Samay

नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) - दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने के कारणों और कैश मिलने की कड़ी को जोड़ा जा रहा है। जस्टिस वर्मा, उनके घरेलू कर्मचारी, परिवार के सदस्य और दिल्ली फायर सर्विस की टीम इस जांच के दायरे में आ गई है। कैसे हुआ कैश कांड का खुलासा? दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज यशवंत वर्मा के आवास पर 14 मार्च 2025 को अचानक आग लगने की खबर सामने आई थी। इस आगजनी के बाद कैश बरामदगी का मामला उजागर हुआ, जिसने प्रशासन और न्याय व्यवस्था में हलचल मचा दी। जस्टिस वर्मा का कहना है कि आग लगने के वक्त वह घर पर मौजूद नहीं थे और किसी व्यक्तिगत कारण से दिल्ली से बाहर थे। उनके मुताबिक, घर में सिर्फ उनके परिवार के सदस्य और सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। जिस कमरे में आग लगी, वह एक स्टोर रूम था, जहां कथित रूप से बड़ी मात्रा में कैश रखा गया था। इस आग के बाद वहां से जले हुए नोटों के बंडल मिलने की खबर सामने आई, जिसने इस मामले को और पेचीदा बना दिया। फायर ब्रिगेड के बदलते बयान, बढ़ता संदेह दिल्ली फायर ब्रिगेड प्रमुख के बदलते बयानों ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया है। आमतौर पर आग लगने के बाद फायर सर्विस द्वारा कारणों की जांच की जाती है, लेकिन इस मामले में फायर टीम पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। आमतौर पर आगजनी की घटनाओं में शॉर्ट सर्किट, बीड़ी-सिगरेट, किसी ज्वलनशील पदार्थ के कारणों का खुलासा होता है, लेकिन जस्टिस वर्मा के घर में हुई आग के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार, जिस कमरे में आग लगी, वहां कोई एयर कंडीशनर, स्विच बोर्ड या हाई वोल्टेज उपकरण नहीं था, जिससे शॉर्ट सर्किट होने की संभावना कम लगती है। क्या यह महज संयोग था या साजिश? इस मामले में अब कई सवाल खड़े हो गए हैं – आखिर आग अपने आप लगी या किसी ने जानबूझकर लगाई? क्या यह कैश किसी अपराध से जुड़ा हुआ था? दिल्ली फायर सर्विस इस बारे में खुलकर कुछ क्यों नहीं कह रही? सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय कमेटी इस केस की हर एंगल से जांच कर रही है। यह भी पता चला है कि कुछ सुरक्षा कैमरा फुटेज गायब हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि कहीं यह सुनियोजित साजिश तो नहीं थी। पुलिस जांच और हाई-प्रोफाइल कनेक्शन इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने भी अपनी जांच तेज कर दी है। जांच के दायरे में कुछ हाई-प्रोफाइल लोग भी शामिल हो सकते हैं। यह भी पता चला है कि पुलिस अधिकारियों के कुछ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिससे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ बैंकिंग ट्रांजैक्शन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, कई अधिकारियों और कर्मचारियों से गुप्त रूप से पूछताछ की जा रही है। क्या कहती है सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी? सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम इस बात की जांच कर रही है कि आगजनी और कैश बरामदगी का आपस में कोई संबंध है या नहीं। इसके लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट और फायर डिपार्टमेंट की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अगर यह साबित होता है कि आग लगाई गई थी, तो इसमें कई बड़े नामों के शामिल होने की संभावना है। इस पूरे प्रकरण पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला ले सकते हैं। नेताओं और कानून विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं इस पूरे मामले पर नेताओं और कानून विशेषज्ञों की भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग इसे न्यायिक भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह जस्टिस वर्मा के खिलाफ एक राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस मामले की तेजी से जांच करने की मांग की है, वहीं विपक्षी दलों ने इस घटना को गंभीर न्यायिक संकट करार दिया है। कैश कांड जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी रहस्यमयी आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कैश कांड की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन दिल्ली फायर सर्विस की खामोशी और पुलिस की गहन जांच इस केस को और भी पेचीदा बना रही है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगी या लगाई गई? फायर सर्विस की खामोशी ने बढ़ाया संदेह

नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश कांड का रहस्य गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए आग लगने…

Read More
जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा) उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कालिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की। बैठक में मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यान और कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, जैविक खेती, जल संरक्षण और सरकारी अनुदान योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। कृषि को उन्नत बनाने के लिए दी गई जानकारी गोष्ठी के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों, उर्वरकों के संतुलित उपयोग, फसल चक्र, जल संरक्षण, और मृदा परीक्षण के महत्व को समझाया। अधिकारियों ने बताया कि सही तकनीकों को अपनाने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है। विशेषज्ञों ने मत्स्य पालन और पशुपालन पर भी चर्चा की, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए इन्हें सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ड्रिप इरीगेशन योजना और जैविक खेती मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया गोष्ठी में उपस्थित किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। कुछ किसानों ने कीट नियंत्रण, मिट्टी की उर्वरता, बाजार में फसलों के उचित मूल्य और ऋण सुविधाओं से जुड़ी समस्याएँ साझा कीं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनकी शंकाओं का समाधान किया और सुझाव दिए कि किसान समय-समय पर मृदा परीक्षण कराएँ, फसल विविधीकरण को अपनाएँ और तकनीक-आधारित खेती को बढ़ावा दें। पाँच प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित इस अवसर पर पाँच प्रगतिशील किसानों को उनके कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी नवाचार-आधारित खेती और उन्नत तकनीकों के सफल उपयोग के लिए प्रदान किया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। गोष्ठी में मौजूद प्रमुख व्यक्ति गोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे: मुख्तार सिंह (आत्मा परियोजना के अध्यक्ष), प्रेम सिंह सहोता (किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष), दर्शन सिंह देवल, शीतल सिंह चौधरी, किशन सिंह, सुरजीत सिंह ढिल्लों, सुरेंद्र सिंह, बिर्मल सिंह, सतपाल सिंह, गुरनाम सिंह, रवि साहनी, निशांत सिंह, महल सिंह, संजीव चौधरी, हरजिंदर सिंह, राजू सहोता। किसानों के लिए फायदेमंद रही गोष्ठी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों ने इसे बेहद उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गोष्ठियाँ नई तकनीकों को सीखने, सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने और अपनी खेती को अधिक लाभदायक बनाने में मदद करती हैं। प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभ उठा सकें। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को दोगुना करना है। इस किसान गोष्ठी ने न केवल किसानों को तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर खेती की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया।

जसपुर के कलिया वाला में किसान गोष्ठी का आयोजन, उन्नत खेती पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

जसपुर, 28 मार्च (समय बोल रहा) उत्तराखंड के जसपुर स्थित ग्राम कलिया वाला में आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी एवं प्रशिक्षण बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता द्वारा किया गया, जबकि इसकी अध्यक्षता तहसीलदार शुभांगी सिंह ने की। बैठक में…

Read More
काशीपुर 28 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर में माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला 30 मार्च से 27 अप्रैल तक आयोजित होगा। इस वार्षिक मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाओं, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेले को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाया जाए। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, लगेगा CCTV नेटवर्क काशीपुर में आयोजित माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेले के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए CCTV कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। मेले में 40 होमगार्ड, 70 पीआरडी कर्मी और महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। साथ ही, पुलिस और अग्निशमन विभाग की अस्थायी चौकियां बनाई जाएंगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रशासन ने चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मेले में एम्बुलेंस, डॉक्टरों की टीम और प्राथमिक उपचार केंद्रों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। रैन बसेरों और स्वच्छता का रखा जाएगा ध्यान चैती मेले के दौरान रैन बसेरों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। साफ-सफाई और शौचालयों की उचित व्यवस्था के लिए प्रशासन ने विशेष दल तैनात किए हैं। अग्निशमन और आपातकालीन व्यवस्थाएं होंगी सख्त जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने निर्देश दिए हैं कि दुकानदारों को अपनी दुकानों में अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य होगा ताकि किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना को रोका जा सके। सरकारी योजनाओं का होगा प्रचार-प्रसार माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि प्रशासन इसे विभिन्न विकासपरक सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का भी मंच बनाएगा। मेलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। प्रशासनिक बैठक में लिए गए अहम फैसले मेले की तैयारियों को लेकर हुई प्रशासनिक बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार जोशी, एसपी काशीपुर अभय सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी बीएस रावत, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की और अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी अमित भारती सहित कई अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और मेले को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए। श्रद्धालुओं को मिलेगा धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव काशीपुर का चैती मेला उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जहां हजारों श्रद्धालु माँ बाल सुंदरी देवी के दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा, मेले में लोक संस्कृति, हस्तशिल्प, झूले और पारंपरिक व्यंजन भी आकर्षण का केंद्र होते हैं। काशीपुर में 30 मार्च से 27 अप्रैल तक चलने वाले चैती मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि यह मेला

30 मार्च से 27 अप्रैल तक चलेगा चैती मेला, प्रशासन ने की पुख्ता तैयारी

काशीपुर 28 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के काशीपुर में माँ बाल सुंदरी देवी चैती मेला 30 मार्च से 27 अप्रैल तक आयोजित होगा। इस वार्षिक मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाओं, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को लेकर विशेष इंतजाम…

Read More
उत्तर प्रदेश 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने शराबी पति को धमकी दी कि अगर उसने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो वह उसे भी ‘मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।’ यह घटना मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके की है और हाल ही में हुए चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड से जुड़ी हुई लगती है। पति को मिली डरावनी धमकी इस घटना में बबलू कुमार नाम के व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी ने उसे न केवल शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई बल्कि उसे मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की तरह ड्रम में बंद करने की धमकी भी दी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सौरभ राजपूत की उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने हत्या कर दी थी और उसके शव को सीमेंट से भरे ड्रम में बंद कर दिया था। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बबलू कुमार शराब का आदी है और इसी वजह से उसके वैवाहिक जीवन में अक्सर तनाव बना रहता था। रविवार रात को जब वह नशे में घर लौटा, तो उसकी पत्नी से उसकी कहासुनी हो गई। इस झगड़े के दौरान पत्नी ने कथित तौर पर बबलू का हाथ काट दिया और अगले दिन उसे ईंट से मारने की धमकी दी। ड्रम में डालने की धमकी से कांप उठा बबलू बबलू ने बताया कि जब उसने इस घटना की शिकायत पुलिस में करने की कोशिश की, तो उसकी पत्नी उससे पहले ही पुलिस स्टेशन पहुंच गई और शिकायत दर्ज नहीं होने दी। सोशल मीडिया पर वायरल एक अनवेरिफाइड वीडियो में बबलू कहता नजर आ रहा है कि 'जब मैं सुबह देर से उठा, तो मेरी पत्नी ने मुझे ईंट से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसने मुझे मारा और फिर कहा कि अगर मैंने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं, तो वह मुझे मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।' पुलिस में शिकायत के बाद भी समझौता कंकरखेड़ा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) विनय कुमार ने बताया कि इस घटना के बाद बबलू और उसकी पत्नी पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। लेकिन उन्होंने आपसी समझौता कर लिया और कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई। पुलिस ने भी दोनों को समझाकर घर भेज दिया। मुस्कान हत्याकांड की गूंज अभी बाकी यह मामला हाल ही में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड की वजह से अधिक सुर्खियों में आया। बता दें कि मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर की थी। हत्या के बाद शव को सीमेंट से भरे ड्रम में डाल दिया गया था ताकि कोई सुबूत न मिले। इस घटना के बाद से पूरे राज्य में ड्रम हत्याकांड की चर्चा होने लगी है। इस बीच मेरठ में घटी इस नई घटना ने लोगों में और अधिक सनसनी फैला दी है। पति-पत्नी के रिश्तों में बढ़ती हिंसा विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मेरठ की इस घटना से यह भी साफ हो गया कि अब रिश्तों में गुस्सा और प्रतिशोध इतना बढ़ गया है कि लोग एक-दूसरे को मारने की धमकी तक देने लगे हैं। सोशल मीडिया पर मीम्स और चर्चाएं इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इसे वैवाहिक संबंधों में बढ़ते तनाव का उदाहरण बताया, तो कुछ ने इस पर मजाकिया मीम्स भी शेयर किए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'अब तो झगड़ों में भी लोग ड्रम की धमकी देने लगे हैं, सच में मुस्कान हत्याकांड का बहुत असर हुआ है!' वहीं, कुछ लोगों ने इसे गंभीर घरेलू हिंसा का मामला बताया और कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया मेरठ पुलिस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की जाती है, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। हालांकि, इस मामले में अभी तक किसी भी पक्ष ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। क्या यह चेतावनी का संकेत है? विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना समाज में बढ़ती हिंसा और पारिवारिक विवादों का एक और उदाहरण है। मुस्कान हत्याकांड की तरह इस मामले को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि पति-पत्नी के रिश्तों में ऐसी धमकियां आम होने लगीं, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। घटना मेरठ की यह घटना दर्शाती है कि वैवाहिक जीवन में तनाव और हिंसा किस हद तक बढ़ सकती है। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन यह घटना समाज में बढ़ते घरेलू विवादों की ओर इशारा करती है। पुलिस को भी ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके

“तेरे टुकड़े कर ड्रम में भर दूंगी, कर दूंगी सौरभ जैसा हाल”: शराबी पति को पत्नी ने दी ‘मुस्कान’ जैसी धमकी!

उत्तर प्रदेश 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने शराबी पति को धमकी दी कि अगर उसने अपना व्यवहार नहीं बदला, तो वह उसे भी ‘मुस्कान की तरह ड्रम में डाल देगी।’ यह घटना मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके…

Read More
दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है नया नियम? भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, अब किसी भी बैंक के ग्राहक मुफ्त लेन-देन की निर्धारित सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त शुल्क चुकाएंगे। नए नियम के तहत: मासिक मुफ्त लेन-देन की सीमा – किसी भी बैंक के ग्राहकों को मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 बार तक मुफ्त निकासी की सुविधा मिलेगी। अतिरिक्त निकासी पर शुल्क – निर्धारित सीमा के बाद प्रति ट्रांजेक्शन ₹23 तक का शुल्क लिया जाएगा। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन – बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं के लिए भी एक निश्चित संख्या तक मुफ्त सुविधा होगी, इसके बाद चार्ज लिया जाएगा। ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर? इस नए नियम के लागू होने से उन ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, जो बार-बार एटीएम से नकद पैसे निकालते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और लोग कैशलेस लेन-देन की ओर प्रेरित होंगे। क्यों लिया गया यह फैसला? आरबीआई ने कहा है कि एटीएम के रखरखाव की बढ़ती लागत और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस फैसले से बैंकों को एटीएम के संचालन में मदद मिलेगी और डिजिटल ट्रांजेक्शन को भी बढ़ावा मिलेगा। महत्वपूर्ण बातें – जानिए नए नियम की मुख्य बातें मेट्रो शहरों में: 3 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। गैर-मेट्रो शहरों में: 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद ₹23 प्रति निकासी। नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन: फ्री लिमिट पार होने पर अतिरिक्त शुल्क। राशि निकालने की सीमा: एक बार में अधिकतम ₹25,000 तक की निकासी संभव। ग्राहकों के लिए सुझाव डिजिटल पेमेंट का अधिक इस्तेमाल करें। मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा को समझकर ही एटीएम से पैसे निकालें। नेट बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाओं का लाभ उठाएं। आरबीआई के नए नियम 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। अतः ग्राहक अपने बैंक की नीतियों को समझकर ही नकद निकासी करें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। समय बोल रहा से विशेष रिपोर्ट।

एटीएम से पैसे निकालने पर अब लगेगा अतिरिक्त शुल्क – जानिए नए नियम

दिल्ली, 27 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से नकद निकासी पर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। क्या है…

Read More
नई दिल्ली  26 मार्च 2025 (समय बोल रहा) नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल के तहत, आने वाले वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्रुटि-मुक्त बनाने में योगदान दे सकें। प्रशिक्षण का उद्देश्य इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को उनकी जिम्मेदारियों और निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराना है। बीएलओ मतदाता पंजीकरण और निर्वाचन सूची को अपडेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 समेत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत बीएलओ को आईटी अनुप्रयोगों के उपयोग, मतदाता सत्यापन प्रक्रिया और फॉर्म भरने की तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि-मुक्त कर सकें। प्रशिक्षण की प्रमुख बातें: देशभर में 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के बीएलओ को शामिल किया गया है। प्रशिक्षित बीएलओ को विधानसभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) के रूप में तैयार किया जाएगा। निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया जाएगा। इस समय, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ सहित 24 ईआरओ और 13 डीईओ इस दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया और मतदाताओं के बीच पहला और सबसे महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने के लिए बीएलओ को जमीनी स्तर पर जाकर सत्यापन करना चाहिए और मतदाताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकारें एसडीएम स्तर या समकक्ष अधिकारियों को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) के रूप में नामित करें और बीएलओ की नियुक्ति में स्थानीयता और वरिष्ठता का ध्यान रखें। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार, भारत के वे नागरिक ही मतदाता बन सकते हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) सर्वदलीय बैठकें आयोजित करें, निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करें और अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों का निपटारा करें। निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बीएलओ नेटवर्क को मजबूत करने और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत बीएलओ को न केवल अपने दायित्वों के बारे में जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर विधान सभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) भी बनाया जाएगा, जो अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करने में सहायक होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि ईआरओ और बीएलओ के खिलाफ किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ की भूमिका और प्रशिक्षण की जरूरत बीएलओ वे राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) की स्वीकृति के बाद निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनका मुख्य कार्य निर्वाचन सूची को अपडेट करना और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को निष्पक्ष और प्रभावी बनाना होता है। कई बार बीएलओ को अपने कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में, जहां लोगों के पते बार-बार बदलते रहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बीएलओ को तकनीकी और कानूनी ज्ञान के साथ-साथ डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की कुशलता भी सिखाई जाएगी। अगले कुछ वर्षों में विस्तारित होगा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत हर 10 मतदान केंद्रों पर औसतन एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे देशभर में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय और सटीक बनाना है। यह प्रशिक्षण न केवल बीएलओ को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा, बल्कि देशभर में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 1 लाख से अधिक बीएलओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल के तहत, आने वाले वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्रुटि-मुक्त बनाने में योगदान दे सकें। प्रशिक्षण का उद्देश्य इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को उनकी जिम्मेदारियों और निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराना है। बीएलओ मतदाता पंजीकरण और निर्वाचन सूची को अपडेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 समेत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत बीएलओ को आईटी अनुप्रयोगों के उपयोग, मतदाता सत्यापन प्रक्रिया और फॉर्म भरने की तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि-मुक्त कर सकें। प्रशिक्षण की प्रमुख बातें: देशभर में 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के बीएलओ को शामिल किया गया है। प्रशिक्षित बीएलओ को विधानसभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) के रूप में तैयार किया जाएगा। निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया जाएगा। इस समय, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ सहित 24 ईआरओ और 13 डीईओ इस दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया और मतदाताओं के बीच पहला और सबसे महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने के लिए बीएलओ को जमीनी स्तर पर जाकर सत्यापन करना चाहिए और मतदाताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकारें एसडीएम स्तर या समकक्ष अधिकारियों को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) के रूप में नामित करें और बीएलओ की नियुक्ति में स्थानीयता और वरिष्ठता का ध्यान रखें। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार, भारत के वे नागरिक ही मतदाता बन सकते हैं, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) सर्वदलीय बैठकें आयोजित करें, निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करें और अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों का निपटारा करें। निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बीएलओ नेटवर्क को मजबूत करने और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत बीएलओ को न केवल अपने दायित्वों के बारे में जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर विधान सभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) भी बनाया जाएगा, जो अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करने में सहायक होंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि ईआरओ और बीएलओ के खिलाफ किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ की भूमिका और प्रशिक्षण की जरूरत बीएलओ वे राज्य सरकार के कर्मचारी होते हैं जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) की स्वीकृति के बाद निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनका मुख्य कार्य निर्वाचन सूची को अपडेट करना और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को निष्पक्ष और प्रभावी बनाना होता है। कई बार बीएलओ को अपने कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में, जहां लोगों के पते बार-बार बदलते रहते हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से बीएलओ को तकनीकी और कानूनी ज्ञान के साथ-साथ डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की कुशलता भी सिखाई जाएगी। अगले कुछ वर्षों में विस्तारित होगा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत हर 10 मतदान केंद्रों पर औसतन एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे देशभर में मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया अधिक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक विश्वसनीय और सटीक बनाना है। यह प्रशिक्षण न केवल बीएलओ को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक जागरूक बनाएगा, बल्कि

निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार 1 लाख से अधिक बीएलओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

नई दिल्ली  26 मार्च 2025 (समय बोल रहा) नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने किया। इस पहल…

Read More
उत्तर प्रदेश , 25 मार्च 2025 (समय बोल रहा) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक छोटे से जूस विक्रेता मोहम्मद रहीस को इनकम टैक्स विभाग से 7 करोड़ 79 लाख रुपये का नोटिस मिला। इस नोटिस के बाद उनका पूरा परिवार सदमे में है और बेहद परेशान है। अलीगढ़: छोटे दुकानदार को बड़ा झटका छोटी सी दुकान, बड़ा टैक्स नोटिस सराय रहमान इलाके में रहने वाले मोहम्मद रहीस अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं और एक छोटी सी जूस की दुकान चलाते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है और उनका गुजारा इस दुकान से ही चलता है। लेकिन कुछ दिन पहले उन्हें आयकर विभाग की ओर से एक बड़ा नोटिस मिला, जिसमें उन्हें 7.79 करोड़ रुपये का बकाया टैक्स भरने के लिए कहा गया। परिवार हुआ सदमे में मोहम्मद रहीस की पत्नी हिना का कहना है कि इस नोटिस के बाद से पूरा परिवार सदमे में है और समझ नहीं पा रहा कि यह सब कैसे हुआ। उन्होंने कहा, "हम गरीब लोग हैं, मेरे पति जूस की छोटी सी दुकान चलाते हैं। हमारे पास इतना पैसा नहीं है, फिर हमें इतनी बड़ी रकम भरने का नोटिस क्यों भेजा गया?" कैसे आया इतना बड़ा नोटिस? परिवार का कहना है कि न तो उनकी आमदनी इतनी ज्यादा है और न ही उन्होंने कभी इतनी बड़ी रकम का लेन-देन किया है। फिर भी उन्हें इतनी बड़ी रकम भरने का नोटिस मिलना उनके लिए किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है। क्या कह रहे हैं मोहल्ले के लोग? मोहल्ले के लोगों ने भी इस घटना पर आश्चर्य और चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद रहीस एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति हैं, जो दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। इस तरह का नोटिस मिलना किसी के भी लिए चौंकाने वाला और परेशान करने वाला हो सकता है। जांच की मांग मोहम्मद रहीस और उनके परिवार ने इस मामले की पूरी जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि कोई गलती या धोखाधड़ी हुई होगी, जिससे उनका नाम इस नोटिस में आया है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। आयकर विभाग की प्रतिक्रिया इस मामले में जब आयकर विभाग से जानकारी लेने की कोशिश की गई, तो अधिकारियों ने कहा कि जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह नोटिस गलती से गया है या फिर इसमें कोई अन्य कारण है।

7.79 करोड़ का इनकम टैक्स नोटिस मिलने से सदमे में जूस विक्रेता का परिवार

उत्तर प्रदेश , 25 मार्च 2025 (समय बोल रहा) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक छोटे से जूस विक्रेता मोहम्मद रहीस को इनकम टैक्स विभाग से 7 करोड़ 79 लाख रुपये का नोटिस मिला। इस नोटिस के बाद उनका पूरा परिवार सदमे में है और बेहद परेशान…

Read More
जसपुर ,24 मार्च 2025 (समय बोल रहा) भाजपा सरकार के गौरवशाली तीन वर्ष पूर्ण होने पर बहुउद्देशीय एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 400 से अधिक मरीजों का पंजीकरण कर उनका परीक्षण किया गया, साथ ही 60 शिकायतें दर्ज हुईं। सेवा, सुशासन और विकास को समर्पित शिविर आज मंडी समिति परिसर में सेवा, सुशासन और विकास के अंतर्गत भाजपा सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बहुउद्देश्यीय एवं चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में सड़क निर्माण, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, वृद्धा पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं, विद्युत विभाग, उद्योग विभाग, पंचायतीराज, एवं राजस्व विभाग से संबंधित शिकायतों का समाधान किया गया। चिकित्सा शिविर में व्यापक भागीदारी चिकित्सा शिविर में 400 से अधिक मरीजों का पंजीकरण किया गया। मरीजों का उपचार किया गया और उन्हें आवश्यक सलाह, निःशुल्क दवाइयां एवं जांच सेवाएं प्रदान की गईं। कार्यक्रम का शुभारंभ एवं मुख्य अतिथि का संबोधन कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जा मंत्री) कैलाश पंत ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में दर्जा मंत्री कैलाश पंत ने कहा कि सेवा, सुशासन और समग्र विकास के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने तीन वर्ष सफलता पूर्वक पूरे किए हैं। यह तीन वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के लिए समर्पित रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनमें समान नागरिक संहिता (UCC), सख्त नकलरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन का नया अध्याय लिखा है। भाजपा सरकार की 3 वर्ष की प्रमुख उपलब्धियां ✅ समान नागरिक संहिता (UCC) का क्रियान्वयन ✅ सख्त नकलरोधी, धर्मांतरण और दंगारोधी कानून ✅ रोड, रेल और रोपवे निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार ✅ धार्मिक स्थलों का पुनर्विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा ✅ स्थानीय उत्पादों का प्रमोशन और 20 हजार युवाओं को नौकरियां ✅ होम स्टे योजना से स्वरोजगार को बढ़ावा ✅ छात्रवृत्ति योजनाएं, खेल एवं खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं ✅ स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य और आयुष्मान योजना का विस्तार मैराथन दौड़ और सम्मान समारोह शिविर से पहले खंड विकास कार्यालय से मंडी समिति तक मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सरकारी विभागों ने स्टॉल लगाकर दी जानकारी शिविर में सभी सरकारी विभागों ने स्टॉल लगाए, जहां जनता को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और योजनाओं के फॉर्म भरवाए गए। गणमान्य लोगों की उपस्थिति एसडीएम चतर सिंह चौहान ने अतिथियों का अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज पाल, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार,पूर्व सांसद प्रतिनिधि रवि साहनी किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता, पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल, खड़क सिंह चौहान, सीडीपीओ इंदिरा बरगली, सुपरवाइजर अंबिका चौधरी, डॉ. एमपी सिंह, सुरेंद्र चौहान, बलराम तोमर, कमल चौहान, ब्लॉक प्रमुख गुरताज भुल्लर, मनप्रीत लाडी, गौतम गोस्वामी, पालिकाध्यक्ष नौशाद सम्राट, गायत्री देवी, सुधीर बिश्नोई, राजकुमार गुम्बर , राजकुमार चौहान, मनप्रीत सिंह लाड़ी , राजेश यादव ,शीतल जोशी उमा बिश्नोई, अनीता पवार, सोनिका चौहान, मोहिनी शर्मा, सनी पधान, नीरज उर्फ रुबी रानी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। एवं कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

भाजपा सरकार के 3 वर्ष पूर्ण होने पर जसपुर में बहुउद्देश्यीय शिविर का भव्य आयोजन

जसपुर ,24 मार्च 2025 (समय बोल रहा) भाजपा सरकार के गौरवशाली तीन वर्ष पूर्ण होने पर बहुउद्देशीय एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 400 से अधिक मरीजों का पंजीकरण कर उनका परीक्षण किया गया, साथ ही 60 शिकायतें दर्ज हुईं। सेवा, सुशासन और विकास को समर्पित शिविर आज मंडी समिति परिसर में सेवा,…

Read More

नैनीताल झील का जल स्तर तेजी से घटा – पर्यावरण और पर्यटन पर संकट के बादल

नैनीताल, 24 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध नैनीताल झील इन दिनों जल संकट का सामना कर रही है। झील का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जल स्तर में गिरावट के कारण झील के किनारे डेल्टा (रेत…

Read More
WhatsApp Image 2025 01 18 at 20.56.09 1

रुद्रपुर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 24 मार्च को करेंगे जनपद भ्रमण, रोड शो और जनसभा में रखेंगे सरकार की उपलब्धियां

रुद्रपुर, 23 मार्च 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 24 मार्च, सोमवार को एक दिवसीय जनपद भ्रमण पर रुद्रपुर पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे गल्ला मंडी से रोड शो करेंगे और गांधी पार्क में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। यह दौरा सरकार के सेवा, सुशासन और विकास…

Read More