बड़ी खबर! उत्तराखंड चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा , त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, कार्यक्रम: देखें आपके गांव में कब होगी वोटिंग और गिनती की तारीखें!

देहरादून, 22 जून, 2025(समय बोल रहा) – उत्तराखंड के ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, औपचारिक रूप से शुरू हो चुका है! राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक धमाकेदार प्रेसवार्ता आयोजित कर पूरे चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही, प्रदेश के 12 जिलों में राजनीतिक सरगर्मियां रातों-रात तेज हो गई हैं और गांव-गांव में चुनावी चर्चाएं अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं। यह चुनाव ग्रामीण विकास और स्थानीय स्वशासन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित होगा, जिसके नतीजे 19 जुलाई को सामने आएंगे।
तैयारियां पूरी: आरक्षण हुआ, अब होगा प्रत्याशियों का महासंग्राम!
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 19 जून को सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई थी। इस महत्वपूर्ण कदम के तुरंत बाद, पंचायती राज विभाग ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी थी। अब, राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव की अंतिम और आधिकारिक अधिसूचना सार्वजनिक कर दी है, जिससे पूरी चुनाव प्रक्रिया को कानूनी और औपचारिक रूप से आरंभ कर दिया गया है।
यह पंचायत चुनाव राज्य के कुल 12 जिलों में दो चरणों में संपन्न होंगे। हालांकि, हरिद्वार जिले को इस चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, क्योंकि वहां की पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में कुछ अलग प्रावधान लागू हैं। इन चुनावों के तहत ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्य जैसे हजारों महत्वपूर्ण पदों के लिए मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। ये सभी पद सीधे तौर पर ग्रामीण विकास की नींव होते हैं और स्थानीय जनता के जीवन को प्रभावित करते हैं।
पूरा चुनाव कार्यक्रम: कब डालें वोट, कब आएंगे नतीजे, जानिए सब कुछ!
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित पूरा चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार है, जिसे सभी प्रतिभागियों और मतदाताओं को ध्यान से जानना बेहद ज़रूरी है:
- 23 जून, 2025 (सोमवार): सभी संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा अपने-अपने जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। यह स्थानीय स्तर पर चुनावी शंखनाद होगा।
- 25 जून से 28 जून, 2025 (बुधवार से शनिवार): यह चार दिवसीय अवधि नामांकन प्रक्रिया के लिए निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवार इन तिथियों पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
- 29 जून से 1 जुलाई, 2025 (रविवार से मंगलवार): दाखिल किए गए सभी नामांकन पत्रों की गहन जांच की जाएगी।
- 2 जुलाई, 2025 (बुधवार): यह नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी।
- 3 जुलाई, 2025 (गुरुवार): पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
- 10 जुलाई, 2025 (गुरुवार): पहले चरण का मतदान संपन्न होगा। मतदाता सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
- 8 जुलाई, 2025 (मंगलवार): दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
- 15 जुलाई, 2025 (मंगलवार): दूसरे चरण का मतदान संपन्न होगा। इसी के साथ राज्य के सभी 12 जिलों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
- 19 जुलाई, 2025 (शनिवार): मतगणना होगी और सभी सीटों के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस दिन, पूरे उत्तराखंड की निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी होंगी, जब हजारों नए ग्रामीण प्रतिनिधियों का भाग्य तय होगा।
आयोग के कड़े निर्देश: निष्पक्षता और पारदर्शिता हर हाल में होगी सुनिश्चित!
राज्य निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है। सभी जिलाधिकारियों और पंचायत विभाग के अधिकारियों को कड़े और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन, चुनावी खर्चों पर पैनी निगरानी, कानून व्यवस्था बनाए रखना, और मतदाताओं को बिना किसी दबाव के, भयमुक्त वातावरण में वोट डालने का अधिकार सुनिश्चित करना शामिल है।
सभी चरणों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र भी सक्रिय किया गया है। यह तंत्र किसी भी प्रकार की अनियमितता या उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई करेगा। आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनाव नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता और गरिमा बनी रहे।
ग्रामीण क्षेत्रों में चढ़ा सियासी पारा: प्रत्याशियों ने कसी कमर!
चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशी और निर्दलीय दावेदार अब नामांकन की तैयारियों में पूरी ताकत से जुट गए हैं। गांवों की चौपालों और गलियारों में चुनावी चर्चाएं अब और भी तेज हो गई हैं, और हर कोई अपने क्षेत्र के भविष्य के बारे में बात कर रहा है।
यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्रामीण उत्तराखंड के विकास की दिशा तय करेगा और स्थानीय स्तर पर नेतृत्व को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। राज्य निर्वाचन आयोग की इस विस्तृत और समयबद्ध घोषणा ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर सभी अटकलों को समाप्त कर दिया है और अब पूरा राज्य इस लोकतांत्रिक उत्सव के लिए पूरी तरह से तैयार है।