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नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के इन मंसूबों को पूरी तरह विफल कर दिया। भारत के एस-400 सुदर्शन चक्र का पहला उपयोग भारतीय वायुसेना ने इस हमले को रोकने के लिए पहली बार रूस में निर्मित एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिसे भारत में "सुदर्शन चक्र" नाम दिया गया है। यह नाम भगवान विष्णु के अमोघ अस्त्र सुदर्शन चक्र से प्रेरित है, जो तेज़, सटीक और दुश्मनों का विनाश करने वाला माना जाता है। एस-400 सिस्टम एक समय में 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 36 लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने की क्षमता रखता है। यह 600 किमी दूर तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 400 किमी तक की मारक क्षमता रखता है। भारतीय वायुसेना ने इस सिस्टम की बदौलत पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को सीमा पार करते ही मार गिराया। पाकिस्तान का नापाक प्लान फेल पाकिस्तानी सेना ने 7 मई की रात करीब 11:45 बजे भारत के 15 शहरों—जैसे कि जम्मू, पठानकोट, श्रीनगर, जयपुर, लुधियाना, अमृतसर, दिल्ली के बाहरी इलाके और लखनऊ—को निशाना बनाने की कोशिश की। इन हमलों में मिसाइलों और स्वदेशी ड्रोन का उपयोग किया गया। लेकिन भारत की हवाई सुरक्षा इतनी सशक्त साबित हुई कि एक भी मिसाइल अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के समर्थन में किया गया था, जिनके ठिकाने हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ध्वस्त किए थे। भारत का जवाब: रावलपिंडी स्टेडियम तक पहुंचे ड्रोन पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए भारत ने 8 मई की सुबह सटीक ड्रोन हमले किए, जिनमें कराची, लाहौर, बहावलपुर, अटक और रावलपिंडी जैसे शहर शामिल थे। रावलपिंडी में एक बड़ा ड्रोन हमला हुआ, जिससे वहां स्थित स्टेडियम को भारी नुकसान पहुंचा। इस स्टेडियम में पाकिस्तान प्रीमियर लीग का मैच होना था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम फेल भारत के जवाबी ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह डिफेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ है। कूटनीतिक हलचल और वैश्विक प्रतिक्रिया भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के खात्मे के लिए की गई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारत की हवाई सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन भारत ने पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता साबित कर दी है। एस-400 सुदर्शन चक्र के सफल इस्तेमाल और पाकिस्तान के चीनी सिस्टम को मात देने से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि दुश्मन के मंसूबों को जन्म से ही कुचलने की नीति पर चल पड़ा है। ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी बेअसर कर दिया। यह सिस्टम चीन का दावा था कि यह AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता रखता है, लेकिन भारतीय ड्रोन ने इसे भी भेद दिया। पाकिस्तान का यह

बड़ी खबर: पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला किया, वायुसेना ने हमले को विफल किया, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

नई दिल्ली, 08 मई 2025 (समय बोल रहा ) – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारतीय सेना द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने 7/8 मई की रात भारत के 15 शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने…

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नई दिल्ली, 8 मई 2025 (समय बोल रहा ) रावलपिंडी स्टेडियम तबाह पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत करारा और निर्णायक जवाब दिया है। बीते 24 घंटे में जो कुछ हुआ, उसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया है। जहां पाकिस्तान ने सोमवार शाम भारत के कई सीमावर्ती और आंतरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर भीषण गोलीबारी और मिसाइल हमले किए, वहीं भारत ने मंगलवार सुबह सटीक और शक्तिशाली ड्रोन हमलों से पाकिस्तान के कई प्रमुख शहरों में तबाही मचा दी। पाकिस्तान की बर्बर हरकत: 15 निर्दोषों की मौत, मिसाइल हमले नाकाम सोमवार शाम पाकिस्तान की ओर से की गई अकारण और बर्बर गोलीबारी में भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में 15 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। यह हमला जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी और कठुआ जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ कुछ रिहायशी इलाकों तक सीमित नहीं रहा। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के नौ शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले करने की भी कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली ने सभी मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जो रूस से आयातित सबसे उन्नत प्रणाली है, ने पाकिस्तान के मिसाइल हमले को पूरी तरह निष्फल कर दिया। भारत की सैन्य एजेंसियों ने इसे एक बड़ी कामयाबी माना है और इसे "हमारे रक्षा तंत्र की मजबूती का प्रमाण" बताया है। भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर कहर पाकिस्तान की इस दुस्साहसिक कार्रवाई के बाद भारत ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन भारत की तीनों सेनाओं – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – के संयुक्त समन्वय से संचालित किया गया। मंगलवार सुबह भारत ने कराची, लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट, बहावलपुर, अटक, छोर और म्यानू जैसे शहरों पर ड्रोन से सर्जिकल स्ट्राइक की। इन हमलों में पाकिस्तान की कई सामरिक और संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में पाकिस्तान की कई रडार और कम्युनिकेशन बेस, हथियार डिपो और सैनिक अड्डे नष्ट हुए हैं। रावलपिंडी स्टेडियम पर बड़ा हमला: PSL मैच रद्द सबसे सनसनीखेज हमला रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर हुआ, जहां मंगलवार शाम को पाकिस्तान प्रीमियर लीग (PSL) का एक बड़ा मैच आयोजित होना था। भारत के सटीक ड्रोन हमले से स्टेडियम पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। PSL मैच को रद्द करना पड़ा और खिलाड़ी तथा दर्शकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। रावलपिंडी स्टेडियम पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास का महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। भारत के इस सर्जिकल ड्रोन अटैक से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी बड़ा असर पड़ा है। पाकिस्तान में मचा हड़कंप, सेना हाई अलर्ट पर भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। रिपोर्टों के अनुसार, पूरे पाकिस्तान में सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लाहौर, कराची, और इस्लामाबाद के एयरबेस पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आम नागरिकों से कहा गया है कि वे घरों में रहें और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें। भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक का जवाब आतंक से नहीं, ताकत से भारत सरकार ने इस ऑपरेशन के बाद स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंक के अड्डों और उनकी शह देने वाले तत्वों के खिलाफ है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन यदि कोई देश हमारी जनता को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा, तो हम मूकदर्शक नहीं रहेंगे। भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भारत के इस ऑपरेशन को लेकर विश्व समुदाय की भी नजरें टिकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि रूस और फ्रांस ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की यह कार्रवाई केवल सामरिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी एक मजबूत संदेश है। भारत की सैन्य क्षमताओं “ऑपरेशन सिंदूर” भारत की सैन्य क्षमताओं और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है। पाकिस्तान की ओर से की गई आतंक प्रेरित कार्रवाइयों का जवाब भारत ने न केवल सटीकता से दिया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब नई दिल्ली पुरानी नीति नहीं अपनाएगी। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि पाकिस्तान इस करारी चोट के बाद क्या रुख अपनाता है।

“ऑपरेशन सिंदूर: भारत के ड्रोन अटैक से रावलपिंडी स्टेडियम तबाह, PSL मैच रद्द”

नई दिल्ली, 8 मई 2025 (समय बोल रहा ) रावलपिंडी स्टेडियम तबाह पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत ने एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत करारा और निर्णायक जवाब दिया है। बीते 24 घंटे में जो कुछ हुआ, उसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया…

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काशीपुर 07 मई 2025 (समय बोल रहा ) देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के अंतर्गत आज काशीपुर-जसपुर मार्ग स्थित पवार रिसोर्ट में एक भव्य जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए अजय भट्ट इस विशेष कार्यक्रम में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री माननीय अजय भट्ट जी ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में वक़्फ बोर्डों के प्रबंधन में व्याप्त अनियमितताओं, पारदर्शिता की कमी और संपत्तियों के दुरुपयोग की समस्याओं को रेखांकित किया। राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने भी किया संबोधित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि वक़्फ संपत्तियों का सही उपयोग सामाजिक विकास के लिए होना चाहिए, न कि निजी लाभ या ग़लत कार्यों के लिए। उन्होंने अभियान को देश की एकता और सामाजिक समरसता के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। भाजपा के जिला स्तरीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम में भाजपा के जिला स्तर के वरिष्ठ नेताओं की भी सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख नेताओं में शामिल थे जिला अध्यक्ष श्री मनोज पाल, जिला प्रभारी श्री पुष्कर काला, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री इंतजार हुसैन, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष हाजी रिज़वान, कार्यक्रम के जिला संयोजक लविश अरोरा, निवर्तमान जिला महामंत्री श्री मोहन बिष्ट, उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री सायरा बानो, राजकुमार चौहान, गौरव प्रजापति, विशाल कश्यप, अभिषेक, रवि साहनी, गुरताज भुल्लर, सुरेश लोहिया, अभिषेक सुखीजा, दीपक राणा, गुरप्रीत सिंह, लवकेश प्रजापति, हरप्रीत सिंह। इन सभी नेताओं ने मंच से अपने विचार रखते हुए समाज को जागरूक करने की अपील की और अभियान को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया। वक़्फ सुधार क्यों है जरूरी? कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से बताया कि वक़्फ संपत्तियों की संख्या लाखों में है, लेकिन उनका उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण समाज को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई मामलों में वक़्फ संपत्तियाँ अवैध कब्जे, भ्रष्टाचार और अपारदर्शिता का शिकार रही हैं। भाजपा के इस अभियान का उद्देश्य इन संपत्तियों को भ्रष्टाचार से मुक्त कराकर उनका न्यायोचित उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे विशेषकर गरीब व पिछड़े वर्गों को लाभ मिल सके। कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब पवार रिजॉर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक, व्यापारी वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस अभियान को समर्थन देने का वादा किया। मंच के माध्यम से लोगों को बताया गया कि किस प्रकार वे अपने क्षेत्र में वक़्फ से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं और उचित जानकारी संबंधित विभागों तक पहुँचा सकते हैं। संकल्प और समापन कार्यक्रम के अंत में सभी नेताओं एवं उपस्थितजनों ने हाथ उठाकर वक़्फ सुधार अभियान को समर्थन देने और समाज में पारदर्शिता लाने का संकल्प लिया। साथ ही, जनता को इसके प्रति जागरूक करने, सही जानकारी फैलाने और किसी भी प्रकार की ग़लत जानकारी या अफवाहों से बचने का आग्रह किया गया। उत्तराखंड काशीपुर-जसपुर मार्ग पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक राजनीतिक पहल था, बल्कि सामाजिक न्याय, जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम भी सिद्ध हुआ। “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” आने वाले समय में उत्तराखंड सहित देशभर में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का वाहक बनेगा — ऐसा विश्वास सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने व्यक्त किया।पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री माननीय अजय भट्ट जी ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में वक़्फ बोर्डों के प्रबंधन में व्याप्त अनियमितताओं, पारदर्शिता की कमी और संपत्तियों के दुरुपयोग की समस्याओं को रेखांकित किया। अपने क्षेत्र में वक़्फ से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं और उचित जानकारी संबंधित विभागों तक पहुँचा सकते हैं।

“वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के तहत पवार रिसोर्ट में हुआ भव्य कार्यक्रम, अजय भट्ट और कल्पना सैनी सहित कई गणमान्य लोग हुए शामिल

काशीपुर 07 मई 2025 (समय बोल रहा )देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “वक़्फ सुधार जनजागरण अभियान” के अंतर्गत आज काशीपुर-जसपुर मार्ग स्थित पवार रिसोर्ट में एक भव्य जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं पार्टी के कई शीर्ष नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति…

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07 मई 2025, (समय बोल रहा डेस्क) — भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक वार भारतीय सेना ने आधी रात करीब 1:30 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन ठिकानों से भारत पर हमलों की साजिशें रची जा रही थीं। सेना ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान इस हमले का लक्ष्य न बने, जिससे तनाव बढ़ने की संभावना कम रहे। हमले के प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, भारतीय हमलों में अहमदपुर ईस्ट (बहावलपुर), कोटली और मुजफ्फराबाद में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में 80 से 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सेना का संदेश: "न्याय हुआ, जय हिंद!" ऑपरेशन के बाद, भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर 'ऑपरेशन सिंदूर' का पोस्टर साझा करते हुए लिखा: "Justice is served. Jai Hind." यह संदेश आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और सीमा पर तनाव भारतीय हमलों के बाद, पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी इलाके में भीमबेर गली में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए आर्टिलरी फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के हमलों में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जबकि भारत ने स्पष्ट किया कि सभी लक्षित ठिकाने आतंकवादियों के थे। प्रधानमंत्री की निगरानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास से 'ऑपरेशन सिंदूर' की पल-पल की जानकारी ली। उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहकर ऑपरेशन की निगरानी की और आवश्यक निर्देश दिए। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, "दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव की स्थिति नहीं झेल सकती।" अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया है। ऑपरेशन सिंदूर की झलकियाँ भारतीय सेना द्वारा साझा किए गए पोस्टर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई कार्रवाई की झलकियाँ दिखाई गई हैं, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रहार और आतंकियों के ठिकानों के ध्वस्त होने के दृश्य शामिल हैं। इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन और सराहना प्राप्त की है। ऑपरेश

Exclusive: भारतीय सेना का पाकिस्तान पर सर्जिकल अटैक, 9 आतंकी ठिकाने तबाह — ऑपरेशन सिंदूर में 90 से ज्यादा आतंकी ढेर

07 मई 2025, (समय बोल रहा डेस्क) — भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26…

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रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ): उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब केवल कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावी धरातल पर कार्य दिखना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी डीएम भदौरिया ने विशेष रूप से जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही अवैध गतिविधियों पर चिंता जताई और कहा कि इन इलाकों में अवैध खनन और वन संपदा की तस्करी पर निगरानी बढ़ाई जाए। इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नियमित पेट्रोलिंग होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। परगना स्तर पर समन्वयात्मक बैठकें अनिवार्य जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परगना स्तर पर नियमित बैठकें करें और आपसी समन्वय से रणनीति तैयार करें। इसका उद्देश्य यह है कि हर स्तर पर जानकारी और संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो और विभागीय तालमेल से कोई भी अवैध गतिविधि न बच सके। सख्त कार्यवाही की चेतावनी बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जो अधिकारी इस अभियान में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक संयुक्त प्रयास है और इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विभागों को चाहिए कि वे अपने स्तर पर डेटा एकत्र करें, गश्त बढ़ाएं और स्थानीय नागरिकों को भी जागरूक करें कि वे अवैध खनन या लकड़ी कटाई जैसी घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। वन संपदा और पारिस्थितिकी की रक्षा प्राथमिकता डीएम भदौरिया ने कहा कि जिले की प्राकृतिक धरोहर, जैसे कि जंगल, नदियाँ और पहाड़ी क्षेत्र, हमारी सामूहिक धरोहर हैं और इनकी रक्षा करना प्रशासन के साथ-साथ आम जनता की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वे जंगलों की सैटेलाइट निगरानी शुरू करें और किसी भी अवैध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट प्रशासन को भेजें। बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद इस महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागरी, अपर पुलिस अधीक्षक अभय सिंह, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, मनीष बिष्ट और प्रभारी खनन अधिकारी मनीष कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे। जनता से सहयोग की अपील बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने जनपद की जनता से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक अवैध माफियाओं की कमर नहीं तोड़ी जा सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना जिला प्रशासन, स्थानीय थाना या वन विभाग को तुरंत दें ताकि त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान कहा कि जनपद में अवैध खनन, वन संपदा की चोरी और नियमों के खिलाफ चल रहे परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग को परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।

DM का बड़ा एक्शन! उधमसिंहनगर में अवैध खनन और लकड़ी माफियाओं पर टूटेगा कहर, सख्त आदेश जारी

रुद्रपुर, 06 मई 2025 (समय बोल रहा ):उधमसिंहनगर में अवैध खनन, वन संपदा की लूट और गैरकानूनी परिवहन पर अब शिकंजा कसने वाला है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जिले में इस अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय सोमवार को जिला समन्वय समिति की एक अहम…

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उधमसिंह नगर, 5 मई 2025 (समय बोल रहा ): उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले में चर्चित पूजा मंडल हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुश्ताक के सितारगंज स्थित गौरीखेड़ा गांव में बने अवैध मकान को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी चलवाकर ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के सख्त निर्देश पर की गई। प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई हत्या जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति को दर्शाती है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई की अब सोशल मीडिया पर भी जमकर सराहना हो रही है। अवैध कब्जे पर बना था मकान प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिस जमीन पर मुश्ताक और उसके पिता अली अहमद का मकान बना था, वह जमीन अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति मथुरा प्रसाद के नाम पर दर्ज थी। मुश्ताक के पिता अली अहमद ने इस जमीन पर वर्षों पूर्व अवैध कब्जा कर लिया था और वहीं पक्का मकान बना लिया था जिसमें दोनों बाप-बेटा रह रहे थे। प्रशासन ने इस अवैध निर्माण को लेकर पहले ही अली अहमद को नोटिस जारी किया था, लेकिन अली अहमद ने न तो जवाब दिया और न ही कोई कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसके बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया और रविवार सुबह इस मकान को जेसीबी मशीन से ढहा दिया गया। हत्या का वीभत्स मामला गौरतलब है कि यह मामला 2 मई को उस समय सामने आया जब खटीमा के नदन्ना नहर में एक सिर कटी लाश बरामद हुई। जांच में मृतका की पहचान नानकमत्ता की पूजा मंडल के रूप में हुई, जो पिछले पांच महीनों से लापता थी और जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट गुरुग्राम (हरियाणा) में दर्ज थी। पूजा मंडल के हत्यारोपी मुश्ताक को हरियाणा पुलिस की सहायता से उत्तराखंड के सितारगंज से गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में सामने आया कि मुश्ताक और पूजा लंबे समय से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। लेकिन 2 नवंबर 2024 को मुश्ताक ने किच्छा की एक युवती से निकाह कर लिया जिससे पूजा आहत हुई और दोनों के बीच लगातार विवाद बढ़ने लगा। ‘सर तन से जुदा’ की वीभत्स घटना पुलिस के अनुसार, मुश्ताक ने 16 नवंबर 2024 को पूजा को रास्ते से हटाने का मन बना लिया और एक नृशंस साजिश के तहत उसकी हत्या कर दी। उसने पूजा का सर धड़ से अलग कर शव को खटीमा के नदन्ना नहर में फेंक दिया। पुलिस ने मुश्ताक की निशानदेही पर पूजा के शव का धड़ बरामद कर लिया है, लेकिन उसका सिर अभी तक नहीं मिल पाया है। गोताखोरों की टीम बीते कई दिनों से नहर में सर्च ऑपरेशन चला रही है। सख्त संदेश: अपराधियों के लिए जगह नहीं प्रशासन द्वारा आरोपी के अवैध मकान पर की गई कार्रवाई को कानून व्यवस्था का कड़ा संदेश माना जा रहा है। जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि अपराध करने वालों के लिए जिले में कोई जगह नहीं है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि समाज में अपराध के प्रति भय और न्याय के प्रति विश्वास बना रहे। सोशल मीडिया पर समर्थन इस कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने प्रशासन की कार्रवाई को लेकर जमकर समर्थन जताया है। लोगों ने कहा कि इस तरह की ठोस कार्रवाई से कानून का डर अपराधियों में बना रहेगा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद भी मजबूत होगी। मुश्ताक की गिरफ्तारी पूजा मंडल हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था। आरोपी मुश्ताक की गिरफ्तारी के बाद उसके अवैध मकान को ढहाना इस बात का प्रतीक है कि अपराध और अवैध कार्यों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की इस त्वरित और सख्त कार्रवाई ने आम जनता में भरोसे की भावना को और मजबूत किया है।

पूजा मंडल हत्याकांड: ‘सर तन से जुदा’ करने वाले मुश्ताक का अवैध मकान प्रशासन ने किया जमींदोज

उधमसिंह नगर, 5 मई 2025 (समय बोल रहा ):उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जिले में चर्चित पूजा मंडल हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुश्ताक के सितारगंज स्थित गौरीखेड़ा गांव में बने अवैध मकान को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी चलवाकर ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा…

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भारत 10 मई 2025 (समय बोल रहा ) भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर आज सुबह लागू हुआ सीजफायर (युद्धविराम) कुछ ही घंटों में तार-तार हो गया। पाकिस्तान ने एक बार फिर विश्वासघात करते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अकारण गोलीबारी और मोर्टार दागना शुरू कर दिया, जिससे शांति की उम्मीदें पल भर में काफूर हो गईं और सीमा पर तनाव का माहौल फिर से गहरा गया। इस कायराना हरकत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को एक और गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों के मन में भी भय और असुरक्षा की भावना को और मजबूत कर दिया है। सुबह की शांति, दोपहर का उल्लंघन: जम्मू-कश्मीर के किन इलाकों में हुई फायरिंग? आज सुबह, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर हुई सकारात्मक बातचीत के बाद सीमा पर शांति स्थापित करने पर सहमति बनी थी। इस सद्भावनापूर्ण पहल से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली थी, जो लंबे समय से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर जारी तनाव और गोलाबारी से त्रस्त थे। हालांकि, यह अल्पकालिक शांति पाकिस्तान के नापाक इरादों के आगे टिक नहीं पाई। लगभग दोपहर के आसपास, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू करने की सूचना दी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोले भी दागने शुरू कर दिए, सीधे भारतीय सैन्य चौकियों और कुछ असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसके बाद मोर्टार दागे गए, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में दहशत फैल गई। भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया: मुंहतोड़ जवाब, स्थिति नियंत्रण में पाकिस्तान की इस उकसावे वाली कार्रवाई पर भारतीय सेना और बीएसएफ के जवानों ने त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें अपनी हरकतों का करारा एहसास कराया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आज सुबह दोनों पक्षों की सहमति से सीमा पर शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों के भीतर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी सेक्टरों में अकारण गोलीबारी शुरू कर दी। हमारे बहादुर जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। वर्तमान में स्थिति हमारे नियंत्रण में है और हम हर स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" भारत की कड़ी आपत्ति: पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना और विश्वासघाती कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को तत्काल तलब कर इस घोर उल्लंघन पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। भारत पाकिस्तान से भविष्य में इस तरह की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाने की मांग करेगा। भारत का स्पष्ट संदेश है कि सीमा पर शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। सीमावर्ती निवासियों में फिर से डर का माहौल: सुरक्षा पर मंडराता खतरा सीजफायर की खबर से उत्साहित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों के नागरिक पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कदम से एक बार फिर गहरे सदमे और डर के माहौल में डूब गए हैं। कुछ घंटों की बहुमूल्य शांति के बाद अचानक हुई गोलीबारी ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। जो लोग पहले से ही दशकों से सीमा पर जारी संघर्ष की त्रासदी झेल रहे हैं, उनके लिए यह घटना एक और मनोवैज्ञानिक आघात है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा आघात: शांति की राह और मुश्किल भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर का उल्लंघन ऐसे नाजुक समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही विभिन्न जटिल मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को सामान्य बनाने की किसी भी संभावना को और भी कमजोर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है और दोनों देशों से संयम बरतने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान का बार-बार इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। आगे की राह: पाकिस्तान के रवैये पर टिकी निगाहें अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट और अकारण उल्लंघन पर क्या आधिकारिक स्पष्टीकरण देता है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर की सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या विश्वसनीय कदम उठाता है। भारत, अतीत के कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस मामले पर कड़ी निगरानी रखेगा और अपनी सीमा की सुरक्षा तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। फिलहाल, पाकिस्तान के इस विश्वासघाती कृत्य ने दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया है और शांति की राह पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।

देशभर में 7 मई को बजेंगे हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन, केंद्र सरकार ने राज्यों को मॉक ड्रिल के दिए निर्देश

नई दिल्ली, 05 मई 2025 (समय बोल रहा ):  हवाई हमले  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी 7 मई 2025 को एक…

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रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून 2025 से धान की रोपाई भी बिना किसी प्रतिबंध के कर सकते हैं। धान फसल के लिए समय पर तैयारी की सलाह मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया कि वे समय से अपनी नर्सरी तैयार करें और उन्नत कृषि विधियों का पालन करें ताकि उत्पादन में वृद्धि हो। अच्छी किस्म के बीज, समय पर रोपाई और संतुलित उर्वरक उपयोग से फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: कम प्रीमियम में बड़ा सुरक्षा कवच डॉ. सक्सेना ने बताया कि दैवीय या प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान ₹792.89 प्रति एकड़ प्रीमियम देकर ₹39644.53 प्रति एकड़ तक का बीमा कवर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से लागू की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए किसान अर्पण कुमार, जिला समन्वयक (मोबाइल: 9536241931) से संपर्क कर सकते हैं। उन्नत किस्मों के बीज पंचायत स्तर पर उपलब्ध जनपद में कृषि विभाग द्वारा स्थापित सभी न्याय पंचायत स्तरीय कृषि निवेश केंद्रों पर धान की उन्नत प्रजातियाँ जैसे – एचकेआर-47, पंत धान-26, पूसा बासमती-1509, पूसा बासमती-1637 उपलब्ध हैं। इसके अलावा उर्द की पीयू-08, 09, 10, 12, मूंग की पंत मूंग-09 और सोयाबीन की पीएस-1368, पीएस-26 जैसी उन्नत किस्में भी किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। कृषि रक्षा रसायन और सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध सभी कृषि निवेश केंद्रों पर कृषि रक्षा रसायन, कीटनाशक, जैविक उत्पाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे गुणवत्तापूर्ण व मान्यता प्राप्त उत्पादों का ही उपयोग करें। कृषि यंत्रों के लिए समाम योजना के तहत जल्द उपलब्ध होंगे लाभ डॉ. सक्सेना ने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुदान पाने के इच्छुक किसानों को "समाम योजना" के अंतर्गत जल्द ही लाभ मिल सकता है। भारत सरकार द्वारा मई माह के अंतिम सप्ताह तक कृषि यंत्रों के लक्ष्य प्राप्त होने की संभावना है। यंत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सक्रिय की जाएगी और चयनित किसानों को सब्सिडी के माध्यम से उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जैविक खेती और जल संरक्षण पर जोर मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों को पारंपरिक कृषि के साथ-साथ जैविक खेती को अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और भूमिगत जलस्तर में गिरावट को देखते हुए जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और शून्य लागत खेती जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को दी जा रही तकनीकी सहायता कृषि विभाग द्वारा तकनीकी सहायकों, कृषि पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों की टीमों को किसानों के गांवों में भेजा जा रहा है ताकि उन्हें बीज चयन, मिट्टी परीक्षण, उर्वरक उपयोग और कीट नियंत्रण के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सके। किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं। कृषि विभाग कृषि विभाग का उद्देश्य है कि जनपद के हर किसान को समय पर सही जानकारी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बीमा सुरक्षा, यंत्र सुविधा और वैज्ञानिक सहयोग उपलब्ध कराया जाए, जिससे वर्ष 2025 का खरीफ सीजन उत्पादक और लाभकारी साबित हो।

खरीफ सीजन 2025: 1 मई से धान की नर्सरी और 1 जून से रोपाई की अनुमति, किसान लें योजनाओं का लाभ

रुद्रपुर, 04 मई 2025 (समय बोल रहा) – मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना ने जानकारी दी है कि खरीफ सीजन 2025 में किसानों को धान की खेती को लेकर पूरी स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान भाई 1 मई 2025 से धान की नर्सरी लगाना शुरू कर सकते हैं और 1 जून…

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रामनगर ,30 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  — उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शनिवार दोपहर अवैध खनन को लेकर वन विभाग और खनन माफियाओं के बीच हुई झड़प एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रही है कि आखिर राज्य में अवैध खनन पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है। रामनगर के सुल्तानपुर पट्टी इलाके में हुई इस घटना में वन विभाग की टीम पर तस्करों ने हमला किया और अपने वाहन छुड़ाने का प्रयास किया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वन विभाग को आत्मरक्षा में एक डंपर के टायर पर गोली चलानी पड़ी। अवैध खनन की सूचना पर पहुंची टीम वन विभाग को जानकारी मिली थी कि कुछ वाहन अवैध रूप से नदी से रेती, बजरी और मौरंग (RBM) भरकर बिना रॉयल्टी और वैध दस्तावेजों के ले जा रहे हैं। इस सूचना के बाद तराई पश्चिमी वन प्रभाग के निर्देश पर उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी और वन सुरक्षा बल के साथ एक संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। टीम ने दो डंपर—UK18CA-6449 और UK08CA-6345—को रोका और जांच शुरू की। दोनों वाहनों के पास खनिज ढुलाई का कोई वैध दस्तावेज नहीं था, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह खनिज तस्करी का मामला है। जब टीम इन डंपरों को जब्त कर बन्नाखेड़ा रेंज परिसर की ओर ला रही थी, तभी स्थिति अचानक से तनावपूर्ण हो गई। स्कॉर्पियो, थार और बाइक सवारों ने किया हमला जैसे ही टीम ग्राम रतनपुरा के पास पहुंची, अचानक एक स्कॉर्पियो, एक थार और कुछ मोटरसाइकिलों पर सवार दर्जनों लोग आए। यह लोग डंपर स्वामी और उनके साथी बताए जा रहे हैं। इन्होंने टीम को घेरकर जबरन डंपर छुड़ाने की कोशिश की। इस दौरान वन विभाग की टीम के साथ हाथापाई भी हुई। तस्करों ने टीम के ऊपर दबाव बनाकर जब्त वाहन को छुड़ाने की कोशिश की। आत्मरक्षा में चली गोली स्थिति बेकाबू होती देख टीम ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही हालात तनावपूर्ण हो चुके थे। तस्कर किसी भी कीमत पर डंपर छुड़ाना चाहते थे। अंत में मजबूरी में वन विभाग की टीम को डंपर UK18CA-6449 के टायर पर दो राउंड गोली चलानी पड़ी, जिससे वाहन वहीं रुक गया और तस्करों की कोशिश विफल हो गई। डंपर को सुरक्षित रूप से बन्नाखेड़ा रेंज परिसर और दूसरे डंपर UK08CA-6345 को सुल्तानपुर पट्टी पुलिस चौकी में सुरक्षित खड़ा करवा दिया गया। पूरी कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व उप प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी चंदन सिंह बिष्ट, वन दरोगा अजय कुमार, वन आरक्षी मनमोहन सिंह, मुराद अली, सुंदर बिष्ट, और वाहन चालक कर रहे थे। सभी ने साहसिक ढंग से तस्करों का सामना किया और डंपर को जब्त करने में सफलता प्राप्त की। राज्य में लगातार बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं यह कोई पहला मामला नहीं है जब वन विभाग की टीम को तस्करों के साथ संघर्ष करना पड़ा हो। उत्तराखंड में अवैध खनन एक बड़ी समस्या बन चुका है। विशेषकर तराई क्षेत्र में यह धंधा संगठित रूप से चलाया जा रहा है। खनन माफिया इतने दुस्साहसी हो चुके हैं कि अब वे सरकारी अधिकारियों और कर्मियों पर हमला करने से भी नहीं हिचकते। हाल ही में उधम सिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां खनन माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला किया है या फरार हो गए हैं। यह स्थिति कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनती जा रही है। कानून सख्त लेकिन कार्रवाई धीमी उत्तराखंड सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए कई सख्त कानून बनाए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन कानूनों को लागू करने में प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी और राजनीतिक हस्तक्षेप अक्सर रुकावट बन जाते हैं। यही कारण है कि तस्कर बिना डर के खनन करते हैं और अधिकारी जब रोकते हैं तो उल्टा उन्हें ही निशाना बना लेते हैं। जनता और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी इस प्रकार की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि केवल प्रशासन की नहीं, जनता की भी जिम्मेदारी है कि वे अवैध खनन की सूचना तुरंत संबंधित विभागों को दें और कार्रवाई में सहयोग करें। साथ ही, सरकार को चाहिए कि वह वन विभाग की टीमों को बेहतर सुरक्षा संसाधन और कानूनी सहायता प्रदान करे ताकि वे बिना डर के अपनी ड्यूटी निभा सकें। खनन माफियाओं की हिम्मत रामनगर की यह घटना उत्तराखंड में खनन माफियाओं की हिम्मत और प्रशासन की चुनौतियों को उजागर करती है। अगर समय रहते इन पर सख्त कार्रवाई

खनन माफियाओं का दुस्साहस: रामनगर में वन विभाग की टीम पर हमला, फायरिंग कर पकड़ा गया डंपर

रामनगर ,30 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा )  — उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शनिवार दोपहर अवैध खनन को लेकर वन विभाग और खनन माफियाओं के बीच हुई झड़प एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रही है कि आखिर राज्य में अवैध खनन पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है। रामनगर…

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काशीपुर , 02 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर शहर उस समय स्तब्ध रह गया जब जाने-माने पावरलिफ्टर और पोल्ट्री व्यवसायी अमनदीप अरोरा ने अपने फार्म हाउस पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक की उम्र 36 वर्ष बताई जा रही है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दढ़ियाल रोड स्थित पोल्ट्री फार्म पर मिला शव जानकारी के अनुसार, अमनदीप अरोरा का दढ़ियाल रोड पर अरोरा पोल्ट्री फार्म है, जहां वह अपनी व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे थे। मंगलवार की सुबह अचानक फार्म से गोली चलने की आवाज आई, जिसे सुनकर फार्म के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने अमनदीप को खून से लथपथ हालत में ज़मीन पर पड़ा पाया। पास में ही लाइसेंसी रिवॉल्वर मिली, जिससे उन्होंने खुद को गोली मारी थी। पुलिस जांच में जुटी, सुसाइड नोट नहीं मिला घटना की सूचना मिलते ही काशीपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरने की कार्यवाही की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे आत्महत्या के कारणों को समझा जा सके। फिलहाल पुलिस मृतक के फोन कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, और परिवार व कर्मचारियों के बयान के आधार पर जांच में जुटी है। पावरलिफ्टिंग में नाम कमाया था अमनदीप अरोरा न केवल एक सफल व्यवसायी थे बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पावरलिफ्टिंग में भी हिस्सा लिया था। काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में फिटनेस और बॉडीबिल्डिंग से जुड़े युवाओं के लिए वे एक प्रेरणास्त्रोत माने जाते थे। वह अक्सर युवाओं को फिटनेस और खेलों के प्रति जागरूक किया करते थे। परिवार में शोक, शहर में स्तब्धता अमनदीप की अचानक हुई इस आत्महत्या से परिवार में कोहराम मच गया है। स्थानीय समाज में भी इस खबर को लेकर गहरी स्तब्धता और दुख की लहर है। वे सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे और सभी के साथ मधुर व्यवहार करते थे। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि अमनदीप हमेशा मुस्कुराते और मदद के लिए तत्पर रहते थे। मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा पर सवाल इस दुखद घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को सतह पर ला दिया है। एक ऐसा युवा, जो फिटनेस, खेल और व्यवसाय में सफल था, आखिर क्या मानसिक तनाव झेल रहा था, यह सभी के लिए चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही व्यक्ति बाहरी रूप से मजबूत और सफल दिखे, लेकिन अंदरूनी संघर्ष और दबाव को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। पुलिस की अपील: अफवाहों से बचें, जांच की प्रतीक्षा करें काशीपुर पुलिस ने मीडिया और आमजन से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाहें न फैलाएं और जांच पूरी होने तक धैर्य रखें। पुलिस का कहना है कि “फिलहाल यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आएंगे।” सोशल मीडिया पर शोक की लहर घटना की जानकारी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने शोक जताना शुरू कर दिया। काशीपुर के अनेक खेल प्रेमियों, जिम संचालकों और उनके साथ काम कर चुके युवाओं ने श्रद्धांजलि दी और इसे एक बहुत बड़ी क्षति बताया। आत्महत्या अमनदीप अरोरा की आत्महत्या से पूरा काशीपुर शोक में डूबा हुआ है। उनके जाने से खेल, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र को एक गहरा धक्का लगा है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आत्महत्या के पीछे के कारण सामने आएंगे। यह घटना समाज को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर और अधिक संवेदनशील और जागरूक होने का संदेश भी देती है।जब जाने-माने पा

काशीपुर में 36 वर्षीय पावरलिफ्टर अमनदीप अरोरा ने खुद को मारी गोली, आत्महत्या से इलाके में सनसनी

काशीपुर , 02 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) काशीपुर शहर उस समय स्तब्ध रह गया जब जाने-माने पावरलिफ्टर और पोल्ट्री व्यवसायी अमनदीप अरोरा ने अपने फार्म हाउस पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक की उम्र 36 वर्ष बताई जा रही है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं…

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