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देहरादून, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, जहाँ शांति और धार्मिकता की उम्मीद की जाती है, वहाँ 'आशियाना गेस्ट हाउस' की आड़ में चल रहे एक बड़े जिस्मफरोशी के रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। राजा रोड स्थित इस गेस्ट हाउस पर पुलिस टीम ने छापा मारा तो गेस्ट हाउस की दीवारों के पीछे चल रहे जिस्म के धंधे का पर्दाफाश हो गया, जिसने देवभूमि की पवित्र छवि पर एक बार फिर कालिख पोत दी है। पुलिस ने मौके से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सभी बाहरी राज्यों के बताए जा रहे हैं। 'आशियाना गेस्ट हाउस' बना था देह व्यापार का अड्डा मिली जानकारी के अनुसार, देहरादून के राजा रोड स्थित 'आशियाना गेस्ट हाउस' लंबे समय से पुलिस की नजर में था। पुलिस को सूचना मिल रही थी कि इस गेस्ट हाउस में देह व्यापार का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है। इस गेस्ट हाउस को जिस्मफरोशी का एक अड्डा बना दिया गया था, जहाँ ग्राहकों को फोन पर बुलाया जाता था और उन्हें अवैध तरीके से देह व्यापार की सुविधा मुहैया कराई जाती थी। यह एक सुनियोजित रैकेट था, जो गेस्ट हाउस की आड़ में बेखौफ चल रहा था। पुलिस के आला अधिकारियों को इस संबंध में गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद एक गोपनीय ऑपरेशन की योजना बनाई गई। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए विशेष रूप से एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और नगर पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया, ताकि छापेमारी को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके और आरोपियों को मौके पर ही पकड़ा जा सके। छापेमारी का मंजर: आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए युवक-युवतियां शुक्रवार देर रात AHTU और नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने अचानक 'आशियाना गेस्ट हाउस' पर छापा मार दिया। पुलिस की टीम जब गेस्ट हाउस के अंदर दाखिल हुई, तो वहाँ का नजारा चौंकाने वाला था। पुलिस ने देखा कि गेस्ट हाउस के अलग-अलग कमरों में युवक और युवतियां आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए। यह स्थिति गेस्ट हाउस में चल रहे अवैध धंधे का स्पष्ट प्रमाण थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामान और नगदी भी बरामद की। इन बरामदगियों ने पुष्टि कर दी कि गेस्ट हाउस का उपयोग सिर्फ ठहरने के लिए नहीं, बल्कि अनैतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। पुलिस ने तुरंत सभी संबंधित व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया और आगे की कार्रवाई शुरू की। गैंग का सरगना और बाहरी राज्यों से कनेक्शन पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि इस पूरे देह व्यापार के रैकेट को नरेंद्र सिंह रावत नाम के एक शख्स ने गेस्ट हाउस को लीज पर लेकर चला रहा था। लीज पर गेस्ट हाउस लेने का मकसद ही इसकी आड़ में इस अवैध धंधे को संचालित करना था। पुलिस अब नरेंद्र सिंह रावत की तलाश में जुट गई है और उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इस रेड में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है: तापस शाहू कमलेश निक्का देवी संजीत कुमार गुल्ली देवी मनु गुरंग सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस के अनुसार, ये सभी गिरफ्तार आरोपी बिहार और बंगाल जैसे बाहरी राज्यों के रहने वाले हैं। यह दर्शाता है कि यह रैकेट सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतर-राज्यीय स्तर पर भी फैला हुआ हो सकता है, जहाँ बाहर से युवतियों को लाकर इस धंधे में धकेला जा रहा था। पुलिस अब इस गैंग के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है, जिसमें इसके सरगना और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी शामिल है। देवभूमि की छवि पर दाग और पुलिस की चुनौतियाँ देहरादून, जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, ऐसी घटनाओं से उसकी 'देवभूमि' की छवि पर गहरा दाग लगता है। इस तरह के अनैतिक और अवैध धंधे न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती पेश करते हैं, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों के क्षरण का भी कारण बनते हैं। पुलिस लगातार ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान चला रही है, जो नशे और देह व्यापार जैसे अवैध धंधों में लिप्त हैं। यह रेड पुलिस की सतर्कता और 'देवभूमि' को अपराध मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे किसी भी अवैध कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन जनता से भी अपील कर रहा है कि वे ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें, ताकि समय रहते इन पर अंकुश लगाया

देहरादून में ‘आशियाना गेस्ट हाउस’ पर पुलिस का छापा: दीवारों के पीछे चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, 6 गिरफ्तार, देवभूमि की छवि पर दाग!

देहरादून, 29 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, जहाँ शांति और धार्मिकता की उम्मीद की जाती है, वहाँ ‘आशियाना गेस्ट हाउस’ की आड़ में चल रहे एक बड़े जिस्मफरोशी के रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। राजा रोड स्थित इस गेस्ट हाउस पर पुलिस टीम ने…

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नैनीताल, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – नैनीताल जिले के कोटाबाग में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक कमल नगरकोटी ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि परिजनों ने सीधे तौर पर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि सिपाही परमजीत सिंह की पिटाई से क्षुब्ध होकर युवक ने यह आत्मघाती कदम उठाया। इस आरोप के बाद शनिवार को गुस्साए ग्रामीणों ने कोटाबाग चौकी को घेर लिया और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के साथ-साथ पूरी चौकी को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए। इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय विधायक बंशीधर भगत भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए, जिनकी अचानक तबियत बिगड़ने से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। परिजनों का गंभीर आरोप: पुलिस की कथित 'मार' ने ली युवक की जान जानकारी के अनुसार, कोटाबाग निवासी कमल नगरकोटी (उम्र लगभग 20-25 वर्ष) ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर का सेवन कर लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, इस मौत के बाद जो आरोप सामने आए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। कमल के परिजनों का स्पष्ट आरोप है कि सिपाही परमजीत सिंह ने कमल के साथ मारपीट की थी, जिससे वह अत्यधिक मानसिक रूप से परेशान हो गया था। परिजनों के मुताबिक, पुलिस की इसी कथित पिटाई और उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर कमल ने जहर खाने जैसा घातक कदम उठाया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस की ओर से अभी तक इस आरोप पर विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह दावा स्थानीय स्तर पर बड़ा आक्रोश पैदा कर रहा है। घटना के बाद से परिवार गहरे सदमे में है और न्याय की गुहार लगा रहा है। यह आरोप पुलिस के आचरण और उसकी जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जनता का आक्रोश: चौकी का घेराव और विधायक का समर्थन कमल नगरकोटी की मौत और पुलिस पर लगे आरोपों के बाद स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कोटाबाग पुलिस चौकी का घेराव कर लिया। उनकी मांग थी कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए और पूरी कोटाबाग चौकी को निलंबित किया जाए। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की घटनाएँ पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े करती हैं और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। ग्रामीणों के इस धरने को स्थानीय विधायक बंशीधर भगत का भी समर्थन मिला। विधायक भगत भी ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। हालांकि, धरने पर बैठे विधायक भगत की अचानक तबियत बिगड़ गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। डॉक्टरों को तुरंत बुलाया गया जिन्होंने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। यह घटनाक्रम पुलिस और प्रशासन पर दबाव को और बढ़ा रहा है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जब तक एसएसपी खुद मौके पर नहीं आते और पुलिस चौकी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, वे धरना खत्म नहीं करेंगे। एसएसपी का बयान: जांच जारी, न्याय का आश्वासन मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि कमल नगरकोटी नाम के युवक की जहर खाकर मौत हुई है। एसएसपी मीणा ने यह भी पुष्टि की कि पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। उनका बयान बताता है कि पुलिस आरोपों को गंभीरता से ले रही है, और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। पुलिस का कहना है कि वे निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारणों और पुलिस पर लगे आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। एक ही परिवार में दूसरी संदिग्ध मौत: 'भावना नगरकोटी' का मामला भी जुड़ा इस दुखद घटना ने एक और दर्दनाक पहलू को उजागर किया है, जो इस मामले को और अधिक संवेदनशील बनाता है। आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व इसी परिवार की एक अन्य महिला भावना नगरकोटी की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस खबर को 'कुमाऊं क्रांति समाचार' में भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। उस समय मृतका के भाई ने अपनी बहन के ससुराल पक्ष पर उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था। एक ही परिवार में कुछ ही समय के भीतर दो सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, जिनमें से एक में सीधे पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं, कई सवाल खड़े करती है। यह डबल ट्रेजेडी परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूट पड़ी है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भी चिंता है कि क्या इन दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध है, और क्या यह परिवार किसी बड़े उत्पीड़न का शिकार है। पुलिस को इन दोनों मामलों की गहराई से और पारदर्शिता के साथ जांच करनी होगी ताकि सच्चाई सामने आ सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। यह घटना पुलिस-जनता संबंधों और समाज में कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंतन की मांग करती है।

नैनीताल: ‘डबल ट्रेजेडी’ से दहला कोटाबाग! पुलिस की ‘मार’ से युवक की आत्महत्या, MLA बंशीधर भगत भी धरने पर बैठे, बिगड़ी तबियत; उसी परिवार में दूसरी मौत ने बढ़ाई हलचल!

नैनीताल, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – नैनीताल जिले के कोटाबाग में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक कमल नगरकोटी ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाकर खुदकुशी कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि परिजनों ने सीधे तौर पर पुलिस पर गंभीर…

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रामनगर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – ( 68 किलो गांजे ) उत्तराखंड को 'ड्रग फ्री देवभूमि' बनाने के अभियान के तहत रामनगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 17 लाख रुपये बताई जा रही है। इस बड़ी सफलता ने नशे के खिलाफ पुलिस के अभियान को और मजबूती प्रदान की है। मुखबिर की सटीक सूचना और पुलिस का जाल जानकारी के अनुसार, पुलिस को काफी समय से रामनगर क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस लगातार ऐसे तत्वों पर पैनी नजर रख रही थी। इसी क्रम में, बीती देर रात रामनगर कोतवाली पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र से एक सटीक सूचना प्राप्त हुई। मुखबिर ने बताया कि एक युवक अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर अवैध गांजे की बड़ी खेप की तस्करी कर रहा है और जल्द ही वह रामनगर क्षेत्र से गुजरने वाला है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार सैनी के नेतृत्व में तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में उपनिरीक्षक मनोज नयाल, कांस्टेबल गगनदीप सिंह, विपिन शर्मा, संदीप और यशपाल सिंह जैसे तेज-तर्रार पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस टीम ने मुखबिर द्वारा बताए गए संभावित स्थान पर घेराबंदी की और पूरी मुस्तैदी के साथ इंतजार करने लगी। कुछ ही देर में, मुखबिर द्वारा बताए गए हुलिए का एक व्यक्ति अपनी टैक्सी से वहां पहुंचा। पुलिस ने बिना देर किए उसे रोक लिया और रंगे हाथों धर दबोचा। तस्कर की पहचान और करोड़ों का माल बरामद पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान दानिश पुत्र वाहिद हुसैन के रूप में हुई है, जो रामनगर के ही पूछड़ी टंकी के पास का निवासी बताया गया है। दानिश की उम्र करीब 22 वर्ष है, और वह अपनी टैक्सी का इस्तेमाल कर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने जब दानिश की टैक्सी की तलाशी ली, तो उसमें से कुल 68.02 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। बरामद गांजे की यह मात्रा काफी अधिक है, जो बताती है कि आरोपी एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। बरामद किए गए इस गांजे की बाजार में अनुमानित कीमत करीब 17 लाख रुपये आंकी गई है। यह एक बड़ी बरामदगी है जो नशे के कारोबार पर रामनगर पुलिस की मजबूत पकड़ को दर्शाती है। पूछताछ में खुला राज: 'आर्तिक' और 'भूरी' का नाम आया सामने गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी दानिश से गहन पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दानिश ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि यह सारा गांजे का माल आर्तिक और भूरी नाम के दो व्यक्तियों का था। दानिश ने पुलिस को बताया कि आर्तिक और भूरी ने ही उसे पहाड़ से गांजा लाने के लिए 5000 रुपये दिए थे। यह खुलासा इस बात की ओर इशारा करता है कि यह केवल एक स्थानीय धंधा नहीं, बल्कि इसका संबंध पहाड़ों से आने वाले बड़े अंतर्राज्यीय नेटवर्क से हो सकता है। पुलिस अब आर्तिक और भूरी की तलाश में जुट गई है और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए विभिन्न टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। उम्मीद है कि दानिश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस इस पूरे नेटवर्क का खुलासा कर पाएगी और इसमें शामिल अन्य बड़े तस्करों को भी गिरफ्तार कर सकेगी। ड्रग फ्री देवभूमि अभियान को मिली सफलता: कड़ी कानूनी कार्रवाई पुलिस ने आरोपी दानिश के खिलाफ एफआईआर संख्या 238/25, धारा 8/20/60/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) भारत में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए एक सख्त कानून है। इस एक्ट के तहत इतनी बड़ी मात्रा में गांजा बरामद होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। यह गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'ड्रग फ्री देवभूमि' अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाना है। इस तरह की बड़ी बरामदगी और गिरफ्तारियां निश्चित रूप से इस अभियान को और मजबूती प्रदान करेंगी और नशे के तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरेंगी। गिरफ्तार आरोपी दानिश को बरामद माल सहित न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। रामनगर पुलिस ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानून के

रामनगर पुलिस की बड़ी सफलता: 17 लाख की कीमत का 68 किलो गांजे के साथ युवक गिरफ्तार, ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ अभियान को मिली सफलता

रामनगर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – ( 68 किलो गांजे ) उत्तराखंड को ‘ड्रग फ्री देवभूमि’ बनाने के अभियान के तहत रामनगर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी…

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tristariye chunav uttarakhand ayi datye 10 jjulai ko hoga eletion 1 1

उत्तराखंड पंचायत चुनावों से हटा ग्रहण, हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी; आयोग ने जारी किया ‘नया’ और ‘अंतिम’ कार्यक्रम, देखें आपकी वोटिंग-गिनती की तारीखें!

देहरादून, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर छाया अनिश्चितता का बादल आखिरकार छंट गया है! मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखंड, नैनीताल ने रिट याचिका में अपना स्थगनादेश समाप्त कर दिया है, जिसके तुरंत बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सक्रियता दिखाते हुए पंचायत चुनावों का संशोधित और अंतिम…

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काशीपुर, 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, रामनगर की ओर से काशीपुर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में कार में सवार चार लोगों में से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना एक बार फिर टांडा चौराहे पर बने उस डिवाइडर पर सवाल खड़े कर रही है, जिसे स्थानीय लोग 'मौत का डिवाइडर' कहते हैं क्योंकि यह बनने के बाद से कई लोगों की जान ले चुका है। दोपहर में हुआ हादसा: तेज रफ्तार बनी काल यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना दिन के उजाले में तब घटी जब रामनगर-काशीपुर मार्ग पर वाहनों की सामान्य आवाजाही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर लगभग 2 बजे, रामनगर की दिशा से काशीपुर की ओर एक तेज गति से आ रही कार काशीपुर के टांडा चौराहे पर पहुंचते ही अनियंत्रित हो गई। चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और कार सीधे सड़क के बीच बने डिवाइडर से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, और उसमें सवार लोगों को गंभीर चोटें आईं। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी और उसमें सवार चार लोगों में से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अन्य घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। उनकी विस्तृत स्थिति के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन उन्हें भी गंभीर चोटें आने की आशंका है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान: मुरादाबाद का आदित्य (24) इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवाने वाले युवक की पहचान आदित्य (उम्र 24 वर्ष) के रूप में हुई है। वह मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी श्री सत्येंद्र सिंह के पुत्र थे। आदित्य की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक युवा और होनहार जीवन का सड़क हादसे में यूं समाप्त हो जाना बेहद दुखद है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है, और वे काशीपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के महत्व और वाहन चालकों द्वारा गति सीमा का पालन करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। दिन के समय भी अत्यधिक गति दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बन सकती है। टांडा चौराहे का 'मौत का डिवाइडर': चिंता का सबब इस दुर्घटना ने एक बार फिर काशीपुर के टांडा चौराहे पर बने डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिवाइडर बनने के बाद से ही हादसों का सबब बना हुआ है। कई बार इसे 'मौत का डिवाइडर' या 'ब्लैक स्पॉट' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पहले भी कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह चौराहा काशीपुर और रामनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और यहां की भौगोलिक स्थिति तथा वाहनों की तेज गति इसे और खतरनाक बना देती है। जानकारों के अनुसार, इस डिवाइडर की बनावट में कुछ खामियां हो सकती हैं। जैसे: अस्पष्ट साइनेज: डिवाइडर से पहले पर्याप्त चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टिव मार्कर न होने से चालक को अचानक इसका सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे तेज़ गति में हों। डिजाइन संबंधी मुद्दे: कुछ डिवाइडर ऐसे बनाए जाते हैं जिनकी शुरुआती ऊंचाई या ढलान ठीक नहीं होती, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के टकराने की आशंका बढ़ जाती है। चालकों की लापरवाही: ओवरस्पीडिंग, लापरवाही से ड्राइविंग, या ध्यान भंग होना भी ऐसे हादसों को जन्म देता है। स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को इस डिवाइडर की डिजाइन और सुरक्षा उपायों की तत्काल समीक्षा करने की आवश्यकता है। यहां स्पष्ट चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टर और गति नियंत्रित करने वाले उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रिप्स लगाने अनिवार्य हो गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और यह चौराहा लोगों के लिए सुरक्षित बन सके। पुलिस जांच जारी: सड़क सुरक्षा पर गंभीर मंथन की जरूरत हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त कार को हटाकर मार्ग को सामान्य किया और घटना के संबंध में आवश्यक साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने आवश्यक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। दुर्घटना कैसे हुई, कहीं चालक नशे में तो नहीं था, या वाहन की गति क्या थी, इन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। यह दुखद घटना उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की ओर भी ध्यान खींचती है। सड़कों की स्थिति और चालकों की लापरवाही, दोनों ही दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। सरकार और संबंधित विभागों को ब्लैक स्पॉट की पहचान करने, सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, और सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों को तेज करने की आवश्यकता है। वाहन चालकों को भी वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, गति सीमा का पालन करना चाहिए, और थकान या नशे की हालत में वाहन चलाने से बचना चाहिए। आदित्य की मृत्यु एक दुखद रिमाइंडर है कि सड़क पर एक छोटी सी चूक या बुनियादी ढांचे की खामी कितनी भारी पड़ सकती है। इस घटना से सबक लेकर टांडा चौराहे पर सुरक्षा उपायों को तत्काल मजबूत करने की उम्मीद की जा रही है, ताकि यह 'मौत का डिवाइडर' फिर किसी की जान न ले सके।

रामनगर मे टांडा चौराहे पर ‘मौत के डिवाइडर’ से टकराई कार, काशीपुर की ओर से आ रहे 24 वर्षीय युवक की मौत

रामनगर 28 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – रामनगर के टांडा चौराहे पर एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसने एक युवा जिंदगी को असमय लील लिया। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, काशीपुर की ओर से रामनगर आ रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सड़क के बीच बने डिवाइडर…

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काशीपुर, 25 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आज काशीपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौतमी हाईट्स होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड के लोकतंत्र प्रेमियों ने एकजुट होकर आपातकाल के दमनकारी प्रभावों को याद किया और भविष्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने का सामूहिक संकल्प दोहराया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह दिन केवल स्मरण का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर सजग रहने का संकल्प दिवस है। मुख्य अतिथि अजय भट्ट: "आपातकाल देश की आत्मा पर हमला था" कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री एवं नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद श्री अजय भट्ट उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने आपातकाल के दौर को याद करते हुए उसे भारतीय इतिहास का एक दुखद और चुनौतीपूर्ण अध्याय बताया। श्री भट्ट ने जोर देते हुए कहा, "आपातकाल देश की आत्मा पर हमला था, जिसे देशवासियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष ने पीछे धकेला।" उन्होंने बताया कि कैसे उस दौरान नागरिक अधिकारों का हनन किया गया, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई और राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया था। भट्ट ने उन गुमनाम नायकों को भी याद किया जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष किया और लोकतंत्र की बहाली के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी से आह्वान किया कि वे आपातकाल के इतिहास से सबक लें और भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति को पनपने न दें, जो लोकतंत्र के मूल्यों को कमजोर करती हो। उनका यह संबोधन लोकतंत्र के प्रति गहरी निष्ठा और उसकी रक्षा के संकल्प को दर्शाता था। मनोज पाल: "वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल की सच्चाई बताना आवश्यक" कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के ऊधमसिंह नगर के जिलाध्यक्ष श्री मनोज पाल ने की। अपने प्रभावशाली संबोधन में उन्होंने आपातकाल के दौरान की सच्चाई को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने की महत्ता पर जोर दिया। श्री पाल ने कहा, "आपातकाल की सच्चाई को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि वह जान सकें कि लोकतंत्र कितने संघर्षों से मिला है।" उन्होंने बताया कि कैसे एक लोकतांत्रिक देश में संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था और आम नागरिकों को भय के माहौल में जीना पड़ा था। मनोज पाल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे इतिहास को समझें, लोकतंत्र के महत्व को पहचानें और उसे किसी भी कीमत पर कमजोर न पड़ने दें। उन्होंने कहा कि यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम उन संघर्षों को याद रखें जिनके बल पर हमें यह स्वतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था मिली है, और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी तानाशाही प्रवृत्तियां कभी सिर न उठा पाएं। प्रमुख नेताओं व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने बढ़ाया गरिमा इस महत्वपूर्ण अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे: काशीपुर विधायक श्री त्रिलोक सिंह चीमा काशीपुर मेयर श्री दीपक बाली पीसीयू अध्यक्ष श्री राम मल्होत्रा पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल प्रदेश मंत्री श्री गुरविंदर सिंह चंडोक गन्ना राज्य मंत्री श्री मनजीत सिंह राजू पूर्व प्रदेश मंत्री श्रीमती सीमा चौहान निवर्तमान जिला महामंत्री श्री मोहन बिष्ट निवर्तमान जिला महामंत्री डॉ. सुदेश मंडल अध्यक्ष श्री राजकुमार गुंबर मंडल अध्यक्ष श्री पंकज छाबड़ा श्री भास्कर तिवारी पार्षद श्रीमती बिना नेगी पार्षद श्रीमती कल्पना राणा पार्षद श्री जसवीर सिंह सैनी इन सभी नेताओं और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस बात को बल दिया कि लोकतंत्र की रक्षा और आपातकाल जैसे काले अध्याय को याद रखना किसी एक दल या व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का सामूहिक कर्तव्य है। लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दिवस कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि 25 जून का दिन केवल इतिहास के एक काले अध्याय को स्मरण करने का नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने का संकल्प दिवस है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा, और किसी भी ऐसी शक्ति को पनपने नहीं देना होगा जो लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को कमजोर करना चाहती हो। वक्ताओं ने प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपातकाल ने हमें सिखाया कि लोकतंत्र कितना नाजुक हो सकता है और इसे बनाए रखने के लिए निरंतर चौकसी की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम एक मजबूत संदेश के साथ संपन्न हुआ कि भारतीय समाज अपने लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट रहेगा। इस आयोजन ने न केवल 50 साल पुरानी घटना को याद किया, बल्कि भविष्य के लिए लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रेरणा

आपातकाल के 50 साल: काशीपुर में अजय भट्ट बोले- ‘ये देश की आत्मा पर हमला था’; नई पीढ़ी के लिए अहम संदेश

काशीपुर, 25 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आज काशीपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौतमी हाईट्स होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश और उत्तराखंड के लोकतंत्र…

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काशीपुर, 27 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर में अवैध शराब के खिलाफ पैगा चौकी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार की देर रात गश्त के दौरान पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 25 लीटर कच्ची शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अजय सिंह के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से इलाके में अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है, और पुलिस की इस कार्रवाई को आम जनता द्वारा सराहा जा रहा है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई यह पूरा मामला गुरुवार रात का है, जब पैगा चौकी प्रभारी एसआई दीवान सिंह बिष्ट अपनी टीम के साथ क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। पुलिस टीम लगातार क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मुस्तैदी से काम कर रही थी। इसी दौरान, उन्हें एक विश्वसनीय मुखबिर से गुप्त सूचना मिली। मुखबिर ने पुलिस को बताया कि आयुर्वेद अस्पताल के पास स्थित तिराहे पर एक व्यक्ति खुलेआम कच्ची शराब बेच रहा है, जिससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है और युवा पीढ़ी गलत रास्ते पर जा सकती है। सूचना की गंभीरता को समझते हुए, चौकी प्रभारी दीवान सिंह बिष्ट ने बिना देर किए अपनी टीम को अलर्ट किया। टीम ने तुरंत योजना बनाई और मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान की ओर तेजी से रवाना हो गई। मौके पर पहुंचकर पुलिस टीम ने देखा कि आयुर्वेद अस्पताल के तिराहे के पास वाकई एक व्यक्ति कच्ची शराब बेचते हुए मौजूद था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे चारों ओर से घेर लिया और धर दबोचा। आरोपी को पकड़ने के बाद, पुलिस टीम ने उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान, पुलिस को उसके कब्जे से 25 लीटर कच्ची शराब बरामद हुई, जिसे वह छोटे-छोटे पैकेटों में भरकर बेचने की फिराक में था। अवैध शराब का धंधा: समाज के लिए बड़ा खतरा अवैध कच्ची शराब का निर्माण और उसकी बिक्री समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। यह न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे कई सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। अक्सर यह कच्ची शराब बिना किसी गुणवत्ता नियंत्रण के तैयार की जाती है, जिसमें हानिकारक रसायन मिले होते हैं। ऐसे में, इसका सेवन करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचता है, और कई बार तो जानलेवा साबित होता है। कच्ची शराब के सेवन से लीवर की बीमारी, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा, अवैध शराब का धंधा अक्सर अन्य आपराधिक गतिविधियों से भी जुड़ा होता है। इससे इलाके में अपराध दर बढ़ सकती है, कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, और सामाजिक अशांति फैल सकती है। ऐसे धंधे अक्सर युवाओं को नशे की लत में धकेलते हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। पैगा पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई समाज में इन बुराइयों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आबकारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई पकड़े गए आरोपी अजय सिंह के खिलाफ पुलिस ने आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आबकारी अधिनियम शराब और अन्य नशीले पदार्थों के निर्माण, बिक्री, परिवहन और कब्जे को विनियमित करने के लिए बनाया गया है। अवैध रूप से शराब का उत्पादन या बिक्री करना इस अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। पुलिस ने बरामद की गई 25 लीटर कच्ची शराब को जब्त कर लिया है और उसे आगे की जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अजय सिंह यह कच्ची शराब कहां से ला रहा था, और इस धंधे में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस मामले में एक विस्तृत जांच की जाएगी ताकि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। पुलिस की मुस्तैदी और भविष्य की कार्रवाई काशीपुर में पैगा चौकी पुलिस की यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई उनकी मुस्तैदी और अपराधों के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है। पुलिस लगातार ऐसे असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए अभियान चला रही है, जो अवैध धंधों से समाज में जहर घोलते हैं। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अवैध शराब के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा और ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा। इस गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस हर हाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। आरोपी अजय सिंह को अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा, जहां से उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह उम्मीद की जाती है कि इस तरह की कार्रवाइयां अवैध शराब के कारोबार पर लगाम कसने और समाज में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होंगी

काशीपुर बड़ी खबर! पैगा पुलिस ने दबोचा शराब तस्कर, 25 लीटर कच्ची शराब के साथ ‘अजय सिंह’ गिरफ्तार, पूरे इलाके में हड़कंप

काशीपुर, 27 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – काशीपुर में अवैध शराब के खिलाफ पैगा चौकी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार की देर रात गश्त के दौरान पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 25 लीटर कच्ची शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान अजय…

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उत्तराखंड में हड़कंप! नामांकन से पहले पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट ने लगाई ‘ब्रेक’, जानें क्यों अटकी पूरी प्रक्रिया?

देहरादून, 23 जून, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। राज्य के बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब राज्य निर्वाचन आयोग…

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काशीपुर, 21 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मजहबी सिख समुदाय के सशक्तिकरण और एकजुटता की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। काशीपुर में उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की विधिवत स्थापना की गई, जिसके साथ ही संगठन की पहली बैठक में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर, सर्वसम्मति से चरणजीत सिंह संजोता को महासभा का पहला अध्यक्ष चुना गया। यह पहल राज्य भर के मजहबी सिख समुदाय को एक मजबूत मंच प्रदान करेगी, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक हितों की रक्षा की जा सकेगी। महासभा की नींव: समुदाय की एकता का प्रतीक उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना एक लंबे समय से महसूस की जा रही आवश्यकता का परिणाम है। मजहबी सिख समुदाय, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में निवास करता है, को अक्सर अपनी विशिष्ट पहचान और जरूरतों को सामने रखने के लिए एक संगठित मंच की कमी महसूस होती थी। आज काशीपुर में इस महासभा की नींव रखे जाने के साथ, समुदाय ने अपनी एकता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस स्थापना बैठक के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित की गई थी, जिसके चलते राज्य के कोने-कोने से मजहबी सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में काशीपुर पहुंचे। बैठक में समुदाय के भविष्य और उसके उत्थान को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस महासभा का प्राथमिक उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाना है। यह संगठन समुदाय के भीतर आपसी सहयोग, भाईचारे और समझ को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह एक ऐसे सशक्त मंच के रूप में कार्य करेगा जो समुदाय की आवाज को सरकारी स्तर पर और समाज के अन्य वर्गों के सामने प्रभावी ढंग से रख सके। इस स्थापना से समुदाय को अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों में मूल्यों को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। नेतृत्व का चयन: प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, ये हैं मुख्य पदाधिकारी महासभा की स्थापना के साथ ही, आज की बैठक में संगठन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां भी की गईं। अध्यक्ष से लेकर सचिव तक, सभी पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से हुआ, जो समुदाय के भीतर मौजूद एकता को दर्शाता है। उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा के नव नियुक्त पदाधिकारी इस प्रकार हैं: प्रदेश अध्यक्ष: चरनजीत सिंह संजोता उपाध्यक्ष: हरनेक सिंह कोषाध्यक्ष: जरनैल सिंह महासचिव: रिंकू बाबा सचिव: लाभ सिंह इन पदाधिकारियों के चुनाव से समुदाय में उत्साह का माहौल है। यह आशा की जा रही है कि यह सशक्त नेतृत्व महासभा को उसके उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में सफल बनाएगा। अध्यक्ष चरणजीत सिंह संजोता का संकल्प: "तन, मन, धन से साथ रहूंगा" अध्यक्ष चुने जाने के बाद, चरणजीत सिंह संजोता ने महासभा के सभी सदस्यों और समुदाय के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके समाज के लोगों ने उन्हें यह अध्यक्ष का दर्जा दिया है, और वह इस पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। संजोता ने अपने संबोधन में मजहबी सिख समुदाय के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ कहा, "मैं मजहबी समाज के सिखों के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। जो भी मजहबी समाज आर्थिक रूप से कमजोर है, मैं उसके साथ तन, मन और धन से खड़ा रहूंगा।" यह कथन उनके नेतृत्व की दिशा और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। संजोता ने जोर दिया कि महासभा विशेष रूप से समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता के लिए काम करेगी। इसमें सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना, स्वरोजगार के अवसर पैदा करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल होगा। उनका लक्ष्य मजहबी सिख समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में सशक्त रूप से शामिल हो सकें। प्रमुख सिख भाई रहे उपस्थित: समुदाय की एकजुटता का प्रदर्शन इस ऐतिहासिक बैठक में मजहबी सिख समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति और भाई उपस्थित थे, जिन्होंने इस नई पहल का समर्थन किया। उपस्थित लोगों में रणजीत सिंह, गुरमीत सिंह, लाभ सिंह, कर्म सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, रेशम सिंह, गुरभजन सिंह, और सुखविंदर सिंह जैसे कई प्रमुख सिख भाई शामिल थे। विभिन्न क्षेत्रों से आए इन प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने महासभा की व्यापक पहुंच और समुदाय के भीतर इसकी स्वीकार्यता को दर्शाया। सभी ने मिलकर इस नए संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। महासभा के प्रमुख उद्देश्य: आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मजहबी सिख समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समुदाय के लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए। महासभा इन योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने, पात्र व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, महासभा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करने के तरीके भी तलाशेगी। इसमें छोटे व्यवसायों के लिए सहयोग, शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य आपात स्थितियों में मदद, और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना शामिल हो सकता है। महासभा सामाजिक एकजुटता बढ़ाने के लिए विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित करेगी, जिससे आपसी भाईचारा मजबूत हो और समुदाय के भीतर एक सकारात्मक वातावरण बने। आज की यह बैठक केवल एक औपचारिक शुरुआत नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के मजहबी सिख समुदाय के लिए एक नए युग की शुरुआत है। चरणजीत सिंह संजोता के सक्षम नेतृत्व में, और अन्य पदाधिकारियों व समुदाय के सहयोग से, यह महासभा आने वाले समय में समुदाय के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के

काशीपुर में ऐतिहासिक पहल: उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की स्थापना, चरणजीत सिंह संजोता बने पहले अध्यक्ष

काशीपुर, 21 जून, 2025 (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में मजहबी सिख समुदाय के सशक्तिकरण और एकजुटता की दिशा में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। काशीपुर में उत्तराखंड प्रदेश मजहबी सिख महासभा की विधिवत स्थापना की गई, जिसके साथ ही संगठन की पहली बैठक में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति…

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बड़ी खबर! उत्तराखंड चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा , त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, कार्यक्रम: देखें आपके गांव में कब होगी वोटिंग और गिनती की तारीखें!

देहरादून, 22 जून, 2025(समय बोल रहा) – उत्तराखंड के ग्रामीण लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, औपचारिक रूप से शुरू हो चुका है! राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक धमाकेदार प्रेसवार्ता आयोजित कर पूरे चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही, प्रदेश के 12 जिलों में…

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