पाकिस्तान को करारा जवाब: CCS की आपात बैठक में ऐतिहासिक फैसले, सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, मोदी सरकार का बड़ा एक्शन

धानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – "आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा" नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया: "देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अब हर मंच पर जवाब मिलेगा।" 1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि, जिसे भारत ने दशकों तक निभाया, अब स्थगित कर दी गई है। CCS के फैसले के अनुसार यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसेमंद तरीके से समाप्त नहीं करता। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है। 2. अटारी चेकपोस्ट को बंद किया गया भारत-पाकिस्तान के बीच आवाजाही और व्यापार का प्रमुख केंद्र अटारी एकीकृत चेकपोस्ट अब बंद कर दिया गया है। CCS के अनुसार, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से लौटने की अनुमति होगी। इसके बाद चेकपोस्ट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। 3. पाकिस्तानियों के लिए वीजा छूट योजना रद्द SAARC वीजा छूट योजना के तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतीत में जारी सभी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, जो पाकिस्तानी नागरिक इस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। 4. पाकिस्तानी उच्चायोग से रक्षा सलाहकार निष्कासित नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना, वायुसेना और सैन्य सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" (Persona non grata) घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यह कदम भारत की तीव्र असहमति और आक्रोश का प्रतीक माना जा रहा है। 5. भारत ने इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को बुलाया वापस CCS ने यह भी निर्णय लिया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया जाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को अब स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य-राजनयिक रिश्तों में एक नई दूरी का संकेत है। मोदी सरकार का स्पष्ट संदेश: "अब सहन नहीं करेंगे" प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बाद अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, "भारत अब आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा—राजनयिक, आर्थिक और सामरिक। देशवासियों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा।" विशेषज्ञों की राय: कूटनीतिक दबाव और वैश्विक मंच पर आक्रामकता बढ़ेगी विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ेगा। सिंधु जल संधि की स्थगन से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर असर पड़ेगा, वहीं वीज़ा नीति में बदलाव और सैन्य सलाहकारों की वापसी से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख और स्पष्ट होगा। प्रभावी जवाब प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में लिए गए इन फैसलों ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब हर प्रकार के आतंकी हमले का निर्णायक और प्रभावी जवाब देगा। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि कार्रवाई की शुरुआत है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए कड़े फैसले, कहा – “आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”

नई दिल्ली 23 अप्रैल 2025 (समय बोल रहा ) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया:
“देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अब हर मंच पर जवाब मिलेगा।”

1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि, जिसे भारत ने दशकों तक निभाया, अब स्थगित कर दी गई है। CCS के फैसले के अनुसार यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसेमंद तरीके से समाप्त नहीं करता। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।

2. अटारी चेकपोस्ट को बंद किया गया

भारत-पाकिस्तान के बीच आवाजाही और व्यापार का प्रमुख केंद्र अटारी एकीकृत चेकपोस्ट अब बंद कर दिया गया है। CCS के अनुसार, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से लौटने की अनुमति होगी। इसके बाद चेकपोस्ट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।

3. पाकिस्तानियों के लिए वीजा छूट योजना रद्द

SAARC वीजा छूट योजना के तहत अब किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतीत में जारी सभी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, जो पाकिस्तानी नागरिक इस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

4. पाकिस्तानी उच्चायोग से रक्षा सलाहकार निष्कासित

नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना, वायुसेना और सैन्य सलाहकारों को “अवांछित व्यक्ति” (Persona non grata) घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यह कदम भारत की तीव्र असहमति और आक्रोश का प्रतीक माना जा रहा है।

5. भारत ने इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को बुलाया वापस

CCS ने यह भी निर्णय लिया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया जाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को अब स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य-राजनयिक रिश्तों में एक नई दूरी का संकेत है।

मोदी सरकार का स्पष्ट संदेश: “अब सहन नहीं करेंगे”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बाद अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा,
“भारत अब आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा—राजनयिक, आर्थिक और सामरिक। देशवासियों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा।”

विशेषज्ञों की राय: कूटनीतिक दबाव और वैश्विक मंच पर आक्रामकता बढ़ेगी

विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ेगा। सिंधु जल संधि की स्थगन से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था पर असर पड़ेगा, वहीं वीज़ा नीति में बदलाव और सैन्य सलाहकारों की वापसी से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुख और स्पष्ट होगा।


प्रभावी जवाब
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में लिए गए इन फैसलों ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब हर प्रकार के आतंकी हमले का निर्णायक और प्रभावी जवाब देगा। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि कार्रवाई की शुरुआत है।


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