सर्राफा व्यापारी से लूट करने वाले दो गैंगस्टर गिरफ्तार, जेवरात और नगदी बरामद

जसपुर, 30 सितम्बर 2024, समय बोल रहा- जसपुर पुलिस ने 10-10 हजार रुपये के इनामी गैंगस्टर इरफान और रिजवान को गिरफ्तार कर लिया है, जो सर्राफा व्यापारी से लूट की घटना में शामिल थे। पुलिस ने उनके कब्जे से 315 बोर के तमंचे, जिन्दा कारतूस, और लूटे गए जेवरात व नगद रुपये बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई है। इस गिरोह का लीडर दिलशाद और उसका साथी साजिद उर्फ कल्लन को पुलिस पहले ही मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर चुकी है। घटना 14 सितंबर 2024 को घटित हुई जब जसपुर के सर्राफा व्यापारी संजीव कुमार वर्मा अपने बेटे के साथ दुकान बंद कर मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे। हाईवे के पास तीन बदमाशों ने उनकी मोटरसाइकिल को गिराकर तमंचे के बल पर बैग लूट लिया, जिसमें जेवरात, नगद रुपये और दो मोबाइल फोन थे। घटना के बाद व्यापारी संजीव वर्मा ने जसपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसपी अभय सिंह और सीओ अनुषा बडोला की देखरेख में दस पुलिस टीमों का गठन किया गया था। टीमों ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया और सक्रिय अपराधियों की जानकारी जुटाई। इसके बाद पुलिस को मुरलीवाला-शरीफनगर रोड पर स्थित एक खंडहर से इरफान और रिजवान को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। दोनों बदमाशों के पास से तमंचे और लूटे गए जेवरात बरामद किए गए। इससे पहले पुलिस ने 25 सितंबर को रात के समय जसपुर क्षेत्र में चेकिंग अभियान के दौरान बदमाशों के दो अन्य साथियों को पकड़ा था। पुलिस मुठभेड़ के दौरान दिलशाद को पैर में गोली लगी थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मुठभेड़ में दिलशाद और साजिद उर्फ कल्लन पुलिस पर फायरिंग कर भागने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस की घेराबंदी ने उन्हें दबोच लिया। साजिद को बाद में रुद्रपुर पुलिस और एसओजी टीम ने भी मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान पकड़े गए बदमाशों ने खुलासा किया कि उन्होंने लूट की योजना काफी समय पहले बनाई थी। उन्होंने पुलिस से बचने के लिए लूट के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया और अलग-अलग रास्तों से बस, टेम्पो और मोटरसाइकिल का उपयोग कर रेकी की थी। लूट के समय वे ढीले कपड़े और हेलमेट पहनकर आए थे ताकि उनकी पहचान छुपी रहे। इसके अलावा, लूट के बाद वे सुनसान रास्तों का इस्तेमाल करके भाग निकले और पुलिस को चकमा देने के लिए लूटे गए मोबाइल फोन को अलग-अलग जगहों पर स्विच ऑफ कर दिया था। इरफान से लूटे गए गहनों में एक सोने का हार, एक माथे का टीका, एक अंगूठी और चांदी की पायल शामिल हैं। वहीं रिजवान से भी सोने की चेन, अंगूठी और चांदी की पायलें बरामद हुईं। इसके अलावा दोनों के पास से 315 बोर के तमंचे और कारतूस भी मिले हैं। गैंग लीडर दिलशाद से पुलिस ने पहले ही लूटे गए गहने, नकदी, और एक मोबाइल फोन बरामद कर लिया था। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जसपुर पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी और सटीक जानकारी के आधार पर इस लूटकांड का पर्दाफाश किया है। इसके लिए पुलिस ने अपराधियों की रेकी की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ठोस सबूत जुटाए। मामले में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे गिरोह को दबोच लिया गया।

पुलिस टीम में कोतवाल जसपुर जगदीश ढकरियाल, थानाध्यक्ष कुण्डा हरेन्द्र चौधरी, एसआई केसी आर्य, जावेद मलिक, सौरभ भारती, धीरज टम्टा, सुशील कुमार, संजय सिंह, हरीश आर्य, ललित सिंह, गोविन्द सिहं मेहता, कां. अरुण कुमार, राजकुमार, अनुज वर्मा, जाकिर हुसैन, अब्दुल मलिक, बबलू गोस्वामी, समीर चौहान, हरीश बिष्ट, कुलदीप सिंह, ज्ञानेन्द्र कुमार, सुभाष डुंगरियाल।

एसओजी टीम- एसआई प्रकाश चन्द्र, हे.कां. विनय कुमार, कां. कैलाश तोम्कयाल, कुलदीप, प्रवीण गोस्वामी, प्रदीप कुमार, दीपक कठैत।

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