किलावली में गन्ना किसानों के लिए एकदिवसीय कृषक गोष्ठी आयोजित
काशीपुर, 9 दिसम्बर 2025 (समय बोल रहा)
गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर द्वारा ग्राम किलावली में एकदिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को गन्ने की उन्नत खेती, रोग प्रबंधन और उचित बुवाई तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान शामिल हुए।गोष्ठी को संबोधित करते हुए गन्ना विभाग के प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी नीलेश कुमार ने कहा कि गन्ने की खेती में बुवाई की गहराई और दूरी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि खेत में उचित गहराई में गुल खोलकर बुवाई करने और पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखने से फसल को मजबूत फैलाव और बेहतर वृद्धि मिलती है।
इस समय शरद कालीन गन्ना बुवाई का उपयुक्त मौसम होने के कारण किसानों को खेत की संपूर्ण तैयारी के बाद ही रोपाई शुरू करने की सलाह दी गई।नीलेश कुमार ने किसानों को यह भी सुझाव दिया कि वे गन्ने के बीज का चयन सावधानी से करें और खेत का निरीक्षण नियमित रूप से करते रहें।
यदि किसी खेत में रोग के लक्षण दिखाई दें तो उसका फोटो लेकर गन्ना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को भेजा जाए, ताकि तुरंत तकनीकी सलाह उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों की जांच से मिट्टी की वास्तविक स्थिति का पता चलता है, जिससे पोषण प्रबंधन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत किस्मों, रोग नियंत्रण और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देना था। गन्ना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि वर्तमान में 15023, 13235 और 14201 जैसी उन्नतशील प्रजातियां अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्रदान कर रही हैं, इसलिए इनका उपयोग बढ़ाया जाना चाहिए। वैज्ञानिकों ने यह भी स्पष्ट किया कि Co-0238 किस्म अब रेड रॉट रोग की चपेट में है, इसलिए किसान इस किस्म की बुवाई पूरी तरह बंद करें और इसे तुरंत रिप्लेस करें।कार्यक्रम के दौरान कीट एवं रोग प्रबंधन से संबंधित तकनीकों पर भी व्यावहारिक जानकारी दी गई।
वैज्ञानिकों ने गन्ने में लगने वाले प्रमुख कीटों और रोगों की पहचान, नियंत्रण और रोकथाम के उपायों के बारे में विस्तार से समझाया।गोष्ठी में गन्ना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक संजय कुमार, प्रमोद कुमार, गन्ना विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा आसपास के गांवों से आए बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

