ऊधमसिंहनगर पंचायत चुनाव: जसपुर ब्लॉक के पहले राउंड के नतीजे घोषित, कांग्रेस की रजनी 1300 वोटों से आगे

देहरादून, 22 अगस्त 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सफल समापन के बाद, अब राज्य सरकार ने नवगठित पंचायतों के शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का विस्तृत कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है। यह कदम पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास कार्यों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। शासन सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह कार्यक्रम हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के शेष सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से होगा शपथ ग्रहण और बैठक राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया सुचारु और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम को तीन अलग-अलग स्तरों पर विभाजित किया गया है: ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत। ग्राम पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: नव-निर्वाचित ग्राम पंचायतों के सदस्य और ग्राम प्रधान 27 अगस्त को अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। यह तिथि ग्रामीण लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होगी। पहली बैठक: शपथ ग्रहण के ठीक अगले दिन, यानी 28 अगस्त को, नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में प्रधान और सदस्य मिलकर गाँव के विकास एजेंडे पर चर्चा करेंगे और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेंगे। क्षेत्र पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: क्षेत्र पंचायत के सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख और वरिष्ठ उप प्रमुख 29 अगस्त को शपथ लेंगे। ये प्रतिनिधि ग्रामीण विकास की मध्यवर्ती कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, और उनकी शपथ से यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही दिशा में हो। पहली बैठक: उनकी पहली बैठक 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इस बैठक में क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों, विकास परियोजनाओं और फंड के उपयोग पर चर्चा होगी। जिला पंचायत स्तर पर: शपथ ग्रहण: जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष 1 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे। ये सबसे उच्च स्तर के पंचायत प्रतिनिधि होते हैं, जिनकी भूमिका पूरे जिले के विकास को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण होती है। पहली बैठक: इन प्रतिनिधियों की पहली बैठक 2 सितंबर को होगी। इस बैठक में जिला स्तर पर विकास की रणनीतियों, बड़े प्रोजेक्ट्स और विभिन्न ब्लॉक के बीच समन्वय स्थापित करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम का महत्व और भविष्य की चुनौतियाँ शपथ ग्रहण और पहली बैठकों का यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह पंचायती राज व्यवस्था के संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि नव-निर्वाचित प्रतिनिधि अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत हों। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों को गति मिलने और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का त्वरित समाधान होने की उम्मीद है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथियों पर यह पूरी प्रक्रिया अनिवार्य रूप से और सुचारू रूप से पूरी की जाए। इसके लिए, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सभी स्तरों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद रहेंगे। यह कार्यक्रम पंचायती राज प्रणाली को मजबूत करने, सुशासन को बढ़ावा देने और अंततः उत्तराखंड के ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

जसपुर, 31 जुलाई 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखण्ड में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2025 की मतगणना में अब तेजी आ गई है। ऊधमसिंहनगर जिले के जसपुर ब्लॉक से पहले राउंड के शुरुआती और महत्वपूर्ण नतीजे सामने आने लगे हैं, जिन्होंने चुनावी तस्वीर को और दिलचस्प बना दिया है। ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के कई परिणाम घोषित हो चुके हैं, वहीं जिला पंचायत सदस्य की सीट पर भी एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है।

जसपुर ब्लॉक: ग्राम प्रधान पदों पर शुरुआती विजेता

जसपुर विकास खंड में पहले राउंड की मतगणना के बाद, ग्राम प्रधान के कई पदों पर विजेताओं के नाम घोषित कर दिए गए हैं। ये नतीजे ग्रामीण स्तर पर नए नेतृत्व की झलक पेश कर रहे हैं:

  • ग्राम मेघावाला: प्रदीप कुमार ने प्रधान पद पर जीत हासिल की है।
  • ग्राम पतरामपुर: हरिओम राठौड़ ने ग्राम प्रधान का चुनाव जीता है।
  • ग्राम आमका: तैमूर पठान ने प्रधान पद पर विजय प्राप्त की है।
  • ग्राम मनोरथपुर: बलविंदर कौर ने प्रधान पद पर अपनी जीत दर्ज कराई है।
  • ग्राम भोगपुर: राजवीर कौर ने ग्राम प्रधान का चुनाव जीता है।

इन परिणामों के साथ, इन गाँवों को अगले पाँच वर्षों के लिए अपना नया मुखिया मिल गया है, जो स्थानीय विकास और जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।

क्षेत्र पंचायत सदस्य: नए चेहरे आए सामने

ग्राम प्रधान के साथ-साथ, जसपुर ब्लॉक से क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के पदों पर भी पहले राउंड के नतीजे घोषित हुए हैं। ये परिणाम क्षेत्र पंचायत के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे:

  • पतरामपुर: हीना ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है।
  • हजीरो: त्रिलोचन सिंह ने इस सीट पर विजय प्राप्त की है।
  • बढ़ियोवाला: आसमीन जहाँ ने क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में जीत दर्ज की है।
  • मेघावाला: शहनवाज ने इस पद पर अपनी जीत सुनिश्चित की है।
  • मनोरथपुर: जसविंदर सिंह ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है।

इन विजेताओं के साथ, जसपुर ब्लॉक की क्षेत्र पंचायत में नए प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो अपने-अपने वार्डों की समस्याओं को ब्लॉक स्तर पर उठाएंगे।

जिला पंचायत सदस्य: पतरामपुर सीट पर कांग्रेस की रजनी ने बनाई बड़ी बढ़त

जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर भी मतगणना जारी है और जसपुर ब्लॉक के पतरामपुर जिला पंचायत क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण रुझान सामने आया है। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रजनी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी रविंद्र कौर पर 1300 वोटों की बड़ी बढ़त बना ली है। यह शुरुआती बढ़त कांग्रेस के लिए उत्साहजनक है और अगर यह कायम रहती है तो यह एक महत्वपूर्ण जीत साबित होगी। जिला पंचायत सदस्य का पद जिले के विकास कार्यों और नीतियों में सीधे भागीदारी निभाता है, इसलिए इस सीट का परिणाम काफी मायने रखता है।

मतगणना केंद्रों पर उत्साह और सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जसपुर सहित ऊधमसिंहनगर के सभी मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मतगणना प्रक्रिया की लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। प्रत्याशियों और उनके एजेंटों की भारी भीड़ भी मतगणना केंद्रों के बाहर और अंदर मौजूद है, जो हर एक वोट की गिनती पर पैनी नजर रख रहे हैं। जैसे ही कोई परिणाम घोषित होता है, विजयी प्रत्याशी के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ जाती है और वे जश्न मनाना शुरू कर देते हैं।

आगे की तस्वीर: अंतिम परिणामों का इंतजार

ये जसपुर ब्लॉक के पहले राउंड के प्रारंभिक नतीजे हैं। मतगणना प्रक्रिया अभी जारी है और उम्मीद है कि देर शाम तक या अगले कुछ घंटों में और अधिक परिणाम सामने आएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं। सभी की निगाहें अब अंतिम परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि अगले पांच वर्षों के लिए ग्रामीण उत्तराखण्ड का नेतृत्व किसके हाथों में होगा। यह चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में नए नेतृत्व और विकास की नई दिशा तय करेगा।

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