उत्तराखंड के बागेश्वर में 2 नाबालिगों के साथ दरिंदगी: चार युवकों ने बनाया बंधक, की मारपीट और छेड़छाड़

बागेश्वर,8 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के शांत और पहाड़ी इलाके बागेश्वर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जिले के कपकोट थाना क्षेत्र में चार युवकों ने दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर एक कमरे में बंद कर दिया, और फिर उनके साथ मारपीट व छेड़छाड़ की गई।
पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान तनुज गड़िया, दीपक उर्फ दक्ष, योगेश गड़िया और लक्की कठायत के रूप में हुई है। चारों को पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में जेल भेजा गया है।
घटना का विवरण: कैसे हुई दरिंदगी की शुरुआत
घटना रविवार देर शाम की है। पीड़ित लड़कियां घर से किसी काम के लिए निकली थीं, तभी आरोपी युवकों ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया और एक सुनसान जगह स्थित कमरे में ले गए। वहां लड़कियों को जबरन बंधक बना लिया गया, उनके साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की गई।
पीड़िताओं के अनुसार, आरोपियों ने उनके साथ अश्लील हरकतें कीं, मारपीट की और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा।
पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती
पीड़ित नाबालिग लड़कियों ने घटना के बाद अपने परिजनों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। परिजन तत्काल कपकोट थाना पहुंचे और पूरी घटना दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने मीडिया को बताया कि चारों आरोपी पूर्व से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, और उनका काउंसलिंग भी किया जा रहा है।
पुलिस की तत्परता और गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए कपकोट थाना पुलिस ने तुरंत रेड कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से वह कमरा भी बरामद किया है, जहां नाबालिगों को बंधक बनाकर रखा गया था।
पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच की जा रही है, और यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इसमें और कोई शामिल तो नहीं।
सामाजिक संगठनों और बाल आयोग की प्रतिक्रिया
घटना के सामने आने के बाद स्थानीय सामाजिक संगठनों और बाल कल्याण समिति ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के ताने-बाने को हिलाकर रख देती हैं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घिनौनी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
परिजनों की मांग – हो फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई
पीड़िताओं के परिजनों ने सरकार और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए, ताकि पीड़िताओं को न्याय मिल सके और समाज में एक संदेश जाए कि अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें, बच्चों को समझाएं
पुलिस ने इस घटना के बाद सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को जागरूक करें, उन्हें किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करने या उनके साथ जाने से रोकें। समाज और परिवार का सहयोग ही ऐसे मामलों को रोक सकता है।