अन्य पहलुओं का भी खुलासा हो सकता है, जिससे पुलिस को बड़ी सफलता मिल सकती है। एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज: कड़ी सजा का प्रावधान पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी मनोज कुमार के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह अधिनियम नशीले पदार्थों के उत्पादन, खरीद, बिक्री, उपभोग और तस्करी को नियंत्रित करता है और ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान करता है। 4 ग्राम स्मैक की बरामदगी के आधार पर, आरोपी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे यह सुनिश्चित करते हैं कि नशे के कारोबारियों को आसानी से जमानत न मिल सके और उन्हें उनके अपराधों के लिए उचित दंड मिले। यह कानूनी कार्रवाई अन्य संभावित नशा तस्करों के लिए एक चेतावनी का काम करेगी कि पुलिस नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इस मुकदमे के माध्यम से पुलिस का लक्ष्य केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार करना नहीं, बल्कि नशे के इस पूरे जंजाल को तोड़ना है जो समाज को खोखला कर रहा है। पुलिस टीम की मुस्तैदी और नशे के खिलाफ अभियान इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में एसआई विपुल जोशी, एसआई गणेश पांडे, कांस्टेबल प्रेम कंवल, और महेंद्र देवड़ी शामिल थे। इनकी मुस्तैदी और सक्रिय गश्त के कारण ही इस संदिग्ध युवक को पकड़ा जा सका और स्मैक की बरामदगी संभव हो पाई। यह पुलिसकर्मियों के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है, जो समाज से नशे के खतरे को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। काशीपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस तरह के अभियान महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि नशा समाज में अपराध और अन्य सामाजिक समस्याओं को बढ़ावा देता है। विशेषकर, युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए ऐसे अभियानों की अत्यधिक आवश्यकता है। पुलिस लगातार नशे के खिलाफ सूचना एकत्र कर रही है और ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो युवाओं को नशे के जाल में धकेल रहे हैं। यह गिरफ्तारी इसी दिशा में एक औ

काशीपुर में ड्रग्स पर शिकंजा: 4 ग्राम स्मैक के साथ युवक गिरफ्तार, युवाओं को नशे से बचाने की मुहिम तेज!

काशीपुर, 3 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत काशीपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। गश्त के दौरान कोतवाली पुलिस ने एक युवक को 4 ग्राम स्मैक जैसी घातक नशीली सामग्री के साथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई शहर में नशे के बढ़ते…

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काशीपुर, 2 जून, 2025 (समय बोल रहा ) - (पर्यावरण दिवस) प्रकृति, जो मानव जीवन की जन्मदात्री और सतत संगिनी रही है, आज मानवीय स्वार्थ और असंतुलन के कारण गंभीर संकट का सामना कर रही है। यह सर्वविदित है कि सभ्यताएं और संस्कृतियाँ इसी प्रकृति की छांव में विकसित हुई हैं, और जीवन का निरंतर प्रवाह इसके संतुलन पर ही निर्भर करता है। लेकिन जब मनुष्य इस मूल सत्य को भूलकर अपने स्वार्थ के दायरे को लांघता है, तो जीवनदायिनी प्रकृति ही क्षतिग्रस्त होती है। मानव अक्सर यह विस्मृत कर देता है कि वह स्वयं भी इसी प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। आज, पर्यावरणीय संकट की गंभीर गूंज वैश्विक चेतना को झकझोर रही है, और इसी गहन अनुभूति के तहत संयुक्त राष्ट्र संघ प्रतिवर्ष 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' का आयोजन करता है, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जा सके। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के नेतृत्व में 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' अभियान इस वैश्विक पहल से प्रेरणा लेते हुए, संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन, ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के लोकमंगलकारी और दूरदर्शी नेतृत्व में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष निर्धारित थीम 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' (प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ) को केंद्र में रखते हुए, फाउंडेशन देशभर के 18 प्रमुख पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर एक व्यापक वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान का आयोजन कर रही है। यह महा-अभियान 5 जून को प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक चलेगा, जिसमें हजारों स्वयंसेवक और नागरिक भागीदारी करेंगे। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का यह प्रयास केवल स्वच्छ, हरित और संतुलित पर्यावरण की दिशा में एक सशक्त कदम ही नहीं है, बल्कि यह आज की युवा पीढ़ी को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने और संरक्षण की भावना को उनके व्यवहार में उतारने की एक प्रेरणादायक पहल भी है। यह एक ऐसा अभियान है जो सेवा, सद्भाव और सजगता जैसे मानवीय मूल्यों को जनचेतना से जोड़ता है, जिससे एक सामूहिक और सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है। निरंतर प्रयास: 2014 से चला आ रहा पर्यावरण कार्यक्रम संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव श्री जोगिंदर सुखीजा ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मिशन वर्ष 2014 से ही संयुक्त राष्ट्र के 'यूनाइटेड नेशन एनवायरनमेंट प्रोग्राम' (UNEP) की थीम पर 'विश्व पर्यावरण दिवस' का आयोजन कर रहा है। यह केवल एक दिवसीय कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक सतत जनचेतना अभियान है जिसका उद्देश्य प्रकृति और मानवता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध को पुनः सशक्त करना है। मिशन का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे केवल एक दिन तक सीमित नहीं रखा जा सकता, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। 18 प्रमुख पर्वतीय एवं पर्यटक स्थल बने अभियान के केंद्र इस महाअभियान के अंतर्गत देश के विविध प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण 18 प्रमुख पर्वतीय एवं पर्यटक स्थलों को सम्मिलित किया गया है। इन स्थलों को विशेष रूप से चुना गया है ताकि पर्यावरण संरक्षण का संदेश व्यापक रूप से फैल सके और इन खूबसूरत प्राकृतिक स्थानों को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त किया जा सके। इन प्रमुख स्थलों में शामिल हैं: उत्तराखंड से: मसूरी, ऋषिकेश, लैंसडाउन, नैनीताल, चकराता एवं भवाली। हिमाचल प्रदेश से: शिमला, मनाली और धर्मशाला। गुजरात से: सापुतारा। महाराष्ट्र से: महाबलेश्वर, पंचगनी, खंडाला, लोनावाला, पन्हाला एवं सोमेश्वर। सिक्किम से: गीजिंग। कर्नाटक से: सुरम्य नंदी हिल्स। ये सभी स्थल न केवल प्रकृति की गोद में बसे हुए हैं, बल्कि अब पर्यावरण जागृति के प्रति समर्पित ऐसे केंद्र बिंदु बन रहे हैं जहाँ निष्काम सेवा और सामूहिक सहभागिता एक साथ साकार हो रही हैं। विशेष रूप से, काशीपुर यूनिट नंबर 180 से भी सेवादारों के अंदर इस पर्यावरण दिवस पर स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए भरपूर उत्साह देखने को मिल रहा है, जो स्थानीय स्तर पर भी इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करेगा। जन-जागरूकता के लिए रचनात्मक पहल इस अवसर पर मिशन के स्वयंसेवक, सेवादल सदस्य, श्रद्धालुजन एवं स्थानीय नागरिक एकजुट होकर कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना के साथ करेंगे। इसके बाद, युवा स्वयंसेवक प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों और उसके समाधान पर जन-जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न रचनात्मक माध्यमों का उपयोग करेंगे। इनमें नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और प्रभावशाली संदेश शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित युक्त तख्तियाँ और बैनर लिए मानव श्रृंखला बनाकर समाज को प्रेरित किया जाएगा। यह प्रभावी तरीका लोगों को सीधे जोड़ने और उन्हें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने के लिए प्रेरित करेगा। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का यह समर्पित प्रयास एक सार्थक संदेश देता है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति परमात्मा का अमूल्य उपहार है, और उसका संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आइए, हम सभी मिलकर पर्यावरण की रक्षा करें और अपनी भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुंदर और संतुलित पृथ्वी का निर्माण करने में योगदान दें।

बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’: संत निरंकारी मिशन का 18 पर्वतीय स्थलों पर महा-अभियान, पर्यावरण दिवस से पहले तैयारी शुरू!

काशीपुर, 2 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – (पर्यावरण दिवस) प्रकृति, जो मानव जीवन की जन्मदात्री और सतत संगिनी रही है, आज मानवीय स्वार्थ और असंतुलन के कारण गंभीर संकट का सामना कर रही है। यह सर्वविदित है कि सभ्यताएं और संस्कृतियाँ इसी प्रकृति की छांव में विकसित हुई हैं, और जीवन का निरंतर…

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काशीपुर 2 जून 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर में अवैध सट्टेबाजी के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर, पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर सहित छह लोगों को रंगे हाथों सट्टे की खाईबाड़ी करते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रविवार शाम को की गई, जिसने क्षेत्र में अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नकदी, सट्टा पर्ची और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जो इस अवैध कारोबार के बड़े पैमाने पर होने का संकेत देती है। इस गिरफ्तारी को पुलिस की सट्टेबाजी के खिलाफ चल रही मुहिम में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर छापा: हिस्ट्रीशीटर के गढ़ में पुलिस का धावा रविवार शाम को, काशीपुर पुलिस को मोहल्ला बांसफोड़ान, यादव सभा वाली गली में स्थित तस्लीम के घर पर अवैध सट्टे की खाईबाड़ी चलने की गोपनीय सूचना मिली। तस्लीम का नाम पहले से ही पुलिस रिकॉर्ड में एक हिस्ट्रीशीटर के तौर पर दर्ज है, जिससे यह स्पष्ट था कि यह कोई छोटी-मोटी गतिविधि नहीं है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया और बिना किसी देरी के बताए गए स्थान पर छापा मारा। पुलिस टीम ने पूरी गोपनीयता और सुनियोजित तरीके से कार्रवाई की, ताकि आरोपियों को भागने का कोई मौका न मिल सके। छापेमारी के दौरान, पुलिस टीम ने मौके पर मौजूद लोगों को सट्टे की खाईबाड़ी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह दृश्य अवैध गतिविधियों के प्रमाण के रूप में पर्याप्त था। पुलिस ने तुरंत सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया और मौके से तमाम सबूतों को जब्त करना शुरू किया। यह कार्रवाई दर्शाती है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ सक्रिय है और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। स्थानीय निवासियों ने भी पुलिस की इस तत्परता की सराहना की है, जिससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है। मौके से बरामदगी: नकदी, पर्चियां और सट्टे का पूरा नेटवर्क पुलिस ने घटनास्थल से जो सामग्री बरामद की है, वह इस अवैध सट्टेबाजी के कारोबार के बड़े पैमाने पर होने का सबूत है। मौके से पुलिस को 25,090 रुपये की नकदी मिली है, जो सट्टे के लेनदेन से जुड़ी हुई बताई जा रही है। इसके साथ ही, पुलिस ने प्रिंटेड सट्टा पर्चियां और एक डायरी भी बरामद की है। यह डायरी इस अवैध नेटवर्क के विस्तार और उसमें शामिल लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती है। प्रिंटेड पर्चियां दर्शाती हैं कि यह एक संगठित गिरोह है जो पेशेवर तरीके से सट्टे का कारोबार चला रहा था। इन सबूतों के आधार पर पुलिस आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बनाने में सक्षम होगी। बरामद की गई सामग्री से यह भी पता चलता है कि आरोपी न केवल छोटी-मोटी सट्टेबाजी कर रहे थे, बल्कि एक सुनियोजित तरीके से इसे अंजाम दे रहे थे। यह पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, क्योंकि ऐसे मामलों में अक्सर ठोस सबूत जुटाना मुश्किल होता है। इन सबूतों की मदद से पुलिस इस सट्टेबाजी रैकेट की जड़ों तक पहुंच सकती है और इसमें शामिल अन्य लोगों को भी बेनकाब कर सकती है, जिससे इस तरह के अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके। गिरफ्तार किए गए आरोपी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पुलिस ने मौके से कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य आरोपी मोहल्ला बांसफोड़ान निवासी तस्लीम है, जो एक हिस्ट्रीशीटर है और जिसके घर पर यह अवैध गतिविधि चल रही थी। अन्य गिरफ्तार आरोपियों में ठाकुरद्वारा मछली बाजार निवासी अबरार हुसैन, मोहल्ला बांसफोड़ान निवासी हैदर अली, मो. सूफीयान, मोहल्ला महेशपुरा निवासी यशपाल सिंह और मोहल्ला कटोराताल निवासी अनिल कुमार शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, तस्लीम न केवल सट्टे का कारोबार कर रहा था, बल्कि अपने घर को ही इस अवैध गतिविधि का केंद्र बनाए हुए था। इन सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम (Gambling Act) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। कानून के तहत, जुआ खेलने या खिलाने वाले को दंडित करने का प्रावधान है, और इन आरोपियों को अब न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस नेटवर्क में कोई और भी शामिल है या नहीं।

काशीपुर में सट्टे पर पुलिस का बड़ा शिकंजा: हिस्ट्रीशीटर समेत 6 गिरफ्तार, लाखों का सट्टा कारोबार ध्वस्त!

काशीपुर 2 जून 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर में अवैध सट्टेबाजी के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर, पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर सहित छह लोगों को रंगे हाथों सट्टे की खाईबाड़ी करते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रविवार शाम को की गई,…

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काशीपुर, 1 जून, 2025 (समय बोल रहा)- काशीपुर हाईवे पर रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। नवाबगंज से रुद्रपुर जा रही एक चलती कार में फ्लाईओवर के पास अचानक भीषण आग लग गई। यह मंजर इतना भयानक था कि कुछ ही पलों में पूरी कार आग के लपटों से घिर गई। गनीमत रही कि कार में सवार एक महिला समेत पांच लोगों ने अदम्य साहस दिखाते हुए समय रहते कार से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रारंभिक आशंका जताई जा रही है कि यह आग कार की बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी होगी, जिसने पलक झपकते ही एक सामान्य यात्रा को भयावह अनुभव में बदल दिया। यात्रा का भयावह अंत: जब अस्पताल जाने वाले रास्ते पर आग ने घेरा रविवार को नवाबगंज निवासी योगेश सिंह पुत्र बरकत सिंह अपनी कार से अपने भाई नरेंद्र सिंह, कृष्णा सिंह, अनिल कुमार और अपनी बीमार मां प्रवेश देवी को लेकर रुद्रपुर डॉक्टर लाइन स्थित एक अस्पताल जा रहे थे। उनका उद्देश्य अपनी मां का उपचार कराना था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। यह घटना काशीपुर रोड पर फ्लाईओवर के पास घटित हुई, जो कि एक व्यस्त मार्ग है। अचानक, उनकी कार के बोनट से धुआं निकलने लगा। पहले तो शायद यह मामूली धुआं लगा होगा, लेकिन देखते ही देखते धुएं ने विकराल रूप ले लिया और आग की लपटें कार को अपनी चपेट में लेने लगीं। यह मंजर इतना अप्रत्याशित और तेज था कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। जैसे ही कार में आग लगने का एहसास हुआ, चालक योगेश सिंह ने असाधारण सूझबूझ का परिचय देते हुए तुरंत कार को हाईवे के किनारे रोका। यह निर्णय ही उन सभी पांच लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने बिना एक पल गंवाए सभी को कार से बाहर निकलने में मदद की। सौभाग्य से, सभी पांचों लोग सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे, जबकि कुछ ही देर में आग ने पूरी कार को अपनी चपेट में ले लिया और वह धू-धू कर जलने लगी। तत्काल प्रतिक्रिया और राहत कार्य: फायर ब्रिगेड और सीपीयू का सराहनीय योगदान जैसे ही कार में आग लगी, आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी। सीपीयू (चौराहा पुलिस यूनिट) कर्मी भी तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बिना समय गंवाए फायर ब्रिगेड को बुलाया और मौके पर मौजूद लोगों को सुरक्षित दूरी पर हटाया। सीपीयू कर्मियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि आग लगने के कारण हाईवे पर किसी तरह का जाम न लगे और यातायात सुचारु रूप से चलता रहे, ताकि आपातकालीन वाहन बिना किसी बाधा के घटनास्थल तक पहुंच सकें। फायर ब्रिगेड की टीम बिना देरी किए घटनास्थल पर पहुंची और कुछ ही मिनटों में आग पर काबू पा लिया। उनकी त्वरित कार्रवाई ने आग को और फैलने से रोका, जिससे आसपास के क्षेत्र में किसी बड़े नुकसान की आशंका टल गई। हालांकि, तब तक पूरी कार जलकर खाक हो चुकी थी और केवल उसका ढांचा ही शेष रह गया था। कार में आग लगने से कोई जनहानि नहीं हुई, यह सबसे बड़ी राहत की बात थी, लेकिन लाखों रुपये का नुकसान हो चुका था। सीपीयू प्रभारी गोधन सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर न केवल स्थिति को संभाला, बल्कि यातायात को भी सुचारु बनाए रखने में मदद की। आग लगने का कारण और सबक: बैटरी में शॉर्ट सर्किट की आशंका आग लगने के प्रारंभिक कारण के रूप में कार की बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने की आशंका जताई गई है। यह दर्शाता है कि वाहनों में नियमित रखरखाव और समय-समय पर उनकी जांच कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर विद्युत प्रणालियों की। बैटरी में शॉर्ट सर्किट अक्सर तारों के घिसने, ढीले कनेक्शन या पुरानी बैटरी के अत्यधिक गर्म होने के कारण हो सकता है। यह घटना सभी वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि उन्हें अपनी गाड़ी के रखरखाव को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और वाहनों की नियमित जांच के महत्व को उजागर किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताती है कि किसी भी यात्रा पर निकलने से पहले वाहन की पूरी तरह से जांच करना और किसी भी संभावित तकनीकी खराबी को दूर करना कितना आवश्यक है। यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अपनी गाड़ियों के रखरखाव में लापरवाही बरतते हैं। शुक्र है

काशीपुर हाईवे पर दहला देने वाली घटना: चलती कार बनी आग का गोला, बाल-बाल बची 5 जानें!

काशीपुर, 1 जून, 2025 (समय बोल रहा)- काशीपुर हाईवे पर रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। नवाबगंज से रुद्रपुर जा रही एक चलती कार में फ्लाईओवर के पास अचानक भीषण आग लग गई। यह मंजर इतना भयानक था कि कुछ ही पलों में पूरी कार आग के लपटों से घिर गई।…

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काशीपुर, 31 मई 2025 (समय बोल रहा ): कोतवाली क्षेत्र से एक बार फिर एक नाबालिक लड़की के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने का मामला सामने आया है। घर से बिना बताए निकली इस नाबालिक लड़की को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों ने रामनगर और ठाकुरद्वारा के दो युवकों पर उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने लड़की की माँ की तहरीर के आधार पर दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नाबालिक लड़की 28 मई की शाम से लापता कोतवाली क्षेत्र निवासी महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी नाबालिक लड़की बीते 28 मई की शाम घर से अचानक लापता हो गई। लड़की ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया और चुपचाप निकल गई। जब देर शाम तक वह वापस नहीं लौटी, तो परिजनों ने रिश्तेदारों और आस-पास के इलाकों में उसकी खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन कहीं भी उसका सुराग नहीं मिला। फरदीन और उसके दोस्त पर गंभीर आरोप लड़की की माँ ने कोतवाली पुलिस में दी गई तहरीर में रामनगर चिलकिया टांडा निवासी फरदीन और उसके ठाकुरद्वारा निवासी दोस्त पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मिलकर उसकी नाबालिक बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाया है। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसकी बेटी पहले भी एक बार घर से इसी तरह चली गई थी और उस समय भी पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पहले भी फरदीन पर लग चुका है शक पहली बार जब लड़की लापता हुई थी, तब बरामद होने के बाद उसने अपनी माँ को बताया था कि फरदीन ही उसे अपने साथ ले गया था। उस समय भी परिवार ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन मामले को हल्का मानकर छोड़ दिया गया था। अब दोबारा उसी युवक का नाम सामने आने से मामला और गंभीर हो गया है। महिला का कहना है कि अगर पहले समय पर कड़ी कार्रवाई की गई होती, तो दोबारा उसकी नाबालिक बेटी ऐसी स्थिति में न पड़ती। माँ की गुहार: मेरी बेटी को वापस लाओ परेशान माँ ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उसकी नाबालिक बेटी को जल्द से जल्द बरामद किया जाए और जिन लोगों ने उसे बहकाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। महिला ने कहा कि उसकी बेटी अभी नाबालिक है और किसी भी तरह के बहकावे में आसानी से आ सकती है। ऐसे में आरोपी युवक उसके भविष्य को खराब कर सकते हैं। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, शुरू की तलाश कोतवाली पुलिस ने महिला की तहरीर के आधार पर रामनगर निवासी फरदीन और उसके ठाकुरद्वारा निवासी दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कहा है कि लड़की की तलाश के लिए संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम भी बनाई गई है। इलाके में बढ़ी चिंता, लोगों ने जताई नाराजगी एक ही नाबालिक लड़की के दो बार इस तरह लापता होने से इलाके में तनाव और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस ने पहली बार सख्त कार्रवाई की होती, तो दोबारा ऐसी घटना नहीं होती। कई स्थानीय लोगों ने भी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और लड़की को सुरक्षित वापस लाने की मांग की है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ? कानून विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिक लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, और अगर इसमें किसी भी प्रकार की यौन शोषण या मानव तस्करी की आशंका हो, तो POCSO एक्ट सहित कई सख्त धाराएं लग सकती हैं। प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस बार कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और नाबालिक लड़की को सकुशल बरामद करता है या नहीं। ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवार को राहत देती है बल्कि समाज में एक कड़ा संदेश भी जाती है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

काशीपुर: नाबालिक लड़की घर से लापता

काशीपुर, 31 मई 2025 (समय बोल रहा ): कोतवाली क्षेत्र से एक बार फिर एक नाबालिक लड़की के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने का मामला सामने आया है। घर से बिना बताए निकली इस नाबालिक लड़की को लेकर परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों ने रामनगर और ठाकुरद्वारा के दो युवकों पर उसे बहला-फुसलाकर…

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काशीपुर , 30 मई 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर क्षेत्र में स्थित कात्यायनी फैक्ट्री ( कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड ) नामक टिशू पेपर फैक्ट्री से निकलने वाला घना काला धुआं अब स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट बन गया है। फैक्ट्री की चिमनियों से हर दिन निकलने वाला यह धुआं न केवल वायु प्रदूषण फैला रहा है, बल्कि लोगों का जीना भी मुश्किल कर रहा है। स्थानीय लोग लगातार इस समस्या को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन न तो फैक्ट्री प्रबंधन और न ही प्रशासन इस पर कोई ध्यान दे रहा है। "हर सांस में ज़हर घुला है" – स्थानीय लोगों का आरोप स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सुबह उठते ही आँखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएँ आम हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि यह धुआं न सिर्फ हवा को दूषित कर रहा है, बल्कि उनके घरों तक भी पहुँच रहा है। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया, “हमारी उम्र हो चुकी है, अब सांस लेने में भी डर लगता है। इस काले धुएँ ने जीवन दूभर बना दिया है। बच्चे खांसी से परेशान हैं और कई बार तो घर में भी धुएँ जैसी बदबू आती है।” वहीं एक महिला ने कहा, “हम कपड़े बाहर सुखाते हैं तो उन पर काली परत जम जाती है। घर के दरवाज़े-खिड़कियां बंद रखने के बावजूद यह धुआं अंदर आ जाता है। क्या हम ज़हर में जीने के लिए मजबूर हैं?” कात्यायनी फैक्ट्री प्रशासन का गैर-जिम्मेदाराना रवैया जब "समय बोल रहा" की टीम ने इस गंभीर मुद्दे पर फैक्ट्री के जनरल मैनेजर श्री कपिल गौतम से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जीएम की यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है – क्या फैक्ट्री प्रबंधन इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा? क्या उन्हें अपने सामाजिक और कानूनी दायित्वों की कोई परवाह नहीं? स्थानीय लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री ने प्रदूषण नियंत्रण के कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए हैं। यदि धुआं नियंत्रित करने की तकनीक होती, तो यह समस्या इतनी विकराल नहीं होती। प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की चुप्पी पर नाराज़गी स्थानीय जनता अब सीधे तौर पर प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को कटघरे में खड़ा कर रही है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें दर्ज करवाई गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “क्या प्रदूषण अधिकारी केवल फाइलों पर साइन करने के लिए हैं? क्या उन्हें यह धुआं दिखाई नहीं देता? जब सब कुछ सामने हो रहा है, फिर भी आँखें मूँद लेना, यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं मिलीभगत ज़रूर है।” स्थानीय लोगों की एकजुटता और आंदोलन की चेतावनी स्थिति से त्रस्त होकर अब स्थानीय लोग एकजुट हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि फैक्ट्री को नियंत्रित करने के उपाय नहीं किए गए, तो वे ज़िला मुख्यालय पर धरना देंगे और सोशल मीडिया व मीडिया के ज़रिए इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाएंगे। लोगों की मांग – तुरंत कार्रवाई हो स्थानीय लोगों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं: कात्यायनी फैक्ट्री को प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाए। चिमनियों में आधुनिक धुआं नियंत्रण तकनीक लगाई जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा फैक्ट्री का निरीक्षण किया जाए। सिर्फ कात्यायनी नहीं, यह पूरे क्षेत्र की समस्या यह मामला केवल एक फैक्ट्री तक सीमित नहीं है। काशीपुर क्षेत्र में कई ऐसी फैक्ट्रियाँ कार्यरत हैं जो पर्यावरणीय नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरा क्षेत्र साँस लेने लायक नहीं बचेगा। "समय बोल रहा" की अपील हम प्रशासन और संबंधित विभागों से अपील करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें। कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड जैसे संस्थानों को ज़िम्मेदारी के साथ संचालन करना चाहिए। हम जनता के साथ खड़े हैं और इस मुद्दे को तब तक उठाते रहेंगे, जब तक समाधान न हो।

कात्यायनी फैक्ट्री का काला धुआं बना मुसीबत: प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

काशीपुर , 30 मई 2025 (समय बोल रहा) काशीपुर क्षेत्र में स्थित कात्यायनी फैक्ट्री ( कात्यायनी प्राइवेट लिमिटेड ) नामक टिशू पेपर फैक्ट्री से निकलने वाला घना काला धुआं अब स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट बन गया है। फैक्ट्री की चिमनियों से हर दिन निकलने वाला यह धुआं न केवल…

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काशीपुर, 29 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर प्रशासन ने सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर बनाए गए अवैध गेट और अतिक्रमण को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई दो दिनों तक चली और प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी राजकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। क्या था पूरा मामला: सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जा मामले की जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा खसरा नंबर 593 पर अवैध अतिक्रमण कर एक गेट के निर्माण की शिकायत मिली थी। यह खसरा नंबर 593 राजस्व अभिलेखों में वर्ग-6(2) रास्ते के रूप में दर्ज है, जिसका अर्थ है कि यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए एक रास्ता है। इस शिकायत के संदर्भ में, नगर निगम, तहसील काशीपुर, चकबंदी विभाग और लोक निर्माण विभाग से एक संयुक्त जांच आख्या (रिपोर्ट) प्राप्त की गई। इस रिपोर्ट में सभी विभागों ने पुष्टि की कि कब्रिस्तान कमेटी द्वारा वास्तव में सार्वजनिक रास्ते पर अवैध अतिक्रमण कर गेट का निर्माण किया जा रहा है। प्रशासन की कानूनी प्रक्रिया: नोटिस और सुनवाई अवैध अतिक्रमण की पुष्टि होने के बाद, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से धारा 152 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कब्रिस्तान कमेटी को नोटिस जारी किए। उप जिलाधिकारी ने बताया कि नोटिस जारी करने के बाद, मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुना गया और उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया। दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद, 27 मई को उप जिलाधिकारी द्वारा अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने के आदेश पारित किए गए। यह दर्शाता है कि प्रशासन ने बिना किसी भेदभाव के, नियमानुसार कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए यह निर्णय लिया। दो दिवसीय ध्वस्तिकरण अभियान: रास्ता हुआ पूरी तरह खाली उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने आगे बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में, 28 मई बुधवार को अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। यह अभियान बेहद व्यवस्थित और प्रभावी तरीके से चलाया गया। 29 मई, गुरुवार की सुबह तक, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, तहसीलदार काशीपुर और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम ने मिलकर इस अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से हटा दिया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आम जनमानस को आने-जाने में कोई समस्या उत्पन्न न हो और भविष्य में इस अवैध निर्माण के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने की संभावना न रहे। उप जिलाधिकारी ने पुष्टि की कि वर्तमान में उक्त रास्ता पूर्ण रूप से खोल दिया गया है और अब यह आम जनता के आवागमन के लिए पूरी तरह से सुलभ है। भविष्य की चेतावनी: अन्य अतिक्रमणकारियों पर भी होगी कार्रवाई इस सफल अभियान के बाद, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने एक स्पष्ट संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अन्य स्थानों पर भी, जहाँ राजकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उन्हें चिन्हित किया जाएगा और नियमानुसार अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही की जाएगी। यह बयान उन सभी अतिक्रमणकारियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, जिन्होंने सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। प्रशासन अब ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं बरतेगा और कानून के दायरे में रहकर सख्त से सख्त कदम उठाएगा।

एक्शन में काशीपुर प्रशासन: कब्रिस्तान कमेटी का सार्वजनिक रास्ते पर अवैध गेट ध्वस्त, अब कहीं नहीं बचेगा कब्जा!

काशीपुर, 29 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर प्रशासन ने सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने ग्राम बैलजूडी, तहसील काशीपुर में कब्रिस्तान कमेटी, अल्लीखों द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर बनाए गए अवैध गेट और…

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काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 20 हजार 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे इंतजार और अथक संघर्ष के बाद न्याय मिला है, जिससे क्षेत्र में कानून का राज स्थापित होने का संदेश गया है। क्या था दुर्गापुर दोहरा हत्याकांड? एक दशक पुराना वह खूनी विवाद यह सनसनीखेज मामला 24 अगस्त 2014 को कुंडा थाने में दर्ज किया गया था। ग्राम दुर्गापुर निवासी बचन सिंह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया था कि उनका बेटा हरनाम सिंह उर्फ हनी गांव में सक्रिय कच्ची शराब बेचने वालों का लगातार विरोध करता था। हनी की यह ईमानदारी और विरोध ही उसकी दुश्मनी का कारण बन गई। बचन सिंह के अनुसार, कच्ची शराब बेचने वाले कुछ लोग, जिनमें कश्मीर सिंह उर्फ शीरी, जसवंत सिंह उर्फ नंदी, विंदर सिंह (सभी निवासी दुर्गापुर), लखविंदर सिंह उर्फ वीरी (ग्राम किलावली), जस्सा सिंह, मंगल सिंह उर्फ मंगत, बबलू सिंह, पासी सिंह, पप्पी सिंह (सभी निवासी ग्राम नवलपुर) और दारा सिंह शामिल थे, हनी से इसी बात पर पुरानी रंजिश रखते थे। बचन सिंह ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि 21 अगस्त 2014 की दोपहर को ये सभी आरोपी उनके घर आए थे। उस समय हरनाम सिंह उर्फ हनी घर पर मौजूद नहीं था। आरोपियों ने बचन सिंह को धमकी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वे अपने बेटे हरनाम को समझा लें, वरना वे उसे जान से मार देंगे। यह धमकी इस बात का संकेत थी कि आरोपी अपने अवैध धंधे में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे। खूनी रात: बहाने से बुलाया और कर दी निर्मम हत्या अगले ही दिन, यानी 22 अगस्त 2014 की शाम को, अब्दुल रहमान निवासी गुज्जर डेरा तुमड़िया डाम ने हरनाम सिंह उर्फ हनी को एक बहाने से अपने डेरे पर बुलाया। आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। डेरे पर पहले से ही मौजूद सभी आरोपी, जिनमें ऊपर उल्लिखित सभी दस लोग शामिल थे, ने मिलकर हमसाज होकर हरनाम सिंह उर्फ हनी और उसके साथी कुलवंत सिंह उर्फ गोले की बेरहमी से हत्या कर दी। इस निर्मम वारदात को अंजाम देने के बाद, हत्यारों ने दोनों शवों को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से जंगल में फेंक दिया। दो दिनों तक दोनों युवक लापता रहे, जिससे उनके परिवारों में चिंता और भय का माहौल था। आखिरकार, 24 अगस्त को, हरनाम सिंह उर्फ हनी और कुलवंत सिंह उर्फ गोले के शव मच्छी कोटा के पास से बरामद किए गए। शवों की बरामदगी की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और लोग सकते में आ गए। लंबी कानूनी लड़ाई और अभियोजन पक्ष के पुख्ता सबूतों ने दिलाई जीत पुलिस ने बचन सिंह की शिकायत के आधार पर तत्काल हत्या का केस दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस जांच में कुछ और लोगों की इस दोहरे हत्याकांड में लिप्तता सामने आई, जिसके बाद कुल दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह मामला काशीपुर की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत में लंबे समय तक विचाराधीन रहा। मुकदमे की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ 18 गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया। इन गवाहों के बयानों को पुख्ता साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने घटना की कड़ियों को जोड़ने और आरोपियों के अपराध को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत ने सभी गवाहों के बयानों और पेश किए गए सबूतों पर गहनता से विचार-विमर्श किया। न्याय की जीत: 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास लंबे इंतजार और गहन सुनवाई के बाद, अदालत ने इस जघन्य दोहरे हत्याकांड के लिए निम्नलिखित दस दोषियों को दोषी ठहराया और उन्हें कठोर आजीवन कारावास की ऐतिहासिक सजा सुनाई: जसवंत सिंह उर्फ नंदी जसवंत सिंह उर्फ जस्सा भगत सिंह उर्फ भगत प्रकाश सिंह उर्फ पासी लखवीर सिंह उर्फ वीरी दारा सिंह प्रकाश सिंह चांदी सिंह लाल सिंह उर्फ बलविंदर सिंह बलविंदर सिंह उर्फ विंदर अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के अतिरिक्त प्रत्येक दोषी पर 20,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो अपराध में लिप्त होते हैं, कि कानून की पकड़ से कोई बच नहीं सकता और उन्हें अंततः अपने किए की सजा भुगतनी पड़ती है। इस फैसले से पीड़ित परिवार को लंबे समय से प्रतीक्षित न्याय मिला है, जिससे न्यायपालिका में उनका विश्वास और मजबूत हुआ है। यह निर्णय न केवल पीड़ित परिवारों को राहत देगा, बल्कि समाज में कानून के प्रति सम्मान और अपराधियों के मन में भय

काशीपुर के दुर्गापुर दोहरे हत्याकांड में न्याय की जीत: 10 दोषियों को आजीवन कारावास की कठोर सजा

काशीपुर, 28 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दस साल नौ महीने पहले हुए बहुचर्चित और जघन्य दोहरा हत्याकांड में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस निर्मम वारदात के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई…

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काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ट्रस्ट ने सोमवार को एसडीएम कार्यालय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। इस घटना ने क्षेत्र में भूमि विवादों और धार्मिक स्थलों से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। क्या है पूरा मामला? ट्रस्ट ने लगाए गंभीर आरोप श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा एसडीएम कार्यालय को सौंपे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ट्रस्ट के अनुसार, 9 जुलाई 2021 को केडीएफ के नाम एक रजिस्ट्री कराई गई थी। इस रजिस्ट्री में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि का उल्लेख किया गया था, जिसे शंभूनाथ की निजी भूमि दर्शाया गया था। हालांकि, ट्रस्ट का आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए रजिस्ट्री में दर्शाई गई भूमि के बजाय, उसके पास स्थित सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यह सरकारी भूमि तीर्थ स्थल द्रोणासागर का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। ट्रस्ट ने अपने ज्ञापन में यह भी दावा किया है कि दानदाता द्वारा रजिस्ट्री में जिन स्थानों की तस्वीरें पेश की गई थीं, वे तस्वीरें वास्तव में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि की नहीं थीं, बल्कि सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन की थीं, जिस पर अब अवैध कब्जा कर लिया गया है। बिना अनुमति निर्माण, गोविषाण टीले से दूरी का उल्लंघन ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि केडीएफ अध्यक्ष ने इस सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन पर बिना किसी सक्षम शासन की अनुमति के एक कार्यालय और एक पक्की दीवार का निर्माण करा लिया है। ट्रस्ट ने यह भी रेखांकित किया है कि यह निर्माण गोविषाण टीले से 100 मीटर के अंदर किया गया है, जबकि ऐसे धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास निर्माण के लिए विशेष नियमों और अनुमतियों की आवश्यकता होती है। ट्रस्ट का कहना है कि यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी भूमि पर अतिक्रमण है, बल्कि यह क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को भी ठेस पहुंचाता है। ट्रस्ट के सदस्यों ने की कार्रवाई की मांग ज्ञापन सौंपने के दौरान श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। इनमें संस्थापक अजय कुमार चौहान, अध्यक्ष अक्षय कुमार नायक, उपाध्यक्ष विजय चौहान, सचिव विजेंद्र सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता शामिल रहे। इन सभी सदस्यों ने एसडीएम से मांग की है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जाए, सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाया जाए और धोखाधड़ी करने वाले केडीएफ अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि द्रोणासागर जैसे पवित्र स्थल की भूमि को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। केडीएफ अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा, मंदिर ट्रस्ट पर ही लगाए गंभीर आरोप दूसरी ओर, काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष राजीव घई ने श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। घई ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग उनके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, उन्होंने स्वयं मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में आने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग किया जा रहा है और वे लोग विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। घई ने कहा कि उनके द्वारा (केडीएफ) मंदिर क्षेत्र में कुछ रोक-टोक और व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण ये लोग उनके खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं। केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई ने दावा किया कि उनके द्वारा कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "अवैध कब्जे का मामला राजस्व विभाग देखेगा। उन्होंने (ट्रस्ट ने) शिकायत की है, उसकी जांच होगी। हमारा कोई कब्जा नहीं है।" घई ने स्पष्ट किया कि उनके सभी कार्य वैध हैं और वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। प्रशासन की भूमिका और आगे की राह एसडीएम कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त कर लिया है और मामले की जांच का आश्वासन दिया है। अब यह राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे भूमि के अभिलेखों की गहन जांच करें, मौके पर स्थिति का सत्यापन करें और आरोपों की सच्चाई का पता लगाएं। इस विवाद में दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे सच्चाई का पता लगाना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। द्रोणासागर एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसकी भूमि को लेकर विवाद का गहराना चिंता का विषय है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि न केवल कानूनी स्थिति स्पष्ट हो सके, बल्कि ऐसे पवित्र स्थलों की गरिमा और उनकी भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

काशीपुर: द्रोणासागर की सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद गहराया, केडीएफ अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का आरोप

काशीपुर, 26 मई 2025 (समय बोल रहा): तीर्थ स्थल द्रोणासागर से जुड़ी भूमि पर अवैध कब्जे और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। श्री डमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) के अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करने का आरोप लगाया है। इस…

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काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत पुलिस को सूचना दी है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से शहर में एक बार फिर वाहन चोरों के बढ़ते आतंक को लेकर हड़कंप मच गया है। गौरी स्वीट्स के सामने से हुई चोरी की घटना जानकारी के अनुसार, श्यामपुरम कॉलोनी, खड़कपुर देवीपुरा निवासी गारवित शर्मा पुत्र नरेंद्र शर्मा ने थाना आईटीआई में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। गारवित शर्मा ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे वह अपनी मोटरसाइकिल से किसी काम के लिए निकले थे। उन्होंने अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे। एक घंटे में बाइक गायब, मचा हड़कंप गारवित शर्मा के अनुसार, वह अपना काम निपटाकर करीब 10:30 बजे अपनी बाइक लेने वापस लौटे। लेकिन जब वह गौरी स्वीट्स के सामने पहुंचे, तो उन्हें अपनी बाइक वहां नहीं मिली। पहले तो उन्हें लगा कि शायद उन्होंने कहीं और खड़ी कर दी होगी, लेकिन आसपास देखने और काफी खोजबीन करने के बावजूद बाइक का कोई सुराग नहीं मिला। लगभग एक घंटे के भीतर ही उनकी बाइक मौके से गायब हो चुकी थी। इस घटना से गारवित शर्मा के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू शिकायत मिलने के बाद, थाना आईटीआई की पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने गारवित शर्मा की शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का प्रयास कर रही है, ताकि चोरों का कोई सुराग मिल सके। पुलिस ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि जल्द ही चोरों को पकड़कर उनकी बाइक बरामद कर ली जाएगी। शहर में बढ़ती बाइक चोरी की घटनाएं, जनता में दहशत काशीपुर में पिछले कुछ समय से बाइक चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से आए दिन बाइक चोरी की खबरें सामने आती रहती हैं, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है। वाहन चोर इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों और व्यस्त सड़कों से भी बाइकों को आसानी से निशाना बना रहे हैं। इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है। नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर पार्क करें और उसमें अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण जैसे डिस्क लॉक या एंटी-थेफ्ट अलार्म का इस्तेमाल करें। साथ ही, अनजान जगहों पर वाहन खड़े करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। पुलिस ने यह भी कहा है कि यदि किसी को भी वाहन चोरी या संदिग्ध गतिविधि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि काशीपुर में वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय है और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को और अधिक सक्रियता दिखानी होगी। अपनी बाइक शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक, गौरी स्वीट्स के सामने खड़ी की और अपने आवश्यक काम से चले गए। यह क्षेत्र आमतौर पर भीड़भाड़ वाला रहता है और लोगों को उम्मीद रहती है कि यहां वाहन सुरक्षित रहेंगे।

ब्रेकिंग! काशीपुर में मिठाई लेने गए, बाइक हुई गायब! गौरी स्वीट्स के बाहर खड़ी बाइक चोरी, मचा हड़कंप!

काशीपुर, 25 मई 2025 (समय बोल रहा): काशीपुर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शहर के बीचों-बीच स्थित एक मिठाई की दुकान के बाहर से सामने आया है, जहां कुछ देर के लिए खड़ी की गई एक बाइक रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत…

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