उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज, मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू

कि ग्रामीण मतदाता भी डिजिटल माध्यम से अपना नाम सूची में देख सकें। इस निर्णय से न सिर्फ पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अहम कदम होगा। एनआईसी और आयोग की बैठक में हुआ अंतिम निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि मंगलवार को आयोग के अधिकारियों और एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के बीच बैठक हुई। बैठक में पंचायत चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने पर अंतिम निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दो से तीन दिनों में मतदाता सूची वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। हर पंचायत में पहले से पहुंचाई गई थी मतदाता सूची इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं। पहली बार हर पंचायत क्षेत्र में मतदाता सूची की हार्ड कॉपी पहुंचाई गई थी ताकि लोग समय रहते अपना नाम जांच सकें और अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक कराया जा सके। इसके लिए प्रदेशभर में विशेष संशोधन अभियान भी चलाया गया था। बैलेट पेपरों की छपाई शुरू, कुछ जिलों में भेजे भी गए राज्य निर्वाचन आयोग ने नौ जिलों के लिए पंचायत चुनावों हेतु बैलेट पेपर छपवाकर संबंधित जिलों में भेज दिए हैं। हरिद्वार में फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। बाकी तीन जिलों के लिए प्रक्रिया जारी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी जिलों को समय पर चुनाव सामग्री मिल सके और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो। ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार लाएगी अध्यादेश उत्तराखंड सरकार पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने की दिशा में भी सक्रिय है। इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार पंचायती राज विभाग ने इसके लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। यह अध्यादेश एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक पंचायत में ओबीसी आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की गई है। सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डिजिटल लोकतंत्र की ओर एक कदम मतदाता सूची को ऑनलाइन करना न केवल एक तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और सहभागिता को भी बढ़ावा देगा। इससे लोग समय पर अपनी जानकारी जांच सकेंगे और चुनावों में सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे। साथ ही इससे निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। राज्य निर्वाचन आयोग राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि मतदाता सूची अपलोड होते ही इसकी सूचना स्थानीय स्तर पर व्यापक रूप से दी जाए ताकि कोई भी मतदाता इससे वंचित न रह जाए। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि मंगलवार को आयोग के अधिकारियों और एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के बीच बैठक हुई। बैठक में पंचायत चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूचियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने पर अंतिम निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दो से तीन दिनों में मतदाता सूची वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं। पहली बार हर पंचायत क्षेत्र में मतदाता सूची की हार्ड कॉपी पहुंचाई गई थी ताकि लोग समय रहते अपना नाम जांच सकें और अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक कराया जा सके। इसके लिए प्रदेशभर में विशेष

उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों की तैयारियों को लेकर जिला पंचायतराज अधिकारियों के माध्यम से प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में वोटर लिस्ट का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत सभी ग्रामीणों को शामिल करते हुए विशेष बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) भी मौजूद रहेंगे।

बैठकों के दौरान मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन करने के लिए आवेदन पत्र (फार्म) भी लिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इससे छूटे हुए पात्र मतदाताओं को अपना नाम जोड़ने का पूरा मौका मिलेगा।

मतदाता सूची में त्रुटियों को लेकर सख्ती

मुख्य विकास अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चमोली, टिहरी गढ़वाल और ऊधमसिंह नगर के अधिकारियों को मतदाता सूची की त्रुटियों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं। जिन विकास खंडों में अधिक त्रुटियां पाई जाएंगी, उनकी सूची का पुनः परीक्षण किया जाएगा।

वहीं, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में बेहतर कार्य के लिए उनकी सराहना की गई है। इसके अलावा, अधिकारियों ने मतपेटिका, निर्वाचन सामग्री और मतदान केंद्रों की स्थिति की भी समीक्षा की।

पंचायत चुनाव अप्रैल या मई में संभव

केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों को लेकर सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से 31 मार्च तक रिपोर्ट मांगी है। उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, जिसके बाद प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्ष प्रशासक की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने पंचायत चुनावों की तैयारियां तेज कर दी हैं। संभावना जताई जा रही है कि चुनाव अप्रैल के आखिरी सप्ताह या मई में हो सकते हैं।

(अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए जुड़े रहें “Samay Bol Raha” के साथ।)

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