उत्तराखंड: ‘पांच महीने से कर्मियों को नहीं मिला वेतन!’ नादेही चीनी मिल कर्मियों का फूटा गुस्सा, मिल गेट पर जोरदार प्रदर्शन, गहराया आर्थिक संकट

रुद्रपुर, 3 जुलाई, 2025 – (समय बोल रहा ) – उत्तराखंड के गन्ना किसानों और चीनी मिल कर्मियों की दुर्दशा एक बार फिर सुर्खियों में है। उधम सिंह नगर जिले के नादेही स्थित चीनी मिल के कर्मचारियों का सब्र अब जवाब दे चुका है। पिछले पांच महीनों से वेतन न मिलने से नाराज सैकड़ों मिल कर्मियों ने आज नादेही चीनी मिल गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है, जिससे उनके सामने गहरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बच्चों की स्कूल फीस से लेकर घर के जरूरी खर्चों तक, सब कुछ ठप पड़ गया है। कर्मियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनका बकाया वेतन जारी नहीं किया जाता, उनका यह विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।
भुखमरी की कगार पर परिवार: ‘बच्चों के स्कूल खुल गए, फीस कहां से दें?’
नादेही चीनी मिल के कर्मचारियों का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। पिछले पांच महीने से वेतन न मिलने के कारण उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। आज गुरुवार को नादेही चीनी मिल गेट पर बड़ी संख्या में मिल कर्मी एकत्र हुए। हाथों में तख्तियां लिए और गुस्से में नारे लगाते हुए उन्होंने मिल प्रशासन और सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया।
प्रदर्शन के दौरान श्रमिक नेताओं ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि यह सिर्फ वेतन का मामला नहीं है, बल्कि सैकड़ों परिवारों के अस्तित्व का सवाल है। श्रमिक नेता राजेंद्र कुमार, प्रभुनाथ सिंह, अंकुश कुमार और जसविंदर सिंह ने संयुक्त रूप से कहा, “बच्चों के स्कूल खुल गए हैं। हम कैसे उनकी स्कूल फीस भरें? उनकी नई ड्रेस, कॉपी-किताबें खरीदने के पैसे नहीं हैं। पांच महीने से वेतन न मिलने के कारण हमारे घरेलू खर्चे चलाना भी मुश्किल हो गया है।” उन्होंने आगे बताया कि रोजमर्रा की जरूरतें, राशन, बिजली-पानी के बिल, दवाइयां – सब कुछ बकाया है। आर्थिक तंगी के चलते उनका जीवन दूभर हो गया है।
शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप: ‘क्यों नहीं ली जा रही हमारी सुध?’
कर्मचारियों का आरोप है कि इस गंभीर वित्तीय संकट के बावजूद शासन और प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली है। मिल प्रबंधन भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है, जिससे कर्मचारियों में भारी निराशा और गुस्सा है। उनका कहना है कि वे लगातार अपनी मांगों को उठा रहे हैं, ज्ञापन सौंप रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। यह स्थिति कर्मचारियों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या सरकार और संबंधित विभाग उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हैं।
राजेंद्र कुमार ने प्रदर्शन के दौरान भावुक होते हुए कहा, “हमें अब केवल न्यायपालिका पर भरोसा है। अगर सरकार और प्रशासन हमारी नहीं सुनेंगे, तो हम कानून का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।” यह बयान दर्शाता है कि कर्मचारी अब अपने अधिकारों के लिए अंतिम कानूनी विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में रणजीत सिंह, लियाकत हुसैन, रूस्तम, चंद्रशेखर, सुमित सहित कई अन्य श्रमिक भी मौजूद रहे, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से आंदोलन को मजबूती प्रदान की।
विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा: ‘जब तक वेतन नहीं, तब तक शांत नहीं!’
चीनी मिल कर्मियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने निर्णय लिया है कि अपने बकाया वेतन को पूर्व की भांति बहाल किए जाने तक उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं कर दिया जाता।
यह स्थिति नादेही चीनी मिल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए चिंता का विषय है। चीनी मिलें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती हैं, और कर्मचारियों को वेतन न मिलना न केवल उनके परिवारों को प्रभावित करता है, बल्कि स्थानीय बाजार और समग्र आर्थिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर डालता है। सरकार को जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप कर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि उनके घरों में फिर से खुशहाली लौट सके और मिल का संचालन सुचारू रूप से चल सके।