सनसनी: भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या! जांच में आपसी रंजिश’ और ‘राजनीतिक दुश्मनी’ की आशंका, आरोपियों की तलाश तेज


पटना, 13 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन प्रखंड में शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रभावशाली नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है, बल्कि पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल भी पैदा कर दिया है। मृतक की पहचान भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र केवट के रूप में हुई है, जिन्हें बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया।
दिनदहाड़े वारदात: खेत पर गए थे, घात लगाकर किया हमला
यह वारदात उस समय हुई जब सुरेंद्र केवट अपने पुनपुन स्थित खेत पर लगे मोटर को बंद करने के लिए गए थे। यह उनका रोजमर्रा का काम था, जिसकी उन्हें शायद ही कोई आशंका रही होगी। इसी दौरान, एक मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात बदमाश घात लगाकर वहाँ पहुँचे। उन्होंने बिना किसी चेतावनी के सुरेंद्र केवट पर ताबड़तोड़ चार गोलियां चला दीं। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके की ओर दौड़े, लेकिन तब तक हमलावर बड़ी फुर्ती से वारदात को अंजाम देकर फरार हो चुके थे।
गंभीर रूप से घायल सुरेंद्र केवट खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उन्हें तुरंत स्थानीय लोगों और परिजनों की मदद से इलाज के लिए पटना एम्स ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन शरीर में अधिक खून बह जाने और गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इस खबर के मिलते ही, उनके समर्थकों और परिजनों में कोहराम मच गया और अस्पताल परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई।
पुलिस की जांच शुरू: सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और मामले की गहन छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने सुरेंद्र केवट की हत्या के संबंध में अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह के तनाव या अप्रिय घटना को रोका जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों की पहचान के लिए घटनास्थल और उसके आस-पास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। इसके अलावा, पुलिस आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रही है, जो घटना के समय मौजूद थे। पुलिस का मानना है कि सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर जल्द ही हमलावरों तक पहुंचा जा सकेगा और उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
आपसी रंजिश या राजनीतिक दुश्मनी: हत्या के पीछे की वजह?
सुरेंद्र केवट की हत्या को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में आपसी रंजिश या राजनीतिक दुश्मनी को हत्या की मुख्य वजह माना जा रहा है। सुरेंद्र केवट का अपने इलाके में सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत था। वे भाजपा के एक सक्रिय और लोकप्रिय नेता थे, जिनकी पहुँच जमीनी स्तर तक थी। उनकी यह सक्रियता कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब हो सकती थी।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पंचायत या अन्य स्थानीय चुनावों में किसी तरह की प्रतिद्वंदिता इस जघन्य अपराध की वजह हो सकती है। वहीं, कुछ लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि यह मामला किसी पुराने विवाद या आपसी दुश्मनी का परिणाम हो सकता है। पुलिस दोनों ही पहलुओं पर गहराई से जांच कर रही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी सबूतों को जुटा रही है।
भाजपा में आक्रोश: प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
सुरेंद्र केवट की हत्या की खबर मिलते ही भाजपा के स्थानीय और प्रदेश स्तर के नेताओं में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस वारदात को लेकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इस हत्या की निंदा की है और इसे बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था का एक और उदाहरण बताया है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि एक ऐसे नेता की हत्या जो अपने खेत पर काम करने गया था, यह दर्शाता है कि अपराधियों में कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया है।
इलाके में भय का माहौल, सुरक्षा पर गहराया संकट
सुरेंद्र केवट जैसे एक प्रभावशाली और जाने-माने व्यक्ति की हत्या से पूरे पुनपुन प्रखंड में भय का माहौल बना हुआ है। लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और उनमें सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है। यह घटना आम लोगों के मन में यह सवाल खड़ा करती है कि जब एक राजनीतिक नेता दिनदहाड़े सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक की क्या स्थिति होगी?
फिलहाल, पुलिस की टीमें इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं और उम्मीद है कि जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जब तक अपराधी पकड़े नहीं जाते, तब तक सुरेंद्र केवट के परिवार, भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता के मन में यह आशंका बनी रहेगी कि इस हत्या के पीछे का सच क्या है और क्या यह एक सोची-समझी साजिश थी। यह घटना बिहार की कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है, जिसका समाधान प्रशासन को जल्द से जल्द करना होगा।