बड़ी खबर! उत्तराखंड चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा , त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, कार्यक्रम: देखें आपके गांव में कब होगी वोटिंग और गिनती की तारीखें!

जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना अब अपने निर्णायक चरणों की ओर बढ़ रही है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक में चौथे राउंड की मतगणना के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जिसने चुनावी दौड़ में शामिल कई ग्राम पंचायतों की तस्वीर साफ कर दी है। इस राउंड के नतीजों में विशेष रूप से महिला और युवा उम्मीदवारों का दबदबा देखने को मिला है, जो ग्रामीण राजनीति में एक नए परिवर्तन का संकेत है। मतगणना केंद्र पर कड़ी सुरक्षा के बीच घोषित इन परिणामों से विजयी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। चौथे राउंड में विजयी हुए ग्राम प्रधानों की सूची जसपुर ब्लॉक के चौथे राउंड की मतगणना में कई ग्राम पंचायतों को उनका नया नेतृत्व मिल गया है। इन परिणामों में विभिन्न आरक्षित और अनारक्षित सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। ग्राम धर्मपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति महिला): इस सीट पर नीशू ने जीत दर्ज करते हुए 491 मत प्राप्त किए और सविरोध निर्वाचित हुईं। उनकी जीत धर्मपुर में अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती है। ग्राम पूरनपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति महिला): पूरनपुर से मृदुला सागर 507 मतों के साथ विजयी रही हैं। उनकी जीत भी आरक्षित वर्ग में महिला नेतृत्व को मजबूत करती है। ग्राम नादेही (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): नादेही की सीट पर महेश सिंह ने 329 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। यह जीत उनके क्षेत्र में मजबूत जनाधार का प्रमाण है। ग्राम आसपुर (आरक्षण: अनारक्षित): आसपुर में नरेन्द्र सिंह ने 418 मत प्राप्त कर प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम राजपुर (आरक्षण: महिला): राजपुर से इल्मा परवीन ने 1347 मतों के साथ शानदार जीत दर्ज की है, जो उनके प्रति जनता के भारी विश्वास को दर्शाता है। ग्राम गढ़ीहुसैन (आरक्षण: अनारक्षित): गढ़ीहुसैन में रविन्द्र सिंह ने 541 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ग्राम कलियावाला (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग): कलियावाला से बलजीत कौर 324 मतों के साथ विजयी रहीं, जो ग्रामीण राजनीति में महिला भागीदारी को बढ़ावा देती है। ग्राम कासमपुर (आरक्षण: महिला): कासमपुर में मनोज कुमारी ने 695 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ग्राम देवीपुरा (आरक्षण: अन्य पिछड़ा वर्ग महिला): देवीपुरा की सीट पर सुलेखा सैनी ने 586 मतों के साथ एक निर्णायक जीत दर्ज की। ग्राम मुरलीवाला (आरक्षण: अनारक्षित): मुरलीवाला से अनुज कुमार ने 381 मत प्राप्त कर प्रधान पद का चुनाव जीता है। ग्राम खेड़ालक्ष्मीपुर (आरक्षण: महिला): खेड़ालक्ष्मीपुर में नाहिद अख्तर 985 मतों के साथ विजयी रहीं, जो महिला नेतृत्व की बढ़ती स्वीकार्यता का प्रमाण है। ग्राम सन्यासियोंवाला (आरक्षण: अनारक्षित): सन्यासियोंवाला से आशीष चौहान ने 685 मतों के साथ जीत हासिल की है। ग्राम तालबपुर (आरक्षण: अनारक्षित): तालबपुर में कविता देवी ने 546 मत प्राप्त कर प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम नारायणपुर (आरक्षण: अनुसूचित जाति): नारायणपुर से करतार सिंह 493 मतों के साथ विजयी रहे हैं। ग्राम सूरजपुर (आरक्षण: अनारक्षित): सूरजपुर में गुरमेज सिंह ने 339 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। ये नतीजे यह दर्शाते हैं कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनता ने अपने प्रतिनिधि का चुनाव उनकी योग्यता, स्थानीय समस्याओं के प्रति उनकी समझ और उनके वादों के आधार पर किया है। बदलता ग्रामीण परिदृश्य: युवा और महिला नेतृत्व को प्राथमिकता जसपुर ब्लॉक के इन नतीजों में एक खास बात यह भी देखने को मिल रही है कि मतदाताओं ने युवा और महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। आरक्षित और अनारक्षित दोनों सीटों पर महिलाओं की जीत यह साबित करती है कि अब ग्रामीण मतदाता पुराने ढर्रे से बाहर निकलकर नए और सक्षम नेतृत्व को चुन रहे हैं। इल्मा परवीन, नाहिद अख्तर और सुलेखा सैनी जैसी महिला उम्मीदवारों की जीत यह संदेश देती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला सशक्तिकरण की लहर तेजी से फैल रही है। इन नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के सामने अब अपने-अपने गाँवों में विकास कार्यों को गति देने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती होगी। मतगणना केंद्र पर उत्साह और सुरक्षा का माहौल चौथे राउंड के परिणाम घोषित होने के बाद मतगणना केंद्र पर माहौल काफी गर्मजोशी भरा रहा। विजयी उम्मीदवारों के समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच पुलिसकर्मियों ने भीड़ को नियंत्रित किया और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को होने से रोका। मतगणना हॉल में हर एक वोट की गिनती पर प्रत्याशियों के एजेंट पैनी नजर बनाए हुए थे, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही थी। आगे की तस्वीर: अंतिम परिणामों का इंतजार जसपुर ब्लॉक में मतगणना अभी भी जारी है। चौथे राउंड के बाद अब बाकी राउंड के परिणाम भी जल्द ही आने की उम्मीद है। ये परिणाम जहां ग्राम प्रधानों की तस्वीर साफ कर चुके हैं, वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के अंतिम परिणाम आने का भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं। अब सभी की निगाहें अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण उत्तराखण्ड का नेतृत्व किसके हाथों में होगा।

देहरादून, 22 जून, 2025(समय बोल रहा) – उत्तराखंड के ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, औपचारिक रूप से शुरू हो चुका है! राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक धमाकेदार प्रेसवार्ता आयोजित कर पूरे चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही, प्रदेश के 12 जिलों में राजनीतिक सरगर्मियां रातों-रात तेज हो गई हैं और गांव-गांव में चुनावी चर्चाएं अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं। यह चुनाव ग्रामीण विकास और स्थानीय स्वशासन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित होगा, जिसके नतीजे 19 जुलाई को सामने आएंगे


तैयारियां पूरी: आरक्षण हुआ, अब होगा प्रत्याशियों का महासंग्राम!

राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 19 जून को सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई थी। इस महत्वपूर्ण कदम के तुरंत बाद, पंचायती राज विभाग ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी थी। अब, राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव की अंतिम और आधिकारिक अधिसूचना सार्वजनिक कर दी है, जिससे पूरी चुनाव प्रक्रिया को कानूनी और औपचारिक रूप से आरंभ कर दिया गया है।

यह पंचायत चुनाव राज्य के कुल 12 जिलों में दो चरणों में संपन्न होंगे। हालांकि, हरिद्वार जिले को इस चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, क्योंकि वहां की पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में कुछ अलग प्रावधान लागू हैं। इन चुनावों के तहत ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्य जैसे हजारों महत्वपूर्ण पदों के लिए मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। ये सभी पद सीधे तौर पर ग्रामीण विकास की नींव होते हैं और स्थानीय जनता के जीवन को प्रभावित करते हैं।


पूरा चुनाव कार्यक्रम: कब डालें वोट, कब आएंगे नतीजे, जानिए सब कुछ!

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित पूरा चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार है, जिसे सभी प्रतिभागियों और मतदाताओं को ध्यान से जानना बेहद ज़रूरी है:

  • 23 जून, 2025 (सोमवार): सभी संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा अपने-अपने जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। यह स्थानीय स्तर पर चुनावी शंखनाद होगा।
  • 25 जून से 28 जून, 2025 (बुधवार से शनिवार): यह चार दिवसीय अवधि नामांकन प्रक्रिया के लिए निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवार इन तिथियों पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
  • 29 जून से 1 जुलाई, 2025 (रविवार से मंगलवार): दाखिल किए गए सभी नामांकन पत्रों की गहन जांच की जाएगी।
  • 2 जुलाई, 2025 (बुधवार): यह नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी।
  • 3 जुलाई, 2025 (गुरुवार): पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
  • 10 जुलाई, 2025 (गुरुवार): पहले चरण का मतदान संपन्न होगा। मतदाता सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
  • 8 जुलाई, 2025 (मंगलवार): दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
  • 15 जुलाई, 2025 (मंगलवार): दूसरे चरण का मतदान संपन्न होगा। इसी के साथ राज्य के सभी 12 जिलों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
  • 19 जुलाई, 2025 (शनिवार): मतगणना होगी और सभी सीटों के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस दिन, पूरे उत्तराखंड की निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी होंगी, जब हजारों नए ग्रामीण प्रतिनिधियों का भाग्य तय होगा।

आयोग के कड़े निर्देश: निष्पक्षता और पारदर्शिता हर हाल में होगी सुनिश्चित!

राज्य निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है। सभी जिलाधिकारियों और पंचायत विभाग के अधिकारियों को कड़े और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन, चुनावी खर्चों पर पैनी निगरानी, कानून व्यवस्था बनाए रखना, और मतदाताओं को बिना किसी दबाव के, भयमुक्त वातावरण में वोट डालने का अधिकार सुनिश्चित करना शामिल है।

सभी चरणों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र भी सक्रिय किया गया है। यह तंत्र किसी भी प्रकार की अनियमितता या उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई करेगा। आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनाव नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनाव प्रक्रिया की शुचिता और गरिमा बनी रहे।


ग्रामीण क्षेत्रों में चढ़ा सियासी पारा: प्रत्याशियों ने कसी कमर!

चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशी और निर्दलीय दावेदार अब नामांकन की तैयारियों में पूरी ताकत से जुट गए हैं। गांवों की चौपालों और गलियारों में चुनावी चर्चाएं अब और भी तेज हो गई हैं, और हर कोई अपने क्षेत्र के भविष्य के बारे में बात कर रहा है।

यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्रामीण उत्तराखंड के विकास की दिशा तय करेगा और स्थानीय स्तर पर नेतृत्व को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। राज्य निर्वाचन आयोग की इस विस्तृत और समयबद्ध घोषणा ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर सभी अटकलों को समाप्त कर दिया है और अब पूरा राज्य इस लोकतांत्रिक उत्सव के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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