Samay

जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) टीम ने शहर के सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक छापेमार कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अनियमितताएं पाई गईं, वहीं कुछ केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक रहीं। जिन केंद्रों में कागजी खामियां मिलीं, उन्हें जल्द सुधार करने की चेतावनी दी गई है। इस कार्रवाई का नेतृत्व पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने किया। उनके साथ टीम में जिला समन्वयक प्रदीप महर, राजस्व उपनिरीक्षक नीरज जोशी, प्रदीप चंद्र चौबे सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अमृत चिकित्सालय में फॉर्म F में खामियां कार्रवाई की शुरुआत अमृत चिकित्सालय से हुई। यहां टीम को अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर अवकाश पर मिले। केंद्र में कुल चार अल्ट्रासाउंड मशीनें पंजीकृत हैं, जिनमें से एक पोर्टेबल मशीन खराब होने के कारण पहले ही सील की जा चुकी है। निरीक्षण के दौरान Form F में कई प्रकार की कमियां देखी गईं। टीम ने अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि फॉर्म भरने में लापरवाही न बरती जाए और रिकॉर्ड को सही तरीके से व्यवस्थित रखा जाए। HB हॉस्पिटल में भी पोर्टेबल मशीन की स्थिति खराब इसके बाद टीम HB हॉस्पिटल पहुंची, जहां एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन खराब हालत में पाई गई। अस्पताल प्रशासन ने अनुरोध किया कि मशीन को अस्थायी रूप से सील कर दिया जाए, जिस पर टीम ने सहमति जताई और मशीन को सील कर दिया गया। चरवी चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं, मशीन पहले से सील चरवी चिकित्सालय में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण पूर्व में अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी गई थी। निरीक्षण टीम ने इस केंद्र का भी दौरा किया और सील की गई मशीन का निरीक्षण किया। टीम ने केंद्र संचालक को निर्देश दिया कि जब तक योग्य अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं होती, तब तक मशीन का उपयोग नहीं किया जाए। साथ ही, डॉक्टर की नियुक्ति के बाद नए सिरे से आवेदन देने को कहा गया। अन्य केंद्रों की व्यवस्था रही दुरुस्त पंत अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, SBR अल्ट्रासाउंड केंद्र और श्रीराम नर्सिंग होम जैसे अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। कागजी कार्रवाई, मशीनों की स्थिति और फॉर्म F का रखरखाव इन संस्थानों में अपेक्षाकृत बेहतर मिला। टीम ने दी चेतावनी डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सख्त मानकों का पालन करना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन केंद्रों में खामियां पाई गई हैं, उन्हें जल्द से जल्द सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि अगली जांच में भी अनियमितताएं पाई गईं तो संबंधित केंद्रों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से मचा हड़कंप इस छापेमारी के बाद शहर के अल्ट्रासाउंड केंद्रों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को भ्रूण लिंग जांच की रोकथाम के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। टीम का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नियमित अंतराल पर निरीक्षण किया जाएगा। पीसीपीएनडीटी अधिनियम की भूमिका गौरतलब है कि पीसीपीएनडीटी एक्ट भारत सरकार द्वारा 1994 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य भ्रूण में लिंग जांच को रोकना है। इसके तहत कोई भी अल्ट्रासाउंड केंद्र गर्भस्थ शिशु के लिंग की जानकारी नहीं दे सकता और इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। इस अधिनियम का सख्ती से पालन कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई इस छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग भ्रूण लिंग जांच जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पूरी तरह गंभीर है और कागजी कार्रवाई में कोताही बरतने वाले केंद्रों को अब सतर्क रहना होगा।

शहर में पीसीपीएनडीटी टीम की छापेमारी: 7 अल्ट्रासाउंड केंद्रों में मिली अनियमितताएं, कागजी खामियों पर दी गई सख्त हिदायतें

रुद्रपुर  24 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) टीम ने शहर के सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक छापेमार कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अनियमितताएं पाई गईं, वहीं कुछ केंद्रों में व्यवस्थाएं संतोषजनक रहीं। जिन केंद्रों में कागजी…

Read More
धानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – "आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा" नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया: "देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अब हर मंच पर जवाब मिलेगा।" 1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि, जिसे भारत ने दशकों तक निभाया, अब स्थगित कर दी गई है। CCS के फैसले के अनुसार यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसेमंद तरीके से समाप्त नहीं करता। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है। 2. अटारी चेकपोस्ट को बंद किया गया भारत-पाकिस्तान के बीच आवाजाही और व्यापार का प्रमुख केंद्र अटारी एकीकृत चेकपोस्ट अब बंद कर दिया गया है। CCS के अनुसार, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से लौटने की अनुमति होगी। इसके बाद चेकपोस्ट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 3. पाकिस्तानियों के लिए वीजा छूट योजना रद्द SAARC वीजा छूट योजना के तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतीत में जारी सभी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, जो पाकिस्तानी नागरिक इस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। 4. पाकिस्तानी उच्चायोग से रक्षा सलाहकार निष्कासित नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना, वायुसेना और सैन्य सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" (Persona non grata) घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यह कदम भारत की तीव्र असहमति और आक्रोश का प्रतीक माना जा रहा है। 5. भारत ने इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को बुलाया वापस CCS ने यह भी निर्णय लिया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया जाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को अब स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य-राजनयिक रिश्तों में एक नई दूरी का संकेत है। मोदी सरकार का स्पष्ट संदेश: "अब सहन नहीं करेंगे" प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बाद अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, "भारत अब आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा—राजनयिक, आर्थिक और सामरिक। देशवासियों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा।" विशेषज्ञों की राय: कूटनीतिक दबाव और वैश्विक मंच पर आक्रामकता बढ़ेगी विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ेगा। सिंधु जल संधि की स्थगन से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर असर पड़ेगा, वहीं वीज़ा नीति में बदलाव और सैन्य सलाहकारों की वापसी से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख और स्पष्ट होगा। प्रभावी जवाब प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में लिए गए इन फैसलों ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब हर प्रकार के आतंकी हमले का निर्णायक और प्रभावी जवाब देगा। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि कार्रवाई की शुरुआत है।

पाकिस्तान को करारा जवाब: CCS की आपात बैठक में ऐतिहासिक फैसले, सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, मोदी सरकार का बड़ा एक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – “आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28…

Read More
काशीपुर, 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऊधमसिंह नगर जनपद के काशीपुर क्षेत्र में 1127.52 लाख रुपये की लागत से निर्मित विकास परियोजनाओं का लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने काशीपुर में सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय भवन, ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक समेत अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने जयतपुर से धनौरी मार्ग के निर्माण के लिए 1013.95 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित सड़क योजना की भी घोषणा की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड कृषि विपणन बोर्ड द्वारा निर्मित सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (ARTO) कार्यालय भवन काशीपुर का लोकार्पण किया, जिसकी लागत 817.68 लाख रुपये है। साथ ही ऋषिकेश ट्रैक (233.86 लाख रुपये) और हरिद्वार ट्रैक (75.98 लाख रुपये) का भी उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने ट्रैक का भौतिक निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को सड़क सुरक्षा नियमों को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए। जनता को समर्पित की गईं एम्बुलेंस और वाटर कूलर सेवाएं मुख्यमंत्री ने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के अंतर्गत 8 वाटर कूलर और एक एम्बुलेंस सेवा का लोकार्पण करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधा से जुड़े हर आयाम को प्राथमिकता देना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है और इसके लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, मोबाइल सॉफ्टवेयर HAMS और आईडीटीआर जैसे तकनीकी उपाय लागू किए जा रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन कार्यालयों को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा रहा है ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। पहलगाम आतंकी हमले की निंदा मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 28 से अधिक लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता देश के साथ खड़ी है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं देश की एकता और अखंडता को तोड़ नहीं सकतीं। काशीपुर के विकास की ओर तेजी से कदम मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में काशीपुर में लगभग 1950 करोड़ रुपये की योजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सड़कें, पार्किंग और औद्योगिक हब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐतिहासिक चैती मंदिर को मानसखंड कॉरिडोर से जोड़ने की दिशा में कार्य तेज गति से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता युवाओं को रोजगार, किसानों को साधन, महिलाओं को सुरक्षा और आम जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। युवाओं से की ट्रैफिक नियमों के पालन की अपील मुख्यमंत्री ने युवाओं से रैश ड्राइविंग से बचने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जीवन अनमोल है और एक छोटी सी लापरवाही पूरे परिवार को संकट में डाल सकती है। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। प्रमुख जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, काशीपुर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, महापौर दीपक बाली, पूर्व विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज पाल, पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा, रवि साहनी ,प्रकाश नेगी, रुद्रपुर महापौर विकाश शर्मा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुंडेश्वरी स्थित साईं पब्लिक स्कूल पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्व विधायक स्वर्गीय कैलाश गहतोड़ी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा नेता खिलेन्द्र चौधरी के पुत्र के विवाह समारोह में पहुंचकर आशीर्वाद भी दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर को दी 1127.52 लाख की परियोजनाओं की सौगात, बोले – विकास ही हमारी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर को दी 1127.52 लाख की परियोजनाओं की सौगात, बोले – विकास ही हमारी प्राथमिकताकाशीपुर, 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऊधमसिंह नगर जनपद के काशीपुर क्षेत्र में 1127.52 लाख रुपये की लागत से निर्मित विकास परियोजनाओं का लोकार्पण कर…

Read More
अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की शांति को गहरी चोट पहुंचाई है। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। हमला कैसे हुआ? घटना दोपहर के समय उस वक्त हुई जब पर्यटक बाईसरण में घुड़सवारी, पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चार से छह की संख्या में आतंकी सेना की वर्दी पहनकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोगों ने जान बचाने के लिए पास के जंगलों में शरण ली। मृतक और घायल प्रशासन के मुताबिक, हमले में मारे गए 28 लोगों में 24 भारतीय पर्यटक, 2 स्थानीय निवासी और 2 विदेशी नागरिक शामिल हैं। घायलों को श्रीनगर और अनंतनाग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घायलों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और महाराष्ट्र के नागरिक शामिल हैं। आतंकी संगठन का बयान द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने एक ऑनलाइन बयान में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे ‘बाहरी बसावट’ के खिलाफ प्रतिरोध की कार्रवाई बताया। TRF ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भूमि और संसाधनों पर बाहरी लोगों का अधिकार बढ़ा है और यह हमला उसी का प्रतिरोध था। प्रधानमंत्री ने की आपात बैठक घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में रोक दी और दिल्ली लौटकर आपातकालीन सुरक्षा बैठक की। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है, इसका करारा जवाब दिया जाएगा।" गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत श्रीनगर पहुंचे और उच्चस्तरीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने एनआईए, रॉ और आईबी को मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। सुरक्षा बलों का जवाब हमले के बाद पहलगाम और आसपास के इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक 100 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि हमलावरों को स्थानीय मदद भी मिली थी। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हमला मानवता के खिलाफ अपराध है। पर्यटन उद्योग को झटका पहलगाम घाटी का यह हमला वहां के पर्यटन व्यवसाय के लिए एक बड़ा झटका है। कई टूरिस्ट एजेंसियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं और कई पर्यटक समय से पहले ही लौट रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के हमले कश्मीर की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और बेरोजगारी को बढ़ाते हैं। जनमानस में गुस्सा हमले के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की जा रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब बहुत हो गया, हम शांति चाहते हैं, न कि खून खराबा।” पहलगाम हमला पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अब भी कश्मीर की शांति और भारत की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा है। ऐसे में समय आ गया है कि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़े, ताकि फिर किसी निर्दोष की जान यूं न जाए।

पहलगाम आतंकी हमला: 28 पर्यटकों की हत्या से दहशत, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली जिम्मेदारी

अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) — पहलगाम आतंकी हमला ,जम्मू-कश्मीर के शांत और खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बाईसरण घास के मैदान में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले ने एक बार फिर…

Read More
रूद्रपुर, 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 23 अप्रैल 2025 को एक दिवसीय दौरे पर जनपद ऊधमसिंहनगर के काशीपुर क्षेत्र में आ रहे हैं। यह दौरा कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री इस दौरान न केवल काशीपुर में नव-निर्मित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का लोकार्पण करेंगे, बल्कि एक साथ कई तकनीकी व जनहितकारी योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे। दोपहर में काशीपुर आगमन, हेलीपैड पर होगा स्वागत मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर से आगमन बुधवार को दोपहर 1:05 बजे प्रस्तावित है। वह 12:35 बजे पीठसैंण, पौड़ी गढ़वाल से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान करेंगे और सीधे काशीपुर स्थित अस्थायी हेलीपैड (नव-निर्मित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय के समीप) पर उतरेंगे। यहां पर स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके स्वागत की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और प्रशासनिक अमला पूरी तरह से मुस्तैद है। परिवहन विभाग की योजनाओं को मिलेगी नई दिशा काशीपुर में मुख्यमंत्री श्री धामी नव-निर्मित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का उद्घाटन करेंगे, जो क्षेत्रवासियों को वाहन पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस तथा अन्य परिवहन संबंधी सेवाएं और अधिक सुलभ बनाएगा। इसके अतिरिक्त, वे आधुनिक तकनीक से युक्त ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का भी लोकार्पण करेंगे, जिससे ड्राइविंग टेस्ट की पारदर्शिता और गुणवत्ता में वृद्धि होगी। यह ट्रैक खासकर युवा ड्राइविंग अभ्यर्थियों के लिए काफी सहायक होगा, क्योंकि यहां बिना मानवीय हस्तक्षेप के ड्राइविंग टेस्ट की निगरानी की जा सकेगी। साथ ही, हरिद्वार और ऋषिकेश में निर्मित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैकों का वर्चुअल लोकार्पण भी मुख्यमंत्री द्वारा काशीपुर से ही किया जाएगा। CSR के तहत मिलेगी स्वास्थ्य और जल सुविधा मुख्यमंत्री धामी काशीपुर नगर क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में वाटर कूलर वितरण योजना और नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा की भी शुरुआत करेंगे। यह पहल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत की जा रही है, जिससे आमजन को गर्मियों में पीने के पानी की सुविधा मिलेगी और स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। इन योजनाओं को हरी झंडी दिखाकर फ्लैग ऑफ किया जाएगा। शैक्षिक संस्था और सामाजिक कार्यक्रम में भागीदारी दोपहर 2:05 बजे मुख्यमंत्री का काफिला कार द्वारा सांई पब्लिक स्कूल, कुण्डेश्वरी रोड के लिए प्रस्थान करेगा, जहां वे 2:15 बजे पहुंचेंगे। यह कार्यक्रम मुख्यतः स्थानीय छात्रों, शिक्षकों और सामाजिक प्रतिनिधियों से संवाद के लिए आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री यहां लगभग 45 मिनट तक रुकेंगे और शिक्षा व युवाओं से जुड़े मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। यह समय आरक्षित रखा गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री 3:00 बजे स्कूल से रवाना होकर 3:15 बजे रॉयल एन्क्लेव, निकट कलश मंडप, काशीपुर पहुंचेंगे, जहां एक स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों से संवाद की संभावना है। वापसी से पहले स्टेडियम हेलीपैड से प्रस्थान मुख्यमंत्री का काशीपुर दौरा शाम 3:45 बजे समाप्त होगा, जब वह स्टेडियम हेलीपैड, काशीपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे। इसके लिए 3:35 बजे वे रॉयल एन्क्लेव से रवाना होंगे। प्रशासनिक तैयारियां पूरी, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित विभागों द्वारा व्यापक तैयारियां की गई हैं। हेलीपैड से लेकर कार्यक्रम स्थलों तक सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। नगर निगम और परिवहन विभाग भी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। काशीपुर दौरा यह दौरा काशीपुर क्षेत्र के लिए विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। परिवहन, तकनीकी, स्वास्थ्य और जल सुविधाओं से जुड़े इन कार्यक्रमों से स्थानीय जनता को निश्चित रूप से लाभ पहुंचेगा।दोपहर 2:05 बजे मुख्यमंत्री का काफिला कार द्वारा सांई पब्लिक स्कूल, कुण्डेश्वरी रोड के लिए प्रस्थान करेगा | नव-निर्मित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का उद्घाटन करेंगे,|बल्कि एक साथ कई तकनीकी व जनहितकारी योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 अप्रैल को काशीपुर दौरे पर

रूद्रपुर, 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 23 अप्रैल 2025 को दौरे पर जनपद ऊधमसिंहनगर के काशीपुर क्षेत्र में आ रहे हैं। यह दौरा कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री इस दौरान न केवल काशीपुर में नव-निर्मित सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का लोकार्पण करेंगे,…

Read More
रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहरी विकास और यातायात सुधार के तहत लिया गया था, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ीकरण योजना को पूरी तरह से लागू किया जा सके। मजार का महत्व और उसकी स्थिति: मजार रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर वर्षों से स्थित थी, और स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए यह स्थल एक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित था। श्रद्धालु यहाँ चादर चढ़ाने, मन्नत मांगने और दुआ करने के लिए आते थे। इस मजार को लेकर स्थानीय लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे, और इसे कई दशकों पुराना मानते थे। मजार के विभिन्न नाम भी प्रचलित थे, जैसे "सेय्यद मासूम शाह मियां," "सज्जादा मियां," और "सत्य महू मियां," लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये सभी नाम एक ही मजार के संदर्भ में इस्तेमाल होते थे। प्रशासन का पक्ष और कार्रवाई: इंदिरा चौक पर सड़क के चौड़ीकरण की योजना का हिस्सा बनने के कारण मजार को हटाना आवश्यक हो गया था। प्रशासन ने बताया कि यह मजार सड़क के एक हिस्से पर बनी थी, जिससे यातायात की गति में रुकावट आ रही थी। इंदिरा चौक पर प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते हैं, और यहाँ ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग-74 का चौड़ीकरण कार्य यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था, लेकिन इस मजार के कारण कार्य में बाधा आ रही थी। जिला प्रशासन ने मजार को हटाने से पहले कई बार नोटिस जारी किए थे और संबंधित पक्षों को कानूनी प्रक्रिया के तहत अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई, जिसके बाद प्रशासन को यह कठोर कदम उठाना पड़ा। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल शहरी विकास और यातायात प्रबंधन के लिए की गई थी, और इसमें कोई धार्मिक या राजनीतिक कारण नहीं थे। बुलडोजर कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम: मंगलवार सुबह जब प्रशासनिक टीम मजार को हटाने के लिए पहुँची, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए थे, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया और इस कदम को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आलोचना की, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्वक कार्रवाई करते हुए मजार को गिरा दिया। धार्मिक आस्था और शहरी विकास के बीच टकराव: स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह मजार एक धार्मिक स्थल था और इसे लेकर उनका गहरा आस्था था। उनके लिए यह सिर्फ एक मजार नहीं, बल्कि उनके धार्मिक विश्वासों का प्रतीक था। यह स्थल वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ था। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह सार्वजनिक भूमि थी, और मजार को बिना अनुमति के उस पर बनाया गया था। प्रशासन का तर्क है कि अगर शहर को आगे बढ़ाना है और शहरी विकास को लागू करना है, तो ऐसी बाधाओं को हटाना जरूरी है। राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ: इस कार्रवाई के बाद, स्थानीय समुदाय में असंतोष और विरोध का माहौल बना। हालांकि, अब तक किसी भी राजनीतिक दल या प्रतिनिधि की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। प्रशासन ने इस मामले को पूरी तरह से शहरी विकास और यातायात प्रबंधन से जोड़ते हुए कहा कि इसका कोई धार्मिक या राजनीतिक पहलू नहीं था। इसके बावजूद, यह स्पष्ट है कि इस कार्रवाई ने एक गहरे सामाजिक और धार्मिक मुद्दे को जन्म दिया है, जिसमें एक ओर धार्मिक आस्था है, जबकि दूसरी ओर शहरी विकास की जरूरतें। यह स्थिति रुद्रपुर जैसे बढ़ते शहरों के लिए एक चुनौती है, जहां विकास और धार्मिक विश्वासों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। आगे की योजना: इंदिरा चौक पर मजार को हटाने के बाद, प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की संयुक्त टीम अब इस क्षेत्र को सड़क विकास योजना के अनुरूप नया रूप देने के लिए कार्य करेगी। इसका उद्देश्य न केवल यातायात को बेहतर बनाना है, बल्कि यह क्षेत्र रुद्रपुर के शहरी विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। अतिक्रमण को हटाना यह घटना यह दर्शाती है कि रुद्रपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहरों में विकास और धार्मिक आस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखना एक कठिन कार्य हो सकता है। इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि अब प्रशासन शहरी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए स्पष्ट और निर्णायक कदम उठा रहा है। हालांकि, यह भी देखा गया कि धार्मिक स्थानों को हटाने से समुदाय के बीच भावनात्मक रूप से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, और भविष्य में ऐसी स्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने की आवश्यकता है। इस प्रकार की घटनाओं से यह साफ होता है कि सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को हटाना, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या अन्य निर्माण, शहरी विकास के लिए जरूरी हो सकता है। प्रशासन का यह कदम एक महत्वपूर्ण संकेत है कि अब विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रुद्रपुर: इंदिरा चौक पर प्रशासन ने तोड़ी वर्षों पुरानी मजार, सड़क चौड़ीकरण का हवाला

रुद्रपुर 22 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  : रुद्रपुर के प्रमुख चौराहे, इंदिरा चौक पर स्थित एक वर्षों पुरानी मजार को मंगलवार सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण करार देते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मजार रुद्रपुर शहर के मुख्य राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण परियोजना में आ रही रुकावट का कारण बन रही थी। प्रशासन का कहना…

Read More
जसपुर 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  जसपुर क्षेत्र में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने प्लॉट बेचने के नाम पर एक महिला के साथ पहले विश्वासघात किया और फिर अकेली पाकर उसके साथ अश्लील हरकत की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसे डंडे से पीट दिया और तीन साल के मासूम बेटे की जान लेने की धमकी दी। अब कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। प्लॉट खरीदने का सौदा बना विश्वासघात का जरिया पीड़िता महिला ने न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दायर कर पूरी घटना का खुलासा किया। उसने बताया कि उसका पति सउदी अरब में मजदूरी करता है और विदेश जाने से पहले उसने जसपुर क्षेत्र के पट्टी चौहान मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति से 80 वर्ग गज जमीन 5 लाख 20 हजार रुपये में खरीदी थी। सौदे के वक्त 1 लाख रुपये बतौर बयाना दे दिए गए थे। इसके बाद, महिला ने बताया कि उक्त व्यक्ति बार-बार उसके घर आकर बाकी रकम की मांग करता रहा। महिला ने तीन किस्तों में शेष 4 लाख 40 हजार रुपये भी अदा कर दिए। 31 मई 2024 को तहसील जसपुर में दोनों के बीच विक्रय रसीद तैयार हुई जिसमें यह तय हुआ कि रजिस्ट्री के समय 80 हजार रुपये और दिए जाएंगे। लेकिन आरोपी व्यक्ति ने जरूरत बताकर वह रकम भी ले ली और फिर रजिस्ट्री में टालमटोल करता रहा। घर में घुसकर की शर्मनाक हरकत महिला ने आगे बताया कि 16 फरवरी 2025 को दोपहर करीब 1 बजे जब वह अपने घर पर अकेली थी, तो आरोपी वहां पहुंच गया और बहानेबाजी करने लगा। उसने महिला से कहा कि वह उसे सस्ते में कोई और मकान दिलवा देगा क्योंकि वह उसे "बहुत पसंद करता है" और इसी वजह से उसके घर आता-जाता रहा है। महिला ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरन उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। डंडे से पीटा और बच्चे की जान से मारने की धमकी दी महिला ने बताया कि जब उसने शारीरिक शोषण का विरोध किया, तो आरोपी ने डंडे से उस पर हमला किया और कहा, “आज मुझे पहली बार ऐसा मौका मिला है, अब मैं इसे खोना नहीं चाहता।” इतना ही नहीं, आरोपी ने महिला के तीन साल के बेटे को पकड़ लिया और धमकी दी कि अगर उसने उसकी इच्छाएं पूरी नहीं कीं, तो वह बच्चे को जान से मार देगा। पीड़िता ने बताया कि वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी जिससे आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए। शोर-शराबा सुनकर आरोपी मौके से भाग गया। इसके बाद महिला ने हिम्मत जुटाकर अदालत का रुख किया और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा महिला की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर ने पुलिस को आदेश दिया कि वह मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करे। आदेश के बाद जसपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115, 318(4), 351(2), 74 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच एसआई रुचिका रानी को सौंपी गई है। महिला ने की आरोपी की गिरफ्तारी की मांग पीड़िता ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए क्योंकि वह खुलेआम घूम रहा है और उसे अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर डर बना हुआ है। महिला ने कहा कि आरोपी प्रभावशाली है और उसे डर है कि वह दोबारा हमला कर सकता है। स्थानीय लोगों में रोष घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

जसपुर में प्लॉट बेचने के बहाने महिला के साथ अश्लील हरकत, विरोध पर डंडे से पीटा — कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जसपुर 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा)  जसपुर क्षेत्र में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने प्लॉट बेचने के नाम पर एक महिला के साथ पहले विश्वासघात किया और फिर अकेली पाकर उसके साथ अश्लील हरकत की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने उसे डंडे से पीट…

Read More
रामनगर, 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), रामनगर ने राज्य के हजारों फेल छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में असफल हुए विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए एक नहीं, बल्कि तीन अवसर दिए जाएंगे। यह निर्णय उन छात्रों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है जो असफलता के बाद निराश हो चुके थे। 28 हजार छात्र-छात्राएं हुए फेल इस वर्ष उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लगभग 28,000 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। इनमें से 10वीं (हाईस्कूल) में करीब 10,000 छात्र और 12वीं (इंटरमीडिएट) में 18,000 छात्र शामिल हैं। इस कदम से इन सभी विद्यार्थियों को फिर से सफलता की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा। किन्हें मिलेगा मौका? परिषद के अपर सचिव बृहमोहन रावत ने जानकारी दी कि यह विशेष सुविधा उन्हीं विद्यार्थियों को दी जाएगी, जो सीमित विषयों में फेल हुए हैं। हाईस्कूल (10वीं) में 2 विषयों में फेल हुए छात्र पात्र होंगे। इंटरमीडिएट (12वीं) में 1 विषय में फेल हुए छात्रों को मौका मिलेगा। तीन बार मिलेगा परीक्षा का अवसर इन छात्रों को तीन बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। पहला अवसर: इसी वर्ष जुलाई 2025 में परीक्षा आयोजित की जाएगी। परिषद इसी माह (अप्रैल-मई) में फेल छात्रों से विशेष परीक्षा के लिए फॉर्म भरवाएगा। दूसरा अवसर: यदि कोई छात्र पहले प्रयास में पास नहीं हो पाता, तो उसे 2026 की मुख्य परीक्षा के साथ दोबारा अवसर मिलेगा। तीसरा और अंतिम अवसर: 2026 की मुख्य परीक्षा के बाद तीसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अंक सुधार का भी मिलेगा अवसर यह योजना न केवल फेल छात्रों के लिए है, बल्कि वे छात्र जो पहले ही पास हो चुके हैं, वे भी अपने अंकों में सुधार के लिए इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे छात्रों को "इम्प्रूवमेंट एग्जाम" के रूप में अवसर मिलेगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में दाखिले या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने स्कोर को बेहतर बना सकें। परीक्षा से जुड़े आंकड़े हाईस्कूल में सम्मिलित छात्र: 1,09,559 इंटरमीडिएट में सम्मिलित छात्र: 1,06,345 कुल फेल छात्र: लगभग 28,000 विद्यालयों को दिए गए निर्देश विद्यालयी शिक्षा परिषद ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे फेल छात्रों को इस योजना की जानकारी दें और उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने में सहायता करें। इसका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें और अपना एक साल बचा सकें। छात्रों के लिए सुनहरा अवसर इस योजना से न सिर्फ छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बचेगा, बल्कि उन्हें आगे की पढ़ाई, प्रवेश परीक्षाओं और करियर निर्माण में मदद मिलेगी। राज्य सरकार और परिषद का यह कदम छात्रों को आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद का यह निर्णय फेल छात्रों के भविष्य को एक नई दिशा देने वाला है। तीन बार परीक्षा का अवसर देना एक सराहनीय पहल है, जिससे हजारों युवाओं को अपने करियर को दोबारा संवारने का मौका मिलेगा।

उत्तराखंड बोर्ड फेल छात्रों के लिए बड़ी राहत: मिलेगा तीन बार पास होने का मौका

रामनगर, 21 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) – उत्तराखंड बोर्ड उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE), रामनगर ने राज्य के हजारों फेल छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में असफल हुए विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए एक नहीं, बल्कि तीन अवसर दिए जाएंगे। यह निर्णय…

Read More
उत्तराखंड के चमोली जिले में रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक कार खाई में गिरी,। यह हादसा चमोली के कोरेलधार क्षेत्र में हुआ, जहां कार में सवार सभी 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और शवों को खाई से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शादी से लौटते समय हुआ हादसा प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी मृतक लोग निजमूला क्षेत्र से एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे और दशोली विकासखंड के हरमनी गांव की ओर जा रहे थे। इसी दौरान कोरेलधार के पास अचानक कार अनियंत्रित होकर सैकड़ों फीट गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय लोगों ने घटना की आवाज सुनकर प्रशासन को सूचना दी। राहत एवं बचाव कार्य के लिए तुरंत पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। शवों को निकालने में लगी पूरी रात कार के खाई में गिरने के बाद अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आईं। गहरी खाई और कठिन भूगोल के चलते शवों को निकालने में पूरी रात लग गई। ग्रामीणों और बचाव दल की मदद से सभी पांचों शवों को खाई से बाहर निकाला गया। पुलिस अधीक्षक चमोली ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वाहन के अनियंत्रित होने की आशंका जताई गई है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही दुर्घटना के सटीक कारणों का पता चलेगा। मृतकों की पहचान मृतकों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से सभी एक ही क्षेत्र के निवासी थे। परिजनों को सूचना दे दी गई है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। इस दर्दनाक हादसे के बाद हरमनी गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने जताया आक्रोश स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कोरेलधार क्षेत्र में सड़क की स्थिति काफी खराब है और सुरक्षात्मक उपायों की भारी कमी है। कई बार प्रशासन से सड़क के किनारों पर गॉर्ड रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और साइन बोर्ड लगाने की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है और यदि सुरक्षा उपाय पहले से किए गए होते, तो शायद जानें बच सकती थीं। नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक इस हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है और जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह दुर्घटना की जांच कर आवश्यक कदम उठाए। वहीं, स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त कीं और सड़क की सुरक्षा को लेकर जल्द कार्यवाही की मांग की। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रहे हादसे उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ऐसे हादसे कोई नई बात नहीं हैं। हर साल दर्जनों जानें सड़कों की खस्ता हालत, तीखे मोड़ और सुरक्षा उपायों की कमी के चलते चली जाती हैं। कोरेलधार, निजमूला, दशोली जैसे क्षेत्रों में संचार सुविधा की भी भारी कमी है, जिससे आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद नहीं मिल पाती। पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सरकार सड़कों की स्थिति में सुधार करे और हाई रिस्क जोन में आधुनिक तकनीकों की मदद से निगरानी और बचाव के उपाय सुनिश्चित करे। 5 लोगों की मौके पर ही मौत उत्तराखंड के चमोली जिले में कोरेलधार के पास एक कार खाई में गिरी,, जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक शादी से लौटकर हरमनी गांव जा रहे थे। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चला और स्थानीय लोगों ने सड़क की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।

चमोली में दर्दनाक हादसा: कोरेलधार में कार खाई में गिरी, 5 लोगों की मौत

चमोली, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) उत्तराखंड के चमोली जिले में रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक कार खाई में गिरी,। यह हादसा चमोली के कोरेलधार क्षेत्र में हुआ, जहां कार में सवार सभी 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि…

Read More
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को वक्फ संपत्ति सुधारों को लेकर एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब वक्फ संपत्तियों का उपयोग सिर्फ गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय के कल्याण में होगा। भाजपा आगामी 20 अप्रैल से 5 मई तक राज्यभर में 'वक्फ जनजागरण अभियान' चलाने जा रही है, जिसका उद्देश्य इस कानून के जरिए समाज के वंचित वर्गों तक मदद पहुंचाना है। गरीबों का हक सिर्फ गरीबों को मिलेगा: धामी प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित वक्फ जनजागरण कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिना किसी धार्मिक छेड़छाड़ के, वक्फ की एक-एक इंच भूमि की जांच होगी। उन्होंने कहा कि अब इन संपत्तियों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका इस्तेमाल गरीब मुस्लिम महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं, विधवाओं और अनाथ बच्चों के लिए किया जाए। पीएम आवास, अस्पताल और स्कूलों के लिए होगा इस्तेमाल मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि जो भी वक्फ संपत्तियां अवैध कब्जों से मुक्त कराई जाएंगी, उन पर पीएम आवास, अस्पताल, स्कूल और समुदायिक भवन जैसी जनसेवा की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी ऐसे कामों की योजना तैयार की जा रही है। विपक्ष पर साधा निशाना धामी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से कब्जा रहा है, लेकिन विपक्ष ने कभी यह प्रयास नहीं किया कि उनका सही उपयोग हो। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ की संपत्तियां होते हुए भी गरीबों को कोई लाभ नहीं दिया गया। अब यह कानून इस काले कारोबार और जमीनों पर कब्जे को रोकने का काम करेगा। कानून का सही उद्देश्य समझाना जरूरी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि यह कानून समाज में व्याप्त भ्रम और भय को दूर करने का माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि 2013 और 1995 में कांग्रेस सरकारों की नीतियों के चलते वक्फ संपत्तियों का गलत इस्तेमाल हुआ। भाजपा सरकार अब इन गलतियों को सुधार रही है। सभी जिलों में कार्यशालाएं होंगी प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने जानकारी दी कि 20 से 22 अप्रैल तक सभी जिलों में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में जनजागरण अभियान की रणनीति, कार्यक्रम और संवाद के माध्यम से मुस्लिम समाज को कानून के फायदों से अवगत कराया जाएगा। भाजपा का स्पष्ट संदेश: कोई तुष्टिकरण नहीं कार्यशाला में प्रदेश वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने वक्फ बोर्ड की पुरानी गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अतीत में इस बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ। उन्होंने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों में बड़ी संख्या में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता शामिल रहे हैं। देवभूमि में कड़ाई से लागू होगा नया कानून सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही राज्य की डेमोग्राफी को सुरक्षित रखने के लिए यूसीसी, धर्मांतरण विरोधी कानून जैसे कड़े फैसले ले चुकी है और अब वक्फ संशोधन कानून को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग करके यह सुनिश्चित करेंगे कि गरीबों को उनका हक मिले।" भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे मौजूद इस कार्यशाला में कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे जिनमें राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रभारी मुकेश कोली, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, विधायक खजान दास, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष इंतजार हुसैन समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। भाजपा उन्होंने दावा किया कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों में बड़ी संख्या में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता शामिल रहे हैं।प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित वक्फ जनजागरण कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिना किसी धार्मिक छेड़छाड़ के, वक्फ की एक-एक इंच भूमि की जांच होगी।

वक्फ की संपत्तियों का उपयोग गरीब मुस्लिम वर्ग के कल्याण में सुनिश्चित होगा: मुख्यमंत्री धामी

भाजपा 20 अप्रैल से चलाएगी वक्फ जनजागरण अभियान, सभी जिलों में होंगे कार्यक्रम देहरादून, 18 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को वक्फ संपत्ति सुधारों को लेकर एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब वक्फ संपत्तियों का उपयोग सिर्फ गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय के कल्याण में होगा। भाजपा…

Read More